RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
रूबी के साथ मस्ती का सफर!
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सुनीता की जुबानी
राज जिस बैंक में मैनेजर थे, वहांपर महीने ले आखरी दिन काफी देर तक रूककर काम करना पड़ता था, जिसे मंथ एन्ड क्लोजिंग कहते है. उनके साथ एक लड़की काम करती थी जिसका नाम था रूबी. उसका असली नाम शबनम सिद्दीकी था मगर उसने ये छोटा और प्यारा सा नाम अपनाया हुआ था. रूबी की उम्र लगभग ३० साल की होगी, मगर वह २५-२६ के आसपास की लगती थी. चेहरा सुन्दर था मगर दिखने में सांवली, पतला शरीर और छोटे वक्ष थे. उसे सुबह बैंक छोड़ने के लिए और शाम को ले जाने के लिए अलग अलग लड़के आते रहते थे. बैंक के लोगोंमें उसके बारे में यह खुसफुस भी चलती थी की, उसका एक से ज्यादा लौण्डोंके साथ चक्कर चल रहा हैं.
एक दिन मंथ एन्ड क्लोजिंग के काम के सिलसिलेमें राज को शामको देर तक बैंक में रुकना पड़ा, साथमें रूबी भी काम कर रही थी. साढ़े नौ बजे के करीब बिजली चली गयी. अब बैंक के अंदर तो जनरेटर से काम चला मगर बहार आते ही पूरा अँधेरा था.
राज ने रूबी से कहा, "आज के दिन मेरे साथ मेरे घर पर चलो, वहाँ सुनीता के हाथ का बना खाना भी खा लेना और बिजली आने के बाद मैं तुमको टैक्सी करके भिजा दूंगा."
रूबी के पास कोई और चारा नहीं था, क्योंकि उसके दोस्तोंमें से कोई भी उसे लेने नहीं आया था. वो राज के पीछे उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गयी.
जैसे ही दोनों घर पहुँचे, राज ने रूबी को मुझसे मिलाया, "सुनीता, यह देखो मेरे साथ कौन आया हैं! ये हैं रूबी. आज देरतक मेरे साथ काम कर रही थी. इसे मैं अपने साथ डिनर के लिए लेके आ गया."
मैंने रूबी का स्वागत किया, "आओ रूबी, चलो इस बहाने से तुमसे मिलना तो हुआ."
"ओह सुनीता जी, सॉरी, मैं आप को तकलीफ नहीं देना चाहती थी, मगर राज सर ने जबरदस्ती करके मुझे यहाँ लाया. कहते रहे की इतनी रात में जब बिजली नहीं हैं, तब तुम्हारा अकेले घर जाना ठीक नहीं हैं."
"अरे इसमें तकलीफ की क्या बात हैं? जो भी दाल रोटी हम लोग खा रहे हैं, तुम भी खा लेना," मैंने कहाँ.
"हाँ, ये शाकाहारी लोगोंका घर हैं, तुम्हे चिकन वगैरा कुछ नहीं मिलेगा यहाँ," हँसते हुए राज ने कहा.
"क्या राज सर, आप तो मुझे शर्मिंदा कर रहे हो. मुझे सब खाना अच्छा लगता हैं, और मैडम के हाथ का खाना तो नसीबवालोंको ही मिलता होगा."
मैं, राज, सारिका, रूपेश और रूबी सब ने साथ में बैठकर भोजन किया. अभी भी बिजली आयी नहीं थी, इसलिए राज ने उसे रोक कर रक्खा. बिजली न होने के कारण हम सब हॉल में बैठकर पंखे से हवा कर रहे थे, और हंसी मजाक चल रहा था. बातों बातोंमें रूबी से पता चला की उसके कई "ख़ास दोस्त" हैं.
उतने में बिजली आ गयी, फिर रूबी ने बड़ी अदब से कहा, "राज सर, अब मुझे जाना चाहिये. मैं आप लोगोंको और परेशान नहीं करना चाहती."
फिर राज ने उसके पहचानवाले टैक्सी को बुलाकर रूबी को घर भिजवा दिया. घर पहुंचकर उसने फ़ोन करके फिर से हमारा शुक्रिया अदा किया.
"मैंने सुना हैं बैंक के लोगोंसे की ये लड़की अलग अलग लडकोंके साथ लगी हुई हैं और काफी चालू टाइप की हैं," राज ने कहा.
"अच्छा, तो इसीलिए उसे घर लेकर आ गए, उसके साथ टांका भिड़ाने के लिए," मैंने राज पर व्यंग कसा.
"नहीं मेरी जान, वो सचमुच साथ में काम कर रही थी. अगर बिजली न जाती तो उसे घर पर नहीं लाता."
कुछ दिनोंके बाद किसी दूकान में फिर मेरी और राज की मुलाक़ात रूबी और उसकी रूममेट तान्या से हुई. रूबी हमारे घर से थोड़ी दूरीपर किसी वर्किंग वीमेन हॉस्टल में दो और लड़कियोंके साथ रहती थी. एक का नाम तान्या था जो उस समय उसके साथ थी. तान्या लगभग ६ फ़ीट लम्बी पंजाबी लड़की थी. वो एक अभिनेत्री बननेका प्रयास कर रही थी और छोटे मोटे विज्ञापन और मॉडलिंग भी करती थी. उसका फिगर एकदम बढ़िया था.
दूसरी का नाम भानुप्रिया था जो किसी बड़े कंपनी में सेक्रेटरी का काम करती थी. उसके पति पालघर में किसी अच्छी कंपनी में थे. वो शुक्रवार के दिन शाम को अपने घर चली जाती थी और फिर सोमवार के दिन सीधा ऑफिस जाती थी. हॉस्टल के कमरे में वो सिर्फ सोमवार से गुरुवार तक ही रहती थी. सारा वीकेंड रूबी और तान्या को कमरे में पूरी आज़ादी थी.
यहाँ वहां की बाते करके शॉपिंग करने के बाद हम चारों एक बढ़िया से राजस्थानी भोजनालय (रेस्ट्रॉन्ट) में चले गए. डिनर के बाद वो दोनों अपने घर चली गयी और मैं और राज अपने घर आ गए.
"क्या राज, तुम तो घूर घूर को तान्या को और उसके क्लीवेज को देख रहे थे!" मैंने राज को चूमते और बाहोंमें लेते हुए कहा.
"हां मेरी जान, इतनी लम्बी, गोरी चिट्टी और माल लड़की काफी दिनोंके बाद देखी मैंने," राज ने कहा.
"तो अब क्या, उसे भी पटाने का इरादा है क्या डार्लिंग?"
"नहीं यार, वो तो मॉडल और एक्ट्रेस टाइप की हैं, उसके तो कई चाहने वाले होंगे. अपना नंबर कब आएगा!"
"और रूबी, उसका क्या? वो तो सीधी साधि टाइप की लगती हैं मुझे," मैंने हँसते हुए कहा.
मेरी चूचिया मसलते हुए राज बोला, "उसपर तो बैंक के सारे जवान लौंडे लाइन मारते हैं मेरी जान, मेरे जैसे शादीशुदा आदमी से थोड़े ही फसने वाली हैं वो!"
"अगर तुम इतना ही चाहते हो दोनोंको, तो इस वीकेंड पर बुलालो उनको अपने घर पर! दावत देकर खुश करेंगे, और अगर उनके कोई हैंडसम बॉयफ्रेंड हो, तो मेरे भी काम आ जाएंगे," मैंने उसके लंड को सहलाते हुए कहा.
"साला, मैं कितना लकी हूँ की मुझे तुझ जैसी चुदक्कड़ बीवी मिली हैं."
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