RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नीलम ने धीरे-2 साहिल के लंड को पयज़ामे के ऊपेर से मुट्ठी में भर कर दबाना शुरू कर दिया…साहिल का लंड भी धीरे-2 अकड़ने लगा…जैसे ही साहिल का लंड आधा खड़ा हुआ, नीलम उसकी मोटाई और लंबाई का जायज़ा लेते हुए, एक दम से हैरान हो गई….उसकी चूत सलवार के अंदर से पानी छोड़ने लगी….उसने बिना किसी झिझक के साहिल के पयज़ामे की इलास्टिक में हाथ डालते हुए, उसे उसकी जाँघो तक सरका दिया….साहिल ने नीचे अंडर वेर नही पहना हुआ था….जैसे साहिल का पयज़ामा उसकी जाँघो पर आया…उसका विकराल लंड हवा में झटके खाने लगा…..
नीलम: (अपने मुँह के आगे हाथ रखते हुए) हाई मा……
नीलम अपनी फटी आँखों से कभी साहिल के विकराल लंड को देखती, तो कभी साहिल की आँखो में. उसने अभी भी साहिल के लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ रखा था….और साहिल के लंड में तनाव पूरी तरहा आ चुका था…
नीलम: हाई साहिल ये तो सच में खड़ा हो गया है….तुम्हारा तो बहुत बड़ा है….
नीलम ने अब धीरे-2 साहिल के लंड को हिलाना शुरू कर दिया था…साहिल के लंड का लाल दहाकता हुआ सुपाडा देख कर उसकी चूत में कुलबुलाहट शुरू हो चुकी थी…इसीलिए अब वो साहिल को अपने बातों के जादू से गरम करने के कॉसिश करने लगी थी…..
नीलम: (साहिल के लंड को सहलाते हुए) साहिल बेटा….
साहिल: (मस्ती की कारण साहिल की आँखें बंद होने लगी थी) जी….
नीलम: तुम्हे मज़ा आ रहा है….
साहिल नीलम के बात का जवाब ना दे पाया…
नीलम: बताओं ना…
साहिल: जी….
नीलम: कितना मज़ा आ रहा है….
साहिल: जी बहुत…..
नीलम: अब में बस करू…..
साहिल एक बार फिर चुप हो गया….
नीलम: बोला ना साहिल में बस कर दूं या करती रहूं….
साहिल: जी बहुत मज़ा आ रहा है….
नीलम: (अपने होंठो को दांतो में काटते हुए) तो सीधा सीधा कह ना तुम्हारा हथियार हिलाती रहूं….
फिर नीलम अपने हाथ को बड़ी तेज़ी से साहिल के लंड पर चलाने लगी… करीब 5 मिनिट बाद नीलम का हाथ भी दुखने लगा….
नीलम: उफ्फ इसका पानी क्यों नही निकल रहा साहिल…..
साहिल: जी मुझे नही पता…
नीलम: देख साहिल में ये सिर्फ़ चेक करने के लिए कर रही थी…पर अब तो ये ठंडा होने का नाम ही नही ले रहा…..अब में क्या करूँ…
साहिल: कुछ भी बस इसे ठंडा कर दीजिए….
नीलम: (साहिल के लंड को हाथ से छोड़ते हुए) अच्छा तुम यही बैठो…..
ये कह कर नीलम खड़ी हुई, और अपने रूम का डोर लॉक कर दिया. फिर उसने रूम में लगी खिड़की को बंद करके पर्दों से ढक दिया….साहिल का लंड ये सोच -2 कर ही झटके खाने लगा था कि, अब वो नीलम की फुद्दि का बॅंड बजा देगा…पर साहिल ये सब अंजान बनते हुए करना चाहता था…फिर नीलम ने रूम की लाइट्स भी ऑफ कर दी…रूम की लाइट्स ऑफ होते ही पूरे रूम में एक दम से अंधेरा छा गया….रूम में कुछ दिखाई नही दे रहा था….बस कुछ आवाज़ें सुन कर ही कि क्या हो रहा है, साहिल अंदाज़ा लगाने की कॉसिश कर रहा था…..
तभी उसे नीलम के कदमो के आहट सुनाई दी….जो उसकी तरफ बढ़ रही थी…फिर नीलम के पैर साहिल के पैरो से टकराए….अब नीलम साहिल के बिल्कुल सामने खड़ी थी….थोड़ी देर बाद उसे कपड़ो की सरसराहट सुनाई दी. साहिल आँधिरे में यही सोच रहा था कि, नीलम शायद अब अपने कपड़े उतार रही है….फिर थोड़ी देर के लिए खामोशी छा गई…और फिर साहिल को अपने दोनो कंधो पर नीलम के हाथों का अहसास हुआ, नीलम ने अपने दोनो हाथ साहिल के कंधो पर रख लिए थी….फिर नीलम ने अपने एक टाँग को घुटने से मोड़ कर साहिल की लेफ्ट जाँघ के साथ सोफे पर रखा, और फिर दूसरी टाँग को भी वैसे ही साहिल की राइट जाँघ के दूसरी तरफ टिका कर उसके ऊपेर आ गई….फिर उसने साहिल के लंड को हाथ नीचे लेजाकार जड़ से पकड़ लिया…..
नीलम के नरम हाथ को अपने लंड पर महसूस करते ही साहिल एक दम से सिसक उठा….फिर नीलम ने उसके लंड के सुपाडे को धीरे-2 अपनी चूत की फांको के बीच में रगड़ना शुरू किया….साहिल को ऐसा लग रहा था, जैसे उसका लंड किसी जलती हुई भट्टी के ऊपेर रगड़ खा रहा है….कुछ ही पलों में साहिल का लंड नीलम की चूत के पानी से गीला हो गया….फिर नीलम ने साहिल के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर टिकाया, और धीरे-2 अपना वजन डालते हुए, साहिल के ऊपेर बैठने लगी….साहिल का लंड नीलम की चूत के छेद को फेलाता हुआ धीरे -2 अंदर घुसने लगा….रूम में एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….जैसे ही साहिल का लंड नीलम की चूत की गहराईयो में समाया, नीलम ने आगे की ओर झुकते हुए, साहिल के गले में बाहें डालते हुए उसे अपने से चिपका लिया….साहिल भी कहाँ पीछे रहने वाला था….उसने भी नीलम की कमर को अपनी बाहों में कसते हुए, नीलम की गर्दन पर होंठो को रख दिया….
नीलम ने साहिल के होंठो को अपनी गर्दन महसूस करते ही, उसके सर को अपनी बाहों में कसते हुए अपनी गर्दन पर दबा दिया….और अपनी गान्ड को एक रिदम के साथ ऊपेर नीचे करने लगी…..नीलम की चूत बहुत ठुकी हुई थी..इसीलिए उसे साहिल का लंड लेने में ज़्यादा दिक्कत नही हो रही थी…रूम में जिस तरहा से खामोसी छाई हुई थी….उसके कारण जब साहिल का लंड नीलम की गीली चूत में जाता, तो पक -2 की आवाज़ रूम में गूँज जाती. और नीलम भी सीईइ सीईइ कर उठती…..
साहिल का लंड भी पूरे जोवन पर आ चुका था….अब साहिल भी नीचे से अपनी कमर हिलाते हुए नीलम की फुददी में अपना लंड पेल रहा था….धीरे-2 दोनो की स्पीड बढ़ती जा रही थी….नीलम को अपनी पूरी जिंदगी में अपनी चूत इतनी कसी हुई महसूस नही हो रही थी….साहिल का लंड जिस तरह से नीलम की चूत की दीवारो से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. नीलम एक दम मस्त हो चुकी थी…नीलम की चूत अब लावा उगलने के बेहद करीब पहुँच चुकी थी….
नीलम: हाई साहिल ओह्ह्ह देख मेरी फुद्दि पानी छोड़ने लगी है आह तू भी निकाल दे अपना पानी आह अह्ह्ह्ह….
नीलम की सिसकारियाँ अब कमरे में बनी हुई शान्ती को तोड़ने लगी थी…उसकी भारी और मोटी गान्ड साहिल की जाँघो से टकरा कर पूरे रूम में ठप-2 का तेज शोर करने लगी थी…एक दम से नीलम का बदन अकड़ने लगा. साहिल का जिस्म भी अब उसका साथ छोड़ने लगा…और उसके लंड से पानी निकल कर नीलम की चूत की दीवारों को भीगोने लगा…नीलम अपनी चूत में गिरते हुए गरम वीर्य को महसूस करते हुए एक दम से चिल्ला उठी. उसकी कमर झटके खाने लगी….और फिर उसका बदन ढीला पड़ गया…दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही बैठे रहे….काफ़ी देर बाद अचानक से बाहर डोर नॉक होने की आवाज़ आई….
दोनो एक दम से चोंक गए….
नीलम: साहिल के ऊपेर से उठते हुए) तुम यही बैठो में अभी देख कर आती हूँ….(ये कहते हुए नीलम ने रूम की लाइट ऑन की)
जैसे ही नीलम ने लाइट ऑन की, दोनो ने अपने कपड़े जल्दी से पहने और फिर नीलम बाहर चली गई….साहिल अंदर बैठा हुआ हल्की आवाज़ में बातें सुन रहा था….थोड़ी देर बाद नीलम वापिस आई और साहिल से बोली….
नीलम: साहिल अब तुम जाओ….पर दोपहर को 1 बजे यहाँ वापिस आना मुझे तुमसे ज़रूरी काम है….
साहिल बिना कुछ बोले सोफे से उठा और बाहर चला गया….वहाँ से निकल कर वो सीधा अपने घर चला गया….
क्रमशः.............................................
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