RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
इस से पहले की तान्या की साँस में साँस आती, धीरज उसके पेट पर किस करते हुए, उसके उपर आ गया, और उसके तने हुए कड़े निपल्स को चूसने लगा, और अपने लंड को तान्या की चूत में घुसाने की पोज़िशन बनाने लगा. धीरज ने अपनी जीभ जो चूत के रस में डूबी हुई थी, उसको तान्या के मुँह में घुसाते हुए, अपने लंड को तान्या की आमंत्रित कर रही चूत में पेल दिया. धीरज धीरे धीरे लंड को चूत में घुसाता रहा, जब तक कि वो पूरा गरम गरम चूत के अंदर नही घुस गया. तान्या की चूत से निकल रही गर्माहट वो अपने लंड पर महसूस कर रहा था, जैसे जैसे तान्या की चूत की मखमली दीवारें उसके लंड को जकड रही थी, चूत की वो गर्माहट उसके बदन में आग लगा रही थी,.
बहनचोड़!, क्या मस्त चूत है तान्या की! धीरज की जीभ, तान्या के सारे मूँह में घूम रही थी.
धीरज ने अपने लंड को चूत में से पूरा बाहर निकाल लिया, बस चूत के होंठों के बीच सुपाड़ा ही रह गया. और फिर एक ज़ोर के झटके के साथ उसने लंड को पूरा चूत में पेल दिया, और उसकी गोलियाँ तान्या की गान्ड की गोलाईयों को छूने लगी. धीरज ने ज़ोर लगाकर अपना लंड पूरा तान्या की चूत में कुछ देर घुसाए रखा, और तान्या की चूत उसको अपने अंदर सम्माहित करके खुशी का इज़हार करने लगी.
"ओह! धीरज!" तान्या ने किस को तोड़ दिया, और धीरज ने उसको अपने नीचे काँपते हुए महसूस किया, तान्या की चूत उसके स्थिर लंड को निंचोड़ रही थी. “मैं आज से पहले इतनी ज़्यादा बार पहले कभी...” तान्या अपना वाक्य पूरा नही कर पाई, क्यूंकी धीरज ने फिर से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करते हुए उसको चोदना शुरू कर दिया था.
"ओह यॅ! ओह! धीरज!" तान्या ने अपनी बाहें और टाँगें धीरज के गिर्द जकड ली, और धीरज उसकी बेहद गीली हो चुकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. धीरजा का लंड पानी चोदने के लिए बेताब हो रहा था, और वो अब तान्या की चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था, वो दोनो पसीने में तर बतर हो चुके थे.
"हे भगवान! ओह! चोद दो!" तान्या ने धीरज को अपनी बाहों में जकड लिया, और उसकी पीठ के बीच में अपने नाख़ून गढ़ाने लगी. धीरज ने तान्या की टाँगों को थोड़ा और ज़्यादा खुलता हुआ महसूस किया, जैसे ही तान्या ने अपने पैर बेड पर रखकर, अपनी गान्ड को उछालते हुए उसके झटकों का जवाब देना शुरू किया. वो दोनो चुदाई की उस बेहतरीन मंज़र पर पहुँच चुके थे, और एक दूसरे के बदन के उपर झटके मारते हुए परम आनंद को प्राप्त करने को लालायित हो रहे थे.
"ओह!! हााआआन्णन्न्!" तान्या ने उसकी पीठ को जकड लिया, और अपनी चूत की मसल्स से उसके लंड को निंचोड़ने लगी, और साथ ही साथ उसकी चूत भी लंड से निकलते हुए वीर्य का स्वागत करते हुए फिर से पानी छोड़ कर झडने लगी. धीरज ने बिना रुके, एक आख़िरी झटका मारा, और तान्या की फडक रही चूत में अपना लावा उंड़ेलाना शुरू कर दिया. धीरज के लंड ने करीब 7-8 वीर्य की पिचकारियाँ तान्या की चूत में छोड़ दी, और फिर तान्या की चूंचियों पर अपने सिर को रखकर उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया.
दोनो एक दूसरे को बहुत देर तक भावनाओं में बहकर चूमते रहे, दोनो के बदन इतनी देर तक चुदाई करने के बाद, नॉर्मल होते हुए काँप रहे थे. दोनो सारी दुनिया से बेख़बर, बस चुदाई के बाद परम आनंद को प्राप्त कर कुछ मिनट वैसे ही लेटे रहे.
"आज से पहले कभी इतनी अच्छी..." तान्या फुसफुसाते हुए बोली, और अपनी साँसें संयत करने लगी.
"मैं भी नही," धीरज ने जवाब दिया, और जैसे ही उसके लंड ने तान्या की चूत में थोड़ी हरकत की, उसने फिर से तान्या को किस कर लिया. तान्या उसको देख कर मुस्कुराइ, और अविश्विनिय नज़रों से उसको सवाल भरी नज़रों से देखा.
"तुम को देख कर मेरा मन ही नही भरता," धीआज बोला, और अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा.
"मान जाओ धीरज," तान्या उस से रिक्वेस्ट करते हुए बोली, और अपने उपर से उसको धकेलने लगी, “तुम तो मेरी जान ही ले लोगे.” धीरज ने ना चाहते हुए, अन्मने मान से अपना लंड उसकी गरम गरम चूत में से निकाला.
“वैसे भी, आज मैने तुम्हारे उस को टेस्ट नही किया है,” तान्या मुस्कुराते हुए बोली, और धीरज को बेड पर सीधा पीठ के बल लिटाते हुए, अपने घुटनों पर उसके पास बैठ गयी. उसके थोड़ा सा मुरझाए हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ते हुए, उसने अपनी जीभ मूँह से बाहर निकाली और लंड के सुपाडे पर जमा चूत के रस को चाटने लगी.
"ओह, तान्या!" धीरज गहरी साँस लेते हुए बोला, और तान्या उसकी टाँगों के बीच आते हुए, उसके पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को अपने गरम मूँह में भरने लगी. अपने होंठों के बीच लंड की आधी लंबाई तक अंदर लेकर, अपनी जीभ को लंड के निचले संवेदनशील हिस्से पर फिराने लगी. बहनचोड़! आज से पहले इतना मज़ा उसको लंड चुसवाने में पहले कभी नही आया था. तान्या उसके लंड के सुपाडे को चूसते हुए अपने हाथ से लंड को पकड़ कर उपर नीचे कर के, घूमाते हुए हिला रही थी.
धीरज ने पानी आँखें बंद कर ली, और तकिये पर सिर टिका कर आराम से लेट गया, और तान्या उसके लंड को अपने मूँह में भर कर उपर नीचे होकर उसका मुख मैथुन करने लगी, और उसकी गोलियों को दूसरे हाथ से सहला रही थी. तान्या की चूंचियों के खड़े हुए निपल्स उसकी जांघों को छू रहे थे, और उसकी जीभ को वो अपने लंड पर महसूस कर रहा था. उसका लंड फिर से पानी निकालने को तय्यार हो गया था.
धीरज ने तान्या के सिर को अपने हाथ से पकड़ लिया, और उसके बालों में उंगलियाँ फिराते हुए, वो अपनी गान्ड बेड से उठाते हुए उछालने लगा. दोनो की आँखें मिली, और तान्या तेज़ी से उसके लंड को चूसने लगी, और उंगलियों से उसकी गोलियों को सहलाने लगी. धीरज अपना लंड अपनी सलहज के मूँह में उठा उठा के पेले जा रहा था, और बस कुछ ही सेकेंड्स के बाद उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी तान्या के मूँह में छोड़नी शुरू कर दी. धीरज ने तान्या के सिर को पकड़ रखा था, और तान्या उसके वीर्य को घूँट भरते हुए पीए जा रही थी. तान्या जब तक उसके लंड को चूसति और वीर्य को निगलती रही, जब तक कि धीरज की गोलियाँ वीर्य निकालकर खाली नही हो गयी. धीरज निढाल होकर बेड पर लेट गया, और तकिये पर सिर टिका कर ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा.
" तान्या!" वो हान्फते हुए बोला, "मज़ा आ गया." तान्या अभी भी उसके लंड पर अपनी जीभ फिरा रही थी, और लंड की साइड में लगी वीर्य की बूँदों को चाट रही थी.
"मुझे भी बहुत मज़ा आया," वो बोली, और बेड पर धीरज की बगल में लेट गयी, और अपनी एक बाँह उसकी छाती पर रख दी. "एक साथ तुम कितनी बार लगातार हो सकते हो?" तान्या ने धीरज की साइड में उस से चिपकते हुए पूछा.
"पता नही," धीरज ने जवाब दिया, "कभी ऐसे पता करने का चान्स ही नही मिला."
"फिर तो हमको पता लगाना पड़ेगा," तान्या उसकी छाती के बालों पर हाथ फिराते हुए बोली.
"क्या क्या सोचती रहती हो तुम?” धीरज ने तान्या के कंधे में अपनी बाँह डालकर उसको अपने पास खींचते हुए कहा.
"म्म्म्मम," तान्या ने कराहने की आक्टिंग की. "चलो अब शवर ले लेते हैं.”
"हां," धीरज ने घड़ी में टाइम देखते हुए कहा. "तान्या, मैं शब्दों में बयान नही कर सकता..." तान्या ने उसको सेंटेन्स पूरा करने से पहले ही बीच में रोक दिया.
"ष्ह्ह," वो अपने होंठों पर उंगली रखते हुए बोली. "मुझे पता है," वो फुसफुसायाई, "विश्वास भी करो, मुझे पता है."
आगे बढ़कर तान्या ने धीरज को होंठो पर किस कर लिया. किस करते हुए ही, तान्या ने अपनी एक टाँग धीरज के उपर रख दी, और फिर उसके उपर आ गयी, और अपनी मुलायम चूंचियाँ उसकी छाती पर दबाने लगी, और अपनी गीली चूत को उसके मुरझाए हुए लंड पर घिसने लगी.
“जो कुछ हम कर रहे हैं, इस के हम हक़दार हैं,” वो किस को तोड़ते हुए बोली. “हमको गिल्टी फील होने की कोई ज़रूरत नही है.”
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