RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मेरी सब से छोटी बुआ, जो की एक विडो थी, पास ही के शहर में रहती थी, उनके एकलौते बेटे का आइआइसीसी बंगलोर में सेलेक्षन हो गया था. वो आज कल अकेली ही रह रही थी. एक दिन मम्मी पापा ने डाइनिंग टेबल पर सब के साथ डिन्नर के टाइम दीदी से पूछा, “क्या तुम चेंज के लिए कुछ दिनों के लिए मुन्नी बुआ के घर जाना चाहोगी, वो भी आज कल अकेली हैं, और तुम्हारा भी थोड़ा चेंज हो जाएगा?” दीदी मुन्नी बुआ के यहाँ जाने के लिए तुरंत तय्यार हो गयी.
दीदी अगले दिन ही मुन्नी बुआ के यहाँ चली गयी. अगले 10 दिनों तक मेरी और दीदी की एक या दो बार ही फोन पर बात हुई होगी. दीदी के घर से जाने के बाद, मेरी सेक्स लाइफ में एक अजब सा चेंज आया. दीदी के प्रति अपने उतावलेपन और पागलपन को भूलकर मैने तान्या पर ध्यान लगाना शुरू किया.
सॅटर्डे को कॉलेज में फाइ स्टूडेंट्स की फेरवेल पार्टी थी. तान्या से पूछ कर, उसकी सहमति से मैने सॅटर्डे नाइट के लिए, उसकी पसंद के एक 3 स्टार होटेल में एक रूम बुक करा लिया था. घर पर मम्मी पापा को बता दिया कि पार्टी के बाद मैं अपने हॉस्टिल वाले दोस्तों के साथ उनके रूम पर ही रुकुंगा, और अगले दिन सुबह घर आउन्गा....
फेरवेल पार्टी में बहुत मज़ा आया, मैने पिछले कुछ दिनों से मूठ नही मारी थी, इसलिए लंड बार बार खड़ा हो रहा था. पार्टी के बाद मैं और तान्या सीधे होटेल में पहुँच गये. तान्या आज बेहद खूबसूरत लग रही थी, उसकी स्कर्ट में से उसकी चिकनी टाँगो और मस्त गान्ड का आभास हो रहा था, और स्कर्ट के उपर पहने टॉप में से उसके निपल्स का अंदाज़ा लगाना बहुत आसान था. उसके टाइट स्कर्ट-टॉप में से उसके शरीर के उभार सॉफ नज़र आकर, तान्या को एक मादक लड़की के रूप में पेश कर रहे थे.
होटेल के रूम में पहुँच कर हमने के दूसरे को बाहों में भरते हुए एक जोरदार किस किया.
उस किस में सब कुछ था, प्यार था, उतावलापन था, हवस थी, और थोड़ी घबराहट भी. तान्या ने पहले मेरी बाहों में से निकलते हुआ कहा, “मैं कुछ कंफर्टबल पहन लेती हूँ.” उसने टाय्लेट की तरफ जाते हुए मुझसे आँख मारते हुए कहा, “यहीं बेड पर बैठकर मेरा वेट करो.”
काफ़ी देर बाद तान्या बाथरूम से ब्लॅक सी-थ्रू ब्रा और मॅचिंग पॅंटीस पहन के बाहर निकली. तान्या के निपल्स पहले से ही खड़े होकर उस हल्के से नेट में से सॉफ दिखाई दे रहे थे. उनको देख के मेरे लंड ने भी मेरी पॅंट में टेंट बना दिया.
"राज, लेट मी सी, मैं इसको बैठाने में तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूँ." उसने मुझे अपने पास इशारे से बुलाया, मैं तुरंत उसके पास चला गया. जैसे ही मैं उसको किस करने को आगे बढ़ा, उसने मुझे ये कहकर रोक दिया, "आज सब कुछ मैं करूँगी." मैं उसको चोदने के लिए बहुत बेचैन था, और इसके लिए उसकी हर बात मानने को तय्यार था.
उसने मेरे होंठों पर एक छोटा सा चुंबन लिया, मुझे मानो बिजली का करेंट लग गया हो. उसने मेरी पॅंट के उपर से ही लंड को सहलाया, और फिर मेरे कपड़े उतारने को हाथ बढ़ाया. मैं भी उसको छूना चाहता था, लेकिन वो मुझे ऐसा नही करने दे रही थी, और मैं आज उसको चोदने के लिए कुछ भी करने को तय्यार था. तान्या ने धीरे धीरे मेरी शर्ट उतारी, फिर नीचे आते हुए, मेरी छाती पर किस करने लगी, बीच बीच में अपनी जीभ से मेरे निपल्स को छेड़ देती. मैं मानो सातवें आसमान पर था. मैने हाथ बढ़ाकर उसकी मम्मे पकड़ लिए, उसने तुरंत मेरे हाथ को झिड़कते हुए मुझे लास्ट वॉर्निंग दी. तान्या तस्सली से अपना काम कर रही थी, धीरे धीरे मेरे हर कपड़े को उतार रही थी, मेरे शरीर पर अब सिर्फ़ बॉक्सर्स ही बचा था.
उसने मेरे बॉक्सर्स को इतना नीचे कर कर दिया, कि अब लंड का सुपाड़ा बाहर निकल आया, उसने सुपाडे का एक जोरदार चुंबन लिया, लंड फूँकार मार के बॉक्सर्स की एलास्टिक को तोड़ने के लिए बेकरार हो उठा. वो बॉक्सर्स को और नीचे करते जा रही थी, और जैसे जैसे लंड का नया भाग उजागर होता, वो उसका एक चुंबन ले लेती. फिर मेरे बॉक्सर्स को पूरा नीचे तक उतारकर, उसने मेरे टट्टों की दोनो गोलियों का एक एक कर के चम्बन लिया. मेरा लंड अब फूँकार मार रहा था, मैं इतना ज़्यादा उत्तेजित हो चुका था, मानो अभी विस्फोट के साथ, अभी झड जाउन्गा.
उसने मेरे लंड को पकड़ा, और उसको नीचे की तरफ खींचकर उसकी आगे की खाल को नीचे कर दिया. सुपाडे पर प्रेकुं की बूँद आ चुकी थी. तान्या ने सुपाडे के उपर अपनी जीभ फिराई और सारे प्रेकुं को चाट गयी. “मैं आज पूरा और बहुत देर तक मज़ा लेना चाहती हूँ, इसलिए तुम्हारी इतनी सेवा कर रही हूँ, याद रखना तुमको भी मेरी ऐसे ही सेवा करनी पड़ेगी.” ऐसा कहकर उसने मेरे लंड के सुपाडे को पूरा अपने मूँह के अंदर ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और उसके इस तरह से टीज करने के कारण, लग रहा था कि बस मैं कभी भी झड जाउन्गा. तभी मेरे लंड ने ढेर सारे वीर्य की धार, तान्या मे मूँह में उछाल मार मार के फेंक दी. तान्या उसको सारा सटक कर पी गयी. करीब 7-8 पिचकारियाँ छोड़ने के बाद मेरे पैरों मे से सारी ताक़त निकल गयी, और मैं बेड पर धडाम से लेट गया, जिसकी वजह से तान्या के मूँह में से मेरा लंड निकल गया.
वो मुस्कुराती हुई मेरे पास बेड पर आ कर बैठ गयी, और मेरा एक ज़ोर से चुंबन लिया. उसने मेरे मूँह में अपनी जीभ डाल दी. मैं अपने हाथों को उसके शरीर पर फिराने लगा, इस बार उस ने मुझे नही रोका, इसलिए मैं उसको सहलाता रहा. मैने उसको सीधा लिटाते हुए, उसके उपर आकर उसके होंठों को ज़ोर से चूम लिया, और फिर उसके होठों के बीच अपनी जीभ घुसाने लगा, वो अब थोड़ा थोड़ा काँपने लगी. मैं चाहता था कि वो आज इस रात का भरपूर मज़ा ले, इसलिए मैं भी सब काम धीरे धीरे धैर्य के साथ कर रहा था, नही तो अब तक उसकी ब्रा पैंटी को फाड़ के उतारकर, उसको कब का चोद चुका होता.
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