RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं बिना कुछ जवाब दिए उपर अपने रूम में चला गया, मैं शवर के नीचे नहाया और एक दिन पुराने अपने कपड़े चेंज किए. मेरे दिमाग़ में अब भी कल रात वाली तस्वीरे घूम रही थी. मैने शवर के नीचे ही एक बार फिर से मूठ मारी और अपने वीर्य को नाली में बहकर जाते हुए देखता रहा. मैं अपने विचारों में खोया हुआ था, मुझे बाथरूम का डोर खुलने की कोई आवाज़ सुनाई नही दी.
”क्या मेरे बारे में सोच रहे हो भाई?” दीदी ने बाथरूम के अंदर आकर डोर को बंद करते हुए पूछा. दीदी ने अपनी बड़ी सी सोते वक़्त पहनने वाली टी-शर्ट पहन रखी थी. मैं एक दम दीदी को वहाँ देख कर चौंक गया. मैने अपने आप को कोसा और शवर बंद कर दिया. मैं जब तक दीदी को कुछ जवाब दे पाता, मेरी समझ में कुछ नही आ रहा था, तभी मुझे एहसास हुआ कि मैं बिल्कुल नंगा हूँ, और मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ है. “शायद मुझे अब तुमको भाई नही कहना चाहिए.” दीदी ने मेरे खड़े हुए लंड को देखते हुए कहा.
“मुझे मालूम है तुम कल रात को सब कुछ देख रहे थे.”और जो तोहफा तुम मेरे लिए ड्रॉयिंग हॉल में छोड़ के गये थे, वो थोड़ा अजीब था, लेकिन घबराओ मत, मैने सब सॉफ कर दिया था. तो फिर, मज़ा आया, कल रात वो सब देख के?” डॉली दीदी मेरे और करीब आ गयी, उनके निपल्स का उस लूस टी-शर्ट में से सॉफ सॉफ अंदाज़ा लग रहा था.
मेरा तो मन कर रहा था, कि बस दीदी की चूंचियों को पकड़ के दबा दूं, और निपल्स को मसल दूं. लेकिन मेरा दिमाग़ मुझे ऐसा करने से रोक रहा था.
"आइ'म सॉरी." मैने अपनी कमर पर तौलिया लपेटते हुए कहा. "मैं, आपको और धीरज को वो सब करते हुए देखना चाहता था, दीदी आप दोनो को वो सब करते देख मुझको अपने आप पर कंट्रोल नही हुआ. और सच कहूँ तो शो देख के बड़ा मज़ा आया.”
“लेकिन, तुमने तो अपने आप से प्रॉमिस किया था कि तुम मूठ नही मारोगे, राज”, दीदी बोली.
मैने शरारती अंदाज में कहा, “दीदी वो प्रॉमिस पॉर्न देख के मूठ ना मारने का था, लेकिन मैने तो लाइव शो देख के मूठ मारी है.”
दीदी थोड़ा शरमाई और बोली, “नही उस प्रॉमिस में ऐसा कुछ नही था, सिर्फ़ मूठ ना मारने की बात थी.”
मैने भी तोड़ा ढीठपना दिखाते हुए कहा, “दीदी वो प्रॉमिस जब तक वॅलिड था, जब तक आप हेल्प कर रही थी, अब जब आप हेल्प कर नही रही हो, तान्या से पूछने की हिम्मत नही होती, तो फिर क्या करूँ?”
दीदी बड़ी हतास हो कर बोली, “मैं तो बस ये चाहती हूँ कि मेरा भाई अपने आप को वेस्ट ना करे, तुम तान्या को किसी तरह तय्यार करो. मुझ से तो अब उम्मीद छोड़ दो, अब मैं तो सिर्फ़ धीरज की और धीरज मेरी ज़रूरतें पूरी करेंगे. इन केस, अगर तान्या शादी से पहले हर दूसरे या तीसरे दिन करवाने को तय्यार ना हो, तो मैं तुम्हारी शारीरिक ज़रूरत समझ सकती हूँ, फिर तुम्हारे पास भी ऑप्षन कम ही हैं. आज से जब सारे ऑप्षन ख़तम हो जायें, तुम जब चाहो मूठ मार सकते हो.”
मैं थोड़ा शरमाया, और फिर अपने रूम में आ गया. मेरा दिल धड़क रहा था, और मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था, मैं दुविधा में था, मुझे अपने आप पर शरम भी आ रही थी, और मेरा लंड भी खड़ा था. मैने रूम का दरवाजा बंद किया, और अपनी तौलिया को उतार के फेंक दिया. मैं पता नही क्यों लेकिन बहुत जल्दी झड गया. मेरे लंड ने वीर्य की जोरदार पिचकारी फेंकी, जो करीब 4 फीट दूर रखे बेड पर जा कर गिरी. मेरे लंड ने उसके बाद भी छोटी छोटी पिचकारियाँ मारी लेकिन उस पहली वाली पिचकारी को इतना दूर तक गिरते देख मैं भी अचंभित रह गया.
मैने अपनी तौलिया से सारे पानी को पोंच्छा, और फिर जल्दी से कपड़े पहन के नीचे डाइनिंग टेबल पर लंच करने के लिए पहुँच गया. जब मैं अपने कमरे में से निकल कर नीचे जा रहा था, तब मुझे शवर की आवाज़ सुनाई दी, और बाथरूम का डोर खुला हुआ था. मैं अंदर झाँकने से पहले थोड़ा झिझका, जब मैने अंदर झाँक के देखा तो दीदी अपने शरीर पर साबुन मल रही थी. दीदी का मूँह दूसरी तरफ था, लेकिन एक बात तो सॉफ थी कि दीदी मुझे अपने आप को नंगा दिखाना चाहती थी. जब दीदी अपनी चूत पर साबुन लगा के उसे घिस रही थी, मैं एक तक होके दीदी के नंगे बदन को निहार रहा था. ये सब देख के मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैने अपना लंड जीन्स के उपर से ही सहला कर जीन्स के अंदर सेट किया.
"राज, तुम नहा लिए? नीचे आकर लंच कर लो, तयार है." मम्मी की ये आवाज़ मुझे फिर से इस दुनिया में ले आई , और मैं उस मस्त सीन को देखना छोड़ कर नीचे डाइनिंग टेबल पर आ गया. मम्मी बोले जा रही थी "एक बार शवर की आवाज़ आनी बंद हुई तो मैने समझा कि तुम नहा लिए होंगे, लेकिन फिर जब दोबारा आवाज़ आने लगी तो मुझे लगा कि तुम अब भी नहा रहे हो."
"ओफ्फो, मम्मी अब तो दीदी नहा रही है." जब मैने ये कहा तो मम्मी पापा दोनो समझ गये कि दीदी उठ चुकी है, दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा. कुछ तो चल रहा था, जिसका मुझे पता नही था. जैसे ही शवर की आवाज़ बंद हुई, पूरे घर में खामोशी छा गयी. 5 मिनिट के बाद पापा ने सिर हिलाया और मम्मी उपर चली गयी. थोड़ी देर बाद दीदी के ज़ोर ज़ोर से बोलने की आवाज़ सुनाई दी, “अभी मैने उसको फोन किया था, उसने मुझे फोन पर बताया कि वो अपने पापा के प्रेशर की वजह से लंडन जा रहा है, और शादी से एक या दो दिन पहले ही लौटेगा, उस को कम से कम एक बार मिलकर तो जाना चाहिए था.” दीदी इतना कहकर अपने रूम में चली गयी, और उसने ज़ोर से अपने रूम का डोर धड़ाक से बंद कर लिया.
"मम्मी, ये सब क्या हो रहा है? डॉली दीदी ने इस तरह डोर क्यों बंद कर लिया?" मम्मी ने कुछ देर मेरी तरफ देखा, मानो सोच रही हो, कि मुझे बताएँ या नही, फिर उन्होने मुझे सब कुछ बताने की निर्णय करते हुए मुझे सब कुछ बता दिया. मुझे जो कुछ मम्मी ने बताया उस सब से मैं ये कुछ समझ पाया, कि कल रात मेरे जाने के कुछ देर बाद ही, धीरज भी अपने घर चला गया था. उसके पापा ने ज़बरदस्ती उसको आज सुबह की फ्लाइट से एक-डेढ़ महीने के लिए यूके भेज दिया है, जहाँ वो अपना एक नया फुड प्रोसेसिंग का प्लांट लगा रहे हैं, वहाँ पर कुछ लेबर अनरेस्ट की प्राब्लम हो गयी थी. धीरज अब शादी वाले दिन से बस 1 या 2 दिन पहले ही इंडिया आ पाएगा. धीरज के पापा ने मेरे पापा को बताया कि धीरज भी बहुत नाराज़ था और वो डॉली दीदी के सामने आने की हिम्मत नही कर पा रहा था.
मैं दीदी से बात करके उनको समझाना चाहता था, लेकिन कुछ देर पहले मेरे दिमाग़ में दीदी के प्रति चल रहे विचारों को ध्यान में रखते हुए, मुझे लगा मुझे ऐसा करने का कोई अधिकार नही है.
अगले कुछ दिनों तक दीदी का मूड ठीक ना होने की वजह से घर में तनाव भरा माहौल रहा. 4-5 दिनों के बाद दीदी नॉर्मल होने लगी, और वो पहले के जैसे हँसने बोलने लगी. मेरा दीदी के प्रति आकर्षण कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा था, जब भी दीदी के शरीर का कोई भी हिस्सा देखने का मौका मिलता, मैं उसको हाथ से नही जाने देता.
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