RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
इधर राज ने शालिनी के सख्त वक्ष काफी देर तक चूसे और उसकी मुलायम टांगोंको प्यार से सहलाया. उसी बीच मैं शालिनी की गर्दन पर चुम्बन जड़कर उसे और भी गर्म कर रही थी. अब उसने भी दोनों हाथोंसे मेरे बड़े बड़े चूचियोंको मसलना शुरू किया. फिर राज ने शालिनी को पीठ के बल लिटाकर उसपर उल्टा लेट गया. सिक्सटी नाइन की पोज में आकर शालिनी की चूत को चाटने लगा. जैसे ही राज ने शालिनी की योनि का दाना (क्लाइटोरिस) चाटना शुरू किया, वो भी एकदम मदमस्त हो गयी. बिना संकोच के उसने राज का कड़क और लम्बा लौड़ा अपने मुँह में लिया और उसे आइस्फ्रूट की तरह चूसने लगी. मैं बैठकर दोनोंके अंगोंको सेहला रही थी और खुद की चूत में दो ऊँगलीया डाल कर मस्त हो रही थी. राज और शालिनी का सिक्सटी नाइन कुछ देर तक चला, फिर राज ने शालिनी को घोड़ी बनाया और उसकी गीली और टाइट चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ दिया. मैं अपने हाथ से राज के अण्डकोषोंको सेहला रही थी और राज को चूम रही थी. इतना कड़क और लम्बा लौड़ा उसकी चूत में घुसते ही शालिनी को तो अपनी नानी दादी सब याद आ गयी. वो जोर जोर से चिल्लाती रही, "उई माँ, मर गयी, बाहर निकालो इसे. आह, मर गयी, बस करो,आह." मगर राज ने उसकी एक न मानी और उसकी गांड को पकड़ कर उसे जोर जोर से चोदता ही गया. आखिर कुछ समय के बाद शालिनी की चूत आराम से लौड़े को निगलने लगी.
दोनों बेड पर धुँआधार चुदाई चल रही थी. अब मैं दुसरे बेड की तरफ गयी और झूट मूठ के गुस्से से सारिका से बोली, "क्यों री, क्या सारे मजे तू ही लूटेगी?"
फिर सारिका मुस्कुराते हुए मनोज से अलग हुई और मैंने मनोज को बाहों में ले लिया. "सुनीता जी, आप तो एकदम सेक्स बॉम्ब हो. मैं कितना लकी हूँ," उसने कहा.
"साले, बकबक करता ही रहेगा या मुझे चोदेगा भी?" मैं उसे हँसते हुए डाट दी और फिर उसने मेरे बड़े बड़े वक्षोंको मसलना शुरू किया. मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए मेरे निप्पल्स चूसे और मेरी गीली चुत को प्यार से चाटा। फिर उसने मुझे चित लिटाकर मेरी दोनों टाँगे अपने कांधोंपर रक्खी. ऐसा करने से मेरी टाँगे कुछ ज्यादा ही खुल गयी और उसका थोड़ा पतला मगर कड़क लौड़ा मेरी चुत में घुस गया. अब तक मैं राज के अलावा रूपेश, नीरज, रोहित और न जाने कितने मरदोंसे चुद चुकी थी. इसलिए उसका लौड़ा मेरी चूतमें आसानी से घुस गया. फिर वो आवेश में आकर मुझे जमकर चोदने लगा. मनोज ने दोनों हाथोंसे मेरे वक्षोंको पकड़ा था, जिन्हे वो मसले जा रहा था.
इस दौरान सारिका बाजू वाले बिस्तर पर गयी और अपनी टाँगे खोलकर अपनी गुलाबी चुत को शालिनी के मुँह के पास ले गयी. आजतक शालिनी ने किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था, मगर आज वो भी सारे मजे लेना चाहती थी. उसने सारिका को अपनी तरफ और नजदीक खींचा और फिर बड़े प्यार से सारिका की गुलाबी चुत चाटने लगी. ये नज़ारा देखकर राज तो और भी पागल हो गया और पूरी ताकत के साथ शालिनी को चोदने में लग गया.
बीचमें आग जल रही थी और दोनों बिस्तरोंपर पांच लोग वासना की आग में जलकर जैसे जीवन का सर्वोच्च सम्भोग सुख पा रहे थे. आखिर मनोज मेरी चुत में झड़ गया. कुछ पल बाद राज ने भी शालिनी की चुत में अपना पानी छोड़ दिया.
पूरी रात में मैं और सारिका इस बिस्तर से उस बिस्तर पर जाते रहे और सेक्स का मजा लूटते रहे. अगली बारी में शालिनी ने राज के लौड़े से निकला पूरा गाढ़ा वीर्य निगल लिया। लगभग चार बार सेक्स करने के बाद हम पाँचों गहरी नींद में सो गए. सुबह देरी से उठे, नहा धोकर शादी में चले गए. शाम होते ही फिर से लॉज पर वापिस आये और सामूहिक सम्भोग का दरबार फिर से लग गया. अब बिनधास्त होकर राज ने शालिनी से पूंछा, "क्या दोनों लौड़े एक साथ झेलोगी?"
उसने भी झट से हाँ कर दी और फिर राज का लौड़ा चूसने लगी. उसी समय आवेश में आकर मनोज ने शालिनी को डॉगी पोज में सेट किया और उसकी चूत में अपना लंड पेलने लगा. वहाँ दूसरे बिस्तर पर हम दोनों बहने सिक्सटी नाइन की पोज में एक दुसरे को स्वर्ग की सैर कराने में लगी हुई थी. एक के बाद एक राज और मनोज ने अपना वीर्य शालिनी के मुँह में निकाल दिया, जिसे वो बड़े प्यार से पी गयी. वहाँ से उठकर मनोज दुसरे बिस्तर पर आ गया, उसकी शायद प्यास बुझी नहीं थी. वैसे भी मैं और सारिका इतनी जबरदस्त माल हैं की कोई भी मर्द हमें बार बार चोदे बगैर तृप्त नहीं होता. सारिका ने उसका लौड़ा चूसकर उसे पांच मिनट में कड़क कर दिया, तबतक वो मेरे निप्पल्स बारी बारी चूसता और चबाता रहा. फिर उसने पहले मुझे लम्बे समय तक चोदा। उसका वीर्य थोड़ी देर पहले ही निकला था, इसलिए वो जल्दी झड़ने वाला नहीं था. फिर उसने सारिका को घोड़ी बनाकर पंद्रह मिनट तक चोदा। आखिर जब उसका वीर्य उबलने लगा तब हम दोनों बहनोंके चेहरों पर बरसाया. मैं और सारिका एक दुसरे के चेहरे से चाट कर उसे निगल गयी.
अब पूरी तरह निढाल होकर मनोज तो सो गया. राज की बैटरी अभी भी डिस्चार्ज नहीं हुई थी. उसने हम दोनों बहनो को बुलाया और फिर हमने दो गद्दे जमीन पर बिछा दिए. अगले एक घंटे तक हम तीनो लड़किया (सुनीता, सारिका और शालिनी) एक दुसरे को और राज को सुख देती रही. आखिर कार राज ने अपना कड़क लंड शालिनी की जवान चुत में बाहर निकाल कर मेरे वक्षोंपर ढेर सारा वीर्य उंडेल दिया. सारिका और शालिनी दोनों ने चाट चाट कर उसे पी लिया. थोड़ा मेरे मुँह में भी डाल दिया. उसके बाद शालिनी जाकर मनोज के पास सो गयी. राज मेरे और सारिका के बीच सो गया.
अगले दिन हम तीनो (मैं, राज और सारिका) मुंबई वापिस आने की तयारी में लग गए. हमने मनोज और शालिनी को हमारा फ़ोन नंबर दिया और मुंबई आने का न्यौता दिया.
मनोज ने कहा, "जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी हम आएंगे।"
मैंने मन ही मन में कहा, "क्यों नहीं, दो दो माल लडकियोंको चोदने के लिए तुम जरूर आओगे मेरे शेर!"
वापसी की ट्रैन में हमारे साथ दो बुजुर्ग लोग थे इसलिए हम ट्रैन में कोई मस्ती नहीं कर सके. घर पर जाकर पता चला की रूपेश ने उस अफसर को पैसे खिलाकर सब मामला रफा दफा कर दिया था. बादमें रात को सामूहिक चुदाई का सारा किस्सा रूपेश को बताया.
एक महीने के बाद मनोज का फ़ोन आया और उसने कहा, "सुनीता जी, मैं और शालिनी एक हफ्ते के बाद आप लोगोंसे मिलने आ रहे हैं."
जैसे ही ये समाचार मिले, रूपेश ने कहा, "इन दोनोंको रिसीव करने के लिए मैं और सारिका जाएंगे."
आखिर रूपेश भी एक मर्द था और शालिनी को चोदने के लिए बेकरार था, जो की स्वाभाविक हैं.
शनिवार के दिन मनोज और शालिनी मुंबई सेन्ट्रल स्टेशन पर आ गए. रूपेश और सारिका ने उन्हें गले लगाकर स्वागत किया. वहां से अँधेरी आने की जगह रूपेश उन्हें नजदीक के एक लॉज में ले गया. वहांपर लगातार पांच घंटोंतक रूपेश ने शालिनी को अलग अलग तरीकोंसे चोदा। बाद में पता चला की उसने सात आठ शक्तिवर्धक गोलिया खायी थी, ताकि उसका लौड़ा लम्बे समय तक न झड़े. इस पूरी चुदाई में शालिनी का अंग अंग चूर हो गया. साथ में सारिका भी मनोज से चुदती रही, मगर उन्होंने बीच बीच में थोड़ा आराम भी किया.
शालिनी को चोद कर (या यूं कहो की उसकी जवानी का पूरा रस पीकर) जब रूपेश का मन भर गया, तब देर रात में चारो घर पर आये. उसके बाद मनोज ने मुझे और राज ने सारिका को चोदा। बिचारी शालिनी तो एक मुर्दे की तरह बिस्तर पर गहरी नींद में सारी रात सोती रही.
मनोज और शालिनी हमारे साथ दस दिन तक रहे. हर रात जबरदस्त चुदाई की रात रही.
कुछ दिन बाद हमने रागिनी को फ़ोन किया और उससे भी मिले. जब उसका पति ऑफिस के काम से तीन हफ्तोँके लिए सिंगापुर गया था तब पूरा समय वो हमारे घर पर रही और हम चारों के साथ सेक्स के मजे लूटती रही.
samapt
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