RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
अपनी बीवी को चरम पर पहुँचते हुए देखकर, धीरज ने बिना झिझके चुदाई के खेल को नेक्स्ट लेवेल पर ले जाने का फ़ैसला किया. और डॉली के उपर आते हुए, धीरज ने उसकी चूत में से उंगली निकाल ली, और अपना सिर उसकी चूंची पर से उपर उठा लिया. अपने होंठों को डॉली के होंठों पर दबा कर घिसते हुए, उसने अपने जीभ डॉली के मूँह में अंदर घुसा दी, और अपने फन्फनाते लंड को उसकी चुदने के लिए बेकरार, इंतेजार कर रहे उस चिकने, गरम छेद में आसानी से अंदर घुसा दिया.
जैसे ही डॉली ने धीरज के लंड को अपनी फड़कती हुई चूत में घुसता हुआ महसूस किया, डॉली के मूँह से "अहह!" की आवाज़ निकल गयी. डॉली और धीरज चूत में लंड के घुसने के बाद चुदाई के झटकों का एक दूसरे की ताल से ताल मिलाकर साथ देने लगे.
धीरज को विश्वास ही नही हो रहा था, कि ऐसी गरम बीवी के साथ वो कैसे उसको बिना चोदे पिछले कुछ महीनों से एक ही बेड पर सोता रहा था. डॉली आज ना सिर्फ़ चुदने को आतुर थी, बल्कि उसका बराबर साथ दे रही थी, ऐसा लग रहा था मानो उसकी चूत अपने पति के लंड की भूखी थी. डॉली ने अपनी दोनो टाँगें इस कदर फैला कर चौड़ी कर रखी थी, ऐसा धीरज ने शादी के इतने सालों में पहले कभी महसूस नही किया था. जैसे कोई कुतिया हीट में कुत्ते के लंड की दीवानी हो जाती है, वैसा ही हाल डॉली का भी था. वो अपनी गान्ड उछाल उछाल कर धीरज का लंड अपनी चूत में पिलवा रही थी. डॉली की चुदाई करने में धीरज को आज तान्या की चुदाई से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अपनी बीवी की गरम गरम चूत में लंड को अंदर बाहर करते रहने के बाद धीरज का लंड भी पानी छोड़ने को तयार होने लगा. डॉली तो मानो पागल ही हो गयी थी, और अपने हाथ की उंगलियों के नाख़ून धीरज की गान्ड की गोलाईयों में गढ़ा रही थी, मानो और ज़्यादा ज़ोर से चोदने के लिए कह रही हो. धीरज के लिए अब और ज़्यादा देर अपने आप को रोक पाना असंभव था. धीरज के टट्टों में गोलियाँ उपर चढ़ने लगी, और वो ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. दो तीन जोरदार झटकों के बाद अगली बार जैसे ही लंड चूत में घुसा, सुपाडे के छेद में से वीर्य के सफेद पानी की धार ने पिचकारी मारते हुए डॉली की चूत में होली खेलनी शुरू कर दी.
डॉली भी धीरज के साथ आज ओह भगवान!! ओह भगवान!! कहते हुए झडने लगी, और उसको आज कुछ सालों बाद वैसी ही तृप्ति मिल रही थी, जैसी सालों पहले कभी अपने सगे छोटे भाई राज से चुदने पर मिला करती थी. अपने पति को अपनी चुचियों में दबाते हुए, डॉली अनगिनत बार झडति चली गयी. धीरज का मूँह उसके मूँह के उपर था, और वो उसकी जीभ की गरमाहट लेते हुए हाँफ रही थी.
जैसे ही तूफान के बाद थोड़ी शांति हुई, डॉली अपनी चूत के अंदर घुसे हुए धीरज के लंड को महसूस करने लगी, और चूत की दीवार लंड को सिकॉड़ते हुए सारे शरीर में आनंद की तरंगें प्रवाहित करने लगी. लेकिन अभी भी कहीं डॉली के दिमाग़ में राज से हुई चुदाई की पुरानी तस्वीरें घूम रही थी. कहीं कुछ बाकी था.
डॉली की चूत जैसे ही उसके लंड को निचोड़ने लगी, धीरज बोला, "आइ लव यू." अपना थोड़ा सा सिर उपर उठाकर, धीरज ने डॉली के माथे हो चूम लिया, और फिर एक एक कर के दोनो गालों को, और डॉली की आँखों के किनारों पर आ चुके आँसू के उस पानी को देखने लगा.
"आइ'म सो सॉरी..." डॉली फुसफुसाई.
"ष्ह... इट'स ओके," धीरज ने उसके नाज़ुक होंठों पर अपने होंठ घिस दिए. "इट'स मोर दॅन ओके... इट'स वंडरफुल." धीरज का लंड डॉली की पनिया राही चूत की गर्माहट का आनंद ले रहा था.
"ओह, धीरज बहुत मज़ा आ रहा है.... मैने तुम्हारे साथ पिछले कुछ महीनों से चुदाई में उदासीनता दिखानी शुरू कर दी थी,,,इसीलिए मैने सॉरी कहा. डॉली की आँखों में पश्चाताप वाले भाव थे. लेकिन धीरज की आँखों में सिर्फ़ क्षमा और अपनी सेक्सी बीवी की मस्त चुदाई के बाद धन्यवाद भरे भाव थे.
"तुमने मुझे बहुत तडपाया है,"वो अपनी गान्ड हिलाकर, लंड को उसकी चूत में आगे पीछे कर एक बार फिर से खड़ा करने का प्रयास करते हुए बोला.
"आइ लव यू सो मच!" डॉली सूबकते हुए बोली, और अपनी चूत को लंड पर कसते हुए उसके लंड के मूव्मेंट्स का जवाब देने लगी. डॉली लंड को अपनी चूत में ऐसे ही घुसाए रखना चाहती थी. ओह्ह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है धीरज. मैं आज के बाद तुम से चुदने के लिए हमेशा तय्यार रहूंगी, और तुम भी जब चाहो, जहाँ चाहो मुझे चोद सकते हो, मेरी तरफ से आज के बाद कभी मना नही होगी. डॉली मानो कसम खाते हुए बोली, “तुम आजमा कर देख लेना,” और तभी फिर से धीरज के लंड का उसकी चूत में अंदर बाहर होना शुरू हो गया. धीरज अपनी बीवी के होंठों को चूसने लगा, और दोनो के शरीर एकाकार होने लगे.
धीरज के समझ में नही आ रहा था, कि यकायक ऐसा क्या हो गया है जिसकी वजह से डॉली की सेक्स की भूख इतनी ज़्यादा बढ़ गयी है, लेकिन वो किसी प्रकार का सवाल नही पूछना चाहता था. अब जब उसका लंड फुल फॉर्म में आ चुका था, वो डॉली की चूत में अंदर तक उसको पेल कर उसकी जोरदार चुदाई करने लगा, मन ही मन वो सोच रहा था कि इस उमर में डॉली इतनी ज़्यादा चुड़क्कड़ कैसे हो गयी है, हो सकता है डॉली ओरल या अनल सेक्स के लिए भी तय्यार हो जाए, और यदि नही भी होती है तो तान्या के साथ वेडनेसडे तो है ही...
धीरः जैसी सेक्सी बीवी चाहता था जो जब चाहे तब चुदने को तयार हो, डॉली अब वैसी ही बन चुकी थी, चुदने के लिए तय्यार, नंगी होकर बेड पर उसके पास हर रात चुदने को आ जाती थी. धीरज डेली के रुटीन को चेंज करने में थोड़ा संकोच कर रहा था, लेकिन वो चुदाई में बहुत कुछ करना चाहता था, वो डॉली की चूत को चाटना चाहता था, और भी बहुत कुछ. लगातार चार रातों तक उसी एक ही स्टाइल में डॉली को नीचे लिटाकर और खुद उसके उपर चढ़कर वो उसकी चुदाई कर रहा था, लेकिन अगली रात डॉली ने रुटीन को चेंज कर धीरज को अच्मभे में डाल दिया.
बेड पर चढ़ते ही, डॉली ने धीरज को पीठ के बल बेड पर लिटा दिया, और खुद घुटनों के बल बेड पर बैठ गयी, और अपने गरम गरम होंठ धीरज के होंठों पर रख कर दबाने लगी. डॉली अपनी हथेली को धीरज की छाती पर फिराते हुए धीरे धीरे नीचे लाते हुए उसके आधे खड़े लंड के पास ले आई. जब तक डॉली उसके लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ती, तब राक धीरज बहुत एग्ज़ाइटेड हो चुका था. जैसे ही डॉली ने लंड को पकड़कर उपर नीचे करना शुरू किया, दोनो की जीभ आपस में लिपट कर अठखेलियाँ करते हुए, वो दोनो एक दूसरे को दोनो मादक अंदाज में किस करने लगे.
जैसे ही डॉली ने अपनी एक टाँग धीरज के उपर रखी, धीरज अपनी बीवी के छूने से रोमांचित हो डॉली की चूंचियाँ दबाने लगा. डॉली की चूत का मूँह लंड के ठीक सामने था, और लंड को डॉली की उंगलियों ने पकड़ा हुआ था, डॉली लंड के सुपाडे को अपनी चूत के नरम गीले होंठों पर रगड़ने लगी, और फिर उसको अपनी चूत के द्वार पर लगाकर, खुद उसके उपर आ गयी.
बेहनचोद!! धीरज तो कितने दिनों से इसी का इंतेजार कर रहा था, डॉली खुद चुदाई करवाएगी. धीरज मन ही मन सोचने लगा, कि डॉली के साथ शायद अब फिर से सब कुछ करना संभव हो पाएगा.
डॉली ने किस को तोड़ते हुए, वो धीरज के लंड को अपनी इंतेजार कर रही चूत में घुसाते हुए कराही, "म्म्म्मम!" जब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, वो उसके उपर बैठ गयी, और अपनी चूत की मसल्स को सिकोडते हुए, सही पोज़िशन में आते हुए अपनी चूत में लंड को फिट करने लगी.
जिस तरह से धीरज का फनफनाता हुआ लंड डॉली की गरम चिकनी गीली चूत में घुसा हुआ था, धीरज को इस बात का बिल्कुल इल्म नही था, कि डॉली अपने छोटे भाई राज के साथ चुदाई के क्षणों को जीवंत कर रही है. धीरज तो बस अपनी बीवी के चुदाई की पहल करने की बात से ही खुश था, और उसने अपने हाथ बढ़ाकर डॉली को चूंचियों को मसलना शुरू कर दिया, और उसके खड़े टाइट निपल्स को मींजने लगा.
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