RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मौसी ने फिर से साबुन अपने हाथ में लिया, और घूम कर मेरे टट्टों पर साबुन लगाते हुए उपर की तरफ बढ़ने लगी. दोनो टाँगों के बीच के हिस्से पर वो जल्दी जल्दी साबुन लगाने लगी, बिना ज़्यादा देर किसी भी एक हिस्से पर रुके हुए.
और फिर वो ही हुआ, जो नही होना चाहिए था, जैसे ही मौसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया, वो फूँकार मार का खड़ा होना शुरू हो गया, और पूरी तरह खड़ा होकर, मौसी के हाथों में आ गया. उन्होने जल्दी से मेरे खड़े हो चुके लंड पर उपर से नीचे तक साबुन लगाया, और फिर अपने हाथ को दूर हटा लिया.
“उः…चलो अब पानी से धो लो” मौसी ने किसी तरह बोला.
“मौसी..” मैने बोलना शुरू किया “आइ’म सॉरी! मुझे इसी बात का ही डर था!”
“ठीक है बेटा” मौसी बोली, उनकी आवाज़ में कंपन्न था. “ये सब तो बिल्कुल नॉर्मल है”
“हां, लेकिन आप के साथ नही!” मैने अपनी ग़लती मानते हुए कहा.
“लेकिन, ये उन बातों को नही समझता!” मौसी ने मज़ाक करते हुए कहा.
“मुझे बहुत शरम आ रही है!” मैं बोला “मैं तो चाहता था क़ी ये उसी समय बैठ जाए!”
“बेटा, ठीक है.” मौसी बोली और फिर पूछा, “तुमको दर्द तो नही हो रहा?”
“नही, ऐसा कुछ नही है. मैं चाह कर भी इस के बारे में कुछ नही कर सकता” मैं अपने दोनो हाथों पर बँधी बॅंडेज को दिखाते हुए बोला.
“ओह!” वो मेरी बातों का मतलब समझते हुए बोली. “मैने तो इस बारे में सोचा ही नही था. क्या तुम वो अकसर वो करते हो?”
“मौसी!!” मैने थोड़ा तेज आवाज़ में कहा. “आप भी मौसी हद करती हो... लेकिन जब भी मुझे ज़रूरत होगी... मैं अपने आप कर लूँगा..”
“ठीक है, बेटा…उह्म…लेकिन क्या तुमने सोचा है... कि तुम वो कैसे करोगे?” मौसी ने चिंता करते हुए पूछा.
“नही, सच बताऊं तो सोचा तो नही है,” मैं थोड़ा झिझकते हुए बोला. “मैं कोशिश करूँगा कि मैं एग्ज़ाइटेड ना होऊ.”
“चलो... अब तौलिया से पोंछ देती हूँ” मौसी ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा.
मौसी जब मुझे तौलिया से पोछ रही थी, तो मैने देखा कि उनकी ब्रा और पैंटी भी भीग चुकी है, और भीगने के बाद उनका कपड़ा सेमी ट्रॅन्स्परेंट हो गया है, मौसी ने जब मुझे इस तरह देखते हुए पाया, तो झट से उन्होने मुझे एक तौलिया अपने उपर लपेटने को दी, और वो गीली तौलिया जिस से मुझको वो पोछ रही थी, उसको अपनी छाती के उपर लपेट लिया.
मैने तुरंत अपने उपर उस तौलिया को लपेट लिया, और बॅंडेज बँधे हाथों से ही उसको किसी तरह खोंस कर स्थिर कर लिया. मौसी ने फिर से अपनी गीली तौलिया से मेरे उन हिस्सों को पोछना जारी रखा, जो अभी तक गीले थे, लेकिन मौसी मेरे लंड से दूरी बनाए रखे हुए थी. जैसे ही वो मेरी जांघों को पोंछने के लिए आगे बढ़ी, उनकी समझ में आ गया, कि मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ है.
मैं अपने रूम में पहुँच गया, मौसी मेरे पहनने वाले कपड़े लेकर मेरे पीछे पीछे आ गयी, मेरे रूम में आते ही उनके सामने में आ गया, कि मैं उन कपड़ों को अपने आप पहनने की स्थिति में नही हूँ, और मुझे उनकी हेल्प की ज़रूरत होगी. मैने मौसी की तरफ पीठ फेरते हुए, उस तौलिया को गिरा दिया, और मौसी ने आगे बढ़ते हुए, मेरे शॉर्ट्स में मेरे दोनो पैरों को घुसाने में मदद करते हुए, उसको पहना कर उपर खीच दिया. हालाँकि, उपर खींचते समय, शॉर्ट्स मेरेखड़े हुए लंड से थोड़ा टकराया.
“एहमम!” मेरे मूँह से आवाज़ निकल गयी, जब शॉर्ट्स मेरे तने हुए लंड को छूते हुए अपनी सही जगह पर फिट हुआ.
मुझे लगा मौसी भी थोड़ा सॉरी फील कर रही थी, लेकिन वो भी ज़्यादा कुछ नही कर सकती थी.
मौसी मेरे रूम से तुरंत बाहर निकल गयी.... और मैं उनको जाते हुए देखता रहा....
उस रात हम दोनो डिन्नर कर के अपने अपने रूम में सोने चले गये. जब मैं टाय्लेट जाने के लिए बाहर निकाला, तो मैने मौसी को मोबाइल पर किसी से बात करते हुए सुना, शायद वो मेरी मम्मी से बात कर रही थी. मौसी मम्मी को नहाते हुए जो कुछ हुआ था, वो सब बता रही थी. मैं दरवाजे से कान लगाकर, उनकी बातें सुनने लगा, मम्मी की आवाज़ उतना सॉफ तो नही सुनाई दे रही थी, लेकिन फिर भी मैं अंदाज़ा लगा रहा था, वो क्या कह रही हैं.
मम्मी: अर्रे उमा, ये सब तो जवान लड़कों के साथ होता ही है, लड़कों के हॉर्मोन्स इसी उमर में तो पूरे जोश में होते हैं, उनका तो बस किसी भी बहाने से खड़ा हो जाता है.
उमा मौसी: हां दीदी, वो तो मैं समझती हूँ, लेकिन राज के हाथों पर बॅंडेज बँधे होने के कारण, वो अपने आप कैसे हल्का हो, मैं तो ये ही सोच रही थी.
मम्मी: बस थोड़े दिनों की ही तो बात है, कर लेगा किसी तरह अपने आप पर काबू
उमा मौसी: दीदी, क्या मैं उसकी किसी तरह से मदद नही कर सकती?
मम्मी: लेकिन किस तरह से?
उमा मौसी: जैसे कि मैं उसकी उस जगह पर सफाई ही ना करूँ
मम्मी: नहीं, ऐसा करना तो सही नही होगा, उसका हाथ से हिलाकर पानी निकालने के अलावा और कोई सल्यूशन नही है, लेकिन ऐसा करना भी तुम्हारे लिए सही नही होगा
मम्मी: चलो अब सो जाओ, गुड नाइट, बाकी कल सुबह बातें करेंगे
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