RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल: हाँ अहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह….तू फिकर ना कर आंटी…में हूँ ना….तेरी फुद्दि की देखभाल के लिए अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यी ले…..अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
कमला: हां बेटा एक तू तो है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले बेटाअ तेरी आंटी की फुद्दि मूतने लगी हाईईईईईईईईईईईईईई अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ले में आई और ज़ोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..
साहिल: अहह आंटी भिगो दे मेरे लंड को अपनी फुद्दि के पानी सी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.
कमला: ले बेटा ले…..तेरी लिए तो है सब ले अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऑश माआआआआआआअ..
ये कहते हुए कमला का पूरा बदन अकड़ने लगा….मस्ती का तूफान अब ज़लज़ला बन गया था….और उसकी चूत से पानी की नदी बह निकली….साहिल का लंड गीला होकर फतच-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर होने लगा….और फिर एक हलकी सी घुरहट के साथ साहिल के लंड ने भी कमला की चूत में वीर्य की बोछार कर दी…..
कमला को अपनी चूत में ऐसे महसूस हो रहा था….जैसे साहिल ने उसकी फुद्दि के अंदर सैलाब ला दिया हो….उसे अपनी पूरी चूत उसकी वीर्य से भरी हुई महसूस होने लगी….कमला आज बहुत दिनो बाद झड़ी थी…जैसे ही साहिल का लंड कमला के चूत से बाहर आया…तो कमला सीधी हुई, उसके सीधे खड़े होते ही, उसकी चूत से वीर्य की धार बह कर बाहर निकलते हुए, उसकी जांघों में आ पैंटी के ऊपेर पड़ने लगी…. उसके देखते ही देखते उसकी पैंटी उसके वीर्य से सन गई….
कमला: हाई मा तू इंसान है या भैंसा…..कितना पानी छोड़ता हे रे तेरा लंड अह्ह्ह्ह….
ये कहते हुए कमला ने मुस्कुराते हुए, साहिल की तरफ देखा, और अपनी पैंटी और सलवार को एक साथ ऊपेर कर सलवार का नाडा बांधने लगी….
साहिल: आंटी सॉरी वो आप की पैंटी खराब हो गई….आप बाद में बदल लेना….अब में चलता हूँ….
कमला: अर्रे नही पुत्तर ऐसी कोई बात नही….अब ये पैंटी तो में पूरा दिन ऐसे ही पहन कर रखूँगी…
साहिल: क्यों ?
कमला: (मुस्कुराते हुए) ताकि तेरे लंड का पानी मेरी फुद्दि को ठंडा रखे. हा हहा…अच्छा अब तू जा….
उसके बाद साहिल कमला के घर से निकल कर बाहर चला गया….
अगले कुछ दिन कुछ ख़ास ना हुआ. क्योंकि कुलवंत और रवि दोनो मंडी नही जा रहे थे….क्योंकि मंडी कुछ दिनो के लिए बंद थी…इस लिए घर में सब नॉर्मल चल रहा था…नेहा और पायल बीच-2 में साहिल से से छेड़ छाड़ कर लेती थी….बस यही सब चल रहा था….इस दौरान साहिल कमला के घर की तरफ भी कई बार गया…पर हर बार घर पर कोई ना कोई होता… इसीलिए वहाँ भी साहिल को कुछ नही मिल रहा था…..एक दिन जब जब वो शाम को घर पहुँचा तो उसे पता चला कि, फसलो की कटाई होने के बाद, मंडी वाली जगह पर आनाज़ की मंडी लगाने लगी है….इसीलिए भैंसो की मंडी को एक महीने के लिए बंद कर दिया गया था…..
नेहा और पायल भी ये खबर सुन कर थोड़ा उदास हुई…पर वो जानती थे कि, ये वक़्त भी गुजर जाएगा….पर साहिल बेचारे का बुरा हाल था…जिस लड़के की तीन-2 औरतें दीवानी हो, और उसे एक के भी साथ सेक्स करने का मोका ना मिल रहा हो….उसका क्या हाल रहा होगा…इसका अंदाज़ा लगाना मुस्किल नही है…खैर साहिल भी सही समय के इंतजार में था….पर अब 8 इंच के लंड को संभालना मुस्किल होने लगा था….जब उसका लंड किसी औरत की हिलती गान्ड या मम्मो को देख कर खड़ा हो जाता…बेचारा साहिल आपने लंड को अपने हाथों से दबा कर बैठने की नाकामयाब कॉसिश करता….
स्कूल में भी उसका यही हाल था…..जब कभी कोई टीचर उसके सामने से अपनी गान्ड हिलाते हुए गुजरती, तो उसका लंड तुक्की मारने लगता….नेहा पायल और कमला की वजह से ही, साहिल का इंटेरस्ट अब बड़ी उमर की औरतों में ज़्यादा होने लगा था….कुँवारी लडकयाँ तो उसे जैसे नज़र नही आती हों. इस दौरान एक अजीब से घटना घटी…..जिसकी के कारण साहिल के जिंदगी में बहुत बदलाव आने वाला था…शायद आगे चल कर यही बदलाव उसकी जिंदगी के उस मुकाम पर लेजाने वाला था….जिसकी चाह हर लड़के के दिल में होती है….
एक दिन जब साहिल स्कूल से घर लोटा, तो उसकी चाची पायल ने उससे कहा कि, वो खाना खा कर कुछ समान उसके मायके यानी गीता के घर उसकी मा नीलम को दे आए….फ्रेश होने के बाद नॉर्मली साहिल घर पर एक पयज़ामा और टीशर्ट पहन लेता था….सर्दी होने की वजह से वो टी-शर्ट के ऊपेर से एक जॅकेट भी पहनता था…खाना खाने के बाद उसने पायल से वो समान लिया जो, पायल ने अपनी मा के लिए भेजना था. और घर से निकल कर उस तरफ चल पढ़ा….रास्ते में दोस्तो से बीच में ही हेलो करते हुए, वो गीता के घर पर पहुँच गया….वो जैसे ही में डोर पर नॉक करने लगा, तो गेट बिना कोई आवाज़ किए हुए खुल गया….
साहिल अंदर की तरफ बढ़ा….घर एक दम सुनसान था….जैसे घर पर कोई हो ही ना…सबसे पहले वो हाल में पहुँचा तो उसे वहाँ कोई दिखाई नही दिया….उसके बाद वो सीधा गीता के रूम में चला गया. पर उसे वहाँ भी कोई नज़र नही आया….फिर वो नीलम के रूम में गया, पर वहाँ पर भी कोई नही था…”अजीब बात है….दरवाज़े सब खुले है….और घर पर कोई नही है….” साहिल धीरे से बुदबुदाया….साहिल जैसे ही नीलम के रूम से बाहर निकला…उसे छत पर कुछ गिरने की आवाज़ आई….
आवाज़ सुन कर साहिल को लगा कि, शायद सब ऊपेर छत पर धूप में बैठे हो…इसीलिए वो सीडयों की तरफ बढ़ा…लेकिन वो जब ऊपेर पहुँचा, तो उसे छत पर भी कोई नज़र नही आया….तभी उसकी नज़र छत पर बने एक छोटे से स्टोर रूम पर पड़ी…जिसका डोर बंद था…साहिल अभी सीडयों पर ही खड़ा था…और वो अभी ऊपेर की आख़िर सीढ़ी पर पैर रखने ही वाला था कि, उस स्टोर रूम का डोर खुला, और कोई बाहर आया….जिसे देख साहिल एक दम से सोच में पड़ गया….उस सख्स को साहिल अच्छे से जानता था… वो कोई और नही, बल्कि नीलम के खेतों में काम करने वाला ही एक मजदूर था...नीलम के पति की मौत के बाद जब नीलम के बेटे विजय यानी कि पायल के भाई ने जब आर्मी जाय्न कर ली थी….
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