RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
फिर उसके बाद पायल और गीता भी सो जाते है….और शाम को पायल 5 बजे उठ कर सब को जागती है….गीता और साहिल बारी-2 मूह हाथ धो कर आँगन में चारपाई बिछा कर बैठ जाते है…गीता वंश को अपनी गोद में लिए हुए बैठी थी….तभी बाहर से दूर नॉक होने के आवाज़ आती है….
पायल बाहर जाकर गेट खोलती है, तो सामने गीता की सहेली जो कि उनके गाओं कि थी…और गीता की क्लास मेट थी, सिमरन वो खड़ी थी…उसने पायल को भाभी कह कर नमस्ते कहा….
सिमरन: दीदी गीता यहाँ आई हुई है ?
पायल: हां. अंदर आओ..
सिमरन पायल के साथ अंदर आ जाती है….और गीता को देखते हुए बोलती है… कमीनी कल से यहाँ है, और मुझसे मिलने भी नही आई….
गीता: ओह्ह सॉरी यार टाइम ही नही मिला…
सिमरन: अच्छा इतना बिज़ी हो गई तू दीदी के घर आके…क्यों भाभी हमारी सहेली से कितना काम करवाती हो….
पायल इस पर कुछ नही कहती, और किचिन में जाकर काम करने लगती है…सिमरन गीता के साथ चारपाई पर बैठ जाती है…
सिमरन: यार तू एक बार तो मिलने आ सकती थी ना…
गीता: यार क्या कहूँ….ये जो हमारा वंश है ना इसे एक बार गोद में उठा लो, तो नीचे उतारने का मन नही करता…जापानी गुड्डा है हमारा वंश….देख ना कैसे छोटी-2 आँखें है इसकी…
सिमरन: हाँ बहुत सुंदर है…..
फिर सिमरन साहिल की तरफ देखती है, और गीता को आँखों ही आँखों में कही और बैठ कर बातें करने के लिए कहती है….गीता उसकी बात समझ जाती है कि, सिमरन अपने और अपने बाय्फ्रेंड का कोई किस्सा सुनाने के बेकरार है…और गीता भी उसके और उसके बाय्फ्रेंड के किस्से मज़े लेकर सुनाती है….गीता वंश को साहिल की बाहों में दे देती है, गेट की तरफ आगे एक साइड में लगे आम के पैध के नीचे चारपाई बिछा कर बैठ जाती है….
गीता: हां बोल क्या बात है….
सिमरन: वो कल सोनू आया था रात मुझे मिलने के लिए….
गीता: तोबा रात को कहाँ .
सिमरन: मेरे घर की छत पर और कहाँ….
गीता: गस्ति मरेगी किसी दिन….
सिमरन: हट रंडी मरना तो सब ने है एक दिन….फिर डरना किस लिए….
गीता: तेरा कुछ नही हो सकता….बोल क्या कहना है….
फिर सिमरन और गीता अपनी बातों में बिज़ी हो जाते है….उधर बरामडे में बैठे साहिल की गोद में वंश रोने लगता है…पायल वंश के रोने की आवाज़ सुन कर बाहर आई….और साहिल के सामने चारपाई पर बैठते हुए, अपनी कमीज़ का पल्ला आगे से उठा कर अपनी ब्रा के आगे की तरफ लगे हुक्स को खोल कर एक मम्मे को बाहर निकालती है…और वंश को साहिल से लेते हुए अपनी गोद में लेटा कर दूध पिलाने लगती है….
पायल जब देखती है कि, साहिल बड़ी ही हसरत भरी नज़रों से उसके मम्मे की तरफ देख रहा है, तो उसके होंठो पर कामुक मुस्कान फेल जाती है….वो ब्रा के दूसरे कप को अपने दूसरे मम्मे से हटा कर साहिल को दिखाते हुए धीरे -2 से बोलती है….”पीना है”
पायल की पीठ गीता की तरफ थी…इसीलिए पायल जो भी कर रही थी..गीता और सिमरन को नही दिखाई देता…साहिल शरमा कर सर ना में हिला देता.. थोड़ी देर बाद वॅन्स को नींद आ गई…पायल ने वंश को चारपाई पर लेटा दिया, और अपनी ब्रा के हुक्स बंद करते हुए बोली….
पायल: बच्चू तुझे तेनू तां रात नू दस्दि हां…
पायल मुस्कराते हुए फिर से रात के खाने की तैयारी करने के लिए किचन में चली गई….साहिल भी उठ कर छत पर जाकर टहलने लगा….अब अंधेरा होने वाला था…..सिमरन कुछ देर और बैठ कर चली गई…थोड़ी देर बाद आसमान में बिल्कुल अंधेरा छाने लगता है…और साहिल जब नीचे आता है, तो चाची उसे खाने के लिए बोल कर रूम में आने को कहती है….
खाना खाने के बाद गीता टीवी चालू कर देती है….सनडे का दिन था इसीलिए टीवी पर मूवी चल रही थी….पायल वंश और फिर साहिल कल की तरह बेड पर लेटे थे…..और गीता बेड के साथ चारपाई पर लेटी हुई थी….मूवी रात के करीब 12 बजे ख़तम हुई, और फिर पायल ने गीता को टीवी और लाइट ऑफ करने को कहा….गीता ने उठ कर लाइट ऑफ कर दी, 12 बज चुके थे..इसीलिए गीता को थोड़ी ही देर मे नींद आ गई….पर ना तो साहिल सो रहा था, और ना पायल. पायल जानती थी कि, कल नेहा दीदी वापिस आने वाली है….
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