RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
लंड को निहारते हुए उसने अपनी आँखें बंद कर ली, जैसे लंड की तस्वीर वो अपने दिमाग़ में क़ैद कर रही हो. कुछ देर बाद उसने अपनी आँखें खोली, तब उसको एहसास हुआ कि मैं उसकी चूंचियों को दबाने में मगन था, और उसकी निपल्स को मीजते हुए मुझे अपार आनंद आ रहा था. उसने अपनी चूंचियों को अपने हाथ से मेरी तरफ बढ़ाया, मानो कह रही हो, दबा लो मेरी जान, जितना चाहे दबा लो, ये तुम्हारी बीवी की चूंचियाँ है. तान्या को भी अपनी चूंचियाँ दब्वाने में मज़ा आ रहा था, और मैं मसल मसल के उसकी चूंचियाँ दबाए जा रहा था.
तान्या कुछ कहना चाहती थी, वो शायद कहना चाहती थी, कि मैं अब उसको और ज़्यादा परेशान ना करूँ, और बस बेड पर लिटा कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड दूं, लेकिन वो ऐसा कह नही पा रही थी. तान्या को किसी तरह का कोई होश नही था, वो तो बस एक नदी की तरह बहे चली जा रही थी. उसको अपने पति पर पूरा भरोसा था, की मैं जो करूँगा वो ही ठीक होगा.
मैने तान्या को फिर से अपने पास लिटा लिया, और उसका नाम बोलते हुए उसके उपर छा गया. तान्या को कुछ भी बोलने की कोई ज़रूरत नही थी. जैसे ही मैं उसके उपर आया, उसके बदन में खुशी की लहर दौड़ गयी, और सारे बदन में हलचल होने लगी. उसके शरीर को एहसास होने लगा, कि बस अब उसकी भूख मिटने ही वाली है. आसमान में बादल छा गये हैं, बरसात बस होने ही वाली है.
“कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है.”
जब मैने तान्या की चूंची के निपल को मूँह में लिया, तो उसकी तो खुशी के मारे चीख ही निकल गयी. मुझे लगा कहीं मैने उसके निपल को काट तो नही लिया है, जैसे ही मैं थोड़ा पीछे हटने को हुआ, तभी तान्या ने मुझे अपनी तरफ खींच कर मेरे चेहरे को अपनी चूंची पर दबा लिया. बिना कुछ बोले, मैं भी सब कुछ समझ गया.
मैं तान्या के उपर लेटा हुआ था, और वो गहरी गहरी साँसें ले रही थी. मैने कनखियों से कर्टन की तरफ देखा, दीदी चुपचाप हमारी रास लीला का आनंद ले रही थी. तान्या ने अपनी बाहें मेरी कमर के पीछे कर के मुझे जकड लिया, और अपने होंठों से मेरे होंठों को चूमने के लिए ढूँढने लगी. मैने अभी भी अपने लंड को तान्या की चूत में नही घुसाया था. अपने एक्सपीरियेन्स का भरपूर इस्तेमाल करते हुए, मैं अपने हिप्स को आगे पीछे करते हुए, तान्या की चूत के गीले गीले होंठों पर अपने लंड को रगड़ रहा था. और हर झटके के साथ तान्या कराह उठती और एक गहरी साँस लेती. लेकिन वो अपने आप को शब्दों से व्यक्त नही कर रही थी. तान्या ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी जांघों को ज़्यादा से ज़्यादा चौड़ा कर लिया था, मानो मुझे चोदने के लिए आतुर होकर आमंत्रित कर रही हो.
मेरा भी दिमाग़ घूमने लगा था, ऐसा पहली बार था जब कोई मुझे चोदते हुए देख रहा था. मैं थोड़ा इस बात को लेकर कॉन्षियस भी था, कि मेरी सग़ी बड़ी बेहन मुझे मेरी सुहागरात पर हमारी चुदाई का दीदार कर रही है. मैने अपने लंड के सुपाडे को तान्या की चूत के छेद पर हल्का सा दबावे बनाते हुए तोड़ा सा अंदर घुसाया, और फिर धीरे धीरे उसको अंदर घुसाने लगा. तान्या ने बहुत दिनों से शायद अपनी चूत में डिल्डो नही घुसाया था, इसी वजह से उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही टाइट लग रही थी.
तान्या चुपचाप लेटी हुई थी, वो ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी. जैसे ही मैं अपना लंड थोडा सा और उसकी चूत में घुसाता, मैं नीचे झुक कर उसके खुले हुए होंठों को चूम लेता. एक बार मैने अपनी जीभ उसके मूँह में घुसा दी, लेकिन फिर जल्द ही बाहर निकाल ली, क्यूँ कि मैं जानता था कि मुझे इस वक़्त चूत लंड के खेल पर ध्यान लगाना है. धीरे धीरे मैं अपना पूरा लंड तान्या की चूत में घुसाने के प्रयत्न करने लगा. तान्या को हल्का सा दर्द भी हुआ, लेकिन वासना की जिस लहर पर वो सवार थी, उसपर इन छोटी छोटी बातों के लिए कोई होश नही था.
और आख़िर में, मेरा पूरा लंड तान्या की चूत में घुस गया. तान्या को जब इस बात का एहसास हुआ, तो उसने भी शांति भरी एक गहरी साँस ली. तान्या अपने हिप्स से मेरे लंड को अपनी चूत में घुसाए हुए थोड़ा सा हिलाने लगी, मानो एक्सपेरिमेंट कर रही हो. तान्या को थोड़ा दर्द भी हो रहा था, लेकिन मज़ा भी पूरा आ रहा था. एक ऐसा मज़ा जो प्लास्टिक के लंड (डिल्डो) या फिर अपनी उंगलियों से नही आता था.
मैं धीरे धीरे तान्या की चूत में झटके मारने लगा, जब तक कि उसकी चूत मेरे मोटे लंड को अपने अंदर लेने की अभ्यस्त होकर पनिया नही गयी.
मुझे तो चुदाई का अब तक बहुत एक्सपीरियेन्स हो चुका था, और मेरी समझ में भी आ गया था कि लड़की को चोदते समय, क्या सब करने से लड़की को और ज़्यादा मज़ा आता है. मैं ताल से ताल मिलाते हुए तान्या की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. तान्या की चूत की अन्द्रुनि दीवार, सिंकूड़ते हुए, फैलते हुए, खुल कर चौड़ी होकर मेरे लंड को अपने अंदर अड्जस्ट कर रही थी, मेरे लंड के हल्के हल्के झटके तान्या को अपार आनंद दे रहे थे. ऐसा लग रहा था कि यदि मैने झटके मारने बंद कर दिए तो तान्या की कहीं जान ही ना निकल जाए. तान्या चुदते हुए मस्त हुए जा रही थी. तान्या का चेहरा वासना की आग में लाल हो चुका था. मैं बहुत देर तक हल्के हल्के झटके मार के तान्या की चूत का आनंद लेटा रहा, बीच बीच में कनखियों से मैं डॉली दीदी को भी कर्टन के पीछे से हमारी चुदाई का आनंद लेते हुए देख लेता था. आख़िर में तान्या ने अपनी साँसों पर काबू करते हुए कुछ बोलने का प्रयास किया.
“राज, तुम अगर ऐसे ही करते रहे तो मैं मर जाउन्गि, कुछ करो प्लीज़!” तान्या भीख माँगते हुए बोली.
"तेरे लिए तो कुछ भी कर दूँगा मेरी जान,” मैं मज़े लेते हुए बोला, "मुझे मालूम है अब मुझे क्या करना चाहिए.” मैने अपने शरीर का वजन एक हाथ पर लेते हुए, दूसरे हाथ को तान्या की चूत के फूले हुए दाने पर ले आया. मैने सोचा उसकी चूत पर कुछ मिनट हाथ लगाने के बाद कुछ होगा, लेकिन तान्या तो मेरा हाथ लगाते ही किसी एक्सपीरियेन्स्ड चुदक्कड लड़की की तरह अपनी गान्ड उठाने लगी. तान्या के शरीर में लहरें दौड़ने लगी, और अपनी चूत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही वो परम आनंद की उँचाइयों को छूने लगी. तान्या का मूँह खुला हुआ था, और उसमे से निकल रही उसके बिंदास कराहने की आवाज़, उस शांत सुबह में सॉफ सुनाई दे रही थी. चरम पर पहुँचते हुए, उसकी कराहने की आवाज़ें चीख में बदलने लगी थी. जैसे ही तान्या झडि, मैं भी अपनी सुध बुध खो बैठा, और अपने लंड को तान्या की चूत में जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा. जब उसकी चूत का झडने के बाद फड़कना बंद हुआ, तब तान्या को होश आया. तान्या ने मेरे चेहरे की तरफ देखा, और ऐसे देखने लगी, मानो वो भी मेरे लिए वो सब कुछ करना चाहती हो, जिसकी वजह से वो इतनी अच्छी तरह झडि थी. उसको शायद नही मालूम था कि उसको क्या करना चाहिए, लेकिन अब वो शांत होकर चुदवाने की जगह चुदाई में सहयोग देने लगी, जिस से अपने आप को व्यक्त कर सके कि वो भी चुदने को आतुर है. तान्या को चुदते हुए बहुत मज़ा आ रहा था, उसने थोड़ा खिसकते हुए अपनी टाँगें उठा कर, घुटनों को उपरकर मुझे अपनी टाँगों से जकड लिया, जिस से मुझे और ज़्यादा मज़ा आए.
अभी तक तान्या का अपनी चूत और अपने झडने पर ध्यान था, लेकिन जब उसका ध्यान मेरी तरफ गया, तो वो मेरे लंड की बनावट को अपनी चूत के द्वारा महसूस करने लगी. वो महसूस करने लगी, मानो वो खुद तो गीली उप्जाउ ज़मीन हो और मैं एक बीज, जो एक दूसरे को जीवन देने वाला थे. उसकी चूत मेरे वीर्य की पिचकारी का बेसब्री से इंतेजार करने लगी. वो फिर से हर झटके के साथ चीखने लगी, और संपूर्ण रूप से तृप्त होने के लिए बेकरार होने लगी.
और जब मैं झडा, तो वो एक टक मेरे चेहरे को देखती रही, मानो किसी दूसरी दुनिया में पहुँच गयी हो, उसके शरीर को आज पहली बार ऐसी तृप्ति मिली थी. जैसे ही मैने अपना लंड अगली बार उसकी गीली गीली चूत में अंदर घुसाया, उसने भी वैसे ही संतुष्ट होकर गहरी गुर्राने की आवाज़ निकाली, जैसे कि मैने कुछ सेकेंड्स पहले झडते हुए निकाली थी.
जैसे ही मैं तान्या के उपर से हटने को हुआ, उसने अपनी बाहों और टाँगों से मुझे जकड लिया, और मुझे अपने से दूर नही होने दिया. वो मेरे लंड को अभी भी अपनी चूत में घुसाए रखना चाहती थी. मेरे शरीर का भार उसके शरीर पर था, और जहाँ जहाँ हम दोनो के बदन का स्पर्श हो रहा था, वहाँ वहाँ मानो स्वर्ग सा महसूस हो रहा था. शायद वो सोच रही थी, कि जिस आनंद की अनुभूति हम दोनो ने कुछ देर पहले की है, वो ही इस दुनिया को आगे बढ़ाने और बच्चे पैदा करने का मूल कारण है. और हो सकता है, इस चुदाई के बाद वो खुद भी गर्भवती हो जाए, और उसके गर्भ में भी नये जीवन की उत्पत्ति शुरू हो गयी हो.
हालाँकि हम दोनो चुदाई के तूफान से गुजर चुके थे, लेकिन फिर भी तान्या बीच बीच में आनंद लेते हुए, हल्का सा कराह उठती, और मेरे लंड को अपनी चूत में से निकालने को बिल्कुल तयार नही थी.
वो अभी भी किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई, छत पर बने एसी वेंट को देख रही थी. जैसे ही उसने मुझे अपने उपर से थोड़ा सा हटने दिया, वो मेरे चेहरे को देखने लगी, उसने मेरी आँखों में अचरज, उमंग और आशा भरे भाव को महसूस किया. मैने जब उसकी आँखों में झाँक कर देखा, तो मुझे अचरज और परम आनंद के भाव दिखाई दिए. मैं मुस्कुरा दिया.
"अब तुम पूरी तरह से मेरी पत्नी बन चुकी हो," मैं संतुष्ट होते हुए बोला.
तान्या ने अपने हाथों से मेरे गालों को चू लिया और बोली, "ओह मेरे पतिदेव, मुझे नही मालूम था कि अपने पति से बिना कॉंडम के चुदवाने में इतना ज़्यादा मज़ा आएगा."
"और वो भी जब हमारी शादी हो चुकी है, और हमको चुदाई का लाइसेन्स मिल चुका है,” मैं मज़ाक में बोला. "और ऐसी चुदाई हम जब चाहे तब कर सकते हैं, अलग अलग अंदाज में और लग अलग पोज़ में, जिसकी तुमने कल्पना भी नही की होगी."
तान्या ने एक नये जोश के साथ मुझे अपने आप से चिपका लिया, और हँसते हुए बोली, “अब कुछ दिनों त
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