Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 01:13 PM,
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका की आँखों में अब भी आँसू थे..तभी कमरे में जग्गा और विजय आते हैं.



विजय- क्या हुआ मेरी जान आज तेरी आँखों में आँसू. विजय की बातो को सुनकर राधिका नफ़रत से अपना मूह दूसरी तरफ फेर लेती हैं. तभी बिहारी भी कमरे में आता हैं.



बिहारी- आज तुम सब इसे जैसा चाहो वैसा रगाडो और इसकी बदन की सारी गर्मी निकालो.. साली पर कोई रहम मत करना. तब तक इसे चोदना जब तक तुम सब के लंड का आखरी कतरा ना निकल जायें. आज इसे भी तो पता चलना चाहिए कि ये एक पेशावॉर रंडी से कम बिल्कुल नहीं हैं. बिहारी की बातो को सुनकर विजय और जग्गा हैरत से बिहारी की ओर देखने लगते हैं.



जग्गा- क्या बात हैं बिहारी. कल तक तो तुझे इससे बड़ा प्यार था. आज क्या हुवा ऐसा लगता हैं अब तेरा मन इससे भर गया हैं. खैर इस लौंडिया से तो हमारा दिल कभी नहीं भर सकता..फिर जग्गा राधिका के पास जाता हैं और उसके दोनो बूब्स को कसकर अपनी मुट्ठी में ज़ोर से भीच देता हैं. राधिका के मूह से फिर से सिसकारी निकल पड़ती हैं..



विजय वहीं ड्रॉयर के पास जाता हैं और फिर से एक ड्रग्स का इंजेक्षन री-फिल करता हैं. आज ड्रग्स की क्वांटिटी कल से ज़्यादा थी. वो तुरंत राधिका के पास आता हैं और वो इंजेक्षन राधिका के हाथों में लगाता हैं. राधिका बिना किसी सवाल जवाब के अपने हाथ आगे बढ़ा देती हैं. थोड़ी देर के बाद राधिका वहीं फर्श पर बैठ जाती हैं धीरे धीरे वो ज़हर उसकी रगों में घुलना शुरू हो जाता हैं और उसपर फिर से नशा छाने लगता हैं.



बिहारी जग्गा और विजय फिर से अपने सारे कपड़े एक एक कर निकाल देते हैं और कुछ देर में वो तीनों पूरी तरह नंगे हो जाते हैं और फिर से राधिका की दर्दनाक चुदाई का सिलसिला शुरू हो जाता हैं. सबसे पहले विजय अपना लंड धीरे धीरे राधिका के मूह में पेलता हैं और तब तक नहीं रुकता जब तक उसका लंड राधिका के हलक में नहीं पहुँच जाता. विजय तो पहले से ही वाइल्ड सेक्स करता था. आज उसे पूरा छूट मिल गयी थी इसलिए वो आज अपने वहशीपने पर उतर जाता हैं..इधेर जग्गा भी उसके बूब्स और निपल्स को बुरी तरह से मसल रहा था और उधेर बिहारी बड़े गौर से उन दोनो के एक एक हरकतों को देख रहा था. राधिका भी अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और फिर जग्गा नीचे झुक कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर देता हैं. और आज फिर उस कंडीशन पर रुक जाता हैं जहाँ राधिका ऑर्गॅनिसम के बहुत करीब थी. जग्गा के तुरंत हटने से एक बार फिर राधिका तड़प उठती हैं. तभी बिहारी उसके पास आता हैं और फिर से उसके सिर के बाल को कसकर अपनी मुट्ठी में ज़ोर से भीच लेता है..राधिका के मूह से फिर से दर्द भरी सिसकारी निकलती हैं मगर विजय का लंड उसके मूह में होने की वजह से उसकी आवाज़ अंदर ही घुट जाती हैं..



थोड़ी देर के बाद विजय अपना पूरा लंड उसके हलक से बाहर निकलता हैं..और राधिका ज़ोर ज़ोर से अपनी साँसें लेती हैं. आज उसे पता था कि ये सब रात भर उसपर रहम नहीं करेंगे..खास तौर से बिहारी...



राधिका- बिहारी मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ प्लीज़ मुझे कहीं से ज़हर लाकर दे दो. सच में अब मैं जीना नहीं चाहती ...



बिहारी- अरे मेरी जान सुना हैं कि तू बड़ी हिम्मत वाली लड़की हैं और आज इतनी जल्दी हिम्मत हार गयी. अभी तो पूरे 6 दिन बचे हैं यहाँ गुजारने के लिए .. अभी से तू ऐसे हिम्मत हारेगी तो कैसे काम चलेगा...राधिका कुछ नहीं कहती और बस अपनी नज़रें नीची कर लेती हैं वो अब समझ चुकी थी की इन दरिंदों के बीच उसकी फरियाद सुनने वाला आज कोई नहीं हैं. वो भी चुप चाप अपने आप को उन सब के आगे पूरा समर्पण कर देती हैं. फिर से राधिका का जिस्म उन तीनों बरी बारी नोचते हैं और एक के बाद ...एक एक कर उसकी चूत गान्ड की छुदाई करते हैं. फिर बाद में तीनों एक साथ एक ही समय पर राधिका की तीनों मिलकर चुदाई करते हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे इन सब की आदि होती जा रही थी. उपर से ड्रग्स का नशा उसकी रही सही सोचने और समझने की शक्ति को ख़तम कर रही थी. इसी तरह फिर से राधिका के साथ वाइल्ड सेक्स होता हैं ...मगर अब राधिका किसी भी चीज़ का विरोध नहीं करती थी..



रात रात भर जग्गा ,विजय और बिहारी तीनों वियाग्रा की गोली खा खा कर राधिका की चूत और गान्ड की ठुकाइ करते और उसके साथ नन्गपन का खेल खेलते. राधिका के अंदर की अब शरम लगभग ख़तम हो चुकी थी. वक़्त बीतता जा रहा था और दिन गुज़रते जा रहे थे. इधेर राधिका की हालत दिन ब-दिन बुरी और बुरी होती जा रही थी. हर पल वो मर रही थी. ना जाने कितनी तकलीफ़ वो चुप चाप सहती मगर वो किसी से कुछ नहीं कहती. ज़हर का हर घुट वो बस अपने चाहने वालों के लिए हर पल पी रही थी.. हर शाम को राहुल का फोन आता और राधिका राहुल को इस बात का बिल्कुल एहसास नहीं होने देती कि वो आज किस हालत में हैं. बस चुप चाप दो चार बातें करके वो फोन रख देती.. कभी कभी निशा का भी फोन आता निशा भी कई दिनों से उसके घर नहीं आ पा रही थी. वजह थी उसकी मम्मी की कुछ दिनों से तबीयत खराब और दूसरी बात निशा का एग्ज़ॅम्स भी नज़दीक आने वाला था.
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