RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं और दीदी मेरी शादी के रिसेप्षन के लिए बुक, उस 5 स्टार होटेल के दीदी के रूम में सोफे बैठे हुए बातें कर रहे थे, और दीदी मुझे अपने ससुराल में बीते पिछले 6 महीनों के दौरान जो कुछ उनके साथ हुआ था, उसके बारे में बता रही थी.......
दीदी ने आगे बताना शुरू किया.....
अगली सुबह, जब नहाने के बाद मैं अपने रूम में अपने बाल सूखा रही थी, तभी संध्या चाइ के दो कप लेकर मेरे रूम में आ गयी. धीरज नीचे ड्रॉयिंग रूम में क्रिकेट का मॅच देख रहा था, और संध्या पहले ही नहा चुकी थी, और हम दोनो चेयर पर बैठ कर चाइ की चुस्कियों का आनंद लेने लगे.
“भाभी, एक बात पूछूँ... “ संध्या ने कहा, “कैसा लगा कल रात जो कुछ आपने देखा?”
मुझे समझ में नही आया कि क्या जवाब दूं, और मेरे दिल मानो गले तक आ गया. लेकिन शादी से पहले जो कुछ मैं तुम्हारे साथ कर चुकी थी, उसको सोचकर मुझे ज़्यादा शॉक नही लगा था.
संध्या : “ऐसा होता है भाभी... और मैं चाहती थी कि आपको जल्दी ही इस के बारे में पता चल जाए, मैं और धीरज पिछले एक-दो सालों से एक दूसरे को ऐसे ही प्यार करते हैं.”
मैने झेन्पते हुए कहा, “ वो तो ठीक है..... पर....हां, तुम दोनो को देखने में मज़ा तो मुझे भी आया.”
”क्या आपने हम दोनो को देखते हुए, आपने भी उंगली से अपने आप को शांत किया या नही?”
"हां, किया तो था," ऐसे कहते हुए शरम के कारण मेरे गाल लाल हो गये.
"ह्म, चलो अच्छा है. मुझे पहले ही पता था, आपको अच्छा लगेगा, और आप उंगली ज़रूर करोगी. तो फिर मज़ा आया हम दोनो भाई बेहन की चुदाई देखकर, सच्ची बताओ भाभी?"
"हां बाबा... बोला तो" मैने झेन्पते हुए बोला.
"अगर वो आपको ऐसे ही मेरे रूम में मेरे ही बेड पर अपनी छोटी बेहन समझ के चोदे, तो कैसा रहेगा? बाकी सब का इंतज़ाम मैं कर दूँगी, उसकी आप चिंता मत करो, बस आप एक बार हां कह दो, अगर आप को मेरा आइडिया अच्छा लगा हो तो."
मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा, "क्या धीरज को पता है कि मैं कल तुम दोनो को देख रही थी?"
"ओह, नही भाभी, मैने ऐसा कब कहा. लेकिन ये मेरी बहुत पुरानी फॅंटेसी है, मैने पहले कभी भैया को किसी और के साथ सेक्स करते हुए नही देखा है, और जब वो आपको अपनी छोटी बेहन समझ के चोदेगे तो बहुत मज़ा आएगा, लेकिन ये तभी संभव है, जब आप भी हेल्प करो."
मुझे कुछ कुछ समझ में आने लगा "तो तुम आज रात, हम दोनो की सोने की जगह को स्वप करना चाहती हो?"
"हां भाभी, बस एक रात के लिया अगर आप चाहो तो. भैया आज रात जब दोस्तों के साथ बियर पीकर लौटने वाले होंगे, तो मैं उनके मोबाइल पर कह दूँगी कि भाभी सो चुकी हैं, और वो सीधे मेरे रूम में ही आ जाएँ. हम पहले से ही मेरे रूम में कर्टन्स डाल देंगे और लाइट ऑफ रखेंगे, धीरज को बियर के नशे में पता ही नही चलेगा कि वो किस को चोद रहा है."
"लेकिन, क्या वो अपसेट नही होगा, जब उसको सच्चाई पता चलेगी?" मैने पूछा.
"नही भाभी, उसको पता नही चलेगा, मैं भैया को अच्छी तरह जानती हूँ."
"लेकिन तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकती हो, कि वो आज रात तुम्हारे साथ चुदाई करना चाहेगा ही?" मैने पूछा.
"कैसी बात करती हो भाभी, भैया तो हर रात मेरे साथ चुदाई करते हैं, भैया को तो मेरे रूम का डोर थोड़ा सो खुला दिखना चाहिए बस, ये हमारा सीक्रेट सिग्नल है." मुझे थोड़ी शरम आ गयी, और सोचने लगी, कल रात कैसे मैने संध्या के रूम का डोर थोड़ा सा खुला देख उन दोनो भाई बेहन की चुदाई देखी थी.
"ओके," मैं बोली, बोलते हुए मुझे खुद विश्वास नही हो रहा था, "लेकिन मुझे ये कैसे पता चलेगा कि मुझे क्या बोलना है, क्या करना है, जिससे की धीरज को पता ना चले की जिसको वो चोद रहा है, वो मैं नही हूँ."
"ये तो बहुत आसान है भाभी, ये देखो मैं आपको कुछ दिखाती हूँ" संध्या ने मेरा हाथ पकड़कर अपने रूम में लेजाते हुए कहा. संध्या ने अपनी एक आल्मिराह खोली, और उसमे से एक बॅग निकाला, और उसको बेड पर फेंक दिया. जैसे ही उसने उस बॅग की ज़िपर को खोला, उसमे भरे हुए सेक्स टाय्स को देख कर मैं हैरान रह गयी.
"अम, वाउ!" मेरे मूँह से अचरज में अपने आप निकल गया, जैसे ही मैने उन सब अजीब सी चीज़ों को देखा, जो पहले मैने सिर्फ़ तुम्हारी उन पॉर्न वीडियोस में ही देखी थी, और कुछ चीज़ें तो ऐसी थी, जिनको मैं पहचान या समझ भी नही पाई.
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