RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
यह सुनकर मुकेश ने गुलाबी को अपनी बाहों से मुक्त कर दिया।
गुलाबी ने उठ कर झोपड़ी के दोनों दरवाजे बंद कर दिए और पहुंच गई । चारों दोस्तों के पास । झोपड़ी के अंदर लालटेन की धीमी रोशनी फैली हुई थी।
इस बार संजय ने लपक कर गुलाबी को अपनी बाहों में ले लिया और उसके भरे हुए गालों को चुमने लगा ।
मुकेश ने उसकी एक चुची पकड़ ली और सहलाने लगा।
अजय ने उसकी दुसरी चुची पकड़ ली और मसलने लगा ।
राजु के हिस्से में कुछ न आया तो गुलाबी की साड़ी को उपर उठा दिया और उसके चुतड़ों को ही दबाने लगा ।
सबों ने मिलकर उसे उठाया । और चौकी पर पड़े विस्तर पर लिटा दिया । संजय उसकी साड़ी को खोलने लगा। मुकेश उसके ब्लाउज के हुकों को खोलने लगा । थोड़ी ही देर में चारों दोस्तों ने मिलकर गुलाबी के शरीर पर से सारे कपड़े अलग कर दिए । बिल्कुल नंगी हो गई गुलाबी।
''आपलोग अपने कपडे भी तो खोलिए । किं मुझे नंगा कर देने से बात थोडे ही बनेगी '' गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली ।
यह सुनते ही चारों दोस्त अपने-अपने कपड़े धड़ाधड़ खोलने लगे ।। | कुछ ही मिन्टों में चारों दोस्त बिलकुल मारदजात हो गए। सभी के लण्ड एकदम तन गए थे । गुलाबी की बुर पर आक्रमण करने के लिए।
गुलाबी ने चारों नगे दोस्तों की ओर एक बार गहरी नजर से देख कर उसने सभी के तने हुए लण्डों की ओर देखा । एक साथ चार लण्डों को देखते ही गुलाबी पर जवानी की मस्ती छा गई। और उसने बाएं हाथ से मुकेश का लण्ड पकड़ लिया और दाहिने हाथ से राजु का लण्ड और फिर वह दोनों के लण्ड को सहलाने लगी ।।
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