RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
शरद- अच्छा तो मेरी जान… सेक्सी वीडियो भी देखती हैं.. गुड अब यह भी बता दो कभी सेक्स किया है किसी के साथ या नहीं?
रचना- कैसी बातें करते हो शरद, आप भी हटो न… मुझे शर्म आ रही है…..!
शरद- ओये होए.. रचना बेबी को शर्म आ रही है चिकनी, मेरे सामने नंगी बैठी हो, मेरा लौड़ा सहला रही हो, अब इससे ज़्यादा क्या कह दिया मैंने जो शर्म आ गई?
रचना- आप पागल हो एकदम… आज मेरा पहली बार है और ये आपको भी पता है, फिर भी पूछ रहे हो कि मैंने पहले सेक्स किया या नहीं..!
शरद- मेरी जान… तुम्हारे निप्पल और चूत को देख कर लगता है सेक्स नहीं किया है, पर कोई इनके मज़े ले चुका है मेरे पहले ये अनछुए नहीं हैं समझी..! सील तो मैंने तोड़ी है, पर किसी के साथ मस्ती तो पहले कर चुकी हो तुम ! है ना?
रचना- ओ माई गॉड ! कितने स्मार्ट हो आप ! हाँ मस्ती की है, पर कोई बॉय नहीं गर्ल के साथ ओके…!
शरद- ओह वाउ लेसबो गुड यार, किसके साथ अब ये भी बता दो…!
रचना- प्लीज़ अभी नहीं, फिर कभी बताऊँगी अब नहाना हो गया, चलें बाहर यहाँ से…!
शरद- हाँ जान चलो…!
रचना जब खड़ी हुई तो उसको बहुत दर्द होने लगा चूत में, उसने एक लंबी सी ‘आह’ भरी।
शरद- अरे अरे.. रूको ऐसे एक झटके से उठोगी तो दर्द होगा ना.. चलो मैं ही लिए चलता हूँ रूम में..!
शरद उसे गोद में उठा कर बाहर ले आया और बेड के पास एक कुर्सी पर बिठा दिया, फ़िर उसे बदन पौंछने के लिए तौलिया दिया और खुद चादर उठा कर एक कोने में डाल कर दूसरी चादर बिस्तर पर बिछा दी।
रचना कुर्सी पर आराम से बैठी सब देख रही थी। जब सब काम हो गया तो शरद ने रचना को उठा कर बेड पर लिटा दिया।
रचना- उफ़ शरद जी… बहुत दर्द हो रहा है.. मैं घर कैसे जाऊँगी.. आपका वो डायरेक्टर नहीं आया अभी तक?
शरद- अरे बेबी आ जाएगा.. चिंता मत करो और अब कैसा डायरेक्टर…..! अब तो तुम पास हो गई हो, बस जब वो आए उसको अच्छे से मिलना.. तुम समझ रही हो ना..! बाकी मैं संभाल लूँगा।
रचना- ओके.. अब मैं रेडी हो जाऊँ..!
शरद- सॉरी बेबी… मैंने झूट कहा कि वो अभी आने वाला है, वो लंच पर आएगा, अभी तो बहुत टाइम बाकी है, थोड़ी मस्ती करते हैं न..!
रचना- क्या.. प्लीज़ शरद जी… वो आएगा न? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप मेरा फायदा उठा रहे हो..!
शरद- वॉट..! तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है न..! मैं तुमको ऐसा लगता हूँ यार… तुमको हीरोइन बनाने के लिए मैंने कितनी मेहनत की है
और रही बात सेक्स की तो तुम जानती हो, इसमें मेरी ग़लती नहीं है, हम दोनों ही गर्म हो गए थे। वैसे भी फिल्म लाइन में जब तुम आ ही रही हो तो कभी ना कभी कोई डायरेक्टर या हीरो के साथ तो चुदोगी ही, यहाँ सब चलता है, अगर मैंने तुम्हारी चूत की ओपनिंग कर दी, तो क्या गलत हो गया…!
रचना- ओके शरद जी.. आप कह रहे हो तो मैं मान लेती हूँ.. बस मेरा सपना पूरा कर दो प्लीज़.. चाहो जितनी बार मुझे चोद लो, प्लीज़…!
शरद- बेबी मैं वादा करता हूँ.. तुमसे आज दोपहर को तुम्हें पता चल जाएगा कि मैं झूट नहीं बोल रहा हूँ…! अब प्लीज़ जब तक वो ना आए एक बार और मस्ती करते है न…! देखो मेरा अज़गर कैसे फुंफकार रहा है…!
रचना ज़ोर से हँसने लगी तो शरद ने बेड पर चढ़ कर उसके मुँह में लौड़ा घुसा दिया। रचना इस अचानक हुए हमले से बेख़बर थी। शरद ने सुपाड़ा मुँह में डाल दिया तो अब रचना दोनों हाथों से लौड़ा पकड़ कर उसको चूसने लगी।
शरद- उफ़ जालिम.. क्या गर्मी है तेरे होंठों में…! आह… चूस जानेमन आह…! मेरे लौड़े के नसीब में इतने मखमली होंठ लिखे थे, ये मैं सोच भी नहीं सकता था.. आह…!
रचना को बहुत तकलीफ़ हो रही थी, पर वो पूरा लौड़ा मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी और उसके दाँत भी लौड़े को छू रहे थे क्योंकि शरद का लौड़ा बहुत मोटा था।
लगभग 5 मिनट तक वो शरद के लौड़े को चूसती रही कभी उसके गोटी चूसती कभी लौड़ा.. कभी अपनी जीभ पूरे लौड़े पर घुमाती थी।
शरद- उफ़.. आह.. वाउ.. यार तुम तो बहुत मज़े से चूस रही हो.. लगता ही नहीं कि पहली बार है.. जान तुम तो टॉप की हीरोइन बनोगी..!
यह बात सुनकर रचना खुश हो गई और ज़ोर-ज़ोर से लौड़ा चूसने लगी।
शरद- बस जान… अब पानी मुँह में ही निकालने का इरादा है क्या… आ जाओ तुम्हारी चूत का दर्द ठीक कर देता हूँ मैं…!
रचना- नहीं शरद बहुत दर्द होगा.. अभी भी मेरी चूत दु:ख रही है आप मुँह से काम चला लो न.. और मेरा मन भी है तुम्हारा रस पीने का बस वीडियो में देखा था, आज पीना चाहती हूँ…!
शरद- अच्छा.. ठीक है जान निकाल दो मेरा पानी मुँह में.. पर तुम लेट जाओ मैं तुम्हें प्यार करूँगा बस.. लौड़ा नहीं डालूँगा…! फिर हम 69 का पोज़ बना लेंगे.. तुम लौड़े का रस पीना और मैं तुम्हारी चूत को चाट कर आराम दूँगा।
रचना लेट जाती है और शरद उसको नरम होंठों को चूसने लगता है। लगभग 5 मिनट के फ्रेंच किस के बाद वो उसकी गर्दन से लेकर मम्मों तक चूसना शुरू कर देता है।
रचना- आह.. सी..सी.. शरद आह.. उफ़.. होंठों के स्पर्श और हाथों के दबाव से आह.. चूत में कुछ हो रहा है.. आ.. उह.. अई कककक ह..!
शरद रचना के कड़क मम्मों को दबा रहा था और निप्पल को चूस रहा था। अब शरद धीरे-धीरे रचना के पेट पर पहुँच जाता है और उसकी चूत पर होंठ टिका देता है।
क्या मस्त फूली हुई चूत थी रचना की…! और अभी की चुदाई से और सूज गई थी।
रचना- आआ उफफफ्फ़… कककककर रहे हो शरद जी आ..ह.. आपके होंठ बहुत गर्म है आ ..ह…मज़ा आ गया उफ़ प्लीज़ आह… चूसो ना…!
शरद चूत को चूसते-चूसते ही साइड चेंज कर लेता है और अब शरद का लौड़ा रचना के मुँह के पास था। उसने झट से लौड़ा मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।
अब दोनों रस की दुनिया में खो गए थे, 5 मिनट में ही शरद ने रचना की चूत को चूस कर इतना गर्म कर दिया कि रचना सिसकारने लगी और अपनी टाँगों को भींच कर मदहोश होने लगी।
यह देख कर शरद बैठ गया और हँसने लगा।
रचना- आ..ह.. आप उठ क्यों गए उफ़.. सीसी मेरी चूत का ..उफ़.. पानी निकलने ही वाला था आ..ह.. प्लीज़ आओ..न…..!
शरद- जानेमन लौड़ा चूत पर फेरने दो मज़ा आएगा और तुम्हारा पानी भी निकल जाएगा।
रचना- आप को जो भी करना है ..आह…जल्दी करो उफ़ आ..हह…!
शरद ने रचना की जांघों को हाथों से पकड़ कर उसकी टाँगों को फैला दिया और अपना लौड़ा हाथ से पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगा।
रचना मस्ती में आ गई, उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
शरद ने धीरे-धीरे लौड़ा रगड़ा और टोपी चूत में घुसा कर हल्का-हल्का अन्दर-बाहर करने लगा।
रचना- उ उफ़फ्फ़ आ..ह.. प्लीज़ आ मत तड़पाओ आह डाल दो आ..ह.. अब बर्दाश्त नहीं होता आह…!
शरद थोड़ा सा लौड़ा और अन्दर डालकर हिलाने लगा।
रचना- आ..ह.. अई उपप्प्स दर्द हो रहा है.. आ पर मज़ा भी आ आ रहा है…! आ डालो आ ज़ोर से करो ना आ..हह…!
शरद बहुत शातिर था, एक-एक इन्च करके लौड़ा आगे बढ़ा रहा था।
वैसे तो अभी कुछ देर पहले उसने अपने 9″ के लौड़े से चूत को पूरा खोल दिया था और बेहोशी का फायदा उठाकर खूब झटके मारे थे पर अब वो आराम-आराम से डाल रहा था, क्योंकि रचना की चूत बहुत सूजी हुई थी और उसको काफ़ी दर्द भी था।
अभी तो वो उत्तेजना के करीब थी, तो दर्द का अहसास नहीं हो रहा था।
रचना- आ..हह.. शरद कितना गया आ..हह.. स्पीड से करो न…!
शरद- आधा गया है.. स्पीड से करूँगा तो दर्द होगा और स्पीड में पूरा अन्दर चला जाएगा…!
रचना- आ..हह.. एयाया आह ऑश फक मी.. आ..हह.. फास्ट आ अई डाल दो पूरा आ मैं बर्दास्त कर लूँगी आ..ओफफ़ो..!
शरद ने एकदम धीरे से पूरा लौड़ा चूत की गहराई तक पहुँचा दिया और अब वो पूरी गति से रचना की चूत चोदने लगा।
रचना- अयाया… अयाया… उफफफ्फ़… मर गई अई… ऑश आ अई आआ… अई अहहह ..!
शरद- उः उः उः क्यों जान… आ मज़ा आह उः उः आ रहा है ना… आ उहह निकाल लूं क्या.. आ हू उः उः …!
रचना- अई आ… न न नहीं आ करते आ रहो… आ होने दो… आ दर्द आज आ जितना आ होना है आ उफ़ फास्ट और फास्ट आह मैं गई आ फक मी आ… फक मी आ फक हार्ड… आ आ मैं गई उूउउ उईईईई… ह अयाया अई आआ… अयाया आहा हः आहह..!
रचना गाण्ड को उठा-उठा कर झड़ने लगी थी, पर शरद अभी कहाँ झड़ने वाला था। इतनी देर रचना ने उसके लौड़े को मुँह से चूसा और अब 15 मिनट से वो चूत में था, वो ताबड़तोड़ चुदाई में लगा हुआ था।
पाँच मिनट बाद रचना को चूत मैं जलन होने लगी।
रचना- अई आ शरद आ मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है आ प्लीज़ अब निकाल लो.. आ मेरे मुँह में अपना पानी निकालना आ मुझे भी आ टेस्ट करना है आ..हह….!
शरद ने लौड़ा बाहर निकाल लिया और जल्दी से हाथ पकड़ कर रचना को बिठा कर खुद खड़ा हो गया और लौड़ा उसके मुँह में दे दिया और झटके मारने लगा।
शरद- आ..हह. उफ़ जान मेरा माल आ रहा है उफ़फ्फ़ हू हू हू अई चूसो आ पूरा मुँह में लो आह…!
शरद के लंड से एक बहुत तेज़ पिचकारी निकली जो सीधे रचना के गले में गई और उसके बाद खूब सारा रस उसके मुँह में भर गया। मुँह में लौड़ा लगा होने के कारण रचना पूरा पानी गटक गई। तब शरद ने लौड़ा बाहर निकाला।
शरद- क्यों रानी कैसा लगा टेस्ट…!
रचना- अजीब सा था.. पर मज़ा बहुत आया और चूत में अब दर्द का अहसास हो रहा है…!
शरद- जान ये लौड़े पर भी पानी लगा है इसे भी साफ करो मज़ा आएगा…!
रचना ने लौड़े को जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिया और बेड पर निढाल होकर पसर गई।
रचना- ओह शरद आप कितने अच्छे हो.. मज़ा आ गया आ..आज तो…!
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