RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नेहा: हाई ओई मार सुटेया…कमीने ने….आह…..
मोहित: सा सा सॉरी आंटी जी….वो मुझसे कंट्रोल नही हुआ….
नेहा: हाई मार दित्ता…तू बड़ा गंदा है मोहित….अब उठ मेरे ऊपेर से..जल्दी कर…..
मोहित नेहा की गान्ड के थोड़ा सा नीचे होकर घुटनो के बल बैठ गया. और अपने लंड को धीरे-2 खेंचते हुए, बाहर निकालने लगा…जैसे-2 मोहित के लंड का सुपाड़ा नेहा की चूत केए दीवारो से रगड़ खा कर बाहर आ रहा था. नेहा के पूरे बदन में मस्ती के लेहरे दौड़ने लगी….”सीईइ मोहित आह” मोहित ने अपने लंड को बाहर निकाला…..और फिर चारपाई पर एक साइड में बैठ गया…
नेहा तो मोहित के लंड के तीन धक्को से ही मदहोश हो गई थी…उसने पलट कर पीठ के बल लेटते हुए, मोहित की तरफ अपनी मदहोशी से भरी आँखो से देखा और कहा…”मोहित तुम बहुत गंदे हो…अपनी आंटी के साथ ऐसे करते है….”
मोहित: आंटी वो वो में वो….
नेहा: (बॅनवाटी गुस्सा दिखाते हुए) अच्छा पता है मुझे….बड़ा आया कंट्रोल नही हुआ आंटी….अब में किसी को मुँह दिखाने लायक नही रही…..
मोहित: सा सा सॉरी आंटी….मुझसे ग़लती हो गई….
नेहा: अब दूध के दाँत टूटे नही…और जनाब चले है फुद्दि मारने … वो भी अपनी आंटी की…..शरम नही आती तुझे….
मोहित: वो आंटी में वो….
नेहा: एक तो तू ना घबराता बहुत है…मेने कुछ कहा क्या ? अच्छा सुन ये बात किसी को नही बताओगे….में तुम्हे वो दूँगी….
मोहित: का क्या आंटी….
नेहा: बहन्चोद जो अभी मेरी मार रहा था….
नेहा की ये बात सुनते ही, मोहित की ज़ुबान किसी प्यासे कुत्ते की तरह बाहर आकर लटकने लगी….उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था….नेहा ने फिर से उसकी तरफ देखते हुए कहा….”बोल क्या इरादा है….”
मोहित: आंटी आप जैसे कहोगे में करूँगा…
नेहा ने फिर से आपने होंठो पर मुस्कान लाते हुए कहा…”अच्छा जी तो फिर ये ले…” ये कहते हुए, नेहा एक दम से उठ कर बैठ गई…और अपनी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए, अपने गाले से निकाल दिया….उसके 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ उछल कर मोहित के चेहरे के सामने आ गई…मोहित आँखें फाडे कभी नेहा की चुचियों को तो कभी नेहा के चेहरे की ओर देखता…..
नेहा ने मुस्कुराते हुए देखा और बोली….”क्या हुआ तुझे ये अच्छी नही लगती.. या सिर्फ़ फुद्दि ही देखने का शॉंक है” मोहित तो जैसे सपनो के दुनिया में खोया हुआ था….उसे अपनी किस्मत पर यकीन नही हो रहा था…कि, उसकी मा की उम्र की ही एक मस्त और गदराई हुई औरत उसके सामने ऐसे नंगी बैठी हुई थी….नेहा ने मोहित को कपड़े से पकड़ कर हिलाते हुए कहा. “क्या हुआ कहाँ खो गए”
मोहित: कुछ नही…..
नेहा को मोहित के भोले पन पर प्यार आने लगा था…तभी उसकी नज़र अचानक उसके लंड पर पड़ी…जो उसकी चूत के कामरस से भीगा हुआ, चमक रहा था….नेहा का दिल जोरो से धड़कने लगा….उसने मोहित को कंधो से पकड़ कर अपनी ओर खेंचा, और फिर चारपाई पर सीधे लेटते हुए, उसे अपने ऊपेर लेटा लिया….
मोहित का चेहरा नेहा की बड़ी-2 गुदाज़ चुचियों पर दब गया….नेहा अब बिल्कुल भी इंतजार नही करना चाहती थी….उसने अपने हाथों को नीचे लेजाकार मोहित की पेंट को खोल कर नीचे सरका दिया…जैसे ही मोहित की पेंट उसके घुटनो तक आई, फिर उसने अपनी टाँगो को खोल कर मोहित की टाँगो पर चढ़ाते हुए, टाँगो की मदद से उसकी पेंट को टाँगो से निकाल दिया…और फिर मोहित के सर को पकड़ कर उसके होंठो को अपनी चुचि पर रगड़ते हुए बोली.
नेहा: (मदहोशी से काँपति आवाज़ में) ओह्ह मोहित पुत्तर चूस ले अपनी आंटी के मॅम ओह्ह्ह चुस्स ना….
मोहित तो जैसे इस पल का इंतजार कर रहा था….उसने अपने मुँह को खोला, और नेहा की लेफ्ट चुचि के मोटे काले रंग के निपल को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…”उंह सीईईई अहह हाईए ओई आह हां चूस मोहित आह चुस्स्स्स्स ना और ज़ोर से चुस्स्स अहह” मोहित भी अब पूरे जोश में बिना किसी डर के , नेहा के मम्मे को जितना हो सकता था. मुँह में भर कर चूसने लगा….
नेहा के बदन में मस्ती की लहरे दौड़ने लगी….उसने अपनी जाँघो को पूरा फेला लिया, और अपना एक हाथ नीचे लेजाकार, मोहित के लंड को पकड़ कर, अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…..”आह हाईए माअर दे” जैसे ही मोहित के लंड का सुपाडा नेहा की चूत के छेद पर लगा….मोहित से रहा नही गया….और उसने ज़ोर से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला…मोहित का पूरा लंड एक ही बार, में नेहा की चूत की गहराईयो में उतर गया..
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