RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
इतना बोलकर शरद वो कपड़ा पूरा हटा देता ही रचना एकदम नंगी शरद की नज़रों के सामने थी। उसके 32″ के गोल-गोल मम्मों और एकदम डबल-रोटी जैसी फूली हुई चूत और वो गोरा बदन जिसे छूते ही बदन में करंट दौड़ जाए। शरद का लौड़ा पैन्ट को फाड़कर बाहर आने को बेताब था।
रचना- सी सी आह.. शरद आह… कुछ करो न… मेरा जिस्म गर्म हो रहा है…!
शरद पागलों की तरह रचना पर टूट पड़ा उसके निप्पलों को चूसने लगा और मम्मों को दबाने लगा।
रचना-. आ आह.. प्लीज़ आराम से दबाओ ना.. आह.. दुखता है आह.. उफ सीसी आ आप नीचे कुछ करो न.. आ.ह..!
शरद- जान ऐसे कहो.. मेरी चूत में कुछ करो अब खुल कर बोलो यार…! तुम हीरोइन बनने वाली हो…!
रचना- आह.. प्लीज़ आह.. मेरी चूत को शान्त कर दो आ.ह…!
शरद ने पास में रखी आयल की बोतल से उंगली पर तेल लगाया और रचना की चूत की फाँक खोल कर अपनी उंगली अन्दर घुसाने लगा।
चूत बहुत टाइट थी, उंगली जा नहीं रही थी, पर वो थोड़ी सी उंगली घुसा कर हिलाने लगा।
रचना- आह… सस्स… उफ़फ्फ़… ओह… आ शरद… आ बहुत आग लग रही है आह …चूत में… आ ज़ोर से करो ना आ थोड़ा और अन्दर करो ना आ.हह..!
शरद जानता था कि अगर उंगली ज़्यादा अन्दर की, तो इसकी सील आ जाएगी.. और इसका पानी निकल जाएगा और ये शांत हो जाएगी, इसके बाद इसे चोदना मुश्किल हो जाएगा।
रचना- उफ करो ना.. शरद प्लीज़ आ..ह..!.
शरद- मेरी जान उंगली से कुछ नहीं होगा.. अब तो तुम्हारी चूत की प्यास लौड़े से ही मिट सकती है.. कहो तो निकालूँ.. लौड़ा बाहर…!
रचना- आ..ह अब जो निकालना है आ उफ निकाल लो.. मेरे जिस्म में आग लग रही है प्लीज़ आह.. जल्दी कुछ करो…!
शरद तो इसी इन्तजार में था।, एक मिनट में ही पूरे कपड़े निकाल दिए।
रचना की नज़र शरद के लौड़े पर गई तो उसकी सांस अटक गई उसे देख कर क्योंकि शरद का लौड़ा 9″ लंबा और 3″ मोटा था, किसी घोड़े के लंड जैसा लग रहा था।
रचना- ओह माई गॉड.. आह.. शरद ये क्या है इतना बड़ा और मोटा ओफ…!
शरद- हाँ जान यही तुम्हारी चूत की प्यास बुझाएगा अब…!
रचना- नहीं.. नहीं.. शरद मैं मर जाऊँगी प्लीज़ ऐसे ही उंगली से कुछ कर दो..! आ मेरी चूत में आ…ह..!
शरद- अरे जान कुछ नहीं होगा.. बस मैं थोड़ा सा डालूँगा तुम्हारी चूत को शान्त करने के लिए…!
रचना- ओके.. पर आराम से.. आ ह.. मेरा फर्स्ट टाइम है…!
शरद- डर मत जान.. आज तेरी सील तोड़ कर तुझे स्वर्ग की सैर करा दूँगा मैं.. पहले इसे चुम्बन तो कर ले…!
शरद रचना के मुँह के पास लौड़ा ले जाता है। रचना बहुत गर्म थी और फिर उसने सेक्सी वीडियो में भी देखा था कि कैसे लौड़े को चूसते हैं। बस उसने भी लौड़े पर जीभ फेरना शुरू कर दिया, लंड के सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी। उसने पूरा मुँह खोला, तब कहीं जाकर लौड़ा अन्दर गया। बहुत मोटा था ना..!
दो मिनट अच्छे से चूसने के बाद रचना ने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और शरद को कहा- अब बर्दाश्त नहीं होता.. डाल दो इसे चूत में…!
शरद पास पड़े तेल को लौड़े पर अच्छे से लगाया और रचना की चूत में भी अन्दर तक तेल डाल दिया।
शरद- जान अब मैं लौड़ा चूत में डालने जा रहा हूँ थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना.. बाद में मज़े ही मज़े हैं।
रचना- उफ आह… डाल दो आह.. जो होगा देखा जाएगा ऊ.. आ…ह..!
शरद लौड़े को चूत पर टिका कर एक हाथ से चूत की फाँकें खोली और दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर उसकी टोपी चूत में फँसा दी। रचना को थोड़ा दर्द हुआ, उसने थोड़ा हिलना चाहा पर शरद ने उसको मौका नहीं दिया और जल्दी से एक झटका मार दिया !
लौड़ा चूत की दीवारों को चीरता हुआ रचना की सील को तोड़ता हुआ 4″ अन्दर घुस गया।
रचना की चूत की माँ चुद गई ..!
रचना- आआआआआ… आआआआअ आआआ एयाया…
रचना की चीख इतनी तेज थी कि पूरे घर को हिला कर रख दिया।
शरद ने जल्दी से अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उनको चूसने लगा।
रचना की आँखों में आँसू आ गए थे, वो दर्द से चीखना चाहती थी, पर मजबूर थी।
वो शरद को हटाना चाहती थी, पर शरद ने कस कर उसके हाथ पकड़ रखे थे।
लगभग 5 मिनट तक शरद ने लौड़े को कोई हरकत नहीं दी, बस उसी अवस्था में रचना के होंठ चूसता रहा।
जब उसे लगा कि रचना का विरोध बन्द है तब उसने अपने होंठ हटा दिए।
रचना- उउउ उउउ.. प्लीज़ आह शरद आ बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ निकल लो उउउ उउउ आह आह…!
शरद- अरे जान प्लीज़ तुम रो मत.. मैं कुछ नहीं करूँगा.. बस तुम चुप हो जाओ…!
रचना- आ..ह.. मेरी चूत में आ.अ बहुत दर्द है… प्लीज़ आप निकाल लो ना आ..अ..प्लीज़ शरद जी प्लीज़…!
शरद- अरे जान, अभी तो तुमने कहा था कि अब पीछे नहीं हटूँगी और तुम्हारी चूत की खुजली भी ऐसे ही मिटेगी.. तुम बस थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो जान…!
रचना- आ आ अ..ओके.., पर आपका बहुत बड़ा है.. आअ. अपने एक साथ क्यों डाल दिया आ आह…!
शरद अगर रचना को बोलता कि अभी उसका आधा लौड़ा भी नहीं गया तो वो फिर से चिल्लाने लगती, इसलिए उसने झूट कहा।
शरद- जान, सॉरी लेकिन पूरा नहीं गया है बस थोड़ा सा और है पर तुम फिकर मत करो मैं बस इतने से ही तुमको आराम-आराम से चोदूँगा…!
रचना- आअ.. ओके अफ उ आ…!
अब शरद अपने लौड़े को धीरे-धीरे हिलाने लगा।
रचना का दर्द से बुरा हाल था, और वो आहें भर रही थी, मगर शरद को कुछ नहीं बोल रही थी। उसकी चूत में जो खुजली हो रही थी, वो मिट चुकी थी, क्योंकि दर्द ज़्यादा था और मज़ा कम..
मगर अब वापस उसकी चूत फड़फड़ाने लगी थी, वो ओर्गज्म के करीब थी…!
रचना- आ आह आईईइ आईईइ.. शरद आ मेरी चूत में दर्द के साथ-साथ आ अफ कककक आ गुदगुदी आ हो रही है..!
शरद- आअ.. जान तुम झड़ने वाली हो.. आ आ रोको मत… निकल जाने दो अपना पानी…!
रचना- आ..अ.. शरद आ..अ.. थोड़ा स्पीड में हिलो.. आ..अ..आ अई आआ..!
शरद समझ गया कि रचना झड़ रही है उसकी चूत का पानी शरद अपने लौड़े पर महसूस करता है और पानी छूटने से चूत पूरी गीली हो गई थी और रचना ने चूत को ढीला छोड़ दिया था।
इस मौके का फायदा उठा कर शरद ने अपने होंठ रचना के होंठों पर रखे और अपने लौड़े को टोपी तक बाहर निकाल कर एक जोरदार झटका मारा, पूरा 9″ का लौड़ा चूत को फाड़ता हुआ चूत में समा गया।
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इस शॉक से बेख़बर रचना तो अपने ओर्गज्म में खोई हुई थी, पर जैसे ही लौड़ा दनदनाता हुआ अन्दर गया, रचना की आँखें चढ़ गईं, उसे दुनिया घूमती हुई दिखने लगी।
उसके होंठ बन्द थे, पर वो इतनी ज़ोर से चिल्ल्लाई, अगर उसका मुँह बन्द ना होता, तो शायद बाहर तक उसकी आवाज़ जाती। उसकी आँखों के आगे अँधेरा छा गया और वो धीरे-धीरे बेहोशी के आलम में जाने लगी।
जब शरद को लगा रचना बेहोश हो गई है वो स्पीड से उसको चोदने लगा ताकि बेहोशी में उसको दर्द का अहसास ना हो और उसकी चूत भी ‘फ्री’ हो जाए।
शरद का चोदने का अंदाज निराला था। वो पूरा लौड़ा बाहर निकालता और एक झटके में पूरा अन्दर डाल देता और स्पीड इतनी थी कि 5 सेकंड में लौड़ा दो बार अन्दर-बाहर हो रहा था।
शरद का स्टेमिना बहुत स्ट्रोंग था। लगभग 5 मिनट तक वो लगातार ऐसे ही झटके मारता रहा।
उसने रचना की चूत को रेलगाड़ी बना दिया था। उसका लौड़ा चूत की जड़ तक चोट मार रहा था। अब रचना होश में आने लगी थी। पूरे दस मिनट बाद उसको होश आया था। शरद वैसे ही लगा हुआ था।
रचना- अई..आह आह ऊउउ उउउ उ मर गई आआ आह आ आ…!
शरद- ऊऊआ क्यों जान आ आ..ह.. जाग गई नींद से आ आ…ह..!
रचना- आ..अ..आ आ.. आप बहुत ग…गंदे हो आ कितना द..द..दर्द कर दिया उउउ उउउ आ प्लीज़ निकाल लो आ मैं दर्द से आह मर जा.उंगी आ.ह..!
शरद- कुछ नहीं होगा जान.. आ उहह.. अब पूरा लौड़ा चूत में समा गया है..! ये लो आ बस थोड़ी देर की बात है.. आ..ह.. मेरा गरमा-गरम पानी तेरी चूत के दर्द को मिटा देगा उहह उहह…!
रचना- अईए इ उफ़फ्फ़ ससस्स कककक आह आ प्लीज़ आह ओ ओो बहुत आह दर्द आ हो रहा है..!
करीब 5 मिनट तक रचना ऐसे ही चीखती रही, अब वो दोबारा अपने चरम पर आ गई थी अब उसको थोड़ा मज़ा आने लगा था।
रचना-. अई.. आह ज़ोर से करो आ या या फक मी.. आ फक हार्ड ओफफ्फ़.. फू..ओ आ फास्ट आ फास्ट स्वीट-हार्ट.. आह आ.ह..!
शरद- ये हुई ना बात आ.. उहह ये लो आ एयाया आआ आआ अई…!
शरद का लौड़ा अब इतनी गर्म और कच्ची चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और पिचकारी मारने लगा।
रचना की चूत की दीवारों पर जब पहली बार पुरुष के वीर्य ने छुआ तो उसका बाँध भी टूट गया, उसको इतना मज़ा आया, शरद के पानी की पिचकारी के अहसास से वो चूत को भींच और खोल कर झड़ रही थी और शरद भी लगातर पानी छोड़ रहा था, जैसे आज पूरी चूत को पानी से भर देगा और रचना भी ऐसे झड़ रही थी जैसे जिंदगी में दोबारा कभी मौका नहीं मिलेगा।
तकरीबन 2-3 मिनट तक दोनों के पानी का संगम होता रहा और उसके बाद दोनों शान्त पड़ गए। शरद उसी अवस्था में रचना पर पड़ा रहा।
शरद का लौड़ा अब इतनी गर्म और कच्ची चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और पिचकारी मारने लगा।
रचना की चूत की दीवारों पर जब पहली बार पुरुष के वीर्य ने छुआ तो उसका भी बाँध टूट गया। उसको इतना मज़ा आया, शरद के पानी की पिचकारी के अहसास से वो चूत को भींच और खोल कर झड़ रही थी और शरद भी लगातार पानी छोड़ रहा था जैसे आज पूरी चूत को पानी से भर देगा और रचना भी ऐसे झड़ रही थी जैसे जिंदगी में’ दोबारा कभी मौका नहीं मिलेगा।
2-3 मिनट तक दोनों के पानी का संगम होता रहा और उसके बाद दोनों शान्त पड़ गए। शरद उसी अवस्था में रचना के ऊपर पड़ा रहा। करीब 5 मिनट बाद रचना को दबाव महसूस हुआ तो उसने शरद को उठने को कहा।
शरद जब उठा तो ‘पक्क’ की आवाज़ के साथ उसका लौड़ा चूत से बाहर आया और एक दर्द की लहर रचना के जिस्म में दौड़ गई।
रचना- आईईईई उफफफफ्फ़…!
शरद के लौड़े में अभी भी जान थी, वो खून और पानी से सना हुआ था। पूरा बेड भी खून से लाल हो गया था। जब रचना की नज़र बेड पर गई उसके होश उड़ गए और वो रोने लगी।
शरद उसी हालत में उठा और उसने वीडियो कैमरा बन्द किया, फिर रचना के पास आकर उसको चुप करने लगा।
शरद- अरे जान, इसमें रोने की क्या बात है? पहली बार मैं तो खून आता ही है। तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम टेस्ट में पास हो गई हो अब मैं वादा करता हूँ कि तुम्हें हीरोइन बनवा दूँगा… प्लीज़ चुप हो जाओ…!
रचना चुप हो गई और एक हल्की सी मुस्कान देते हुए बोली- आह शरद जी… बहुत दर्द हो रहा है। मैं उठ भी नहीं पा रही हूँ.. और ये सब खून छी.. कितना गंदा फील हो रहा है।
शरद- ओह मेरी जान को ये सब पसन्द नहीं है, अभी लो जान मैं तुम्हें गोद में उठा कर ले जाता हूँ…..!
शरद रचना को गोद में उठा कर बाथरूम ले गया और शावर ऑन कर दिया, हल्का गर्म पानी आने लगा, बाथरूम बहुत बड़ा और आलीशान था।
वहाँ पर बहुत किस्म का सौन्दर्य प्रसाधन का सामान था। शरद रचना को एक आराम कुर्सी जो प्लास्टिक की थी, उस पर लिटा दिया और गर्म पानी से उसकी चूत को मसल साफ करने लगता है।
रचना- अई उफ़ आराम से करो दुःखता है…!
शरद- ओह सॉरी जान अब मैं आराम से करूँगा।
शरद 15 मिनट तक रचना की चूत और मम्मों को हल्के हल्के सहला कर अच्छे से धोता है और रचना भी लंड को साफ कर देती है। अब उसको भी मज़ा आने लगा था। वो लंड को आगे-पीछे कर रही थी। लंड पूरा कड़क था और झटके खा रहा था।
शरद- क्यों जान क्या इरादा है? लौड़े को बहुत प्यार से सहला रही हो…!
रचना- नहीं कुछ नहीं… बस सोच रही हूँ कि यह इतना मोटा और लंबा लौड़ा मेरे अन्दर कैसे गया !
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शरद- यह गया, तब ही तो तुम बेहोश हो गई थीं, बस मौका देख कर मैंने खूब चुदाई की, तब जाकर कहीं ये मूसल तुम्हारी चूत में सैट हो पाया समझी..!
रचना- आप बहुत बदमाश हो, मेरे बेहोश होने के बाद भी करते रहे, मुझ पर रहम नहीं आया आपको? अगर मैं मर जाती तो?
शरद- जान अगर चुदाई से कोई मरता, तो इस देश में कोई शादी नहीं होती, कोई लड़की चुदती नहीं पूरी दुनिया का नाश हो जाता और रही बात रहम की, तो यह दर्द तो हर लड़की को सहना पड़ता है, तभी तो उसकी सील टूटती है और बाद में वो आराम से चुदाई का मज़ा ले पाती है समझी…!
रचना- हाँ समझ गई, पहले बस वीडियो में देखा था, आज रियल में लौड़ा देख लिया..!
इतना बोल कर रचना को अहसास हुआ कि उसने यह क्या बोल दिया, वो मुँह घुमा कर मुस्कुराने लगी।
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