RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
साहिल एक दम से घबरा गया….उसकी शकल अभी से रोने वाली हो गयी थी….उसे लग रहा था कि, अब उसकी खेर नही…
गीता: हां दीदी ये जो साहिल ना आज कल बहुत बिगड़ गया है….
पायल: अच्छा क्या हुआ क्या किया हमारे दुलारे ने…
गीता: (साहिल की ओर देख कर घूरते हुए) ये आज कल पढ़ाई कम और खेलता ज़्यादा है….इसलिए बुलाया था कि, मैं इसको पढ़ा सकूँ….
पायल: अच्छा बस इतनी से बात है….”तो क्या हुआ खेलने की उमर है अब नही खेलेगा तो कब खेलेगा….
गीता: अच्छा दीदी तुम तो मेरी कोई बात माना ही ना करो.
पायल: लो जी अब तुम नाराज़ हो जाओ….अच्छा मैं नही बोलती तुम्हारी बातों मे इसे पढ़ा दिया करो….
फिर गीता उसकी मा और पायल तीनो बातें करने लगी..इतने मे पूनम भी उठ कर आ गयी….और सब से गप्पे लड़ाने लगी….दोपहर के 2 बज चुके थे….गीता और पूनम ने मिल कर खाना बनाया और सब ने खाना खाया….
नीलम: अच्छा बेटा अब तुम थोड़ा सा आराम कर लो, और वंश को भी दूध पीला कर सुला दो..थक गया होगा बेचारा….मैं दूसरे रूम मे जाकर आराम करती हूँ…
उसके बाद नीलम दूसरे रूम मे चली गयी….उनके घर मे कुल 4 रूम थे…..एक मे पायल का भाई और उसकी बीवी रहते थे, दूसरे मे उसकी मा और गीता सोती थी….एक रूम खाली था.हालाकी वहाँ पर भी बेड और दूसरा समान था…..और चोथे मे वो आनाज़ वेगहरा रखती थी..
जब गीता बाहर जाने लगी, तो उसने , साहिल को आवाज़ लगाई, और अपने साथ चलने को कहा…पायल को तो नींद ने घेर लिया था….साहिल सहमा सा उठ कर गीता के पीछे आ गया….गीता उसे खाली पड़े रूम मे ले गयी….वो रूम बाकी तीनो रूम से अलग था….और वहाँ की खिड़की जो बेड के बिल्कुल पास थी. वहाँ से बाकी तीनो रूम्स के डोर नज़र आते थे…..गीता अंदर आते ही बेड पर बैठ गयी, और साहिल को देखते हुए बोली, आ बैठ यहाँ पर अब तेरी खबर लेती हूँ……साहिल घबराता हुआ उसके पास बेड पर बैठ गया..
गीता: क्यों रे कहाँ से मिली तुझे वो किताब….
साहिल गीता की बात सुन कर खामोश हो गया…उसकी रॉनी सूरत उसकी दशा बयान कर रही थी….”सुना नही मेने क्या कहा, बोलता है या बताऊँ तेरी चाची को”
साहिल: नही मौसी चाची को कुछ नही बताना….
गीता: तो फिर बता कहाँ से मिली वो किताब तुझे…
साहिल: वो वो मेरी नही है..वो तो राजेश ने दी थी…
गीता: हाए ओये रब्बा पता नही क्या होगा आज कल के बच्चो का ज़मीन से बाहर निकले नही, और क्या क्या करते है….तुझे शरम नही आती ऐसी किताबें देखते हुए, बोल बताऊं दीदी को….
साहिल गीता की बात सुन कर रोना शुरू कर देता है…और सूबकते हुए कहता है” नही मौसी उनको ना बताना…मैं आगे से फिर कभी नही देखूँगा” गीता साहिल को रोता देख थोड़ा सा नरम पड़ जाती है…वैसे वो भी नही चाहती थी कि, ये बात किसी को पता चले, और साहिल के रोने की आवाज़ सुन कर कोई इधर आ जाए….
गीता: अच्छा-2 नही बताती , पहले चुप कर,
साहिल अपने आँसू पोंछते हुए चुप होने लगता है, पता नही गीता के मन मे क्या आता है, वो अपना बॅग उठा कर वो बुक उसमे से निकाल लेती है,
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