RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
शरद- अशोक तुम ऊपर के रूम में जाओ। मुझे ललिता पर शक है वीडियो में देखो, उसने यहाँ कुछ सुना तो नहीं न.. हम यहाँ संभालते हैं और प्लीज़ ऐसा-वैसा कुछ मत कर देना। कुछ भी बात हो, मुझे इन्फॉर्म करना ओके…!
अशोक ‘ओके’ बोल कर वहाँ से निकल जाता है।
सचिन- अच्छा किया उसको भेज दिया, ये दोनों ललिता को देख कर पागल हो गए, सब
करने को तैयार हैं।
शरद- पहले पूरी बात बताओ, तुम दोनों ने क्या किया? रचना कैसे बच गई थी? और पूनम ने तुम दो को ही देखा था क्या? अमर ने भी तो किया था न? उसका नाम उसने क्यों नहीं लिया?
अंकित- भाई आप पूरी बात सुनो, आप खुद समझ जाओगे?
दोस्तों अंकित के मुँह से सुनने में मज़ा नहीं आ रहा चलो खुद देख लेते हैं कि वहाँ क्या हुआ था।
सुबह 9 बजे रचना और पूनम वहाँ पहुँच जाते हैं।
रचना ने जींस और टी-शर्ट पहनी थी और पूनम ने पिंक सलवार-कमीज़ पहनी थी। क्या क़यामत लग रही थी वो…!
पूनम- रचना ये कहाँ ले आई मुझे..! तुमने कहा था कि किसी फ्रेण्ड से मिलवाओगी, जो
बहुत बीमार है, पर ये किस का घर है? तुमने कहा था कि हॉस्पिटल जा रहे हैं?
रचना- अरे यार, आओ तो… सब पता चल जाएगा।
रचना डोर नॉक करती है। सुधीर डोर खोल देता है।
रचना- हाय सुधीर कैसे हो, निमा कहाँ है? अब उसकी तबीयत कैसी है?
रचना आँख से सुधीर को इशारा कर देती है।
पूनम को देख कर सुधीर की तो आँखों में चमक आ जाती है।
वो उस ड्रेस में वो बहुत मस्त लग रही थी।
सुधीर- आओ ना… अन्दर आओ, वो रूम में है।
दोनों अन्दर आ जाती हैं। तभी सुधीर के फ़ोन पर रिंग आती है। वो साइड में होकर फोन सुनता है।
सुधीर- हैलो कौन?
अमर- अमर बोल रहा हूँ, रचना वहाँ आई है न.. पूनम को लेके.. मैं जानता हूँ रचना ने तुम दोनों के साथ मिल कर कोई प्लान बनाया है, पर तुम दोनों ध्यान रखना, मेरी नज़र तुम दोनों पर ही है। रचना के साथ डबल-गेम खेलने की कोशिश मत करना। मैं तुम दोनों को अच्छे से जानता हूँ..!
सुधीर-. ओके बाबा, विश्वास करो, हम बस उसकी हेल्प कर रहे हैं।
अमर- ओके मैं यहीं तुम्हारे घर के बाहर खड़ा हूँ कोई गड़बड़ हुई ना, तो देख लेना…!
सुधीर- ओके बाबा, अब बाय।
रचना और पूनम हॉल में सोफे पर बैठ जाती हैं। सुधीर बात करके आता है।
सुधीर- सॉरी, वो एक दोस्त का फ़ोन था निमा के बारे में पूछ रहा था, मैं अभी आया।
सुधीर अन्दर जाकर अंकित को अमर की बात बता देता है।
अंकित- साली रंडी अपने बॉडीगार्ड को साथ लाई है, नहीं तो आज उसकी जवानी का मज़ा ले ही लेते।
सुधीर- जाने दे ना यार, एक गिलास में गोली डाल दे, उसको फिर कभी चोद लेंगे। आज पूनम का मज़ा लेते है न..!
अंकित- ओके, तू बाहर जा.. मैं आता हूँ।
सुधीर बाहर आ जाता है और आकर बैठ जाता है।
पूनम को कुछ अजीब सा महसूस होता है।
पूनम- यार, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हम किससे मिलने आए हैं और ऐसे बाहर क्यों बैठे हैं? चलो ना अन्दर, तुम्हारी फ्रेण्ड को मिल कर वापस चलते हैं।
रचना- हाँ सही कहा तुमने।
रचना आगे कुछ बोलती अंकित ट्रे में जूस लेकर आ गया।
अंकित- लो भाई ठंडा-ठंडा जूस पियो।
पूनम- अरे अंकित, तुम भी यहीं हो और ये जूस तुम क्यों लाए हो? ये क्या चल रहा है, समझ नहीं आ रहा है।
रचना- अरे यार निमा अंकित की बहन है और सुधीर इसका चचेरा भाई है। इसमें अजीब क्या है यार? सुधीर निमा को बुलाओ ना..!
अंकित- मैंने उसको बोल दिया है, वो बाथरूम में है, बस आती होगी। लो तब तक ये जूस पियो।
पूनम को अजीब तो लग रहा था, पर वो उनकी साजिश को समझ ना पाई और उसने वो जूस पी लिया। दोस्तों आप शायद जानते नहीं, अंकित ने उसमें फुल डोज डाली थी, जिससे एक मिनट में ही उसका सर घूमने लगा और साथ में अंकित ने उसमें सेक्स उत्तेज़ित करने की गोली भी डाली थी, जिससे पूनम के बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी।
पूनम- उफ्फ रचना… मेरा सर घूम रहा है। ये क्या हो रहा है मुझे?
रचना- ओह्ह माय गॉड… क्या हुआ तुमको, सुधीर इसे रूम में ले चलो, इसको क्या हो गया है?
सुधीर फट से खड़ा हुआ और पूनम को सहारा देते हुए बेडरूम तक ले गया और बेड पर लेटा दिया।
पूनम- उहह न न… नहीं, मुझे नहीं सोना य य यहाँ मु..मु..झे घर ज..ज..जाना है।
रचना- अरे यार ऐसी हालत में कैसे जाओगी? थोड़ी देर आराम कर लो, बाद में हम घर चलेंगे।
पूनम- उफ्फ कितनी आ..हह.. गर्मी है यहाँ। मुझे ब बहउत ग..ग..गर्मी लग रही है…आ..हह.. मेरे बदन में आ..हह.. कुछ हो रहा है..आ..हह.. अजीब सा दर्द हो रहा है।
रचना- ओहह ये क्या हो गया तुमको.. अरे तुम दोनों खड़े क्या देख रहे हो, थोड़ा बदन दबाओ, इसके कपड़े निकालो.. पूनम को इन कपड़ों में गर्मी लग रही है।
पूनम का सर घूम रहा था, पर वो होश में थी, ये सुनते ही रोने लगी।
उसके हाथ-पांव में बिल्कुल ताक़त नहीं थी कि उनका विरोध कर सके।
दोनों बेड पर बैठ गए, अंकित पूनम के मम्मों को सहलाने लगा और सुधीर उसकी कमीज़ को निकालने में लग गया।
पूनम- न न नहीं प्लीज़ उउउ उउउ ऐसा आ म मत करो आ आ रचना आ इनको रोको ना…!
रचना- चुप छिनाल, अब दवा का पूरा असर हो गया है, अब सुन यहाँ कोई निमा नहीं है यहाँ आज तेरा एमएमएस बनेगा। मेरी बेइज़्ज़ती करवाई थी न तूने, उन के बीच.. अब देख मैं क्या करती हूँ..!
सुधीर उसका कमीज़ निकाल देता है। गोरे बदन पर ब्लैक ब्रा क्या मस्त लग रही थी। उसके 32″ के नुकीले मम्मे बाहर निकालने को बेताब थे और सेक्स की गोली ने भी अपना काम चालू कर दिया था। पूनम के निप्पल एकदम खड़े ब्रा में से भी साफ दिख रहे थे।
पूनम- प्लीज़ उउउ भगवान के लिए मु..म मु..मुझे छोड़ दो आ..आ..उउ आ..हह.. आ रचना मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है…!
रचना- चुप रंडी… रोना बन्द कर तू, जब आई उसी दिन मैंने कसम खाई थी कि तुझ से बदला लूँगी। सब मेरे हुस्न के दीवाने थे, पर तूने अपनी अदाओं से सब को अपना बना लिया। तू किसी रंडी की औलाद है, जो तेरे पास सब अदायें हैं। इसी लिए मैंने तुझसे दोस्ती की, तेरा भरोसा जीता, पर तू जानबूझ कर तैयार होकर आती थी। ताकि मेरा क्रेज कम हो, पार्टी में तूने ही लड़कों को इशारा किया था कि मेरी बेइज़्ज़ती करें। अब तू देख मैं तेरा क्या हाल करती हूँ..!
अंकित- क्या मस्त आइटम है यार…!
रचना- अब मेरा मुँह क्या देख रहे हो, जल्दी से इसको नंगा करो। मुझे वीडियो बनानी है।
सुधीर- अभी लो बॉस.. मैं इसका नाड़ा खोल देता हूँ।
पूनम- न न नहीं प्लीज़ प्प प्लीज़ रचना तू तू तुम गलत समझ रही हो..
मैंने कभी तुमको नीचा न..नहीं दिखाना चाहा।
सुधीर ने नाड़ा खोल कर सलवार भी निकाल दी। सिम्मी ने पैन्टी भी ब्लैक पहनी थी, जो ब्रा की तरह पतली और जालीदार थी, उसमें से उसकी बड़ा-पाव जैसी फूली हुई चूत साफ दिख रही थी।
सुधीर- वाउ…. क्या सीन है यार..! मेरा पप्पू का तो हाल खराब हो रहा है।
रचना- बस बस ये फिल्मी डायलोग बन्द करो और पूरी नंगी कर दो इसको, मैं मोबायल ऑन करती हूँ।
अंकित ने सिम्मी की ब्रा खोल दी, उसके मदमस्त कर देने वाले मम्मे आज़ाद हो गए और सुधीर ने पैन्टी निकाल दी, एकदम क्लीन-शेव्ड चूत सामने आ गई। शायद कल ही उसने शेव की होगी।
रचना- गुड अब पोज़ लेने दो, बड़ी शरीफ बनती फिरती है, चूत को कैसे साफ किया हुआ है… जरूर इसका किसी के साथ चक्कर होगा रंडी कहीं की..!
|