RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--19
दूसरी तरफ नेहा और कमला दोनो एक दूसरी की चूत को उंगलयों से ठंडा कर चुकी थी…..नेहा जैसे ही अपने घर जाने के लिए निकलने लगी. तो उसे मेन डोर पर मोहित मिल गया…वो अभी ग्राउंड से खेल कर वापिस आया था. नेहा ने उसकी तरफ देख कर एक कातिल मुस्कान फेंकी, और फिर उसके पास से गुज्जर्ते हुए बोली….
नेहा: अब तुम साहिल को मिलने घर नही आते क्या बात है….?
मोहित; वो आंटी जी. वो मेरा साहिल से स्कूल में झगड़ा हो गया था.. इस लिए हम एक दूसरे से बात नही करते….
नेहा: अच्छा साहिल से झगड़ा हो गया था…
मोहित: जी आंटी….
नेहा: तो फिर मुझे मिलने के लिए तो आ सकते थे ना. तुम मुझे बताते तो में तुम्हे में सुलहा करवा देती…अपनी आंटी के बात मनोगे ना…
मोहित: जी आंटी…
नेहा: अच्छा सुन मेरे घर पर भी बहुत सारे कपड़े धुलने वाले हो गए है…क्या में तुम्हारे ट्यूबिवेल पर जाकर उन्हे धो सकती हूँ…
मोहित: जी आंटी क्यों नही….
नेहा: तू चलेगा कल हमारे साथ….
मोहित: पर आंटी कल तो स्कूल जाना है ना….
नेहा: हूँ में तो भूल ही गई…चल कोई बात नही…उसके बाद नेहा घर आ गई….और घर के कामो में लग गई….चुदाई के बाद गीता तो ऐसे घोड़े बेच कर सोई थी कि, वो शाम को 6 बजे नेहा के जगाने से उठी..रात को सब खाना खा पी कर सो गए…अगले दिन साहिल और गीता को स्कूल जाना था….उनके स्कूल जाने के बाद कुलवंत भी 10 बजे काम पर चला गया.
अब साहिल और गीता को स्कूल से 3 बजे वापिस आना था….इस लिए नेहा घर के काम निपटा कर कमला के घर जाने के सोच ही रही थी, कि उसके डोर पर नॉक हुआ……
जब नेहा ने जाकर गेट खोला तो, सामने कमला ही खड़ी थी…दोनो एक दूसरे के तरफ देख कर मुस्कुराया….फिर कमला के अंदर आने के बाद नेहा ने गेट बंद किया….
नेहा: में अभी तुम्हारे घर ही आने वाली थी….(रूम की तरफ जाते हुए)
कमला: यार अच्छा हुआ नही आई….मेरा ख़सम अभी घर पर ही है… और मोहित भी….
नेहा: क्यों मोहित स्कूल नही गया आज क्या हुआ ?
कमला: पता नही सुबह कह रहा था कि, तबीयत ठीक नही है….पर तब से देख रही हूँ…वो तो अच्छा भला है….
कमला की बात सुन कर नेहा के होंठो पर मुस्कान फेल गई…नेहा को यूँ मुस्कुराते हुए देख कमला से रहा नही गया….”क्या हुआ इतना क्यों खुस हो रही है” मोहित इसीलिए स्कूल नही गया था, क्योंकि कल नेहा ने उससे कहा था कि, वो उसके खेतो में कपड़े धोने जाएगे….फिर नेहा ने सारी बात कमला को बताई…और फिर दोनो हँसने लगी….
कमला: रंडी क्या कर दिया तूने मेरे बेटे को…देख मज़े लेने की बात तक तो ठीक है….पर हम दोनो अपने बेटो की पढ़ाई या उनकी जिंदगी किसी तरह से खराब नही होने देंगे…आगे से ध्यान रखना..
नेहा: चल यार ग़लती हो गई….वैसे भी एक दिन स्कूल नही जाएगा तो कुछ नही होगा….याद रख तुझे साहिल के साथ भी मस्ती करनी है..
कमला: अच्छा अब फिर क्या करना है…
नेहा: क्या करना है मतलब….
कमला: मतलब ये कि, अब तुम भी अकेली हो….कहे तो भेजू उसको…
नेहा: पर यार अगर घर पर कोई आ गया तो,
कमला: यार अब इतने डरेगे तो कैसे चलेगा….कुछ तो हिम्मत करनी पड़ेगी तुझे….वैसे भी मोहित की अभी इतनी उम्र नही है कि, वो बिना डरे अपने दिल के बात तुझे जता सके….
नेहा: अच्छा जितना वो भोला लगता है, उतना वो है नही…
कमला: चल अच्छा है…फिर तेरा काम कुछ आसान हो जाएगा….
नेहा: अच्छा चल बता अब क्या करूँ….मुझे डर है कि कोई घर पर ना आ जाए….वरना खम्खा सवाल करेंगे कि, में घर में अकेली मोहित के साथ क्या कर रही थी….
कमला: (थोड़ी देर सोचते हुए) अच्छा तू थोड़ी देर इंतजार कर. मोहित के पापा जाने ही वाले है….जैसे ही वो जाते है…में तुम्हे आकर बताउन्गि. तू अपने घर के पीछे बने भैंसो वाले कमरे में इंतजार करना. में उसे किसी तरफ बहाने से भेजती हूँ….अगर कोई आया भी तो, वो पीछे वाली दीवार फाँद कर हमारे घर वापिस आ सकता है….
नेहा: यार ये सब तो ठीक है..पर मुझे सच में डर लग रहा है…
कमला: कुछ नही होता मेरे जान…तू घबरा मत…
अभी दोनो बाते कर ही रही थी कि, मोहित नेहा के घर का डोर नॉक करता है….जब नेहा बाहर जाकर गेट खोलती है. तो सामने मोहित को खड़ा देखती है….”आंटी जी मा इधर है क्या”
नेहा: हां बेटा वो अंदर है…
मोहित: आंटी जी मा को घर भेज दो….पापा को कोई काम से जाना है खेतो मे… उनका खाना पॅक करना है…
नेहा: अच्छा अभी भेजती हूँ….
ये कह कर जैसे ही नेहा वापिस मुड़ने लगी, तो वो कुछ सोच कर रुक गई….उसने फिर से मोहित को आवाज़ डी….”मोहित बेटा सुनो तो ज़रा…”
मोहित: जी आंटी जी….
नेहा: वो मुझे पीछे स्टोर रूम में कुछ समान ठीक करवाना है… बहुत भारी समान है….तुम मेरे मदद कर दोगे थोड़ी देर आकर…
मोहित: जी आंटी….में थोड़ी देर में आता हूँ….
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