Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
03-31-2019, 03:18 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मेरे शब्दों का मौसी पर जबरदस्त असर हो रहा था. वो मेरी बातों में फँस चुकी थी, वो कल के उन पलों को फिर से जीने लगी. उनका शरीर उनके दिमाग़ का साथ नही दे रहा था, और वो वासना के जाल में फँसती जा रही थी. मैं उस गीले गाउन में से उनके टाइट होते निपल्स को देख रहा था, और उनकी चूत भी गीली होने लगी थी. जैसे ही मौसी ने मेरी तरफ देखा, ऐसा लगा मानो वो इस दुनिया में ही ना हो. मौसी मेरे टवल को टेंट बना चुके लंड की तरफ देखने लगी. मौसी मानो हाइप्नोटॅयिज़्ड हो चुकी थी, उन्होने अपना गाउन उठाकर अपने गले में से निकाल कर फेंक दिया, और अपने भट्टी से तपते शरीर को ठंडी हवा देने के लिए, गाउन से आज़ाद कर दिया. मैं मौसी को ये सब करते हुए एक टक देखे जा रहा था, मौसी मेरे सामने बिल्कुल नंगी होकर खड़ी हुई थी!

मौसी मेरे पास आ गयी, और टवल के किनारे से पकड़ कर उसकी गाँठ हो खोल दिया, और टवल ढीली होकर ज़मीन पर गिर पड़ी! मौसी ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर डाल दी, और मैने मौसी की कमर को दोनो हाथों से पकड़ के, मौसी के दोनो होंठों के बीच जीभ घुसाकर उनको किस करना शुरू कर दिया! जैसे ही हम दोनो के होंठ मिले, हमारे शरीर में मानो आग लग गयी, और वो किस एक जुनून में बदल गयी. हम दोनो एक दूसरे को भूखे जानवरों की तरह किस कर रहे थे, और एक दूसरे को हाथों से सहला भी रहे थे. उस जुनून में क्या सही है और क्या ग़लत, मैं और मौसी सब कुछ भूल चुके थे!

जैसे ही आलिंगंबद्ध रहते हुए, मौसी ने मुझे अपनी तरफ खींचा, उनका पैर बेड से जा टकराया. मौसी बेड पर चढ़ कर बैठ गयी, और मुझे भी अपने साथ बेड पर ले लिया, हम दोनो बेड पर खिसकने लगे, जब हम दोनो खिसकते हुए बेड के बीच में आ गये, मौसी मुझे अपने उपर लेते हुए बेड पर लेट गयी. मेरे शरीर का अपने शरीर से स्पर्श पाकर मौसी और ज़्यादा उत्तेजित हो गयी, और उन्होने अपनी दोनो टाँगें खोल दी, और मेरा फन्फनाता हुआ लंड उनकी गीली चूत के छेद को तलाश करने लगा. हम दोनो अब भी एक दूसरे को किस करने में मगन थे, हमारी जीभें एक दूसरे के साथ खेल रही थी, और हमारी कमर ने भी अब हरकतें शुरू कर दी थी.

मौसी एक पल को थोड़ा शांत हुई, मानो उनके दिमाग़ में कुछ ख्याल आया हो, कि ये वो क्या करने जा रही हैं, लेकिन फिर वो अपनी पुरानी फॉर्म में आ गयी, शायद वो समझ चुकी थी, कि उनके शरीर की भूख को अगर उनकी बेहन का बेटा, जिसकी वो मौसी हैं, अगर वो भी भुजा रहा है, और इस सब में, वासना में डूबकर, यदि उनको इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा है, तो इसमे शायद कोई बुराई नही है. वो मेरे लंड को अपनी चूत में अंदर लेने के लिए बेकरार हो उठी.

मौसी ने अपनी गान्ड को गद्दे पर थोड़ा नीचे सरकाते हुए, इतनी जगह बना ली, कि मेरे लंड अब उनकी टाँगें चौड़ाने के बाद, आसानी से उनकी पनिया रही चूत में घुस सके. मौसी ने अपनी टाँगें मेरी कमर के गिर्द लपेट ली, और अपने पैरो के हील्स को मेरी गान्ड पर टिका दिया, और मेरे लंड को अपने अंदर धकेलने का प्रयास करने लगी. मैं तुरंत समझ गया, और अपने पागल होते लंड को मौसी की चूत में घुसाने लगा, मौसी की गीली चूत मेरे लंड को अपनी सुरंग में आसानी से रास्ता दे रही थी.

“ऊहह!!!!!!!!!!!!!!” मौसी के मूँह से आवाज़ निकल गयी, जैसे ही मेरा लंड जड़ तक उनकी चूत में घुसा. मौसी की साँस फूल रही थी, और उनकी चूत ऐसे मचल रही थी, मानो उनकी चूत और पूरे शरीर में दौरे पड़ रहे हो.

“ओह मौसी, आप के साथ बहुत मज़ा आ रहा है, आप बहुत बहुउउउउत अच्छी हो!!!!” मैने कराहते हुए कहा, और मौसी की चूत में छोटे छोटे झटके मारने लगा, मानो पिस्टन अंदर बाहर हो रहा हो.

मौसी बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी, और उनकी चूत की हरकतें इस बात को सॉफ बयान कर रही थी, वो अपनी टाँगें खोलकर और चौड़ा कर मेरे लंड को अपनी चूत में ज़्यादा से ज़्यादा अंदर तक घुसाने के लिए आमंत्रित कर रही थी.

मौसी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गढ़ा रही थी, और में हर धक्के के साथ अपने हिप्स को छोटे से सर्कल में घुमा घुमा कर उनकी चुदाई कर रहा था. 

मौसे मेरे हर झटके का भरपूर आनंद ले रही थी, और वो चुदाई के इस खेल में मानो पागल हुए जा रही थी.

मौसी ने जब मेरी तरफ देखा, तो मेरी आँखों में प्यार और वासना भरी हुई थी, मैं मौसी के गुदाज शरीर और जवानी का जी भर के चोद कर, पूरा मज़ा ले रहा था.

मैं अपनी कोहानियों पर बोझ को लेता हुआ, आगे झुका, अब मेरा लंड उनकी चूत के दाने को और बेहतर तरीके से घिसने लगा.

“ओह... राज... तुम बहुत अच्छा चोदते हो!!!!!!!!!!!” मौसी ने कराहते हुए बोला, और अपनी गान्ड को जन्गलियो की तरह उछाल उछाल कर मेरे लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अंदर लेने की कोशिश करने लगी. मैं समझ गया, कि मौसी अब झड्ने ही वाली हैं, और ये अब ज़रूरी हो चला था.

“ऊऊऊओह” मेरे मूँह से भी कराहने की आवाज़ निकली, और मैं लंड को और ज़्यादा तेज़ी से मौसी की चूत में अंदर बाहर करने लगा.

हम दोनो वासना में इस कदर डूब चुके थे, और चुदाई कर एक दूसरे को ज़्यादा से ज़्यादा संतुष्ट करने का प्रयत्न कर रहे थे.

“ओह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज!!!हाआँ!!हीय्यी भगवाआां!!!!!!!”मौसी के मूँह से तरह तरह के आवाज़ें निकल रही थी.

मौसी ने खींच कर मेरे सिर को नीचे झुकाया, और मुझे सेक्सी अंदाज में बेतहाशा चूमने लगी. मैने भी उनकी किस का भरपूर जवाब दिया, और अपने होंठों को पूरे दबाव के साथ मौसी के होंठों पर रगड़ने लगा. मौसी ने मेरी गान्ड की गोलाईयों को अपने हाथों में भर लिया, और मुझे अपनी तरफ खींचने लगी, और अपनी चूत के दाने को मेरे लंड पर ज़्यादा से ज़्यादा घिसने लगी. ऐसा लग रहा था, मानो ये कभी समाप्त ही ना हो, लेकिन मैं और मौसी बस अब झड्ने ही वाले थे.

मौसी अब झड्ने ही वाली थी, और उनका शरीर भी इस चीज़ के लिए तय्यार हो चुका था. 

“ऊहह हह!!!!!!!!” मौसी ज़ोर से चीखी, और उनकी चूत ने मेरे लंड को अपनी गिरफ़्त में लेते हुए, उसके उपर सिंकूड कर और फिर फैल कर, पानी छोड़ने लगी. मौसी का पूरा शरीर अकड़ गया, उनके रोंगटे खड़े हो गये, और वो इस कदर अच्छी तरह झडि, कि मौसी ने झड्ते हुए ढेर सारा पानी अपनी चूत में से छोड़ दिया, वहाँ पर सब गीला गीला हो गया.

तभी मेरा लंड भी अपना लावा उगलने को तयार हो चुका था, और मौसी की चूत में और ज़्यादा फूल गया था, मौसी शायद समझ गयी कि मैं पानी छोड़ने ही वाला हूँ, तभी मेरे लंड ने ढेर सारा गाढ़ा वीर्य, मौसी की चूत में धार मारते हुए छोड़ दिया. “ओओःःःःःःःःःःःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!!” मैं कराहते हुए, वीर्य की पिचकारी पर पिचकारी मौसी की चूत में छोड़े जा रहा था, कुछ देर में मैने मौसी की चूत को तृप्त कर दिया.

मौसी ने आज चुदाई का भरपूर मज़ा लिया था, और अपनी बड़ी बेहन के बेटे के नीचे नंगी लेट कर, उस चुदाई के बाद वो जिस तरह से झडि थी, मानो वो उनका झड्ना बंद ही नही हो रहा था.

ओह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज बेटाआआआआआआअ!!!!!!!!!!!! मौसी ने परम सुख को प्राप्त करते हुए कराही और भावनाओं में बहकर उनकी आँखों से आँसू बह निकले.

हम दोनो अब भी एक दूसरे को जकड़े हुए थे, और झडने के कारण एक दूसरे के शरीर में आ रहे कंपन्न को महसूस कर रहे थे, हम दोनो उस अवस्था में तब तक बने रहे, जब तक दोनो पूरी तरह झड कर शांत नही पड़ गये.

मेरा लंड अब सिंकूड कर छोटा होने लगा था, और वो अपने आप प्लॉप की आवाज़ के साथ, मौसी की चूत से अपने आप बाहर निकल आया. हम दोनो वैसे ही उसी तरह, बहुत देर तक बने रहे, और अपनी साँसों के नॉर्मल होने का इंतेजार करने लगे, मौसी की चूत अभी भी फुदक रही थी. आख़िर में मैं मौसी के उपर से हटा कर, उनकी साइड में लेट गया. हम दोनो बेहद थक चुके थे... और मेरी आँख लग गयी.....
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