RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
"हाँ, निकिता, रूपेश मुझे बड़े प्यार से चोदता हैं और राज अपनी साली सारिका को!" मैंने कहा.
फिर सारिका भी बोली, "निकिता, राज भैया मुझे इतना खुश करते हैं की पूछो मत. इतनी देर तक चोदते है और फिर मैं उनका सारा रस चाटकर पी जाती हूँ."
अब निकिता सुख और आनंद के मारे बेहोश सी हो रही थी.
अगले दो घंटो तक हम दोनोने निकिता को बार बार जताया की अपने पति के अलावा किसी और मर्द के लौड़े से कितना अच्छा सुख मिलता हैं और कितना ज्यादा मज़ा आता हैं. आखिर में तीनो लड़कियोंने एक दुसरे को चुत चाटकर, चूचिया चूसकर और उंगलीसे चोद कर स्वर्गीय सुख लिया और दिया.
अब चुत का काम रस निकल जाने के बाद पूर्ण रूप से निढाल होकर निकिता ने कहा, "तुम दोनों कितनी बिनधास्त हो, और कितना सेक्स एन्जॉय करती हो. सच बात तो यह हैं की मुझे भी सिर्फ नीरज से चुदवाकर थोड़ी बोरियत लग रही हैं."
अपनी ही चूतमें ऊँगली करती हुई वो बोली, "मैं चाहती हूँ की, एक दिन हम तीनो कपल साथ में बहार मस्ती करे ताकि मैं भी राज और रूपेश को और करीब से जान लू और परख लू. तभी मैं अदलाबदली के लिए अपने आप को तैयार कर पाऊँगी."
हमारे घर के पार एक वॉटर पार्क था जहाँपर गर्मी के दिनोंमें ज्यादा भीड़ रहती थी, खासकर शनिवार और रविवार को. उनका बुधवार के दिन "लेडीज और फॅमिली स्पेशल" होता था जहा किसी अकेले मर्द को आना मना होता था. उस दिन की एंट्री फी दुगनी रहती थी मगर सारी लड़किया और परिवार वाले लोग अक्सर उस दिन ही जाया करते थे. तीनो आदमियोंने आपस में बात करके एक बुधवार की छुट्टी ले ली और एक बड़ी कार में हम वहां पहुंचे.
जब हम वॉटर पार्क में थे तब यह तय हुआ की आधा दिन तक एक पार्टनर रहेगा और दिन के दुसरे भाग में अलग. सुबह ऐसे जोड़े बने - राज निकिता , रूपेश सुनीता और नीरज सारिका। राज का तो जैसे सपना ही पूरा हो गया था , शुरू में ही निकिता के साथ सारी वॉटर राइड्स पर मस्ती करनेका उसे मौका मिला था. वैसे मैं रूपेश के साथ भी खुश थी, मगर दोपहर का इंतज़ार करने लगी.
तीनो जोड़े भी काफी खुश नज़र आ रहे थे. नीरज और सारिका तो सबसे आँखे चुराके किसी और कोने में गायब हो गए. वैसे निकिता को इस बात की भी ख़ुशी हो रही थी की राज उसकी प्यारी सुनीता रानी को भी खुलके एन्जॉय करने दे रहा था. उसे महसूस हुआ की राज अपनी पत्नीसे बहुत ज्यादा प्यार करता हैं और उसकी हर ख़ुशी का पूरा इंतज़ाम करता हैं.
निकिता राज की कमर में हाथ डालकर खुलके हँसी मज़ाक कर रही थी और बात बात में उसे लिपट कर गालोंपर चुम्बन कर देती थी. नीरज को भी सारिका की गोरी गोरी गदरायी हुई जवानी भा गयी थी. वह सरिकाको बाहोंमे लेकर उसकी पीठ और मस्त गांड को सहला रहा था और सारिका भी शायद उसके लंड को हाथसे दबा रही थी. जैसे ही निकिता ने देखा की उसका पति भी खुलके मजे ले रहा है फिर वह भी बिलकुल खुल गयी.
मैं और रूपेश राइड्स पर कम जा रहे थे और एक दुसरे के अंगोंसे ज्यादा छेड़खानी कर रहे थे. बिकिनीमे मेरी भरपूर मांसल जाँघे, पतली कमर, आकर्षक नितंब और सामनेसे लो कट से झांकता हुआ क्लीवेज मानो कहर ढा था! किसी फिल्म की सेक्सी हेरोइन से काम नहीं थी मेरी जवानी. वहाँ नीरज तो सारिका को गोदीमें उठाकर घूम रहा था और दोनों सबकी नजरे चुराकर आलिंगन और चुम्बन में मग्न थे.
राज के खड़े लंड का स्पर्श कई बार निकिता को हुआ और शायद उसे भी इस बात से ख़ुशी हो रही थी की उसकी सुंदरता और सेक्स अपील का उसके लंडपर असर साफ़ झलक रहा था. मैंने देखा की राज भी निकिता की गोरी गोरी मुलायम जांघोंपर और उसकी गोल गांडपर हाथ फेरने का मौका बार बार ले रहा था. निकिता की पुष्ट चूँचिया उसके बिकिनी में से अपना जलवा दिखा रही थी और कई बार तो कहीं कोने में जाकर राज उसके मम्मोंको भी दबा और सहला रहा था. अब निकिता की भी झिझक निकल गयी थी और दो-तीन बार तो उसने खुद आगे होकर राज को किस किया और अपने जीभ से उसकी जीभ को चूसा.
|