RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
अशोक उठ कर शरद को गुड मॉर्निंग कहता है और वो भी बाथरूम में घुस जाता है।
शरद मोबाइल लेकर बाहर चला जाता है और फ़ोन पर बात करने लगता है।
शरद- हैलो कहाँ हो सचिन… अब तक आए क्यों नहीं…!
सचिन- हाँ भाई काम हो गया, दोनों मिल गए सालों को चूत का चस्का दिखा कर ला रहा हूँ, पर अन्दर कैसे लाऊँ, अब तक तो सब उठ गए होंगे..!
शरद- पीछे के गेट से ले आ और हाँ गेट में एंटर करके लेफ्ट साइड से आना, थोड़ी दूर बेसमेंट का गेट है, उनको वहाँ ले आ, मैं और अशोक वहीं आते हैं ओके…!
सचिन- ओके, भाई बस पाँच मिनट में आया।
शरद अशोक को सब समझा देता है और खुद वापस नीचे के रूम में जाता है, जहाँ तीनों रेडी हो रहे थे।
शरद- गुड मॉर्निंग… सेक्सी गर्ल्स…!
“हे गुड मॉर्निंग..!” दोनों एक साथ बोल पड़ीं।
शरद- क्या हाल है जान…!
ललिता- हाल तो खराब ही हैं… चूत में बहुत दर्द हो रहा है, चलने में मुश्किल आ रही है।
रचना- ओह शरद जी मैंने इसको बताया कि थोड़ा वॉक करो, सब ठीक हो जाएगा, अभी गर्म पानी से चूत का सेक भी किया है।
अमर- हाँ यार, मैंने भी कहा ये तो बस बैठी है, चल ही नहीं रही।
शरद- जान ये सही कह रहे हैं, चलो खड़ी हो जाओ और धीरे-धीरे वॉक करो, ओके यस गुड गर्ल…!
शरद- अमर तुम मेरे साथ आओ और तुम दोनों का नाश्ता यहीं भिजवा रहा हूँ, बाहर मत आना। धरम अन्ना के लोग आने वाले हैं, तुम उनके सामने ऐसे ही आ जाओगी तो, हिरोइन वाली वो बात नहीं रहेगी। ओके यहीं रहना, हम कुछ देर में आते हैं।
रचना- ओके… बाबा नहीं आएँगे, पर जल्दी से नाश्ता भिजवा दो, बहुत भूख लगी है यार।
शरद- बस दस मिनट रूको नाश्ता आ जाएगा।
अमर को लेकर शरद बाहर निकल जाता है और उसको धरम अन्ना का पता बता कर वहाँ जाने को बोलता है।
अमर- मगर अभी तो कहा धरम अन्ना यहाँ आने वाला है, तो मुझे वहाँ क्यों भेज रहे हो? बात क्या है यार?
शरद- तुम जाओगे, तब धरम अन्ना आएगा ना..! वहाँ कुछ पेपर साइन करने हैं जाओ कर दो, धरम अन्ना तुमको वहाँ पर सब कुछ समझा देगा ओके…!
अमर को कुछ समझ में नहीं आया और वो चुपचाप शरद के बताए पते पर जाने के लिए वहाँ से निकल गया।
इधर अमर के जाते ही शरद ने किसी को फ़ोन किया।
शरद- हैलो हाँ सुनो वो आ रहा है, इंतजाम कर देना, समझ गए ना…!
शरद ने सामने वाले से दो मिनट बातें की और उसके बाद किसी और को फ़ोन किया
और नाश्ते के बारे में समझा कर फ़ोन काट दिया।
अब वो खुद बेसमेंट की तरफ चल दिया।
अंकित- वाउ… यार किसका फार्म है, बड़ा मस्त है यार, लेकिन ये बेसमेंट में कहाँ ले आया यार, आइटम कहाँ है? बता ना यार?
सुधीर- हाँ यार सचिन बता ना, तूने कहा था एकदम कच्ची कली है, बता न.. यार कहाँ हैं।
सचिन- वो देख सीढ़ियों पर आ रही है और मैंने एक कहा था ना, यहाँ दो कच्ची कलियां आ रही हैं। अब तो तुम दोनों के मज़े हैं यारों, ऐश करो…!
शरद- यहाँ हैं आइटम… गौर से देखो, एक नहीं दो हैं, क्यों पसन्द आई क्या?
उन दोनों की तो गाण्ड ही फट गई थी, क्योंकि शरद के हाथ में गन थी और आँखों में गुस्सा भरा हुआ था।
अंकित- ये ये ये क्या है… सचिन कौन है ये..? अई..ईई… और इसने गन क्यों तान रखी है?
अशोक- मैं बताता हूँ मादरचोदो तुमको रूको…!
इतना बोलकर अशोक उनके पास जाता है और दोनों को डराने लगता है।
शरद- बस अशोक रुक जाओ, इनको खुराक मिलेगी तभी ये तोते की तरह बोलेंगे, छोड़ दो इनको।
दोनों साइड में हो जाते हैं और उन दोनों की तो हालत खराब हो रही थी। उनको कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था।
शरद- हाँ तो अब शुरू हो जाओ, बताओ रचना के साथ मिलकर क्या प्लान बनाया था और पूनम के साथ रचना की क्या दुश्मनी थी, जो उसने उसको तुम कुत्तों के पास मरने के लिए छोड़ दिया।
सुधीर- क क कौन रचना..कौन पूनम.. हमें कुछ नहीं पता..ह ह..हमें तो ये सचिन लाया यहाँ स साला बोला आज झकास आइटम हाथ लगी है चलो मज़ा करते हैं।
सचिन आगे बढ़कर उसको एक मुक्का दिखाता है।
सचिन- बता साले, भाई जो पूछ रहा है वरना तुम दोनों की लाश भी कोई पहचान नहीं पाएगा समझे…!
अंकित- ओके बताता हूँ, पर तुम हो कौन आख़िर ये सब क्यों जानना चाहते हो?
शरद- देखो हमको रचना से बदला लेना है इसलिए ये सब पूछ रहे हैं। हम जानते हैं तुम दोनों ने पूनम के साथ क्या किया था, पर इसमें रचना का क्या रोल था.. वो बताओ?
सुधीर- भाई कसम से, उस रंडी के साथ तो हमको भी बदला लेना है साली सारा गेम खुद बनाई, वो लड़की को मारने के बाद कई महीनों तक छुपते हम फिरे और अब साली बोलती है कि कौन हो तुम… मैं तुमको नहीं जानती…!
सचिन- ऐसा क्यों कहा उसने…!
अंकित- भाई आप तो जानते हो, हम दोनों टपोरी लड़के हैं पैसों के लिए कुछ भी कर सकते हैं। रचना के कहने पर हमने ये सब किया, साली ने पैसे देने से इन्कार कर दिया और कहा ज़्यादा बात की तो सब कुछ पुलिस को बता देगी। मादरचोदी ने मोबाइल में हमारी वीडियो बना लिया था। जब हम पूनम के साथ मज़ा कर रहे थे।
ये सुनते ही अशोक को गुस्सा आ गया और वो उन दोनों को मारने के लिए आगे बढ़ा। बड़ी मुश्किल से शरद ने वहाँ से उसको हटाया और एक साइड बैठा दिया।
शरद- अरे यार प्लीज़ रूको, पूरी बात तो जान लो पहले…!
सुधीर- पानी आ पानी पिला दो, बहुत प्यास लगी है आह…!
सचिन उनको पानी पिलाता है और आगे की बात बोलने को कहता है।
अंकित- देखो भाई मैं शुरू से आपको बताता हूँ रचना और उसकी बहन ललिता स्कूल की सबसे टॉप की आइटम थीं और कई लड़के उनके पीछे लट्टू की तरह घूमते थे। मैं और सुधीर तो हर वक़्त मौके की तलाश में रहते कि कब इनकी चूत को चोदें, लेकिन साली रंडी बहुत तेज़ है, हाथ ही नहीं आती। कोई 6 महीने पहले दुबई से पूनम यहाँ आई और पता नहीं कैसे पर कुछ ही दिनों में रचना की वो बेस्ट-फ्रेंड बन गई।
पूनम की उम्र कोई 18 की होगी और उसका फिगर क़यामत था क़यामत, 32″ के नुकीले मम्मे, जिनको देखते ही आदमी का लौड़ा झनझना जाए और उसकी कमर 28″ की उसकी एकदम हिरनी जैसी चाल थी और गाण्ड का क्या बताऊँ, 34″ की बाहर को निकली हुई। ये तो वो शरीफ किस्म की थी, जो सलवार-कमीज़ पहनती थी। अगर जींस पहन कर चले तो कसम से लौड़ा उसको देखते ही पानी छोड़ देता।
अपनी बहन के बारे में ये सब गंदी बातें अशोक को बर्दाश्त नहीं हुई और वो दोबारा उठ कर उसको मारने के लिए आगे बढ़ा, पर शरद ने उसको रोक दिया।
शरद- अशोक प्लीज़ रूको, इनको बोलने दो अगर ये शॉर्ट में बताएँगे तो हमें अधूरी बात पता चलेगी, प्लीज़ थोड़ा सब्र करो।
सचिन- हाँ साले बोल, सिमी की तारीफ बहुत हो गई, रचना की बेस्ट फ्रेण्ड होने के बाद ऐसा क्या हुआ, जो उसने ये सब किया? वो बता..!
सुधीर- भाई आप शुरू से सुनोगे, तब समझ आएगा न…! अंकित पूनम की तारीफ कर रहा है, सारी बात इसी बात से जुड़ी है। आप सुनो तो प्लीज़…!
शरद- ओके बोलो अंकित, अब अशोक कुछ नहीं कहेगा।
अंकित- भाई पूनम बहुत ज़्यादा खूबसूरत थी। उसकी नीली आँखे लंबे-लंबे बाल और सबसे ज़्यादा उसकी सादगी पर सब फिदा थे रचना उसके आते ही उसकी दोस्त बन गई थी। एक बात है पूनम के आने के बाद रचना की वैल्यू कम हो गई। अब लड़के पूनम के नाम की ‘आह’ भरने लगे थे। एक दिन स्कूल के किसी दोस्त की बर्थ-डे की पार्टी में पूनम ने ब्लैक साड़ी पहनी थी और साज-सिंगार करके आई थी।
बस सब ने जो पूनम की तारीफ की, मैं क्या बताऊँ आपको दोनों बहनों की झाँटें सुलग कर राख हो गईं थी।
सुधीर- हाँ भाई मैंने कहा पूनम तुम्हारे सामने तो रचना की चमक फीकी पड़ गई है। कहाँ तुम स्कूल की हिरोइन बनी फिरती थीं और अब देखो ये कोई राजकुमारी लगती है और तुम इसकी दासी हा हा हा हा हा।
अंकित- हाँ भाई सब के सब ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे। पूनम ने सब को डांटा भी। रचना के पास जाकर उसको तसल्ली भी दी, पर वो बहुत गुस्सा हो गई थी।
दोनों बहनें वहाँ से चली गईं। पूनम का मूड भी ऑफ हो गया और वो भी चली गई।
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