RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
डॉली के कुछ समझ में नही आ रहा था, कि वो क्या करे. उसने तो सोचा था कि सिल्क की पतली सी नाइटी में उसको देखकर धीरज एग्ज़ाइटेड होगा, लेकिन उसने तो उसकी नाइटी की तरफ ध्यान ही नही दिया था. कुछ रात उन दोनो के बीच वो पतली सी नाइटी ही थी, फिर किसी तरह हिम्मत कर के उसने उस नाइटी की दीवार को भी दोनो के बीच से हटा दिया था, और नंगी ही बेड पर आ गयी थी, और धीरज से चिपक गयी थी, और अपनी चूंचियाँ उसकी पीठ पर दबा दी थी, उसकी दिल जोरों से धड़क रहा था, और उसकी साँसें उखड़ने लगी थी. जाने कितने दिनों के बाद आज उसकी जांघों के बीच चूत में मीठी मीठी खुजली हो रही थी. डॉली को अपने छोटे भाई राज के साथ बिताए हुए दिन याद आने लगे, किस तरह प्यार से राज उसको चोदा करता था, और वो भी कितने मज़े से अपने सगे छोटे भाई का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवाया करती थी.
अपने छोटे भाई राज की चुदाई के बारे में सोचते हुए, और धीरज के रूखे व्यवहार के बारे में सोचते हुए वो सोने की कोशिश करने लगी, फिर उसके दिमाग़ में उथल पुथल होने लगी, क्या कभी उसकी विवाहित जिंदगी में, पति पत्नी धीरज और उसकी सेक्स लाइफ नॉर्मल हो भी पाएगी या नही. धीरज तो तान्या की गान्ड मारने के सपने देख रहा था, और इधर डॉली अपने छोटे भाई राज के साथ अपनी चुदाई को याद कर रही थी.
तान्या जल्दी जल्दी अपने गेस्ट हाउस की तरफ बढ़ रही थी, वो किसी स्कूल के बच्चे की तरह नर्वस थी, जो कि अपनी पहली डेट पर जा रही हो. उसके दिमागे में उथल पुथल मची हुई थी, वो डरी हुई थी, थोड़ा नर्वस थी, एग्ज़ाइटेड भी, और धीरज के उसकी गान्ड मारने के बारे में सोचकर गरम भी हो रही थी. वो गेस्ट हाउस पर थोड़ा जल्दी पहुँच गयी, और फिर बाथटब में नहाई, उसने सुबह से बस कुछ फ्रूट्स ही खाए थे. वो चाहती थी कि उसकी गान्ड सॉफ रहकर मरवाने को तयार रहे.
नहाने के बाद जब सो रूम में आई, तो बंद टीवी की काली स्क्रीन में अपने आप को नंगा देखकर सोचने लगी, क्या उसको नाइटी पहन लेनी चाहिए. लेकिन फिर उसने अपने पूरे बदन पर खुसबु वाली बॉडी क्रीम लगा कर धीरज का नंगा रहकर ही इंतेजार करने का फ़ैसला किया. और फिर सोच में डूब गयी, उसको थोड़ी घबराहट हो रही थी, कुछ सोच कर उसने सलवार पहन ली. कुछ मिनट्स के बाद, उसने फिर से सलवार को उतार दिया, और फिर वो झीनी से नाइटी पहन ली. फिर कुछ देर बाद उसको भी उतारकर वो फिर से नंगी हो गयी, और जब वो कुछ सोच रही थी, तभी डोर बेल बज उठी.
धीरज का लंड तो पहले से ही खड़ा होकर पॅंट में टेंट बना रहा था, जैसे ही तान्या ने डोर खोला लंड बेकरार हो उठा. धीरज की आँखें तान्या के नंगे बदन का दीदार करने लगी, उसका चिकना बदन जो कि बॉडी क्रीम लगाने के बाद और ज़्यादा चमक रहा था.
"तुम तो बिल्कुल मस्त माल लग रही हो," वो तान्या को बाँहों में लेकर और डोर को बंद करते हुए बोला. तान्या उसकी बाँहों में पिघलने लगी, वो उसके कपड़ों को जल्दी ही फाड़ के उतार देना चाहती थी, धीरज उसकी गान्ड की गोलाईयों को अपनी हथेली में लेकर दबा रहा था, और तान्या के मूँह में अपनी जीभ घुसा रहा था. तान्या ने अपना एक हाथ दोनो के बीच में लाकर धीरज के लंड को पॅंट के उपर से ही पकड़ लिया, और उसको हल्के हल्के दबाने लगी. धीरज के मूँह से कराहें निकलने लगी, वो उसकी गान्ड की गोलाईयों के दबाने में मस्त मज़ा आ रहा था. धीरज मन ही मन सोच रहा था कि कुछ मिनट्स के बाद वो इस गान्ड को मारने वाला है, ये सोच कर कर ही उसका लंड तान्या के हथेली में और ज़्यादा लंबा और कड़क हुआ जा रहा था.
"मैने इस बारे में कुछ रिसर्च की है," धीरज अपने कपड़े उतारते हुए बोला. "अनल सेक्स के लिए दो चीज़ें बेहद ज़रूरी हैं, एक तो ये कि इसके लिए बेहद एग्ज़ाइटेड और गरम होना बहुत ज़रूरी है, वो तो मैं देख लूँगा. और दूसरी मेरे लंड का तना हुआ रहना. दूसरे शब्दों में कहें तो, गान्ड मारने से पहले पानी मूँह या चूत में डाल कर नही निकालना है,” धीरज ने मुस्कुराते हुए कहा.
"तुमने तो सारी रिसर्च कर ली है," तान्या झेंपकर हंसते हुए बोली. "मुझे लगता है मैं अपने आप को एक भरोसेमंद के हवाले कर रही हूँ," वो बोली, और उसने अपनी बाँहें धीरज के गले में डाल दी, और तभी धीरज अपने अंडरवेर को उतारकर नीचे ज़मीन पर फेंकते हुए सीधा खड़ा हो गया. धीरज का तना हुआ लंड तान्या की टाँगों को छू रहा था, तान्या ने उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया.
"भरोसेमंद तो हूँ लेकिन ज़्यादा तजुर्बा नही है," धीरज ने तान्या को याद दिलाया, “लेकिन तुमको तजुर्बे की कमी का एहसास नही होने दूँगा." धीरज ने तन्न्या को बेड की तरफ लाते हुए कहा और बोला, "मैने प्लान बनाया है कि पहले तो मैं चाट के तुम्हारा एक दो बार पानी निकाल दूँगा," धीरज ने तान्या को बेड पर लिटाते हुए कहा, “और फिर जब तक चोदुन्गा जब तक तुम दोबारा झडने के लिए तय्यार नही हो जाती.” तान्या की खुली हुई टाँगों के बीच आते हुए धीरज ने कहा, “और फिर तुम असली कार्यक्रम के लिए तय्यार रहना.”
"म्म्म्मम," तान्या मुस्कुराइ, "लगता है आज तो जन्नत की सैर करवाने का मूड है." तान्या ने अपनी टाँगें और ज़्यादा फैला कर चौड़ी कर दी, और धीरज उसकी गोरी गोरी अन्द्रुनी जांघों को चाटने लगा, और तान्या की गान्ड पर बेबी आयिल डाल कर उसको चिकना करने लगा.
"मज़ा आ रहा है?" धीरज ने उसकी कोमल स्किन पर अपनी जीभ फिराते हुए पूछा, और उसके गीले हो चुके चूत के होंठों की तरफ बढ़ने लगा.
सचमुच धीरज की जीभ तान्या की चूत पर अपना जादू चला रही थी. वो तान्या की चूत में उंगली घुसाने लगा और चूत के दाने को होंठों से चूसने लगा, कुछ ही देर मैं एक के बाद दोबारा झडते हुए तान्या की चूत ने पानी छोड़ दिया.
"ओमयययययगोड!" तान्या गहरी साँस लेते हुए बोली, और बेड पर उठते हुए फिर से गिर कर लेट गयी, और धीरज उसकी चूत से निकले ढेर सारे पानी को चाटने लगा.
"अब चुदाई शुरू करें!" धीरज ने एग्ज़ाइटेड होकर पूछा, और बेड पर उपर आते हुए तान्या के साथ उसकी बगल में लेट गया.
"चलो अब पलट जाओ,"धीरज ने तान्या के पेट को सहलाते हुए कहा. "हम अब मेरे कार्ड वाली पोज़िशन में करेंगे,जिस से चोदते हुए मैं तुम्हारी गान्ड को तेल से चिकना भी करता रहूँगा.” तान्या तो लास्ट वीक धीरज के निकाले हुए कार्ड्स में निकली डॉगी स्टाइल फोटो के बारे में बिल्कुल भूल ही गयी थी.
"आज तो तुम पूरी प्लॅनिंग के साथ आए हो," तान्या अपनी साँसों को संयत करते हुए बोली. और उल्टा होकर अपने पेट के बल लेटते हुए, तान्या अपने आप को हथेली और घुटनों के सहारे उपर हो गयी. धीरज ने अपने हॅंड बॅग में से बेबी आयिल की शीशी निकाली, और तान्या की गोल गोल गान्ड के पीछे अपनी पोज़िशन बना ली. धीरज का लंड खड़ा होकर, उपर नीचे होकर उत्सुकता में सलामी दे रहा था. धीरज अपने लंड को तान्या की गीली होकर फडक रही चूत के सामने ले आया.
"ओह! हां!" तान्या कराह उठी, जैसे ही धीरज ने उसकी गीली गीली चूत में अंदर तक अपना लंड पेल दिया. तान्या की चूत में अंदर तक लंड को घुसाते हुए धीरज उसकी गोल गोल गान्ड पर दबाव बना रहा था, और एक उंगली को बेबी आयिल की शीशी में डुबाते हुए, वो दोनो अंगूठों से गान्ड की गोलाईयों को चौड़ा करने लगा.
"ओह! जीजू! ओह!" तान्या ज़ोर से चीख उठी, जैसे ही उसने गान्ड के छेद पर अपनी उंगली लगाई. तान्या आगे पीछे होकर धीरज के लंड के साथ ताल से ताल मिलाते हुए, उसको अपनी चूत में अंदर बाहर कर रही थी, और धीरज अपनी एक उंगली उसकी गान्ड के छेद में घुसा रहा था.
"ओह! चोद दो मुझे!" तान्या कराही, और थोड़ा पीछे की तरफ अपने आप को झटक दिया, जैसे ही धीरज ने अपनी दूसरी उंगली गान्ड के छेद में घुसाई. धीरज ये सोच सोच कर हैरान हो रहा था, कि कैसे इतने छोटे से छेद में उसका मूसल जैसा लंड घुस पाएगा. अपनी उंगलियों को गान्ड के छेद में गोल गोल घुमाते हुए, उसने थोड़ा सा बेबी आयिल गान्ड के छेद पर और उंड़ेल दिया, और उसके छेद को चौड़ा करने का प्रयास करने लगा.
"ओके. चलो अब सीधी लेट जाओ," धीरज बोला, और उसने तान्या की गीली पनिया रही चूत में से अपना फनफनाता हुआ लंड खींच कर बाहर निकाल लिया.
"चलो अब अपनी गान्ड के छेद को थोड़ा ढीला कर के खोलने का प्रयास करो," धीरज थोड़ा शरमाते हुए बोला, और तान्या बेड पर सीधे पीठ के बाल लेट गयी, धीरज नेतान्या की टाँगों को उपर उठाकर उसके कंधों तक मोड़ कर दबा दिया.
"अपने घुटनों को पकड़ लो," धीरज ने तान्या को निर्देश दिया, और अपने लंड को तान्या की गान्ड के छेद की सीध में लगाने लगा. जिस तरह से तान्या गठरी बनकर आधी हो गयी थी, उसके बाद धीरज उसकी गान्ड, चूत और चूंची ही देख पा रहा था. और इस मस्त नज़ारे को देख कर उसका लंड फूँकार मार रहा था.
"संभाल के," तान्या उसको सावधान करते हुए बोली. "आराम से करना, ओके," वो गहरी साँस लेते हुए बोली, वो भी जो कुछ होने वाला था उसके अंदेशे में हल्का सा काँप रही थी. जैसे ही धीरज आगे बढ़ने लगा, तान्या ने एक गहरी साँस लेकर अपनी गान्ड की मसल्स को रिलॅक्स कर दिया.
"ओके. जस्ट ट्राइ टू रिलॅक्स," धीरज बोला, वो खुद बेहद एग्ज़ाइटेड हो रहा था, उसके लंड पर प्री-कम की बूँदें टपक रही थी, और वो प्रेकुं उसकी सलहज की टाइट गान्ड को मारते हुए चिकनाहट पैदा कर उसको आनंद देने वाला था. जैसे ही धीरज ने उसकी गान्ड में अपने लंड को घुसाना शुरू किया, तान्या की गान्ड के छेद ने धीरज के लंड के सुपाडे को जकड लिया. जैसे ही धीरज ने लंड को थोड़ा और अंदर घुसाने का प्रयास किया, तान्या के पकड़ अपने घुटनों पर ढीली हो गयी.
"ओव्व्व्व!" तान्या गुर्राइ. तान्या बेचैन ही उठी, उसको लगा ये तो उसकी गान्ड ही फाड़ देगा. “शायद हमारा ये आइडिया सही नही था,” वो बोली, और अपनी गान्ड के चौड़े हो छुए छेद में से धीरज के लंड के सुपाडे को निकालने का प्रयास करने लगी.
"थोड़ा रूको तो," धीरज हान्फते हुए बोला. "बस होने ही वाला है," वो तान्या को भरोसा दिलाते हुए बोला, और तान्या के घुटनों को दबाते हुए, उसने फिर से अपने मूसल जैसे मोटे लंड को तान्या की गान्ड के टाइट छेद में घुसाने के लिए एक ज़ोर दार झटका मारा.
"ओवववव! क्या कर रहे हो, मान जाओ!" तान्या ज़ोर से चीखी, जैसे ही धीरज ने अपना लंड उसकी गान्ड की गहराई में अंदर तक घुसा दिया.
"बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज़ इसको बाहर निकाल लो!” तान्या रोते हुए बोली.
"बस एक मिनट," धीरज उस से भीख माँगते हुए बोला. "बस कुछ सेकेंड्स में सब ठीक हो जाएगा." वो अपने लंड को तान्या की गान्ड के छोटे से छेद मे घुसाकर कुछ देर वैसे ही स्थिर पोज़िशन में रहा. धीरज ने आज से पहले कभी किसी की इतनी टाइट गान्ड को अपने लंड को जकड़े हुए महसूस नही किया था. तान्या की गान्ड सिंकूड़ते हुए उसके लंड को और ज़ोर से जकड रही थी.
|