RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
अंकित को अफ़सोस हो रहा था कि रचना एक लड़की होकर इतने खुले अंदाज में बोल रही थी, पर इतना सोचने का उन दोनों के पास समय कहाँ था, वो तो भूखे कुत्तों की तरह सिम्मी पर टूट पड़े।
सिम्मी सिसकारे जा रही थी और वो दोनों उसको चूमने में लगे हुए थे। अंकित उसके निप्पल चूस रहा था और सुधीर उसकी चूत चाटने में लगा हुआ था।
दो मिनट तक ये चलता रहा, अब सिम्मी को शायद मज़ा आ रहा था। वो मुँह से अजीब आवाजें निकालने लगी थी।
रचना- अब बस भी करो… जाओ तेज़ाब लेकर आओ, इसके चेहरे और जिस्म पर दो-तीन दाग लगा दो, ताकि इसे पता चल जाए मैं क्या चीज हूँ…!
अंकित- पागल हो गई हो क्या..! नहीं हमें इसकी जवानी तो लूटने दो..और तुम भी देखो सेक्स कैसे होता है..! क्या पता तुम्हारा भी मन हो जाए चुदने को और तुम भी नंगी होकर यहीं आ जाओ।
रचना- चुप रह कुत्ते, तेरी इतनी औकात नहीं कि तू मुझे छू भी कर सके और तुमने इतनी बड़ी बात बोल दी। अब मैं जा रही हूँ तुमको इसके साथ जो करना है करो, आई डोंट माइंड बस ये छिनाल को अपना मुँह नहीं खोलना चाहिए। जब ये होश में आए तो इसे बता देना की हमने इसका वीडियो बना लिया है और तेज़ाब से दाग लगाना मत भूलना वरना मुझ से बुरा कोई नहीं होगा।
रचना गुस्से में पैर पटकती हुई रूम से बाहर निकल जाती है।
सुधीर- अरे यार वो तो चली गई।
अंकित- जाने दे यार, साली को फिर कभी पटा लेंगे, अभी इसको देख कितना गोरा बदन है, यार मेरा लौड़ा तो पैन्ट में तूफान मचा रहा है। यार इसके होंठ तो देख, कितने पतले हैं आ..हह.फ अपना लौड़ा साली के होंठों पर फेरता हूँ… तू चूत को चाट कर गीला कर… साली की अभी सील तोड़ता हूँ.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
दोस्तो, बीच में आने के लिए सॉरी। मैं आपको बता दूँ कि अंकित तो सारी बात शॉर्ट में ही बता रहा है, इतना डीप में नहीं। मगर आप लोगों को चुदाई का भरपूर मज़ा मिले इसलिए वहाँ क्या हुआ, ये मैं आपको विस्तार से बता रही हूँ ओके…एंजाय…!
अंकित आपने कपड़े निकाल देता है। उसका 7″ का लौड़ा आज़ाद हो जाता है।
पूनम- उउउ आ..हह.. उफ्फ धीरे… अईआइ आ..हह.. प्लीज़ आ उई आईए आह…!
अंकित लौड़े को पूनम के होंठों पर घुमाने लगता है, वो पूनम का मुँह खोल कर लौड़ा अन्दर डाल देता है। वो चूस नहीं रही थी, अंकित बस मुँह में आगे-पीछे करने लगता है।
सुधीर- वाउ क्या टेस्टी चूत है यार.. आज तक सील-पैक चूत नहीं चाटी, मज़ा आ रहा है। इसकी चूत बहुत टाइट है, ऊँगली डालने की कोशिश कर रहा हूँ, पर जा ही नहीं रही।
अंकित- आह उफ़फ्फ़ साली के मुँह में इतनी गर्मी है, तो चूत में कितनी होगी आहह आ क्या मज़ा आ रहा है… तू बस चूत को चाट यार ऊँगली मत कर, मेरे लौड़े से आपने आप इसकी सील टूट जाएगी और चूत खुल भी जाएगी।
सुधीर- यार रुक मुझे भी नंगा होने दे, अन्दर साला लंड, मचल रहा है।
सुधीर भी नंगा हो जाता है, इसका लौड़ा भी अंकित की तरह मोटा और 7″ का ही था। उसने लौड़ा चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
अंकित- अबे साले क्या कर रहा है? हट वहाँ से तेरा क्या भरोसा चूत पर रगड़ता-रगड़ता कहीं अन्दर डाल देगा। ला अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा। अब साली को चोदने दे।
सुधीर वहाँ से हट जाता है और सिम्मी के मम्मे चूसने लगता है। अंकित लौड़े पर अच्छे से थूक लगाकर चूत पर टिका देता है।
पूनम- उउउ आआ आह न नहीं प्लीज़ आ आ उफ्फ आ मत तड़पाओ उहह आ प्लीज़ आ..हह.. नहीं आ…!
अंकित लौड़े पर दबाव बनाता है, पर वो ऊपर निकल जाता है। दोबारा ट्राई करता है, तो नीचे फिसल जाता है।
अंकित- उफ साली चूत है या तिजोरी… खुलती ही नहीं.. अबे सुधीर साले हिला मत, एक तो लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा और तू कुत्तों की तरह मम्मे को दबा रहा है, चूस रहा है…!
सुधीर- रूको यार मैं ऊँगली से चूत की फाँक खोलता हूँ तुम टोपी अन्दर फँसा कर ज़ोर का झटका मार दो… लौड़ा आपने आप घुस जाएगा।
अंकित- अबे साले तू तो ऐसे बोल रहा है, जैसे मैं पहली बार किसी को चोद रहा होऊँ। भूल गया क्या रागिनी की कैसी दमदार चुदाई की थी मैंने और अनिता तो मेरे लंड की दीवानी है।
सुधीर- यार तुम भी ना किन रण्डियों की बात कर रहे हो..! दिन भर में ना जाने कितने लौड़े उनकी चूत में जाते हैं। वो उनका धन्धा है ऐसी सील पैक चूत मारी है कभी.. जो बात कर रहे हो..! चलो हटो मैं मदद करता हूँ..!
सुधीर ऊँगली से चूत को खोल देता है और अंकित दोबारा से बहुत सारा थूक चूत के अन्दर तक लगा देता है और आपने लौड़े को भी चिकना कर लेता है। फिर टिका देता है चूत के मुँह पर।
अंकित- आ..हह.. उफ्फ हाँ टोपी अन्दर फंस गई। अब धक्का मारता हूँ.. तू हाथ हटा लेना जल्दी से…!
सुधीर- ओके.. मार दे यार।
अंकित ज़ोर से एक धक्का मारता है, आधा लौड़ा सील तोड़ता हुआ अन्दर घुस जाता है। सिम्मी आधी होश में और आधी बेहोशी में थी, पर उस वक़्त वो अपनी पूरी ताक़त लगा कर चीखी।
सिम्मी- आआआ आआआआअह आ आआआआअ…!
अंकित- साले मुँह बन्द कर इसका… पूरे मोहल्ले को सुनने के बाद बंद करेगा क्या…!
सुधीर जल्दी से आपने होंठ सिम्मी के होंठों पर टिका देता है और अंकित आधे लौड़े को पीछे खींच कर एक और ज़ोर का धक्का मारता है। पूरा लौड़ा चूत को चीरता हुआ अन्दर समा जाता है। सिम्मी के होंठ बन्द थे, पर उसकी साँसें अटक गई थीं, इस फोर्सफुल एंट्री से उसकी आँखें बाहर को आ गई थीं और सबसे मज़े की बात आपको बताऊँ दोस्तों कि रचना गई नहीं थी। वो वहीं रूम के डोर के पास खड़ी थी, डोर थोड़ा सा खुला हुआ था और वो आराम से ये सब रिकॉर्ड कर रही थी। उसकी हालत भी खराब हो रही थी। ये सब देख कर उसकी चूत गीली हो गई थी।
सुधीर- वाह यार.. एक ही बार में पूरा लौड़ा घुसा दिया। क्या अब चूस लूँ इसके निप्पल.. मैंने हाथ रखा हुआ है इसके मुँह पर…!
अंकित- आ..हह.. आह चूस ले साले जो चूसना है उफ्फ इसकी चूत बहुत टाइट है, यार लौड़ा छिल गया लगता है…. उफ्फ बहुत गर्मी है इसकी चूत में लौड़ा फँस सा गया है…!
सुधीर- उफ़फ्फ़ क्या रसीले मम्मे हैं साली के… आ..हह.. मज़ा आ रहा है, यार जल्दी कर मेरा लौड़ा अब ज़्यादा देर टिका नहीं रह सकता। मुझे भी इसकी चूत का मज़ा लेना है।
अंकित- आ आ..हह.. हाँ यार आ..हह.. बस मैं झड़ने वाला हूँ आ..हह.. उफ़फ्फ़ मैं गया आह ह…!
अंकित ने पूरा पानी सिम्मी की चूत में भर दिया और लौड़ा बाहर निकाल लिया।
सुधीर- अरे यार तूने तो सारी चूत खराब कर दी अब पानी साफ करके ही डालूँगा और ये क्या इसकी सील टूटी, पर खून इतना सा ही आया, ये कैसे…!
अंकित- हाँ यार बस ना के बराबर खून आया है। कहीं इसकी सील पहले ही तो नहीं टूटी हुई थी…!
सुधीर- नहीं यार मैंने चूत को गौर से देखा है। पहली बार आज तूने ही चोदा है। एक बात हो सकती है, शायद बचपन में खेल-कूद में इसकी सील टूट गई होगी।
अंकित- हाँ ये हो सकता है, ले आजा डाल दे लौड़ा चूत में मुझे ज़ोर की लगी है मैं आता हूँ बाथरूम होकर।
सिम्मी की आँखों से आँसू लगातार जारी थे। वो इस चुदाई और दर्द से टूट गई थी, मगर पता नहीं उन कुत्तों ने उसको कौन सी दवा दे दी थी कि बेचारी के हाथ-पाँव में जान ही नहीं थी।
सुधीर ने लौड़े पर थूक लगाया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में डाल दिया। इस बार सिम्मी को दर्द इतना ज़्यादा हुआ कि एक चीख के साथ वो बेहोश हो गई। 20 मिनट तक सुधीर उसको चोदता रहा और आख़िर उसका भी पानी निकल गया।
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