RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया…साहिल का आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार-मे अंदर जा चुका था…” हाए मम्मी मर गई हाईए अहह साहिल बहुत दर्द हो रहा है….” गीता छटपटाते हुए, अपने सर को इधर उधर पटक रही थी…उसे अपनी चूत में दर्द की तेज लहर दौड़ती हुई महसूस हो रही थी….
गीता के इस तरह से दर्द के कारण बिलबिलाने से साहिल भी घबरा गया. उसने गीता की ओर देखा, उसकी बंद आँखो से आँसू बह कर उसके गालो पर आ रहे थे…..”मौसी में बाहर निकाल लेता हूँ” साहिल ने गीता की ओर देखते हुए कहा….
गीता: (अपनी आँखो को खोलते हुए) नही -2 साहिल बाहर मत निकालना…पूरा अंदर कर दो….मेरी फिकर मत करो…..
साहिल: पर मौसी…
गीता: मेने कहा ना मेरे परवाह मत करो….तुम अपना लंड पूरा मेरे फुद्दि में डालो…..
साहिल ने अपने लंड की तरफ देखा…जो गीता की टाइट चूत के छेद में घुस कर फँसा हुआ था….और फिर उसने एक बार फिर से पूरी ताक़त के साथ, झटका मारा….इस बार उसके लंड का सुपडा उसकी चूत की दीवारो को फेलाता हुआ पूरा का पूरा अंदर जा घुसा…
गीता: अह्ह्ह्ह साहिल……..(गीता ने अपने हाथों से साहिल के बाजुओ को इतनी कस के पकड़ा कि, उसके नाख़ून, साहिल के बाजुओ में गढ़ने लगे….साहिल को अपने लंड के गिर्द गीता की टाइट चूत की दीवारे कसी हुई महसूस हो रही थी…उसके लंड में तेज गुदगुदी सी होने लगी….पायल की चूत उसे गीता की चूत के मुक़ाबले बहुत ढीली महसूस हो रही थी…)
दोनो थोड़ी देर वैसे ही लेटे रहे….साहिल अब डक्के लगाने को उतावला हो रहा था….पर गीता ने उसकी कमर में अपनी टाँगो को लप्पेट रखा था… जिस की वजह से साहिल हिल बही नही पा रहा था….कुछ लम्हे दोनो यूँ ही लेटे रहे….फिर धीरे-2 गीता का दर्द कुछ कम होने लगा….और उसे अपनी चूत में अजीब सी सरसराहट होने लगी….अब उसे मज़ा आने लगा था…और उसने अपनी टाँगो को जो कि उसने साहिल की कमर पर कस रखी थी…को ढीला कर दिया….जैसे ही साहिल की कमर पर गीता की टाँगों की पकड़ ढीली हुई…
साहिल ने अपना आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में गीता की चूत से बाहर खींचा….और फिर से एक झटके के साथ, गीता की चूत में पेल दिया…धक्का इतना जबरदस्त था कि, गीता का पूरा बदन हिल गया…”आह शीईइ साहिल उंह धीरे मेरे जान आह” गीता ने फिर से अपने पैरो को साहिल के चुतड़ों के ऊपेर रख कर उसे अपनी तरफ दबा लिया…
जब उसे अपनी चूत की दीवार पर साहिल के लंड के सुपाडे की रगड़ महसूस हुई, तो वो एक दम से मस्त हो गई….फिर थोड़ी देर रुकने के बाद, गीता ने साहिल को धीरे से कहा….”साहिल अब धीरे से बाहर निकालो…मुझे कुछ देखना है…” ये कहते हुए, उसने फिर से अपने पैरो के पकड़ ढीली की, और साहिल ने घुटनो के बाल बैठते हुए, धीरे-2 अपने लंड को बाहर निकालना शुरू किया….फिर से वही मज़े की लहर गीता के रोम-2 में दौड़ गई. उसे साहिल के लंड का सुपाडा अपनी चूत के दीवारो पर रगड़ ख़ाता हुआ सॉफ महसूस हो रहा था….
गीता: ओह्ह साहिल मेरे फुद्दि आह आह बहुत मज़ा आ रहा है..ओह्ह उम्ह्ह.
साहिल ने जैसे ही अपना लंड गीता की चूत से बाहर निकाला. तो उसके आँखे फटी की फटी रह गई…उसका लंड खून और गीता के चूत से निकल रहे कामरस से सना हुआ था…जैसे ही, साहिल ने अपना लंड बाहर निकाला. गीता ने अपने पास रखे पुराने कपड़े को अपनी चूत पर दबा दिया…ताकि उसमे से खून निकल कर, बेड शीट पर ना गिरे…..
फिर उसने अपनी चूत को उस कपड़े से रगड़ कर सॉफ किया…और फिर साहिल की तरफ देखा….जो हैरत से उसकी तरफ देख रहा था….
गीता: क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो ?
साहिल: मौसी इसमे से खून निकल रहा है…
गीता: हाँ जानती हूँ….पहली बार करने से निकलता है..अब में ठीक हूँ…तू घबरा मत….
फिर गीता उठ कर बैठी, और साहिल के लंड को हाथ में लेकर उसे कपड़े से अच्छे से सॉफ क्या…फिर उस कपड़े को साइड में रखते हुए, बेड पर लेट गई…गीता ने अपनी बाहों को खोल कर साहिल को आने का इशारा क्या…साहिल उसके ऊपेर झुक गया….गीता ने उसे अपनी बाहों में कस लिया…और उसके आँखो में झाँकते हुए बोली….”आइ लव यू साहिल” और फिर दोनो के होंठ फिर से आपस में घुथम गुत्था हो गए…..फिर से वही उम्ह्ह आहह उन्घ्ह की आवाज़े उनके मुँह से आने लगी…
साहिल का लंड अब उसकी चूत की फांको पर रगड़ खा रहा था…साहिल भी मस्ती में उसके होंठो को चूस्ता हुआ, उसके निपल्स को अपनी उंगलियों से भिचते हुए उसकी चुचियों को दबा रहा था….गीता की चूत में कुलबुली सी होने लगी…..वो नीचे से अपनी गान्ड को हिलाते हुए, साहिल के लंड को अपनी चूत के छेद पर सेट करने की कॉसिश कर रही थी….
थोड़ी देर के बाद अचानक से साहिल के लंड का सुपडा गीता की चूत के छेद पर अपने आप जा लगा….गीता का पूरा बदन एक दम से थरथरा गया. उसने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया, और फिर साहिल की आँखो में देखते हुए मुस्कुराने लगी….फिर उसने अपने आँखे शरमा कर बंद कर ली, उसके होंठो पर मुस्कान फेली हुई थी…
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