RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
रोहित और मधु के बारे में सोचते और बोलते हुए आधी रात तक चुदाई का दौर चल रहा था.
अगले ही दिन सुनीता ने फ़ोन पर माधुरी से बात शुरू कर दी. दो तीन हफ्तोंमें दोनों और भी करीब बन गयी और उन दोनोंका एक दुसरे के घर आना जाना शुरु हो गया.
एक दिन अचानक साढ़े ग्यारह बजे माधुरी के ड्राइवर ने दरवाजे की घंटी बजायी. जैसे ही सुनीता ने दरवाज़ा खोला, उसने कहा, "माधुरी मैडम ने आप को तुरंत बुलाया है."
सुनीता तैयार होकर उसके साथ चल दी. बंगले पर पहुंचनेपर नौकरानी ने दरवाज़ा खोला और कहा, "मैडम अपने कमरे में हैं, आप को उधर ही बुलाया हैं."
सुनीता सोच रही थी की अचानक क्या हो गया. उसे डर लगा की कहीं उसका रोहित से चुदवाने का किस्सा माधुरी को पता तो नहीं चल गया.
जैसे ही उसने मास्टर बैडरूम में प्रवेश किया, माधुरी सिसकिया भर कर रोती हुई सुनीता के गले मिली.
"सुनीता, मेरे रोहित का अपने सेक्रेटरी के साथ अफेयर चल रहा हैं."
सुनीता ने मन ही मन में सोचा, चलो मेरी जान तो छूटी.
"अरे क्या हुआ, जरा अच्छे से बताओ तो सही, और यह रोना धोना बंद करो. हम इक्कीसवी सदी की लड़किया हैं, कोई अबला नारी नहीं," सुनीता ने कहा.
फिर माधुरी ने रोते रोते बताया, "मुझे काफी दिन से रोहित पर शक था, इसलिए मैंने एक प्राइवेट डिटेक्टिव को उसके पीछे लगाया था. आज सुबह ही उसने सारे सबूत दिए, जिससे साफ़ पता चलता हैं की रोहित और डॉली दोनोंके कई महीनोंसे शारीरिक सम्बन्ध चल रहे हैं."
सुनीता ने उसे गले लगाया और सोचा यही मौका हैं रोहित से बदला लेने का. मुझसे चुदने के लिए तुमने राज को मजबूर किया, अब देख मैं क्या करती हूँ!
"ओह माधुरी, आखिर तुम्हे पता चल ही गया रोहित के बारे में. मैं और राज तो हमेशा ही चाहते थे की कम से कम तुम्हारे आने के बाद तो रोहित सीधे रास्ते पर आ जायेगा. अब लगता हैं, वो उम्मीद भी नहीं रही."
सुनीता ने माधुरी के आंसू पोंछे और फिर राज की नौकरी के लिए सुनीता से सेक्स करने के लिए कैसे मजबूर किया वो कहानी पूरे विस्तार से बतायी.
थोड़ा सोच कर सुनीता बोली, "माधुरी, कांटे से ही काँटा निकलता हैं. अगर रोहित तुम्हे तड़पता छोड़कर दूसरी लड़कियोंके साथ गुलछर्रे उड़ा सकता हैं, तो तुम भी किस हसीं लड़के के साथ सम्बन्ध बनाकर जीवन के मजे लूट सकती हो. इसीको अंग्रेजी में कहते हैं टिट फॉर टैंट!"
"सुनीता, क्या सचमुच ऐसा हो सकता हैं?" अब माधुरी की आँखों से आंसू गायब हो गए थे और उसका चेहरा आवेश से लाल हो रहा था.
"हाँ, क्यों नहीं हो सकता, मैं तुम्हारी इतनी अच्छी सहेली हूँ, मैं तुम्हारी मदद करूंगी."
"कैसे?"
"अगर एक बात पूंछू तो तुम्हे बुरा नहीं लगेगा न?"
"अब बुरा लगने के लिए बचा ही क्या हैं सुनीता, जो भी पूंछना हैं बिनधास्त पूंछ ले."
"तुम्हे राज कैसा लगता हैं?"
"ओह माय गॉड, तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी. उस दिन डिस्को थेक में नाचते वक़्त हम काफी करीब आ गए थे और हमने थोड़ा किसिंग भी किया था."
"हाँ, मुझे पता हैं माधुरी, राज मुझसे कुछ भी नहीं छुपाता. वो भी मन हि मन तुम्हे चाहता हैं."
"हाँ, जब हम एक दुसरे से सटे हुए थे तब उसकी मर्दानगी का मुझे भी एहसास हुआ था," शर्माते हुए माधुरी ने कहा.
"तो फिर मौका निकाल जब रोहित मुंबई से बाहर गया हो, और आ जा मेरे घर पर. मैं तुम्हे राज को सौप दूँगी, मगर उसके लिए ये एक सरप्राइज रहेगा."
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