RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--8
पायल: मा तुम दोनो अचानक कैसे आना हुआ सब ठीक तो है ना….
नीलम: हां सब ठीक है, वो स्कूल में साहिल ने गीता को बताया था कि, नेहा की मा बीमार है….
पायल: हां हॉस्पिटल में दाखिल है…
पायल ने अंदर आकर गीता और अपनी मा नीलम को बैठाया, और खुद किचन में नींबू पानी बनाने चली गई…साहिल अभी भी बेड पर बैठा हुआ था…. गीता उसकी तरफ देख कर मुस्कुराइ, तो साहिल ने भी उसकी तरफ देख कर स्माइल की, “गीता क्या हुआ ऐसे क्यों लेटे हो”
इससे पहले के साहिल कुछ बोलता….पायल नींबू पानी लेकर रूम में आ गई, और अपनी मा और छोटी बेहन को देते हुए बोली….
पायल: गीता तू सही कहती थी.ये बहुत बिगड़ गया है…
पायल ने साहिल की तरफ मुस्करा कर देखते हुए कहा और फिर खुद साहिल के पास जाकर बैठ कर उसके सर को सहलाते हुए बोली…
पायल: जनाब स्कूल से आते ही तेज धूप में छत पर जाकर पतंग उड़ाने की बात कर रहे थे…तो इसे डाँट कर यही सुला दिया था….अभी थोड़ी देर पहले जगा है…
नीलम: अच्छा ये सब छोड़ ये बता अब नेहा की मा कैसे है….
पायल: पता नही जब दीदी वापिस आएँगी तभी पता चलेगा…
नीलम: ये गीता ने ज़िद कर रखी थी….तुम्हारे यहाँ आने को…इसीलिए आ गई…सोचा नेहा की मा का भी पता ले लू…
पायल: क्यों री मा को क्यों परेशान करती है…
नीलम: अच्छा बेटा अब में चलती हूँ….कल सनडे है इसीलिए गीता यही रहना चाहती है….कल शाम को घर ले जाउन्गि इसे….
नीलम की ये बात सुनते ही पायल के बदन में मानो जैसे आग लग गई हो…पायल ने फिर जबरन मुस्कान लाते हुए कहा…
पायल : ठीक है मा…
नीलम गीता को छोड़ कर चली गई…..अब शाम हो चुकी थी. इसीलिए साहिल पतंग उड़ाने के लिए छत पर चला गया..पायल मन ही मन गीता को गालियाँ दे रही थी….सब धरा का धरा रह गया था…साहिल थोड़ी देर पतंग उड़ाता रहा, और फिर पतंग उतार कर चारपाई पर बैठ गया…
तभी पायल ऊपेर छत पर आई, कपड़े उतारने के लिए…उसने देखा साहिल अकेला चारपाई पर बैठा हुआ था…वो साहिल के पास जाकर बैठ गई..
पायल: क्या हुआ साहिल ?
साहिल: कुछ नही…..
पायल: तुम बहुत गंदे हो ?
साहिल : (पायल की तरफ हैरत से देखते हुए) क्यों ?
पायल: अच्छा तुम्हे नही पता….
साहिल: नही मुझे नही पता….
पायल: अच्छा जब उठे थे, तुमने मेरे साथ क्या किया….ज़बरदस्ती मेरे दूध पर मूह लगाया तू…
साहिल: (थोड़ा सा घबराते हुए) मैने कहाँ ज़बरदस्ती की, तुमने तो कहा था..
पायल: अच्छा जी…आने दो दीदी को फिर बताती हूँ….
साहिल: (एक दम से घबराते हुए) नही चाची मा को कुछ मत कहना…
पायल: तो फिर क्यों किया मेरे साथ ऐसे…
साहिल: तुमने ही तो कहा….
पायल: अच्छा जी फिर दूध पीने के ज़िद कोन कर रहा था…तेरे चाचा को बताती हूँ कि, तूने मुझे कैसे तंग किया…
साहिल: (रुआंसा सा होकर बोलते हुए) नही चाची किसी को मत कहना….में आगे से तुम्हे तंग नही करूँगा….
पायल: अच्छा चल ठीक है, तूने मेरे दूध चूसे है ना, अब में तुझसे बदला लूँगी…..
साहिल: चाची मेरे साथ चाहे जो भी कर लो, जो सज़ा देनी है दे दो..पर किसी को ना कहना..
पायल: अच्छा चल देखते है..फिलहाल में ये बात किसी को नही बतानी…
ये कह कर पायल दूसरी तरफ मूह करके हँसने लगी…और फिर कपड़े उठा कर नीचे आ गई….थोड़ी देर बाद साहिल भी बेमन से नीचे आ गया.. रात को खाना खा कर सब सोने के तैयारी करने लगी…पायल ने अपने ही रूम में एक और चारपाई लगा दी….
जब सारा काम निपटा कर गीता, और पायल रूम में आए, तो साहिल वंश के साथ खेल रहा था….गीता ने चारपाई पर लेटते हुए कहा….”साहिल तू यहाँ आजा मेरे साथ” पर इस पर पायल थोड़ा ठिठक गई….
पायल: नही वो बेड पर ही सो जाएगा….इतना बड़ा बेड है…..
फिर पायल सबसे पहले बेड पर लेट गई….और अपने आगे वंश को लेटा दिया…उसके बाद साहिल बेड पर लेट गया…पायल ने गीता को लाइट ऑफ करने को कहा….गीता ने खीजते हुए लाइट बंद कर दी, साहिल बेड के किनारे की तरफ था…बेड का दूसरा किनारा दीवार से सटा हुआ था….और जिस तरफ साहिल लेटा था, उसके बगल में गीता की चारपाई थी….
आज पायल ने कुछ ज़्यादा देर लगा कर काम निपटाया था….और फिर दोनो बहने इधर उधर की बातें करने लगी…रूम में अंधेरा था…इसलिए कोई भी एक दूसरे को देख नही पा रहा था…दोनो काफ़ी देर तक बातें करती रही…फिर रूम में शांति सी छा गई…
गीता गहरी नींद में सो रही थी…पर आज चाची के द्वारा धम्काये जाने के कारण साहिल की आँखों से नींद गायब थी……रह -2 कर उसके मन में यही ख्याल आ रहा था कि, अगर चाची ने सच में चाचा और मा से शिकायत कर दी, तो क्या होगा…. तभी उसे चाची की तरफ से सरसराहट सी सुनाई दी…साहिल के कान तुरंत खड़े हो गए….
|