Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 10:52 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं अपनी छाति पर साबुन मल रहा था. डॉली दीदी मुझे ऐसा करते देख हँसने लगी, "ऐसा लग रहा है, जैसे मैं तुम को छुप कर नहाते हुए देख रही हूँ."

"आप भी आ जाओ दीदी, मेरे साथ ही नहा लो?" मैने अपना साबुन से भरा हाथ लंड और टट्टों पर फिराते हुए, और लंड को थोड़ा सा हिलाते हुए दीदी से कहा.

"नही, मैं आज बस देखूँगी."

मैने फिर से शवर चालू कर के साबुन को पानी से बहा दिया, और फिर टवल से अपने बदन को पोंछने लगा. “मैं धीरज से बात करके इसका भी कोई सल्यूशन निकालूँगा. और लगता है तुमको भी दीदी, कुछ टेक्नीक और ट्रिक्स सिखानी पड़ेंगी.”

"जैसे कि?"

"जैसे कि, जब आप धीरज के उपर चढ़ती हो, और उसका लंड जब सॉफ्ट होता है, तब आप उसके लंड को पूरा अपने मूँह में लेने के बाद, उसकी गोलियों को चूसा करो. ऐसा करना मर्दों को बहुत अचाहा लगता है, और वो कुछ और करने की सोचने लगते हैं."

मैं टवल को पूरा खोलकर अपनी पीठ पर उसको घिसकर उसको ड्राइ कर रहा था.

"तुम्हारा मतलब इस तरह?" डॉली दीदी, जो अब इंग्लीश स्टाइल की टाय्लेट सीट पर बैठ चुकी थी, उन्होने आगे बढ़कर मेरे मुरझाए हुए लंड को पाने मूँह में भर लिया. मैने दूसरी दीवार पर लगे शीशे में देखा, और दीदी की जीभ को अपनी गोलियों को चूसते हुए देखने लगा. दीदी ने टट्टों की थैली को हल्का सा दबाया, लंड के सुपाडे को किस किया, और फिर खड़े होकर मुझे होंठों पर किस कर लिया. “बाकी बाद में करेंगे, चलो अब तय्यार हो जाओ, मैं जल्दी से तुम्हारे लिए खाना लगाती हूँ, बच्चे स्कूल से आने ही वाले होंगे .”

अगले दिन धीरज दोपहर बाद लौटने वाला था. डॉली दीदी, किसी भी और भारतीय महिला की तरह सुबह से ही उसके लौटने का इंतेजार कर रही थी, और उसके लंच के लिए स्पेशल तय्यारी कर रही थी. 

"मुझे धीरज के लंच के लिए आज कुछ स्पेशल बनाना चाहिए, उसकी पसंद की कढ़ी और चावल ठीक रहेंगे, बेचारा होटेल का खाना खा खा कर बोर हो गया होगा."

मैने भी दीदी की किचन में थोड़ी हेल्प की, और करीब दोपहर के 1 बजे धीरज की कार के आने की आवाज़ सुनाई दी. मैने बाहर निकल कर धीरज को ग्रीट किया, और उसका सामान अंदर लाने में उसकी मदद की. डॉली दीदी ने धीरज को एक लंबी गहरी किस के साथ ग्रीट किया. मैने और दीदी ने धीरज की ट्रिप के बारे में जानकारी हासिल की. 

शाम को धीरज किचन में से एक वाइन की बॉटल और 3 ग्लास लेकर ड्रॉयिंग हॉल में आ गया, और बोला, “इस वाइन की बॉटल को मैने किसी स्पेशल अकेशन के लिए संभाल कर रखा हुआ था, मुझे लगता है आज जब राज यहाँ पर है, तो इस से बेहतर मौका और कोई नही हो सकता.”

हम दोनो ने गपशप लगाते हुए वाइन का आनंद लिया. बातों बातों में डिसाइड हुआ कि तान्या को भी अगले कुछ दिनों के लिए डॉली दीदी के घर पर ही बुला लेते हैं , फिर मैं और तान्या एक साथ ही वापस चले जाएँगे. डिन्नर करने के बाद मैं अपने रूम में सोने चला गया, धीरज और तान्या बच्चों के रूम में उनसे बातें करने के लिए चले गये.

रात में जब मेरी आँख खुली तो मुझे दीदी के रूम से धीरज के गुर्राते हुए बोलने की आवाज़ सुनाई दी, “ बहुत मज़ा आ रहा है, आज से पहले तुमने ऐसा कभी नही किया, आहह... ! बहुत मज़ा आ रहा है, और साथ में डॉली दीदी की भी दबी हुई कराहने की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी. 

अगले दिन तान्या भी अपने मायके से मेरे बुलाने पर, डॉली दीदी के घर पर ही आ गयी. सारे घर में चहल पहल बहुत बढ़ गयी. रात को डिन्नर करने के बाद, धीरज सिगरेट पीने के लिए बाल्कनी में चला गया, और मैं और डॉली दीदी आपस में बचपन की बातें करने लगे. तान्या थोड़ी देर में बोर होकर धीरज के पास बाल्कनी में जाकर खड़ी हो गयी. 

"माइंड इफ़ आइ जाय्न यू?" धीरज की विचार तंद्रा थोड़ी भंग हो गयी, जब तान्या ने उसके पास जाकर इस तरह पूछा. धीरज ने बाल्कनी में से दूर सड़क पर देखते हुए, अपने पैरों को थोड़ा अड्जस्ट किया, जिस से तान्या उसके पाजामे में खड़े हुए लंड को ना देख ले. 

"नोट अट ऑल," धीरज ने तान्या के सवाल का जवाब दिया. और फिर दोनो कुछ देर वैसे ही रात की शांति का खामोशी से खड़े हुए आनंद लेते रहे. 

"वो दोनो तो अपने बचपन की बातें करने में इतना मस्त हैं, उनको तो मेरी फिकर ही नही है, मैने सोचा थोड़ा जीजा जी को ही परेशान किया जाए," तान्या ने धीरज को छेड़ते हुए कहा.

"अगर मैं भी तुमसे थोड़ी छेड़ छाड़ कर लूँ, तो तुमको बुरा तो नही लगेगा?" धीरज ने हंसते हुए जवाब दिया. 

"अच्छा हमको तो पता ही नही था, आप भी मुझे छेड़ना चाहते हैं?" तान्या ने बनावटी गुस्से में अपनी आइब्रो चढ़ाते हुए जवाब दिया.

"मेरा मतलब, अगर तुम पर्मिशन दो तो...," धीरज हकलाते हुए बोला.

"इट'स ओके." तान्या ने धीरज की बाँह पकड़ते हुए कहा. "मैं समझ सकती हूँ. राज एक बहुत ही अच्छा पति है, और वो मुझको किसी राजकुमारी की तरह रखता है, लेकिन कभी कभी जब घर का खाना खा खा कर बोर हो जाओ तो चाट पकोड़ी भी खाने का मन करता है..."तान्या की आवाज़ में थोड़ी घबराहट थी.

“कभी हमारी आइस क्रीम का कोन भी चाट कर देखो, बहुत टेस्टी है,” धीरज, तान्या को छेड़ता हुआ बोला.

"चलो बाद में बातें करते हैं, वो दोनो हमारी तरफ ही देख रहे हैं,” तान्या जल्दी से बोलकर, बाल्कनी में से अंदर आ गयी.

धीरज, तान्या की टाइट स्कर्ट में से मटकती हुई गान्ड को तान्या के पीछे से चलते हुए, रूम के अंदर आते हुए घूर रहा था. शायद धीरज ने तान्या को ऐसी नज़रों से पहले कभी नही देखा था. धीरज मन ही मन सोच रहा था, लगता है तान्या भी उसकी तरह अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नही है.

उसके बाद सब एक दूसरे को विश करने के बाद, अपने अपने बेड रूम में चले गये. 

डॉली दीदी और धीरज का सेक्स तो अब वीक में एक बार का एक रुटीन सा बन चुका था. उनकी चुदाई में कोई फोरप्ले नही होता था, और ना ही कोई वेराइटी. दीदी डिन्नर करने के बाद, बाथरूम में जाती, टूतब्रश करती, और बाथरूम में रखी वॅसलीन को अपनी चूत पर लगा कर उसको चिकना कर लेती. जब तक दीदी बाथरूम से लौट कर आती, धीरज पहले से नंगा हो चुका होता, दीदी डोर बंद करके, अपना नाइट्गाउन उतारकर उसके पास चुदने के लिए लेट जाती. दीदी सीधी कमर के बल, बेड पर अपने पैर फैला लेती, और धीरज दीदी की टाँगों के बीच आकर अपनी पोज़िशन ले लेता. अब ये सब बहुत बोरिंग और एक रुटीन सा बन चुका था. 

लेकिन आज तान्या और तान्या की बातों को याद करते हुए धीरज का लंड थोड़ा ज़्यादा टाइट हो रहा था. और ये सोचते हुए ही धीरज ने डॉली दीदी की वसेलीन से आर्टिफीशियली चिकनी की हुई चूत में अपना लंड पेल दिया. हर बार की तरह, आज भी धीरज धीरे धीरे लंड को दीदी की चूत में अंदर बाहर कर रहा था, और उसको इसकी कोई उम्मीद नही थी कि दीदी किसी तरह का कोई रिक्षन देंगी. जैसे ही धीरज के लंड को दीदी की चूत की गर्माहट का एहसास हुआ, वो तान्या की मटकती हुई सॉलिड गान्ड के बारे में सोचने लगा. तान्या का चेहरा उसके विचारों में घूम गया, और वो तान्या को अपने नीचे लेटे होने की कल्पना करने लगा, मानो तान्या चुदाई से खुश होकर, और ज़ोर से चोदने के लिए कह रही हो.

"कम ऑन, धीरज!" धीरज के कानों में तान्या की आवाज़ सुनाई देने लगी. "मेरी जी भर के चुदाई करो, फाड़ दो मेरी चूत को, और ज़ोर से चोदो, और ज़ोर से...!" वो उसकी हर रिक्वेस्ट पूरी करने की कोशिश करने लगा, और ये सोचकर कि तान्या उसके नीचे लेटी हुई है, वो अपने लंड को दीदी की चूत में ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा. तभी धीरज को दीदी की हल्की सी कराह सुनाई पड़ी, और उसने एक और लंड का एक ज़ोर का झटका दीदी की चूत में गहराई तक लंड को पेलते हुए लगा दिया, दीदी की चूत को इसकी कोई उम्मीद नही थी.
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