RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
"धीरज," तान्या बोली, "अगर डॉली ने तुम्हारे साथ अलग अलग पोज़िशन्स ट्राइ करनी शुरू कर दी, और ओरल सेक्स के लिए भी तय्यार हो गयी..... तो क्या हम फिर भी...?" तान्या अपनी बात को पूरा नही कर पाई.
"ओह, तान्या, नही बिल्कुल नही," धीरज ने सॉफ सॉफ जवाब दिया, उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चुका था. "मैं हमारे संबंध के ख़तम होने के बारे में सोच भी नही सकता, जो तुम मेरे साथ करती हो....." उसकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी.
"क्या करते हैं हम एक दूसरे के साथ?" तान्या ने कुटिल मुस्कान के साथ पूछा. "हां, क्या कह रहे थे..." तान्या मुस्कुराइ और धीरज के बदन को चाटते हुए नीचे की तरफ आ गयी, और अपनी मुलायम चूंचियों से उसके लंड को दबा दिया, और फिर अपने होंठों के बीच धीरज के लंड को लेकर चूसने लगी.
कुछ ही देर में, तान्या अपने सिर को उपर नीचे कर कर धीरज के लंड को अपने मूँह में अंदर बाहर कर रही थी, और अपनी उंगलियों से उसकी गोलियों को छेद रही थी. धीरज अपनी कमर उछाल कर अपना लंड तान्या के मूँह में पेल रहा था, और बिना अपने आप पर नियंत्रण किए, धीरज ने उस दोपहर में तीसरी बार अपना माल तान्या की मूँह में उंड़ेल दिया.
"एक बार में तुम कितनी बार हो सकते हो, ये पता लगाना पड़ेगा,” तान्या कपड़े पहनते हुए बोली.
"ऑफीस का काम अगले कुछ महीनों में जब थोड़ा हल्का चलेगा तब हम सारा दिन एक साथ बिताया करेंगे, तब पता लगा लेना," धीरज ने कहा, तान्या अपने बालों में कंघी करने लगी.
"इसका भी प्लान बनाएँगे," तान्या शीशे में उसको देखकर मुस्कुराती हुई बोली. "और हां, गोआ में भी तो हम एक वीक बीच पर मौज करेंगे,” तान्या कुटिल मुस्कान के साथ बोली.
"लेकिन वहाँ मेरी बीवी बच्चे और तुम्हारा पति भी होगा," धीरज उसको याद दिलाते हुए बोला. तान्या ने अपने कंधे उँचका दिए और धीरज के होंठों पर किस कर लिया.
गेस्टहाउस से जाने से पहले, तान्या ने सुझाव दिया, क्यों ना नेक्स्ट वीक के कार्ड्स भी अभी पिक कर लें, जिस से तय्यारी करने में मज़ा आएगा. धीरज सहमत हो गया, और कार्ड के पॅक में से डॉगी स्टाइल वाल कार्ड खींच लिया. कार्ड की फोटो में एक लड़की अपनी चारों हाथ पैरों पर बेड पर कुतिया बनी हुई थी, और लड़का पीछे से उसकी चूत में अपना लंड घुसा रहा था. धीरज शायद कुछ अलग करना चाहता था, लेकिन ये सोच कर कि हर वीक तान्या की मस्त चूत मिल रही है, ये ही बहुत है.
तान्या ने मिशनरी अनल पोज़िशन कार्ड पिक किया. इस फोटो में लड़की बेड पर सीधी लेटी हुई थी, और उसकी टाँगों को उठा कर उसके सिर तक उपर कर रखा था, और उसकी गान्ड के नीच एक तकिया रख कर, एक लड़का अपने घुटनों के बल लड़की की टाँगों के बीच आधा झुक कर लड़की की गान्ड के छेद में अपना लंड घुसा रहा था.
"मेरी गान्ड मारने के बारे में सोच कर तुमको बहुत खुशी हो रही है, है ना!" तान्या उसको चिढ़ाते हुए बोली, और मज़ाक में उसके लंड को दबा दिया. धीरज को एहसास भी नही हुआ कि उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा था.
"नेक्स्ट टाइम वॅसलीन लेकर आऊँ क्या?"धीरज ने पूछा. "मैने बहुत टाइम से किसी की गान्ड मारी नही है."
"ले आना, हो सकता है ज़रूरत पड़ जाए, पर पहले हम वैसे ही नॅचुरल लूब्रिकॅंट से ट्राइ कर के देखेंगे," तान्या उसके चेहरे पर आए अनिश्चितता के भाव देखकर हँसने लगी. "मेरा मतलब है तुम पहले वहाँ पर अपनी जीभ से सही जगह चूस चूस कर गीला कर लेना, क्यों ठीक है?" तान्या ने पूछा.
"हां वो तो मैं करूँगा ही!" धीरज बोला, और बाहर निकलने से पहले एक बार फिर से तान्या को किस कर लिया.
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उधर डॉली गुस्से में लाल हो रही थी! जब से वो तान्या से मिली थी, उसको बहुत जलन हो रही थी. वो ये बर्दाश्त नही कर पा रही थी, की डॉली को उसका छोटा भाई अलग अलग पोज़ में, अलग अलग जगह चोदता है, और उसका छोटा भाई और उसकी पत्नी की सेक्स लाइफ कितने मज़े से चल रही है, और एक उसकी सेक्स लाइफ है, जो इतनी बोर हो चुकी है, जिसमे कोई रोमांच ही नही है. वो मन ही मन अपने आप को कोस रही थी, और दाँतों को पीस कर मन ही मन बोल रही थी, साली कुतिया मेरे छोटे भाई से चुद्वा के बहुत मज़ा आता है इस रंडी तान्या को, काश धीरज भी मुझ को ऐसे ही चोदता, हमारी चुदाई भी रंगीन हुआ करती.
लेकिन डॉली बिल्कुल ग़लत सोच रही थी, वो इतनी बेवकूफ़ तो नही थी. औरत तो बिना चरम पर पहुँचे चुदवा सकती हैं, लेकिन आदमी तो पानी निकाल कर ही चुदाई के चरम पर पहुँचता है. इसका मतलब धीरज तो उसकी चूत में अपना पानी निकालकर संतुष्ट हो ही जाता होगा, बस वो ही अपने शरीर की आग को पिछले एक साल से ठंडा नही कर पा रही थी. इसका मतलब था कि धीरज, उसका छोटा भाई राज और उसकी बीवी तान्या सब चूत लंड के खेल का आनंद लेकर अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे, बस वो ही अपनी आग शांत नही कर पा रही थी. उसको अपनी सेक्स लाइफ बेहतर करने के लिए कुछ बहुत जल्दी करना बेहद ज़रूरी था.
तान्या ने जिस तरह से राज और अपनी चुदाई के बारे में विस्तार से बताया था, डॉली को शादी से पहले के अपने वो दिन याद आ गये, जब वो अपने छोटे भाई के लंड को अपनी चूत में लेकर चुदवाया करती थी, और चरम पर पहुँच कर झड़ने में कितना मज़ा आता था, जब उसकी चूत ढेर सारा पानी छोड़ देती थी. लेकिन अब उसको उन बातों के बारे में सोच कर थोड़ा ग्लानि का अनुभव हो रहा था. क्यों कि अब हम दोनो ही शादी शुदा थे. लेकिन तभी फिर से दिमाग़ में ख्याल आया, राज पर तो मेरा हक़ हमेशा रहेगा, वो मेरा है सिर्फ़ मेरा छोटा भाई.
डॉली अपने आप को शांत करने लगी, और ठंडे दिमाग़ से सोचने का प्रयास करने लगी. और सोचने लगी कि ये सब क्या है? गुस्सा, बेवफ़ाई, फ्रस्ट्रेशन, या फिर जलन जेलस्ली?
लेकिन किस से, और क्यों? तान्या से? क्यों की उसकी सेक्स लाइफ अच्छी तरह से राज के साथ चल रही है, और उसकी खुद की नही? वो अपने छोटे भाई की बीवी से जेलासी फील कर रही है ! नही बिल्कुल नही! शायद कुछ और ही वजह थी. तभी डॉली को धीरज की कार के आने की आवाज़ सुनाई दी, और वो अपने आप को संयत करने लगी.
"कैसा रहा आज का दिन?" धीरज ने किचन में घुसते हुए पूछा, जहाँ डॉली डिन्नर की तय्यारी कर रही थी.
"ठीक रहा, और तुम्हारा?" डॉली ने पूछा, और पीछे घूमकर उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.
"बहुत अच्छा!" धीरज बोला, उसने ज़्यादा एग्ज़ाइट्मेंट नही दिखाया. जब की आज अपनी सलहज की चुदाई कर के वो सातवें आसमान पर था. “तुम्हारा तान्या के साथ लंच का प्रोग्राम कैसा रहा?" धीरज ने पूछा, और सोचने लगा कि डॉली अब क्या रिक्षन देगी.
"ठीक रहा," डॉली ने बताया. डॉली की आवाज़ में ज़्यादा जोश नही था.
"गोआ चलने की डेट्स फाइनल कर ली तुम लोगों ने?" धीरज ने पूछा, हालाँकि उसको सब कुछ पहले से मालूम था.
"हां," डॉली ने झिझकते हुए बताया, और गॅस के स्टोव को बंद कर दिया, "अक्टोबर के सेकेंड वीक में चल्लेन्गे. "क्या सचमुच तुम सब के साथ चलना चाहोगे? क्यों ना कुछ दिनों के लिए बस मैं और तुम किसी शांत जगह छुट्टियाँ मनाने चलें?"
"मैने सोचा ये तुम्हारा ही आइडिया था," धीरज ने जवाब दिया, और सोचने लगा, की किस तरह लंच टाइम पर तान्या के साथ उसकी और राज की सेक्स लाइफ के बारे में जानकार डॉली के विचार गोआ जाने के बारे में बदलने शुरू हो गये हैं.
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