RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
थोड़ी देर अमित ने हालत का जायज़ा लेने के लिए सर उठाया तो उसकी नज़रे नेहा से जा टकराई, और जैसे दोनो की नज़रे मिली, नेहा ने होंठो पर दिलकश कातिल मुस्कान लाते हुए उसकी तरफ देखा, और फिर अपने नीचे के होंठ को किनारे से नीचे अपने दांतो के नीचे दबाते हुए मुसकुराइ…ये सब देख कर मोहित का लंड फिर लोहे के रोड की तरह अकड़ गया…
मोहित मन में सोचने लगा कि, इसका मतलब आंटी मुझसे गुस्सा नही है. पर फिर भी वो थोड़ा घबरा रहा था…अब ***4 साल का लड़का इस एज में घबराए गा नही तो और क्या करेगा…पर फिर नेहा की वो कातिल मुस्कान उसके दिल को छेड़ गई थी….नेहा ने फिर से झुक कर कपड़े धोने शुरू कर दिए….इस बार तो वो कुछ ज़यादा ही, अपने मम्मो को दिखा रही थी. और बीच-2 में मोहित की ओर देखती, और फिर अपने निचले होंठ को दांतो में दबा कर मुस्कुरा देती…..
जैसे वो उसे उकसा रही हो…..फिर कमला ने जब देखा कि सब उसके सोचे अनुसार हो रहा है, तो उसने अपनी अगली चाल चलने की सोची…पर इस बार भी अगली चाल चलाने से पहले उसने मोहित को आवाज़ लगा कर कुछ और कपड़े दिए….और जाओ ये झाड़ियों पर डाल आओ…साथ के साथ सुख भी जाएँगे…जैसे ही मोहित कपड़े लेकर झाड़ियों की तरफ गया….कमला ने उसके दोनो मम्मो को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया…
कमला: वाह री गस्ति….कमाल कर दिया तेरे मम्मो ने…ले मुंडा तेरा दीवाना हो गया…हुन अपने यार दा लंड फुद्दि विच लेने के लिए तैयार हो जा.
नेहा: चुप कर धीरे बोल अगर उसने सुन लिया तो….
कमला: अच्छा सच-2 बता कैसा लग रहा था तुझे….सच बताना…
नेहा: सच बताऊ…?
कमला: हां बता ना…
नेहा: बहुत मज़ा आ रहा था यार की दस्सा…मेरी फुद्दि में तो अभी से खरास होने लगी है…
कमला: सबर कर, सबर का फल मीठा होता है…अच्छा सुन अब जब में उसे अगली बार भेजूँगी कपड़े डालने के लिए, तो उससे पहले में तुझे अपनी कोहनी मार दूँगी इशारे के लिए, और उससे पहले ही उठ कर झाड़ियों के पीछे चली जाना…मूतने के बहाने….और वहाँ जब वो आए तो, उससे अपनी गान्ड और फुद्दि दिखा देना बहाने से…हो सके तो अपनी फुद्दि से निकलती मूत की धार भी दिखा देना…
अगर तूने ऐसा कर दिया तो,समझ लेना के तेरा काम 90 % बन गया…और बाकी का 10% तो हम दोनो बना ही लेंगे…हां अगर ये करते हुए तुम दोनो एक दूसरे को देखो तो, शरमाना नही…बस फिर से वही कातिल मुस्कान देना उसे,….फिर तो समझ अपना काम हो गया बस…वैसे तेरी मुस्कान है सच में कातिलाना….
नेहा: अर्रे कहाँ….ये तो सब तुमसे सीखा है….हा हहा..
कमला: और हां जब यहाँ तुम मूतने जाओगी, तो जान बुझ कर बोल कर जाना कि, मूतने जा रही हूँ, और हो सके तो, बोलते-2 उसके सामने अपनी फुद्दि को सलवार के ऊपेर से खुजा देना…
नेहा: यार अब क्या -2 करवाए गी मुझसे…
कमला उसकी तरफ़ देख कर मुसकुराइ. और फिर चुप हो गई….
नेहा: पर यार मुझे तो पेशाब नही आ रहा तो उसके सामने मूतुगी कैसे ?
कमला: वो तो अगर तुम बोलो, तो में अभी तेरी फुद्दि से निकाल देती हूँ….(और फिर कमला खिलखिला कर हँसने लगी)
नेहा: चुप कर साली, जलदी बता क्या करूँ….
कमला: अच्छा रुक…
फिर कमला ने अपने बेटे की तरफ नज़र डाली, जो दूर झाड़ियों पर कपड़े सूखने के लिए डाल रहा था…अभी उसके हाथ में बहुत से कपड़े थे.. कमला ने टाइम का अंदाज़ा लगाया कि उसे वापिस आने में कितना टाइम लगेगा. फिर नेहा को धीरे से कहा…चल मेरे साथ…..और वो उठ कर खड़ी हो गई….
और उसे ट्यूबिवेल के रूम के दीवार के पीछे ले गई….”चल जल्दी कर खोल अपनी सलवार का नाडा”
नेहा: पर क्यों…
कमला: टाइम नही अभी बात करने का…जलदी कर……
नेहा ने जल्दी से अपनी सलवार का नाडा खोला और कमला ने झुक कर उसकी सलवार जाँघो तक नीचे सरका दिया…और फिर उसकी कमीज़ के पल्ले को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए कहा..”इसे पकड़” जैसे ही कमीज़ का पल्ला ऊपेर हुआ, नेहा की गुलाबी चूत उसकी आँखो के सामने आ गई….कमला जल्दी से नीचे बैठ गई….और अपनी दो उंगलयों को एक साथ उसकी चूत में घुसेड दिया. नेहा की चूत तो कब से पानी छोड़ रही थी…..जिस की वजह से कमला की उंगलियाँ फिसलती हुई अंदर चली गई…
नेहा: आहह गस्ति जान केड लयी. आह आहह धीरी अहह उंह…..
कमला ने बिना कुछ बोले तेज़ी से अपनी उंगलियो को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….और उंगलियो को अंदर बाहर करते हुए, उसकी चूत के दाने को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया….नेहा एक दम से सिसक उठी,,,उसने अपने दूसरे साथ से कमला के सर को अपनी चूत पर दबाते हुए खड़े-2 ही अपनी कमर को उसके चेहरे की ओर झटके देने शुरू कर दिए.
नेहा: आह उंह अह्ह्ह्ह कमला वो आ ना जाए अहह..ओह्ह्ह मर गई हाए ओईई आह….
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