RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
ये सब तुमने मुझे पहले या कल रात को क्यों नही बताया?" डॉली ने पूछा.
"मैं बताने ही वाला था," धीरज ने जवाब दिया. "लेकिन मैं नही चाहता था कि ये सब सुनकर तुम्हारे या राज के मन में कोई दुर्भावना आ जाए.
"तुम और तान्या?" वो फिर से बोली. "क्या राज को इस बारे में मालूम है, या उसको शक़ है?"
"तान्या उसको आज इस समय सब कुछ बता रही होगी," धीरज ने जवाब दिया. "फिर कल सुबह हम चारों बैठ कर डिसाइड करेंगे कि अब आगे कैसे और क्या करना है.
"क्या तुम को सचमुच लगता है कि हम आपस में एक दूसरे के पार्ट्नर्स को शेर कर सकते हैं, क्यों?" डॉली ने पूछा, और तान्या की तरह मन ही मन सोचने लगी कि यदि ऐसा होता है, तो कितना अच्छा होगा. ऐसा सोचते हुए उसके गाल सुर्ख गुलाबी हो उठे.
"सच कहूँ, तो मुझे भी नही पता," धीरज ने जवाब दिया.
"लेकिन तुमने तान्या को मेरे और राज के बारे में सब कुछ बता दिया है ना?"
"उसको तो पहले से ही तुम दोनो पर शक़ था, जिस तरह से तुम दोनो एक दूसरे के साथ अटपटे ढंग से बिहेव कर रहे थे, लेकिन वो असलियत से अंजान थी. मैने किसी तरह मेरे और मेरी बेहन संध्या के रिश्तों का हवाला देते हुए समझाया कि ऐसा होना कोई बहुत बड़ी बात नही है, कयि भाई बेहन आपस में चुदाई कर अपनी शारीरिक भूख मिटाते हैं."
"उसके समझ में आ गया?" डॉली ने खिसियाते हुए पूछा.
"हां, क्योंकि उसके तो कोई भाई है नही, इसलिए शायद वो समझ गयी कि दबे छुपे कयि घरों में ऐसा होना आम बात है."
"लेकिन फिर भी इन्सेस्ट की बात पर थोड़ा सर्प्राइज़ होना तो नॉर्मल ही है," धीरज बोला.
"हां, देखते हैं अब आगे क्या होता है. ये थोड़ा अटपटा तो है, लेकिन फिर भी शायद मेरे लिए ओके है, पर शायद राज को ये सब नॉर्मल ना लगे."
"हां, उसको अपनी सग़ी बड़ी बेहन को चोदना तो नॉर्मल लगता है, अपनी बेहन को चोदे बिना उस से रहा नही जाता, तो ये नॉर्मल क्यों नही लगेगा?" धीरज ने पूछा. "क्या तुम दोनो एक दूसरे को चोदे बिना रह सकते हो."
"हां, तुम सही कह रहे हो." डॉली गहरी साँस लेते हुए बोली.
"बस एक और सवाल मुझे अभी परेशान कर रहा है," धीरज बोला.
"वो क्या?"
"मेरे लिए भी तुमने कुछ बचा कर रखा है, या अपने छोटे भाई से ही मन भर गया?" वो हंसते हुए बोला, और अपने कपड़े उतारने लगा.
"तुम ऐसा क्यों सोचते हो हो जानेमन, तुम तो मुझे जब चाहे तब चोद सकते हो?" डॉली मुस्कुराते हुए बोली, और अपना नाइट्गाउन उतारने लगी.
बगल वाले रूम में, बातचीत इतनी शांति से नही चल रही थी.
"क्या तुमने सचमुच धीरज के साथ चुदाई की है?" राज चीखते हुए बोला, और तान्या उसके बेतुके सवाल पर अचंभित होकर उसको देखने लगी.
"तुमने भी तो अपनी सग़ी बड़ी बेहन के साथ की है," तान्या अपना बचाव करते हुए बोली. राज निरुत्तर होकर तान्या के पास से तरफ करवट लेकर उस ने दूसरी तरफ मूँह कर लिया.
"वेट! आइ'म सॉरी, प्लीज़ इधर मेरी तरफ देखो, राज," तान्या ने उसकी बाँह पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए कहा. "हम इस बारे में बात कर सकते हैं." तान्या के इस बात के शुरू करने से पहले ही अपने कपड़े उतार चुके थे, और दोनो एक दम नंगे थे.
"क्या बात करनी है? तुम कहना क्या चाहती हो?" राज को जैसे कुछ समझ में नही आ रहा था. "भाई बेहन के बीच इन्सेस्ट, बेवफ़ाई... क्या इस बारे में बात करनी है तुमको?"
"एग्ज़ॅक्ट्ली!" तान्या अपनी कोहनी का सहारा लेकर बैठते हुए बोली, उसने राज के सार्कॅज़म को इग्नोर कर दिया. "तुम्हारी फीलिंग्स डॉली दीदी के लिए कभी नही बदल सकती," तान्या बोली.
राज ने झिझकते हुए अपनी बीवी की आँखों में देखा. क्या वो सचमुच जानती है कि उसकी अपनी दीदी के प्रति क्या फीलिंग्स हैं?
"और तुम्हारे और धीरज के बीच का क्या?"राज ने पूछ ही लिया.
"धीरज और मेरे बीच जो कुछ हुआ, वो शायद इसलिए.... कि हम दोनो ही अपनी अपनी सेक्स लाइफ से सॅटिस्फाइड नही थे. जिस तरह से तुमने कल रात बहुत लंबे टाइम बाद मुझे ढंग से चोदा था,” तान्या मुस्कुराते हुए बोली.
राज मन ही मन सोचने लगा किस तरह कल रात बगल के रूम से दीदी की चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ें सुनकर वो बेहद उत्तेजित हो गया था, और उसने तान्या की ताबड़तोड़ चुदाई की थी. और फिर वो सोचने लगा किस तरह उसने और डॉली दीदी ने आज दिन में चुदाई की थी, ये सोच कर ही उसका लंड में अपने आप हरकत होने लगी.
"आइ लव यू," तान्या उसके चेहरे को देखते हुए बोली. "इस बात से कोई फरक नही पड़ता कि हम को क्या चीज़ एग्ज़ाइट करती है." जब तान्या ये सब बोल रही थी, तभी बगल वाले रूम से चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ें आने लगी, और तान्या ने अपना चेहरा नीचे ले जाकर अपने पति राज के थोड़ा सा खड़े हुए लंड को अपने मूँह में भर लिया.
"क्या कर रही हो तान्या," राज उसको रोकते हुए बोला. तान्या उसके लंड को जो अब तक पूरी तरह खड़ा हुआ था, उसको उपर नीचे कर के मुठियाने लगी, और बगल वाले रूम से आ रही आवाज़ों का वॉल्यूम धीरे धीरे बढ़ने लगा.
"अपनी आँखें बंद कर लो," तान्या ने उसको इनस्टरक्ट किया. "चुप चाप लेटे रहो."
अपनी दीदी की चुदाई की आवाज़ें उसके दिमाग़ में हलचल मचा रही थी, और अपनी बीवी की गरम गरम चूत उसके लंड को अपने अंदर समाते हुए उपर नीचे हो रही थी, अब राज के बस में कुछ नही था. कल क्या होगा, कल ही देखेंगे, और वो अपनी बीवी की चूत में अपने लंड को गान्ड उछाल उछाल कर अंदर तक पेलने लगा, अपनी दीदी की चुदाई की आवाज़ें उसके लंड को चुदाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी.
अगली सुबह, बातचीत के दौरान राज के तीखे व्यंगा बाणों को सुनकर, धीरज को लगा कि बातचीत शायद सही दिशा में नही जा रही है.
राज तीखा व्यंग बान छोड़ते हुए बोला, “ऐसा लगता है, हमाम में हम सभी नंगे हैं.” दोनो कपल्स ब्रेकफास्ट टेबल पर जो कुछ हुआ था उस पर डिस्कशन करने के लिए बैठे थे. धीरज, डॉली और तान्या अपने अपने पार्ट्नर्स को एक दूसरे के साथ शेर करने के लिए तय्यार थे, बस राज को ही ये बात समझ में नही आ रही थी.
"राज..." तान्या ने राज की बात का जवाब देना शुरू ही किया था, तभी धीरज ने उसकी बात काट दी.
"नही, राज सही कह रहा है. अभी शांति से सभी को इस बारे में सोचने की ज़रूरत है."
डॉली और तान्या दोनो ने धीरज की तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देखा.
“अभी हमको यहाँ तीन दिन और रहना है,” वो टेबल पर आगे की तरफ झुकते हुए बोला. “हम सभी इस बारे में सॅटर्डे को बात करेंगे. सभी को इस बारे में सोचने के लिए सफिशियेंट टाइम मिल जाएगा.”
धीरज की बात सुनकर डॉली और तान्या दोनो के चेहरे पर शिकन आ गयी.
"अभी और सॅटर्डे के बीच क्या डिफरेन्स आ जाएगा?" डॉली ने पूछा.
"देखो, अभी हमारे पास तीन और रात हैं. मेरी मानो तो हम हर रात अपने अपने स्लीपिंग पार्ट्नर चेंज कर लेते हैं. कल रात हम अपने अपने मियाँ बीवी के साथ सोए थे, तो आज रात तान्या मेरे साथ और डॉली राज के साथ सोएगी.” धीरज ये बोलकर राज के चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन्स को देखने लगा.
“सॅटर्डे तक हम लोग घर जाने से पहले डिस्कशन करने के लिए रेडी होंगे.” डॉली और तान्या दोनो उम्मीद भरी नज़रों से राज की तरफ देखने लगी.
जैसे ही धीरज ने डॉली के राज के साथ सोने की बात कही, राज के लंड में सुरसुराहट होने लगी. जैसे ही उसने अपनी डॉली दीदी की आँखों में याचना देखी, उसके दिमाग़ में दीदी को चोदने के ख्याल आने लगे. हल्का सा मुस्कुराते हुए राज ने हामी में अपनी गर्दन हिला दी.
"हम सभी को इस की ज़रूरत है, यू नो," राज बोला और सभी ने एक गहरी लंबी साँस ली.
धीरज को एक बार को तो मानो विश्वास ही नही हुआ. एक वीक पहले जिसका अपनी सलहज के साथ सीक्रेट अफेर चल रहा था, और अब सबको इस के बारे में पता है, उसकी बीवी अपने भाई से चुदवा रही है, और सब लोगों ने अगले तीन दिनों तक अपने अपने पार्ट्नर्स स्वप करने के लिए मजूरी दे दी थी.
डॉली तो अपने पति धीरज से भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड थी, और राज के साथ होने के लिए जल्दी से रात होने का इंतेजार कर रही थी. लेकिन तान्या ने तो रात का भी इंतेजार नही किया, और लँचे करते हुए उसने डेटाइम सेक्स की बात शुरू कर दी.
"तो फिर इस की शुरुआत कब से करेंगे?" तान्या ने डेक पर लंच करते हुए तंदूरी रोटी का एक टुकड़ा तोड़ते हुए पूछा.
"मैं समझा नही, तुम पूछना क्या चाहती हो?" धीरज ने पूछा.
"मेरा मतलब, जैसे कि आज रात मैं और जीजा जी साथ होंगे, तो फिर ये क्या केवल रात के लिए ही होगा या फिर पूरे 24 घंटों के लिए? मान लो, फॉर एग्ज़ॅंपल अगर हम दोनो दोपहर में कहीं गायब हो जायें तो?” तान्या ने अपनी आइब्रो उपर चढ़ाते हुए पूछा.
"माइ गॉड, तान्या!" राज के मूँह में रोटी का गस्सा मानो फँस ही गया, लेकिन डॉली उत्सुकता से धीरज के उत्तर की प्रतीक्षा कर रही थी. उसने तो इस बारे में सोचा ही नही था.
"मैं बस वैसे ही पूछ रही थी?" तान्या ने मुस्कुराते हुए कहा.
"मेरे ख्याल से ये तब से लागू होगा जब हम सुबह उठेंगे," धीरज ने अपनी नेतागिरी दिखाते हुए कहा, शायद बाकी तीनों इस मसले पर उसको अपना नेता मान चुके थे. “हम लोग सुबह उठने के बाद से हर 24 घंटे बाद पार्ट्नर्स की अदला बदली किया करेंगे.”
"मुझे तो लंच के बाद थोड़ी देर सोने का मन कर रहा है,” तान्या ने धीरज का हाथ पकड़ कर उठाते हुए कहा.
डॉली देख रही थी कि राज अपनी बीवी के धीरज से चुदने की इस बेकरारी पर कैसे रिएक्ट करता है, लेकिन राज ने चुपचाप अपना लंच फिनिश किया और धीरज और तान्या को सीढ़ियाँ चढ़कर रूम की तरफ जाते हुए देखता रहा. हालाँकि राज भी अपनी डॉली दीदी को चोदने के लिए बेकरार था, लेकिन वो इस वक़्त दिन में जब की धीरज और तान्या बगल वाले रूम में हो तब ऐसा नही करना चाहता था.
जब कि उनके पति पत्नी उपर रूम में ना जाने क्या कर रहे होंगे, डॉली और राज दोनो सोफे पर एक दूसरे से चिपक कर बैठ गये. दोनो ने एक दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल रखी थी, और बीच बीच में एक दूसरे को किस भी कर लेते थे, दोनो इस बात को अब समझ चुके थे कि जो कुछ उन दोनो के बीच शादी से पहले ही शुरू हो गया था, ये सब उसी का नतीजा है. डॉली अपने छोटे भाई राज को बता रही थी कि कैसे वो अब भी उन दिनों की उन दोनो की चुदाई के सपने देखती है, और राज उसको कह रहा था कि वो तो बस उन पलों को याद कर के ही जिंदा है. कुछ घंटों के बाद जब धीरज और तान्या अपने बेडरूम से निकल कर बाहर आए, डॉली और राज ने हालाँकि सारे कपड़े पहने हुए थे, लेकिन दोनो ने एक दूसरे को बाँहों में भर रखा था, दोनो ने सोफे के उपर पैर रखे हुए थे और दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपके हुए थे.
"हे, चलो रूम में चले जाओ दोनो!" धीरज ने सीढ़िीयों से उतरते हुए मजाकिया लहजे में कहा. "तान्या आंड मैं बीच पर जा रहे हैं, तुम दोनो चलोगे?"
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