RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मुझे थोड़ा होश आया, तो मैं भाग कर अपने बेडरूम में पहुँच गयी, और डोर को पीछे से बंद कर दिया. कुछ मिनिट्स के बाद, भैया की आवाज़ मेरे रूम के डोर के पास से सुनाई दी, “हे, संध्या मैं तो मज़ाक कर रहा था, हां डिन्नर के लिए तुमने क्या बनाया है?”
मैं बहुत घबराई हुई थी, और शर्मिंदा भी थी. लेकिन भैया के मजाकिया अंदाज ने फिर से माहौल थोड़ा हल्क कर दिया था. मैने भी मजाकिया लहजे में कहा, "इट'स आ सर्प्राइज़, लेकिन वो तुमको नंगे होकर ही खाना पड़ेगा."
"ओह,मेरी प्यारी बहना, तो फिर ये वो वाली पार्टी है!" भैया हंसते हुए बोले.
मैं भी हंस पड़ी. मेरी शर्मिंदगी थोड़ी कम हो रही थी. मैने वाइब्रटर में नयी बॅटरी डाली, और जल्दी से उसको चेक किया, और फिर उठा कर रख दिया. मैने फिर जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहने, और डोर की तरफ बढ़ चली. डोर को खोलने से पहले मैं थोड़ा रुकी, एक गहरी साँस ली. झडने के इतना करीब पहुँचने की वजह से अब भी मेरे पेट और चूत में अजीब सी खुजली हो रही थी.
कुछ सेकेंड्स के बाद, मैने डोर खोला, और ड्रॉयिंग रूम में आ गयी, और चुपचाप खड़ी हो गयी. भैया सोफे पर अध लेटे होकर टीवी देख रहे थे, उन्होने अपने पैर सेंटर टेबल पर रखे हुए थे. उन्होने मेरी तरफ देखा, और आँख मार दी, और फिर से टीवी देखने लगे. भैया एक दम नंगे थे, पूरे नंगे.
मैं अपनी नज़रें वहाँ से हटा ही नही पा रही थी. मैने धीरज भैया को इस तरह नंगा पहले कभी नही देखा था, बचपन के बाद कभी नही. लेकिन उस गठीले शरीर के 19 साल के नव युवक को सोफे पर पूरा नंगा होकर सोफे पर बैठा देखना, मेरे लिए किसी आश्चर्य से कम नही था. मैं भैया की बाहों के डोले देख रही थी, और उनके पेट पर सलमान ख़ान की तरह उभरे हुए 3 पॅक्स. भैया का शरीर मेरी उमीद से कहीं ज़्यादा गठीला था. शायद भैया 6 पॅक्स बनाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन भैया के पूरा नंगा होने के बाद भी यदि मैं उनके पेट को घूरती, तो इसका कोई सेन्स नही था.
मेरी आँखें अपने आप भैया के लंड पर खिसक आई. वो वाकई में काफ़ी बड़ा था, और एक दम पर्फेक्ट. अभी जब कि वो खड़ा हुआ नही था, फिर भी मैने जितने बॉय फ्रेंड्स के जब तक लंड चूसे थे, उन सब से बड़ा था. हे भगवान, भैया ने मेरी तरफ देखा, और मुझे अपने लंड को घूरता हुआ पाकर मुस्कुरा दिए. मैं अपने मूँह में आए पानी को अंदर सटक लिया.
"उः, ये सब क्या है भैया?" मैने किसी तरह पूछा. लेकिन मेरी आँखें अभी भी उनके लंड पर ही जमी हुई थी. जैसे ही मेरी तरफ़ देखने को थोड़ा सा घूमे, मेरी नज़रें उनकी दोनो टाँगो के बीच पहुँच गयी.
भैया कुटिल मुस्कान के साथ बोले, “मैने सोचा, जब मैने तुमको नंगा देख लिया है, तो मैने सोचा हिसाब बराबर करने के लिए तुम भी मुझको नंगा देख ही लो. अब तुमको शर्मिंदगी नही होगी.”
मैने हां में सिर हिलाते हुए बोला, “उः, थॅंक्स भैया.चलो अब जल्दी से कपड़े पहन लो, मैं तो मज़ाक कर रही थी, आप ने तो सीरियस्ली ले लिया.” मैं अपनी नज़रें किसी तरह वहाँ से हटा कर किचन में आ गयी. मुझे एक एक कदम उठाने में बहुत कोशिश करनी पड़ रही थी. जब तक मैं गॅस बरनर तक पहुँची, मेरी साँस फूल चुकी थी.
कुछ मिनूटों के बाद भैया भी किचन में आ गये. मैने एक गहरी ठंडी साँस ली, जब मैने देखा कि वो अपने पूरे कपड़े पहने हुए हैं. मैने भैया के कंधे पर एक हल्का सा चपत लगाया, और भैया मेरे को देख कर हंस पड़े. भैया ने फ्रिज में से 2 लीटर की कोक की प्लास्टिक बॉटल निकाली और उसको दो ग्लासस में भर लिया, उन्होने मुझसे पूछा भी नही कि मुझे पीनी है या नही. जब उन्होने कोक का एक ग्लास मेरी तरफ बढ़ाया, तो मैने उस ग्लास को पकड़ते हुए कहा, थॅंक्स भैया.
कोक को पीने के बाद हम दोनो ही थोड़ा रिलॅक्स नज़र आए. और हम पहले की तरह बात करने लगे, हँसने और मज़ाक करने लगे. भैया एक नयी मूवी की डीवीडी लाए थे, उसको उन्होने डीवीडी प्लेयर में लगाया और हम दोनो सोफे पर बैठकर मूवी देखने लगे. उसके बाद मैं किचन में डिन्नर बनाने लगी. भैया जोक्स सुना सुना कर मुझे बहुत हंसा रहे थे.
जब हम दोनो डाइनिंग टेबल पर डिन्नर करने के लिए बैठे, तो भैया ने यकायक पूछा, “हे, संध्या, वैसे ही एक बात बताओ, जब मैं शाम को घर आया था तो तुम नंगी होकर क्या कर रही थी?”
ये सुनकर मैं तो शरम से लाल हो गयी. मैं मन ही मन कोई बहाना सोचने लगी. लेकिन इस से पहले की मैं कोई जवाब देती, भैया बोले, “और वो बॅटरीस लेकर कहाँ जा रही थी?”
मेरा मूँह खुला का खुला ही रह गया, और उसमे से कोई आवाज़ नही निकली. मुझे मालूम नही था कि भैया वो बॅटरीस मेरे हाथ में देख चुके हैं. मेरा चेहरा लाल हो चुका था, और मेरी शर्मिंदगी बयान कर रहा था. हम दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा, और भैया ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे. "ओह माँ, ओह माँ, ओह माँ," बोलते हुए वो बहुत देर तक हंसते रहे.
मैने भैया की बाँह पर फिर से एक चपत लगाई और बोली, “सुधर जाओ भैया!”
वो फिर से हंसते हुए बोले, "मैने तुमको अपना वाइब्रटर रीचार्ज करते हुए पकड़ लिया, इसलिए तुमको मुझपर गुस्सा आ रहा है उः... ? या इसलिए कि मैने तुम्हारे उस वाइब्रटर के साथ वाले प्लान में खलल डाल दिया इसलिए?"
उनकी उस कुटिल मुस्कान देख कर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन मैं कुछ कर नही सकती थी, इसलिए मैं भी खिसियाकर हँसने लगी. मैने चालाकी से जवाब दिया, “ दोनो वजह से.”
ये जवाब सुनकर भैया चुप हो गये. एक मिनिट के लिए. फिर वो अपना गला सॉफ करते हुए खाँसते हुए बोले, “अगर तुम चाहो तो मैं कुछ देर के लिए बाहर चला जाता हूँ, जिस से तुम अपने उस ....... “दोस्त”.... के साथ थोड़ा टाइम बिता सको.
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