RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"ओह हां! ऐसे ही करो प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज... ऐसे ही करते रहो," तान्या कुछ कुछ बोले जा रही थी, और धीरज किसी तरह अपनी नज़रों को रोड पर रखते हुए, तान्या की चूत में उंगली कर उसकी चूत में लगी आग को भुजाने की कोशिश कर रहा था. एक दिन पहले जब वो चुदाई की प्लॅनिंग कर रहा था, तब उसने रास्ते में बीच से कुछ ही दूरी पर एक छोटा सा होटेल देखा था, वो उसकी तरफ ही ड्राइव कर रहा था, और मन ही मन सोच रहा था, कहीं वो तान्या की चूत में उंगली करने के चक्कर में कहीं आगे तो नही निकल आया है.
"ओहाआआआअ!" तान्या ने कस कर धीरज का हाथ पकड़ लिया, और अपनी जांघों को सिकोड कर बंद कर लिया, और धीरज की उंगली को अपनी फड़कती हुई चूत में क़ैद कर लिया. तान्या के शरीर ने एक दो झटके मारे, और फिर उसकी चूत ने ढेर सारा जूस निकाल दिया, इसके बाद तान्या ने अपना चेहरा घुमाकर धीरज की तरफ देखा.
"इतना दूर कहाँ ले जा रहे हो?" उसने अपनी अध खुली आँखों से देखते हुए उसने पूछा.
"बस कुछ ही दूर है," धीरज मुस्कुराते हुए बोला, कुछ मिनट के बाद होटेल की पार्किंग में अपनी कार पार्क करते हुए धीरज बोला, “चलो अब अपने शॉर्ट को उपर कर लो.”
"हम को चेक इन तो नही करना पड़ेगा ना?" तान्या ने पूछा.
"मैने सब इन्तेजाम पहले से कर रखा है, तुम चिंता मत करो," धीरज मुस्कुराते हुए बोला. अगले कुछ घंटों तक दोनो ने एक दूसरे की अच्छी तरह अलग अलग पोज़ में चुदाई की. धीरज ने तान्या की चूत को चाट चाट कर उसको कयि बार झडने पर मजबूर किया. तान्या ने भी धीरज के लंड को जी भर कर चूसा और फिर दोनो ने मस्त चुदाई की, जब तक कि दोनो थक नही गये. अगर दोनो के ऑर्गॅज़म वैसे नही थे जैसे कि उनके पति पत्नी वहाँ बीच हाउस पर एक्सपीरियेन्स कर रहे थे, तो उस से कम भी नही थे. धीरज और तान्या एक दूसरे को संतुष्ट कर के नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए, बेड पर लेटे हुए थे.
"मुझे लगता है राज और डॉली दीदी के बीच कुछ अटपटा सा कुछ चल रहा है," तान्या ने बात शुरू करते हुए कहा, वो बहुत देर से इस बारे में सोच रही थी, तभी से जब से वो दोनो बीच हाउस से बाहर निकले थे. धीरज इसी उधेड़ बुन में था कि वो तान्या को यहीं पर सब कुछ बता दे या नहीं.
"तुम कहना क्या चाहती हो?" धीरज ने पूछा, वो ये जानना चाहता था कि तान्या को इस बारे में क्या कुछ पता है.
तान्या ने बताया कि कैसे पहले शुरूवात में तो राज बगल वाले धीरज के रूम से आती चुदाई की आवाज़ों से परेशान हो उठता था, और कैसे उस दिन अपनी दीदी के सनस्क्रीन लोशन लगाते हुए उसका लंड खड़ा हो गया था, और कैसे वो तान्या को चोदते हुए बगल के रूम से आती हुई दीदी की चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ों से उत्तेजित हो रहा था. “मुझे लगता है उन दोनो के बीच कुछ तो है.”
"तुम सही कह रही हो तान्या," धीरज ने जवाब दिया. धीरज और तान्या दोनो एक दूसरे के बेहद करीब आ चुके थे, और अब तान्या से झूठ बोलना असंभव था. “लेकिन उन दोनो के बीच बहुत कुछ है, जिसके बारे में तुमको कुछ भी पता नही है.” धीरज ने तान्या को वो सब बताया जो उसने उन दोनो को बात करते हुए सुना था, उसके बाद धीरज और डॉली के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया, और फिर उसने बताया कि इस वक़्त बीच हाउस पर क्या हो रहा होगा.
"ओह गॉड, धीरज! राज और डॉली?" तान्या के मूँह से आवाज़ ही नही निकल रही थी. तान्या को नही पता था कि उन भाई बेहन के बीच बचपन से ही यानी उनकी शादी से पहले से चुदाई का खेल चल रहा है, वो तो सोच रही थी की राज का खूबसूरत औरत के प्रति नॅचुरल आकर्षण है. धीरज ने तान्या को इन सब बातों को डाइजेस्ट करने की लिए कुछ समय दिया, और डिस्कशन को आगे बढ़ाने से पहले कुछ देर वैसे ही शांति से बैठा रहा.
"हां, वो भी वो ही कर रहे हैं जो हम दोनो कर रहे हैं," धीरज सब कुछ सॉफ करते हुए बोला, “ बस फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि वो दोनो सगे भाई बेहन हैं."
"क्या तुम को ये सब ठीक लगता है?" तान्या ने पूछा, ये सब सुनकर उसका सिर अभी भी घूम रहा था. धीरज के जबाव देने से पहले ही वो फिर से बोली, “दोनो भाई बेहन ने अपनी वर्जिनिटी एक दूसरे के साथ....”
"हां, लेकिन इसमे इतना परेशान होने की कोई बात नही है, ऐसा बहुत भाई बहनों के बीच होता है, बस सब इस बात को छुपा जाते हैं. कोई नही चाहता कि समाज में उनकी बदनामी हो, कयि बार तो माँ बाप को भी पता होता है कि उनके बाचे आपस में ही सेक्स कर रहे हैं, लेकिन वो चुप रहते हैं, क्यों कि अपनी उमर में वो भी ये सब कर चुके होते हैं. और सच कहूँ तो मैने भी अपनी बेहन संध्या की उसकी शादी से पहले खूब जी भर के चुदाई की है, और इस बारे में डॉली को भी पता है, इन फॅक्ट मैने डॉली के सामने ही अपनी बेहन संध्या को चोदा है.”
"वाउ." तान्या एक गहरी साँस लेते हुए बोली, उसने अपना सिर धीरज के कंधे पर रख दिया, दोनो अभी भी बिल्कुल नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए थे. “अब जब ये सब तुम्हारे ही डाइरेक्षन में चल रहा है, तो फिर अब आगे क्या होने वाला है?”
"हम उन दोनो के बारे में जानते हैं, लेकिन राज और डॉली को हम दोनो के बारे में कुछ भी पता नही है," धीरज ने जवाब दिया.
"ओके," तान्या ने ओके भी सवालिया अंदाज में बोला. "तुम्हारा कहने का क्या मतलब है?"
"यदि आज वो ही सब कुछ हुआ होगा जो मैं सोच रहा हूँ, तो राज के दिमाग़ की बहुत से मानसिक ग्रंथिया आज खुल गयी होंगी. आज रात को हम उन दोनो को सब कुछ बता देंगे. एक साथ नही, अपने अपने रूम में अपने अपने पार्ट्नर्स को एकांत में सब कुछ बता देंगे. हम को उन दोनो को एहसास दिलाना होगा, कि जो कुछ वो कर रहे हैं वो होना कोई अजूबा नही है, ऐसा बहुत भाई बहनों के बीच होता है, और सीक्रेट उनके पास ही नही हमारे पास भी है. और फिर कल सुबह हम चारों हम आपस में डिसकस कर लेंगे कि अब आगे क्या और कैसे करना है.”
"तुम मज़ाक तो नही कर रहे हो ना?" तान्या ने अविश्वसनीय अंदाज में पूछा.
"सच में सीरियस्ली बोल रहा हूँ," धीरज कॉन्फिडेंट्ली बोला. "आराम से टाइम लेकर इस बारे में सोच लो, मुझे नही लगता कि राज अपनी डॉली दीदी को चोदे बिना रह सकता है, और ना ही मैं तुमको चोदे बिना. हम लोग आपस में कुछ ऐसा अरेंज्मेंट करेंगे की सब को जो वो चाहते हो वो मिल जाए.
"डॅम...क्या तुम को सचमुच लगता है कि ऐसा कुछ हो पाएगा?” तान्या ने पूछा, लेकिन मन ही मन वो खुश हो रही थी, कि अगर ऐसा कुछ हो गया तो कितना अच्छा होगा. वो अपने प्रेमी और पति से बिना गिल्टी फील किए चुदवा पाएगी. हालाँकि इस के लिए उसको अपने पति के अपनी दीदी के साथ संबंधों को स्वीकार करना पड़ेगा. वो सोच में डूब गयी.
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