RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
हम दोनो जब इतनी लंबी चुदाई करने के बाद थक कर लेटे हुए थे, तब मैने दीदी को तान्या के साथ, अपनी उस अंजाने में हुई ग़लती के बारे में बताया, कैसे मेरे मूँह से तान्या को चोदते समय ग़लती से दीदी का नाम निकल गया था, और कैसे तान्या नाराज़ होकर होटेल से चली गयी थी. उस दिन के बाद मेरी तान्या को फोन मिलाने की हिम्मत नही हुई थी, और तान्या ने अपनी तरफ से कोई फोन किया नही था.
दीदी ने पूरी बात सुनी, और फिर मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा, तुम चिंता मत करो, तान्या को तो मैं समझा दूँगी.
दीदी ने नेक्स्ट डे, जब सब रिलेटिव हमारे घर से चले गये तब मुझे अपने रूम में बुलाया और तान्या को फोन मिलाया. फोन का स्पीकर ऑन कर दिया.
दीदी: हेलो, तान्या कैसी हो?
तान्या: ठीक हूँ दीदी, आप सूनाओ, कैसी हो, अब तो शादी की डेट नज़दीक आती जा रही है, सब तय्यारियाँ हो गयी पूरी?
दीदी: हां करीब करीब, तुम तो ना जाने कब से मेरी शादी का इंतेजार कर रही थी, जिस से तुम्हारा रास्ता क्लियर हो... (इतना कह कर दोनो हँसने लगी)
दीदी: अच्छा तान्या एक बात बताओ, तुम्हारे और राज के बीच कुछ हुआ है क्या? वो आजकल बहुत परेशान रहता है, और तुम दोनो आपस में फोन पर बात भी नही करते...
तान्या: हां दीदी, कुछ हो गया है ऐसे ही.... लेकिन मैं वो बात आप को नही बता सकती.
दीदी: हम दोनो के बीच क्या छुपा है तान्या, प्लीज़ खुल के बताओ, शरमाओ मत...
तान्या: दीदी, उस कॉलेज के आन्यूयल फंक्षन वाले दिन हम दोनो एक होटेल में गये थे, वहाँ राज ने एक रूम बुक करवा रखा था...
दीदी: तो क्या हुआ वहाँ पर?
तान्या: दीदी, जब हम दोनो प्यार कर रहे थे, तो ये मुझको इस तरह प्यार कर रहे थे जैसे कि मैं तान्या नही, उनकी डॉली दीदी हूँ...
दीदी: अरे तो इसमें कौन से बड़ी बात हो गयी, अभी जब तक मैं और वो एक घर में एक साथ रहते हैं, उसकी ज़ुबान पर मेरा नाम चढ़ा हुआ है, जब मैं शादी होकर चली जाउन्गि, और तुम उसके साथ रहने लगोगी, और वो दिन में जब 40-50 बार तुम्हारा नाम लेगा, तो उसकी ज़ुबान पर तुम्हारा नाम चढ़ जाएगा. हो सकता है फिर उसे जब मुझे बुलाना हो, उस समय तुम्हारे नाम से मुझे पुकारे, इसमे इतनी कौन सी बड़ी बात है. तुम्हारे शायद कोई भाई या बेहन नही है, इसलिए शायद तुम इस बात को नही समझ पा रही ही, और बेकार में नाराज़ हो गयी.
तान्या: हां दीदी, शायद मुझ से समझने में कुछ ग़लती हो गयी..
दीदी: हो जाता है तान्या, इट्स नॉर्मल, इन छोटी छोटी बातों को दिल से मत लगाया करो... अब तुम राज को फोन मिलाओ, और उस से सॉरी कहो... वैसे एक बात बताओ, तुम दोनो कौनसा प्यार कर रहे थे वो भी होटेल के रूम में... (फिर दोनो खिलखिला कर हँसने लगी)
थोड़ी देर बाद तान्या का मेरे मोबाइल पर फोन आया, उसने मुझसे सॉरी बोला. मैं तो बस उसके फोन का इंतेजार कर रहा था, उसको तुरंत कह दिया, कोई बात नही, तुम छोटी छोटी बातों पर बहुत सीरीयस हो जाती हो. शायद दिल ही दिल में तो मुझे मालूम था कि सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए, उस सब के लिए जो मैने किया है, कर रहा हूँ, और शायद आगे भी करूँगा. लेकिन मैं तो सॉरी फील कर ही नही रहा था.
दीदी की शादी में बचे दो हफ्तों में हमने 3 या 4 बार चुदाई की. धीरज शादी से दो-तीन दिन पहले इंडिया लौट आया था, जब उसने दीदी को इंडिया आने के बाद फोन किया, तो दीदी ने उसका फोन पिक नही किया, और मुझसे बोला, कि मैं उसको फोन कर के बता दूं, कि दीदी अब उस से शादी के बाद ही बात करेगी. दोनो तरफ शादी की तय्यारियाँ ज़ोर शोर से चल रही थी.
और आख़िर कार, दीदी की शादी का दिन आ ही गया.....
आज मंडे था, और आज दीदी की शादी थी. डॉली दीदी और धीरज की शादी का अरेंज्मेंट एक फार्महाउस पर किया गया था. उस फार्महाउस में दोनो तरफ के सभी रिश्तेदारों के स्टे का भी अरेंज्मेंट था. ये फार्महाउस पापा ने पूरे तीन दिनों के लिए बुक करा लिया था. हम सभी लोग शादी मंडे को सुबह सुबह10 बजे ही फार्महाउस पर पहुँच गये, क्योंकि कुछ रिलेटिव्स ऐसे भी थे जो कि सीधे एरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से फार्महाउस ही पहुँचने वाले थे.
मम्मी, पापा और दीदी मेरे से पहले एक कार से फार्महाउस पहुँच गये थे, मैं उन सभी रिलेटिव्स जो घर पर आ गये थे, उनके फार्महाउस तक ट्रांसपोर्ट अरेंज करने की वजह से थोड़ा लेट हो गया. सभी रिलेटिव्स को डबल शेर्ड रूम दिया गया था, बस दीदी और मेरे लिए सेपरेट रूम था.
सुबह 11 बजे मैने दीदी के डोर को खटखटाया. दीदी उस समय बाथरूम में थी, वो शायद अटॅच्ड बाथरूम में नहा रही होगी, क्योंकि कुछ ही देर में ब्यूटी पार्लर वाली ब्यूटीशियन आने वाली थी. मैने डोर को नॉक किया, और नॉब को घुमा के अंदर घुस गया, और आवाज़ लगाई, “डॉली दीदी, कहाँ हो?”
बाथरूम के अंदर से आवाज़ आई, “अभी आ रही हूँ, थोड़ा वेट करो, तुम अकेले ही हो राज, या कोई और भी है तुम्हारे साथ?”
मैने डोर को बंद करते हुए जवाब दिया, “बस अकेला मैं ही हूँ दीदी.”
कुछ देर बाद दीदी बाथरूम से बाहर निकल आई, उसने केवल ब्रा और पैंटी पहन रखी थी. 21 साल की दीदी, आज गजब की सुंदर लग रही थी. मुझे इस बात का मन ही मन एहसास भी था कि वो मेरी बड़ी बेहन है, जिस की दो दिन बाद शादी है, लेकिन दिमाग़ की बात मानने को दिल बिल्कुल तय्यार नही था. मैं दीदी की पैंटी से आधे ढके हुए मस्त चूतड़ो को निहारने लगा. दीदी का एक दम नंगा समतल चिकना पेट और उसके उपर वो ब्रा में क़ैद चूंचियाँ, मैं बस दीदी को देखे ही जा रहा था, और मेरे लंड में हरकत होने लगी थी. दीदी की ब्रा में से भी उनके निपल्स का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही था, निपल्स खड़े होकर, ब्रा में से अपनी भी अपनी मौजूदगी के एहसास करा रहे थे. हालाँकि मैं दीदी की चूंचियाँ और निपल्स कई बार देख चुका था, लेकिन फिर भी हर बार की तरह एक अलग ही रोमांच हो रहा था.
अपनी चूंचियों की तरफ मुझे घूरते हुए देख दीदी ने पूछा, “क्या देख रहे हो राज?” दीदी थोड़ा मुस्कुराइ और शरारत भरे अंदाज में बोली, तुमको पता है ना कि आज मेरी शादी है.
मैने हां में सिर हिलाया, और बोला, “क्या करूँ दीदी, मन ही नही भरता.”
दीदी मुझे समझाती हुए बोली, “राज, हम दोनो ने आज तक जो कुछ भी किया, उसका मुझे कोई पछतावा नही है, लेकिन शादी के बाद, मैं धीरज के प्रति वफ़ादार रहना चाहती हूँ, मैं धीरज से बेवफ़ाई करने की सोच भी नही सकती. बेहतर ये होगा कि तुम भी मुझे भूल जाओ, और तान्या के साथ शादी कर लो.”
मैं अब भी दीदी को बिना कुछ बोले, देखे जा रहा था. किसी तरह हिम्मत करके बोला, “हां दीदी, बहुत मुश्किल है, लेकिन आप को भुला पाना इतना आसान नही होगा.”
दीदी मुस्कुराइ और बोली, तो लो कर लो आज आख़िरी बार अपनी बची हुई ख्वाहिशें पूरी. दीदी ने बोलते हुए अपने ब्रा के हुक को खोला और ब्रा को उतार के बेड पर फेंक दिया. आज के ऐसे दिन जब दीदी की शादी होने वाली थी, दीदी की मस्त नग्न चूंचियाँ देख के मैं पागल हो गया. दीदी की चूंचियों के पिंक-ब्राउन निपल्स खड़े और हार्ड हो रहे थे, और गोल डार्क ब्राउन अेरोलस में से निकलकर खड़े होकर मानो सलाम कर रहे हों. मन कर रहा था बस इनको मूँह में भर कर चूस लूँ. मैं चेयर पर थोड़ा आगे खिसक आया, जिस से मैं और ज़्यादा पास से देख सकूँ. दीदी मेरी चेयर के पास आकर खड़ी हो गयी, दीदी की चूंचियाँ मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने थी.
"दीदी, आपकी ये बहुत सुंदर हैं" मैने दीदी की चूंचियों की प्रशन्शा करते हुए कहा. “इनको थोड़ा सा छू लूँ?" मैने पूछा.
"तुम इनको ना जाने कितनी बार छू चुके हो, लेकिन लगता है, तुम्हारा मन नही भरता," दीदी ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा. "और वैसे भी, अब जब मेरी शादी हो रही है, आज तो मैं अपने मन का करूँगी.” दीदी ने बनावटी गुस्से के साथ कहा. "चलो दिखाओ मुझे अपना लंड" दीदी ने अधिकारपूर्वक कहा.
मैने थोड़ा झिझकते और डरते हुए दीदी से पूछा, “दीदी, मैं आपकी शादी का वीडियो बनाने के लिए सोनी का कॅमकॉरडर लाया हूँ, अगर हमारे आज आपकी शादी से पहले आख़िरी मिलन का अगर आप कहो तो मैं वीडियो बना लूँ?”
दीदी ने कुछ देर सोचा और फिर बोली, तो तुम मेरी शादी के बाद उस वीडियो को देख कर मुझे फेंटसाइस करते हुए मूठ मारा करोगे. क्यों?
मैने फिर से थोड़ा घबराते हुए हां में सिर हिलाया, और बोला, “पता नही दीदी, आज के बाद ऐसा मौका मिले ना मिले, मैं इन यादों को हमेशा के लिए सॅंजो के रखना चाहता हूँ.”
दीदी कुछ देर खामोश रहने के बाद बोली, “ओके, लेकिन अगर किसी ने कभी ग़लती से भी इस वीडियो को देख लिया, तो हम दोनो की जिंदगी बर्बाद हो सकती हैं. चलो ऐसा करते हैं, तुम मेरे ब्लोवजोब का वीडियो बना लो, चुदाई का वीडियो बनाने में ख़तरा है. तुम्हारी यादों के लिए मैं तुमको आज ऐसा चूसुन्गि कि इस वीडियो को तुम जब भी देखोगे, मूठ मारे बिना नही रह पाओगे.” ऐसा कहते हुए दीदी के मूँह में पानी आ गया.
मैं खुश होते हुए बोला, “ ठीक है दीदी.”
मुझे दीदी की बात पर पूरी तरह विश्वास नही हुआ, मैने पूछा, “सच में ना, दीदी !” मैने अपने सोनी के कॅमकॉरडर को उठाया और शेल्फ पर इस तरह से रख दिया.
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