RE: Real Sex Story मीनाक्षी की कामवासना
मोनू बोला, “ठीक है।”
मैंने मोनू को एक खुशबूदार साबुन दे दिया तो वो नहाने चला गया। थोड़ी देर बाद मोनू नहा कर बाहर आया। अब उसका सारा बदन एक दम खिल उठा था और महक भी रहा था। वो पैंट और शर्ट पहनने लगा तो मैंने कहा, “घर में पैंट शर्ट पहनने की कोई जरूरत नहीं है। तुम निक्कर और बनियान में ही रह सकते हो।”
राज बोला, “मैं घर जा रहा हूँ।”
मैंने कहा, “ठीक है। मुझे भी एक पार्टी में जाना है अभी... पर कल मैं कहीं नहीं जाऊगी। अब तुम परसों सुबह आना।”
राज ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है। मैं कल नहीं आऊँगा।”
उसके बाद राज चल गया और मैं भी तैयार होके पार्टी में चली गयी। रात के दस बजे मैं पार्टी से वापस लौटी। मैंने पार्टी में डिंक की थी इसलिए मैं कुछ नशे में थी। मैंने बेडरूम में जा कर झटपट पैंटी और ब्रा छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और नशे की हालत में सैंडल पहने ही बेड पर पसर गयी। उसके बाद मैंने मोनू को पुकारा। वो मेरे पास आय और बोला, “क्या है।”
मैंने कहा, "मैंने पार्टी में कुछ ज्यादा ही पी ली और मेरा सारा बदन टूट रहा है। तुम थोड़ा स तेल लगा कर मेरे सारे बदन की मालिश कर दो।”
वो बोला, “आप मुझसे मालिश करवायेंगी।”
मैंने कहा, “शहर में ये सब आम बात है। गाँव की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करतीं। तुम ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आओ और मेरे बदन की मालिश करो।” वो ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आया तो पेट के बल लेट गयी। वो घूर घूर कर मेरे गोरे बदन को देखने लगा। उसकी निगाहों में भी सैक्स की भूख साफ़ दिख रही थी। मैंने कहा, “क्या देख रहे हो। चलो मालिश करो।” वो शर्माते हुए मेरी बगल में बेड पर बैठ गया। मैंने कहा, "पहले मेरी पीठ और कमर की मालिश करो।” वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा। उसका हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस जाता था। मैंने कहा, “तुम्हारा हाथ बार बार मेरी ब्रा में फँस रहा है। तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो।” उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने कहा, “और नीचे तक मालिश करो।” वो और ज्यादा नीचे तक मालिश करने लगा। अभी उसका हाथ मेरे चूतड़ पर नहीं लग रहा था।
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