RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
"कितना अच्छा हैं तुम्हारी चुत से निकला पानी. यह तो सुनीता और सारिका की चूतोंसे निकलने वाले पानी से भी ज्यादा स्वादिष्ट हैं निकिता डार्लिंग," राज अपनी जीभ होठोंपर फेरते हुए बोला.
इस दौरान निकिता राज के लौड़े के बिना रुके चूसती रही और उसका वीर्य दो बार पी गयी थी.
"तुम्हारा नमकीन माल भी कुछ काम टेस्टी नहीं हैं. और कितना ज्यादा आया मेरे मुँह में, मैं पीती ही रह गयी," वो बोली.
अब उत्तेजना के मारे, सिक्सटी नाइन की पोज में राज ने निकिता की गांड में भी ऊँगली घुसा डाली, जिसके कारण निकिता और भी उत्तेजित हो गयी.
"आह, राज, डालो मेरी गांड में ऊँगली और अंदर बाहर करो. मुझे यह भी बहुत अच्छा लगता हैं. तुम्हारी उंगलियोंसे मेरी गांड को चोद डालो, आह," निकिता के होठोंसे आवाज़ निकली.
जब निकिता तीसरी बार जोर से झड़ी तब उसकी चुत से एकसाथ बहुत सारा कामरस निकला, जिसे राज ने चाट चाट कर गटक लिया.
अब सिक्सटी नाइन का पूरा आनंद लेने के बाद, राज ने निकिता को मिशनरी पोज में लिटाकर उसकी जाँघे खोलकर अपना लौड़ा घुसेड़ दिया. आधे घंटे तक दोनों डटे रहे और फिर राज अपना बचा हुआ वीर्य निकिता की गुलाबी चुत में छोड़कर निढाल हो गया. उसकी भी कई दिनोंकी फैंटसी आज जाकर पूरी हुई थी. निकिता को भी राज बहुत पसंद आया और दोनों एक दुसरे को चूमते हुए जीभ चूस रहे थे.
अब राज को उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सरप्राइज निकिता से मिला. आजतक हमें पता नहीं था की इतनी शर्माने वाली और अदलाबदली की चुदाई के लिए तैयार न होने वाली निकिता को गांड की चुदाई बहुत पसंद थी.
उसने राज के लौड़े को कंडोम पहनाया और फिर बोली, "राज, अब तुम मेरी गांड मारो. मुझे सुनीता ने बताया था की यह तुम्हारी फैंटसी है जो आजतक सुनीता पूरी नहीं कर सकी. आज मैं, तुम्हारे सपनों की रानी तुम्हारे सामने हूँ. चोदो मेरी गांड को जितना जी चाहे. तुम मुझे बहुत अच्छे लगे इसलिए नीरज के बाद तुम पहले पुरुष हो जो इस गांड को चोदेगा."
राज ने उसे डॉगी पोज में आने को कहा और धीरे से झटके मारते हुए पहले तो अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ा, फिर उसकी गांडके छेद में डालना शुरू किया. उसे इतना ज्यादा सुख मिल रहा था की वो अपने होश खो कर निकिता की गांड चोदता रहा.
"निकिता डार्लिंग, आज तूने मेरी सारी इच्छाएं पूरी कर दी, तू सचमुच मेरी रानी हैं. मैं पूरा जीवन तुम्हारा गुलाम बनकर तेरी चुत, तेरे मम्मे और तेरी इस मस्त गांड को चोदता रहूंगा."
बाजू में लेटे हुए सारिका और नीरज यह नज़ारा देख रहे थे. आखिर चालीस मिनट तक गांड चोदने के बाद, राज ने पूंछा, "निकिता डार्लिंग, बोल अब इस माल को कहाँ निकालू?"
वह बोली, "हमेशा की तरह, मेरे मुँह में, और कहाँ?"
फिर राजने कंडोम हटाकर अपना लंड उसके मुँह में दिया और दो-चार झटके मारकर स्खलित हो गया. मेरे राज का कई दिनोंका सपना आज पूरा हुआ था.
इसके बाद हर दुसरे दिन हम तीनो जोड़े एक साथ मिलकर ग्रुप सेक्स का आनंद लेते रहे. जब कभी एक लड़की की माहवारी (पीरियड्स) रहते तब वो लौड़े चूसती और बाकी की दो लड़किया चुदवाने का काम करती. आने वालो दिनोंमें मैं और सारिका ने भी गांड चुदाई सीख ही ली. हममें से कोई भी किसी की भी पत्नी को जब मर्ज़ी चाहे तब चोदता था, फिर भी मेरा फेवरिट रूपेश था, राज की फेवरिट निकिता थी और नीरज की फेवरिट सारिका थी.
अगले साढ़े तीन साल तक यह दौर चला, उसके बाद नीरज और निकिता किसी दुसरे शहर चले गए. पता चला की वहांपर उन्होंने किसी और जवान जोडेको फांसकर ग्रुप सेक्स की परंपरा जारी रखी। अभी भी हम नीरज और निकिता से संपर्क बनाये हुए हैं मगर वो लोग राजस्थान में चले जाने के कारण हमारा मिलना नहीं हुआ.
आज भी हम चारों निकिता और नीरज के साथ बिताये हुए पलोंको याद करते हैं और एक दुसरे के पार्टनर को सम्भोग का सर्वोच्च सुख देते हैं.
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