RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
कुछ सेकेंड्स के बाद, मुझे भैया के सूसू करने की आवाज़ सुनाई दी. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और भैया के लंड के बारे में मेरे दिमाग़ में आ रहे विचारों को दूर करने की कोशिश करने लगी. “कल रात में नींद में ना जाने मैने कैसे कैसे सपने देखे,” भैया एक मिनिट बाद बोले.
मैने खास कर अपने गला सॉफ किया, और शवर के पानी से कुल्ला किया. भैया को कैसे पता चला कि मैने कैसे कैसे सपने देखे हैं, लेकिन तभी मेरी समझ में आया कि वो अपने सपनों की बात कर रहे हैं. मैं सोचने लगी, ना जाने हम दोनो में से किस के सपने ज़्यादा खराब थे. किसी तरह हिम्मत कर के मैने पूछा, “ऐसा क्या देख लिया सपने में?”
“सच कहूँ, तो मुझे भी पता नही, बस ये ही याद है, कि कुछ अजीब तरह का सपना था, और उस सपने में तुम भी थी, संध्या,” भैया ने कूल रहते हुए जवाब दिया.
मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा, मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया. मुझे कुछ सूझ ही नही रहा था, कि भैया की बात का क्या जवाब दूं. लेकिन कुछ बोलना तो ज़रूरी था, मैने किसी तरह से कहा, “अच्छा भैया.”
भैया हंसते हुए बोले, "हां. मुझे अब भी कुछ तस्वीरें याद हैं, लेकिन ज़्यादा डीटेल याद नही."
"ठीक है, अगर याद आ जाए तो डीटेल भी बता देना," मैने सभ्य रहते हुए जवाब दिया, मेरा सिर अब भी घूम रहा था.
"संध्या, शवर को चालू ही रहने देना, तुम्हारे बाद मैं भी शवर ले ही लेता हूँ,” भैया ने बाहर निकलते हुए कहा.
मैने शवर करने के बाद, भैया के लिए उसको चालू ही छोड़ दिया, और तौलिया लपेट कर अपने रूम में भाग आई. मैने अपने रूम में आकर, डोर को लॉक कर दिया, और कुछ देर तक अपनी साँसों को नॉर्मल करने की कोशिश करने लगी, और फिर कॉलेज जाने के लिए ड्रेस पहनने लगी.
जब मैं तय्यार होकर, किचन में पहुँची, तब तक भैया तय्यार होकर, बाहर जाने की लिए, वहाँ पहले ही पहुँच चुके थे. भैया की कार रिपेर होने गयी थी, और मेरे पास मेरी 800 थी. भैया को मुझे ही उनके ऑफीस छोड़ते हुए अपने कॉलेज जाना था. हम दोनो ने एक एक कप चाइ पी, और फिर साथ ही बाहर निकल गये. जब हम बाहर निकले, तब जाकर मुझे पता चला, कि बाहर तो बारिश हो रही है.
भैया ने आसमान की तरफ देखते हुए बोला, “चलो अब इन टीवी वालों की प्रिडिक्षन सही निकलने लगी है.”
मैने भी आसमान की तरफ देखते हुए कहा, “लगता है ये बारिश तो देर तक चलेगी, कार धीरे धीरे चलाकर, चलते ही हैं, आप लाते हो जाओगे थोड़ा.”
हम दोनो मेरी 800 में बैठ कर चल दिए. मेरे दिमाग़ में अभी भी जो कुछ कल रात हुआ ता, वो चल रहा था, और वो सोच सोच कर मैं गरम होती जा रही थी. मैं भैया की तरफ ना देखने की बार बार नाकाम कोशिश कर रही थी. थोड़ी देर बाद भैया ने पूछा, कॉलेज से घर कितने बजे आ जाओगी?
थोड़ी देर बाद भैया ने पूछा, कॉलेज से घर कितने बजे आ जाओगी?
मैने भैया की तरफ देखते हुए जवाब दिया, “दोपहर 2 बजे तक.”
मैने भैया की तरफ देखा, मैने उनको मेरी तरफ घूरते हुए पाया. थोड़ी देर बाब भैया का ऑफीस आ गया, भैया ने उस दिन कार से बाहर निकलने से पहले मुझे किस किया, ऐसा वो जनरली करते नही थे. मैं कार में बैठकर, उनको दूर जाते देखती रही.
भैया का बदन एक दम गठीला था, भैया मेरे से बस कुछ ही इंच ज़्यादा लंबे होंगे, और उनके भी मेरी तरह काले घने बाल थे. हालाँकि वो उनको फ़ौजी कट में रखते थे, और वो मुझ से थोड़ा ज़्यादा साँवले थे. भैया की आँखों में एक अजीब सी कशिश और गहराई थी. सब कुछ मिला कर वो बेहद हॅंडसम थे.
भैया को उनके ऑफीस छोड़कर मैं अपने कॉलेज चली गयी, और क्लास ओवर होने के बाद, मैं घर का खाने पीने का थोड़ा सामान बिग बाज़ार से लेकर शाम को 4 बजे घर वापस आ गयी. भैया के ऑफीस से लौटने में अभी बहुत टाइम था, और करीब 2-3 घंटे मेरे पास अकेले में, अपनी तरह से बिताने के लिए मैं फ्री थी.
घर आने के बाद, मैने माल से खरीदे हुए सामान को टेबल पर रखा, और सोफे पर लेट गयी.
टीवी ऑन कर के बहुत सारे चॅनेल ट्राइ किए, लेकिन कुछ भी इंट्रेस्टिंग नही मिला, मैने हार कर एमटीवी लगा लिया, और आँखे बंद कर आराम से गाने सुनने लगी, और सोने की कोशिश करने लगी. मैं थका हुआ महसूस कर रही थी, मैने फ्रिड्ज में से निकाल कर कोल्ड ड्रिंक पी, और फिर से सोफे पर लेट गयी. थोड़ी देर बाद जब फिर भी नींद नही आई, तो इस सब से बोर होकर, मैने सोने से पहले चूत को ठंडा कर, उसमे से पानी निकालकर झड्ने के बाद, हमेशा अच्छी नींद आने के सफल प्रयोग को अपनाने का फ़ैसला किया.
मैने अपने बेडरूम में आकर, सबसे नीचे वाली ड्रॉयर को खोला. मैं जो ढूँढ रही थी, वो चीज़ मुझे नही मिली, मुझे याद भी नही आ रहा था कि लास्ट टाइम मैं कब झडि थी. मुझे झुंझलाहट होने लगी. मुझे लगा जब तक भैया घर लौटें, उस से पहले मुझे मज़ा कर लेना चाहिए.
मैं मन ही मन खुश होते हुए, गुनगुनाने लगी, और अपनी सारी ड्रॉयर्स को खंगालाने लगी. और आख़िर में मुझे वो चीज़ मिल ही गयी जिसकी मुझे तलाश थी, वो रब्बर का वाइब्रटर वाला लंड.
इसमे अलग से छोटा सा रब्बर का लंड निकला हुआ था, और वो भी वाइब्रट करता था. डिल्डो में तो वायब्रेटर लगा ही था, जो कि चूत के अंदर मज़ा देने के लिए था. ये एक सेक्स टॉय था, जो मेरी एक सहेली ने मुझे गिफ्ट दिया था.
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