Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 01:08 PM,
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
रात के करीब 9 बज रहे थे. कृष्णा और राधिका एक दूसरे की बाहों में बेख़बर सो रहे थे. राधिका के मन में हर बार की तरह राहुल के लिए आत्म-ग्लानि थी. वो तो खुद ऐसे मज़धार में फँसी हुई थी कि उसको कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे.

उधेर बिहारी के घर पर...................

बिहारी की तो वैसे भी फटी पड़ी थी राहुल की वजह से. और वो जान गया था कि अगर अब वो अपना हुकुम का इक्का नहीं खोला तो अब बहुत देर हो जाएगी और कल तक राहुल उसकी गर्दन मरोड़ चुका होगा. ये सोचकर वो अपनी अगली चाल चलता हैं..

बिहारी- बिरजू मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी. पर मुझे समझ में नही आ रहा कि मैं ये बात तुमसे कैसे कहूँ.??

बिरजू तो पहले बिहारी की बातें सोचने पर मज़बूर हो जाता हैं कि आख़िर बिहारी उससे कौन सी बात करना चाहता हैं पर वो अपने मालिक को निराश भी तो नहीं करना चाहता था. इसलिए वो इशारे में अपना सिर हां में हिला देता हैं.

बिरजू- कहिए मलिक. ऐसी कौन सी बात हैं जो आप इतना सोच रहे हैं??

बिहारी- क्या करें बिरजू बात ही कुछ ऐसी हैं. अगर नहीं कहा तो तेरे साथ ना-इंसाफी होगी और अगर कह दिया तो तू बुरा मान जाएगा.

बिरजू- आप तो मेरे मालिक हैं और मैं आपका वफ़ादार नौकर. मालिक की बातों का भला मैं कौन होता हूँ बुरा मानने वाला. आप बे-झीजक कहिए.

बिहारी कुछ देर सोचता हैं फिर कहना शुरू करता हैं- देख बिरजू बात बहुत ही गंभीर हैं. मैं नहीं चाहता कि तेरा परिवार बिखर जाए. मुझे तेरे बेटे कृष्णा की हरकतें कुछ ठीक नहीं लग रही.

बिरजू- क्या हुआ मलिक. कृष्णा ने कुछ कहा क्या आप से.

बिहारी- नहीं बिरजू हर बात कोई ज़रूरी थोड़ी ना हैं कि कहा ही जाए. तुझे पता भी हैं आज कल तेरे घर में क्या चल रहा हैं. तू तो दिन भर घर से गायब ही रहता हैं. और कृष्णा तेरी पीठ पीछे तेरी बेटी के साथ......................इतना बोलकर बिहारी खामोश हो जाता हैं.

बिरजू के चेहरे का रंग फीका पड़ जाता हैं- ऐसा क्या किया हैं कृष्णा ने मेरी बेटी के साथ. वो तो उसकी बहुत ख्याल रखता हैं. और आब तो कृष्णा राधिका को दिल-ओ-जान से चाहता हैं आख़िर वो उसकी एक-लौति बेहन जो हैं.

बिहारी- यही तो तू समझने की भूल कर रहा हैं. मैं ये नहीं कह रहा कि कृष्णा राधिका को दिल-ओ-जान से नहीं चाहता हैं मगर एक भाई बेहन के रूप में नहीं बल्कि अपनी प्रेमिका के रूप में.. अब तेरी बेटी हर रात कृष्णा का बिस्तेर गरम करती हैं और अब वो कृष्णा की रखैल बन चुकी हैं.

बिरजू- मालिक ज़ुबान संभाल का बात कीजिए. आप मालिक हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप मेरी बेटी पर इतना गंदा इल्ज़ाम लगाएँगे. मैं ये कभी बर्दास्त नहीं करूँगा. बस आप चुप हो जाइए. मैं अब और अपनी बेटी के बारे में ये सब नहीं सुन सकता.

बिहारी- सच हमेशा कड़वा होता हैं बिरजू. मुझे पता था कि तुझे मेरी बातों का यकीन बिल्कुल नहीं होगा. पर मुझे क्या मिलेगा तुझसे झूट बोलकर. ये 100 आना सच हैं.

बिरजू- ऐसा कभी नहीं हो सकता. मेरी बेटी ऐसा घिनौना काम कभी नहीं कर सकती. और कृष्णा उसका भाई हैं भला वो कृष्णा के साथ ऐसा नीच काम कैसे कर सकती हैं. ये सरासर ग़लत हैं.

बिहारी- झूट बोलने का शौक मुझे भी नहीं है बिरजू. तुझे क्या लगता हैं कि मैं झूट बोल रहा हूँ. अगर तुझे मेरी बातों पर यकीन नहीं है तो जा इसी वक़्त अपने घर और जाकर अपनी आँखों से देख कि इस वक़्त कृष्णा तेरी भोली भाली बेटी की गान्ड मार रहा हैं कि नहीं. अगर मेरी बात झूट निकले तो बिहारी अपनी ज़ुबान कटवा देगा. ये बिहारी की ज़ुबान हैं.

बिरजू के चेहरे पूरा पीला पड़ गया था. वो ये बात आच्छे से जानता था कि बिहारी उससे ऐसा घिनोना मज़ाक कभी नहीं कर सकता. तो क्या ये सब सच हैं. क्या मेरी बेटी इस वक़्त कृष्णा के साथ ऐसा गंदा काम कर रही होगी................नहीं नहीं ये सच नहीं हो सकता. राधिका को मैं आच्छे से जानता हूँ. वो मर जाना पसंद करेगी मगर इतना गंदा काम कभी नहीं कर सकती.. बिरजू को ऐसे सोच में डूबा देखकर बिहारी मन ही मन बहुत खुस होता हैं..

बिहारी- देख बिरजू अब भी कुछ नहीं बिगाड़ा हैं. जा कर अपनी बेटी को समझा और अगर ये बात समाज़ में फैल गयी तो तू किसी को मूह दिखाने के लायक नहीं रहेगा. समझाना मेरा फ़र्ज़ था आगे तेरी मर्ज़ी.

बिरजू- ठीक हैं मालिक ईश्वार से मैं यही दुआ करूँगा कि आपकी बात सच ना हो. अगर ऐसा हुआ तो मैं आज के बाद आपके चौखट पर कभी अपना कदम नहीं रखूँगा. और अगर आपकी बात सच हुई तो मैं अपने इन्ही हाथों से अपनी बेटी का गला घोंट दूँगा.

बिहारी- तो फिर देर किस बात की हैं. इसी वक़्त घर जाकर देख ले कि तेरी बेटी कृष्णा की रातें रंगीन कर रही हैं कि नहीं. अगर मेरी बात ग़लत हुई तो तू बेशक़ मेरे चौखट पर अपने कदम मत रखना. और अगर मेरी बात सच हुई तो तू जो चाहे अपनी बेटी के साथ कर सकता हैं.

बिरजू वहाँ से थिरकते कदमों से वो अपने घर की तरफ़ निकल पड़ता हैं. बारिश आभी भी हल्की हल्की हो रही थी. आज बिरजू के माँ में हज़ार तरह के सवाल उठ रहे थे. उसे तो बिल्कुल याकीन नहीं हो रहा था कि उसकी अपनी बेटी अपने ही भाई से ऐसा गंदा काम भी कर सकती हैं. आख़िर राधिका की क्या मज़बूरी रही होगी क्या हवस में आदमी इतना नीचे भी गिर जाता हैं कि कौन उसका भाई हैं ये तक उसे दिखाई नहीं देता. ऐसे ही हज़ार तरह के सवाल इस वक़्त बिरजू के मन में उठ रहे थे.

बिरजू तो रास्ते भर ये मना रहा था कि ये सब बातें जो बिहारी ने उससे कही थी वो सब ग़लत हो. उसके कदम भारी होते जा रहे थे जैसे जैसे उसका घर नज़दीक आ रहा था. थोड़े देर के बाद वो अपने घर के दरवाज़े के पास खड़ा होता हैं. वो भी इस वक़्त पूरा भीग चुका था. वैसे तो कितने सालों के बाद वो आज रात में अपने घर आया था. रात को तो वो कभी भी घर नहीं आता था. इस वजह से कृष्णा और राधिका बिरजू की तरफ से पूरी तरह बेख़बर थे. उन्हें क्या मालूम था की इस वक़्त बिरजू अपने घर के चौखट पर खड़ा है. इस वक़्त कृष्णा और राधिका एक दूसरे की बाहों में नंगे सोए हुए थे..


तभी उनके घर पर दस्तक होती हैं. दरवाज़े की खट-खटाहट सुनकर राधिका और कृष्णा की आँखें खुल जाती हैं और दोनो चौक कर उठ बैठते हैं.

कृष्णा- इस वक़्त कौन आ गया रात के 10 बजे. ऐसा कर राधिका फटा फट अपने कपड़े पहन ले मैं जाकर दरवाजा खोलता हूँ और कृष्णा अपने बदन पर लूँगी और बनियान डालकर वो दरवाज़े की तरफ बढ़ता हैं. उसके मन में भी कई तरह के सवाल थे. आख़िर इतनी रात में कौन आ सकता हैं. बापू तो नहीं होंगे उसे पूरा विश्वास था क्यों कि वो कितने सालों से उसके बापू रात में घर नहीं आते थे.

कृष्णा अपने ही सोच में डूबा हुआ वो दरवाजे की तरफ पल पल बढ़ रहा था और उधेर राधिका के दिल में भी दर जनम ले चुका था. वो भी फटाफट अपने कपड़े पहनती हैं मगर उसके कपड़े तो पूरे गीले थे. वो झट से अलमारी में से अपने सूट और सलवार निकाल कर जल्दी से पहनने लगती हैं. आख़िर कार कृष्णा दरवाजे के पास पहुँच जाता हैं और अपने बढ़ते कदमों को वहीं रोककर अपना एक हाथ आगे बढ़कर दरवाज़ा खोलने लगता हैं. उधेर बिरजू के मन में भी इसी तरह के सवाल चल रहे थे.

अंत में कृष्णा दरवाज़ा खोल देता हैं और जैसे ही दरवाज़े खुलता हैं कृष्णा की नज़र जब बिरजू पर पड़ती हैं तो कृष्णा के होश उड़ जाते हैं. कृष्णा ने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इस वक़्त उसका बाप दरवाज़े पर खड़ा होगा.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर - by sexstories - 04-05-2019, 01:08 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,526,545 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,208 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,242,896 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 939,563 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,668,661 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,093,778 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,972,786 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,127,141 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,058,898 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,355 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)