Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 01:13 PM,
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
शंकर की बातो को सुनकर बिहारी गुस्से से चीख पड़ता हैं- शंकर तुम अपनी हद्द भूल रहे हो. तुम्हें पता भी हैं तुम किससे बात कर रहे हो. मैं इस सहर का एमएलए हूँ. आज मेरे हाथ में पॉवर हैं दौलत हैं रुतबा हैं.. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. तुम्हें क्या लगता हैं कि वो दो टके की लौंडिया मेरा वजूद को मिट्टी में मिला पाएगी. और उसका वो आशिक़ राहुल भले ही वो आज एसीपी बन गया हो मगर रहेगा तो मेरी ही अंडर में ना. और रही बात सतयुग और द्वापर्युग की तो उस समय की बात अलग थी. देवताओं ने भी चाल से ही रक्षासों पर जीत हासिल किया था. और आज कलयुग हैं. जीत यहाँ पर हिंसा और अधर्म की होती हैं. ना की ईमानदारी और सत्य की..



इस युग में मैं आज का रावण हूँ और मैने इस राधिका नाम की सीता को पूरी तरह से गंदा कर दिया हैं. अब तो वो बेचारी उस राम की होने से रही. और वैसे भी अब उसका आशिक़ उसे किसी भी हाल में नहीं अपनाएगा.. तुम चिंता मत करो काका इस युग में जीत मेरी ही होगी. ये बिहारी पूरे दावे से कह सकता हैं...



शंकर- मालिक ठंडे दिमाग़ से एक बार मेरी बातो को सोचकर देखिएगा. शायद आपको मेरी बातो में थोड़ी सी भी सच्चाई नज़र आयें...तो मैं उन सब से आपके किए की माफी माँग लूँगा.



बिहारी- तेरा दिमाग़ फिर गया हैं काका. अब तू भी बूढ़ा हो चुका हैं. ऐसा कर दो चार दिन की छुट्टी लेकर अपने घर चल जा.. जब थोड़ा तेरा दिमाग़ सही हो जाए तो फिर वापस आ जाना. फिर बिहारी तेज़ी से कमरे के बाहर निकल जाता हैं और शंकर चुप चाप बिहारी को देखने लगता हैं..



मालिक आप मानो या ना मानो पर मैने उस मासूम के आँखों में दर्द और तड़प देखी हैं. अगर किसी औरत की हाय लगती हैं तो उसका विनाश होना तय हैं. पर आपको कौन समझायें. आप खुद अपनी बर्बादी की राह पर जा रहें हैं..मैं तो ईश्वार से यही दुवा करूँगा कि आपको समय रहते आप सम्भल जायें... इसी तरह के विचार इस वक़्त शंकर के मन में आ रहें थे...



उधेर आभी भी बिहारी इस वक़्त गुस्से में था वो तुरंत राधिका के पास जाता हैं और उसके सिर के बाल को कसकर पकड़कर अपनी मुट्ठी में ज़ोर से भींच लेता हैं और एक ही झटके में उसके बदन से लिपटा शॉल खींच कर अलग कर देता हैं. राधिका के मूह से दर्द भरी चीख निकल पड़ती हैं. फिर बिहारी राधिका के गाल पर दो तीन थप्पड़ कस कर जड़ देता हैं... राधिका की आँखों से आँसू आ जाते हैं. बिहारी के बदले तेवर को वो बिल्कुल समझ नहीं पाती कि क्यों बिहारी उसके साथ ऐसे पेश आ रहा हैं.



बिहारी- अब तक मैं तेरे साथ नर्मी से पेश आ रहा था क्यों कि मैं तुझे कोई तकलीफ़ नहीं पहुँचाना चाहता था. मगर आज तूने मुझे मज़बूर कर दिया हैं मुझे दरिन्दा बनने के लिए. देख आज मैं तेरा क्या हाल करता हूँ.



राधिका- आख़िर मेरा कसूर क्या हैं. मैने क्या बिगाड़ा हैं तुम्हारा जो तुम मेरे साथ ऐसे पेश आ रहे हो.



बिहारी- रंडी कहीं की..... अगर तुझे मेरी शर्त मंज़ूर नहीं थी तो तूने शंकर काका से मुझसे सिफारिश क्यों करवाई. कल तो तू मुझसे कह रही थी कि मैं तुम्हारी हर बात मानूँगी तो फिर एक ही रात में तेरा सारा नशा कैसे उतर गया. अभी चिंता मत कर अभी पूरे 6 दिन बचे हैं इन 6 दिनों में तेरा वो हाल करूँगा कि तू हर रोज़ अपनी मौत की मुझसे भीख माँगेगी...मगर तू चाह कर भी नहीं मर सकेगी. फिर बिहारी झट से अपने कपड़े निकालने लगता हैं और एक एक कर अपने पूरे कपड़े उतार देता हैं. फिर वो राधिका के पास आता हैं और फिर से उसके सिर के बाल को अपनी मुट्ठी में कसकर भीच लेता हैं. राधिका दर्द से फिर से चीख पड़ती हैं. तभी बिहारी अपना पूरा लंड एक ही झटके में राधिका के मूह में डाल देता हैं और बिना रुके अपने लंड पर प्रेशर बनाए रखता हैं.



बिहारी का लंड करीब पूरा राधिका के हलक में समा गया था और बिहारी बहुत तेज़ गति से अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था और साथ ही साथ उसके बालो को भी अपनी मुट्ठी में जकड़ा हुआ था. राधिका की आँखो में आँसू थे मगर वो इस वक़्त पूरी तरह बेबस थी. इसी तरह बिहारी एक झटके में अपना लंड बाहर निकालता हैं और उतनी ही तेज़ी से फिर से राधिका के हलक में फिर से पूरा लंड डाल देता हैं और इस बार तब तक पीछे नहीं हटता जब तक उसका कम राधिका के गले ने नीचे नहीं उतर जाता. फिर से राधिका एक बार तड़प उठती हैं.



फिर वो झट से राधिका से दूर हो जाता हैं और वहीं रखा टवल लपेटकर बाथरूम में घुस जाता हैं.. राधिका की आँखों में इस वक़्त भी आँसू थे. वो तो ये भी नहीं जानती थी कि शंकर काका और बिहारी में ऐसी क्या बातें हुई हैं जो बिहारी आज इतने गुस्से में हैं. और उसने तो कोई सिपराश नहीं की थी बिहारी से ...तो फिर क्या शंकर काका ने ही उसकी रिहाई की बात उससे की थी. इसी तरह सवालों में उलझी राधिका ना जाने कितनी देर तक रोती रहती हैं. आज उसका दर्द समझने वाला कोई नहीं था.आज वो इन सब दरोंदों के बीच बिल्कुल अकेली थी.........................एक दम अकेली.........
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर - by sexstories - 04-05-2019, 01:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,531,423 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,823 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,245,094 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 941,230 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,671,430 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,096,149 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,976,774 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,140,844 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,063,864 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,843 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)