RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं और तान्या एक दूसरे को बाहों में लिए तान्या के बेड पर लुढ़क कर तुरंत सो गये. सोने से पहले मैने अपने मोबाइल को साइलेंट मोड पर किया, जिस से सुबह सुबह कोई डिस्टर्ब ना करे. सोते हुए मैं अपने प्लान की कामयाबी के बारे में सोच के मुस्कुरा रहा था. एक बात तो अब पक्की थी कि उस रब्बर के लंड का यूज़ अब बहुत कम होने वाला था, हो सकता है आज के बाद शायद कभी हो ही ना....
जब मेरी आँख खुली तो रूम में उजाला ही उजाला था, तान्या के रूम के पर्दे इतने भारी नही थे कि सूरज की रोशनी को रूम में आने से रोक पाते. मैने तुरंत अपना मोबाइल उठाया और टाइम चेक किया, दोपहर के 12:15 बज रहे थे, मेरे मोबाइल पर मम्मी और पापा दोनो की 5-5 मिस्ड कॉल्स थी. तान्या मुझ से पहले उठ चुकी थी, और शायद बाथरूम में थी. जैसे ही तान्या बाथरूम से बाहर निकली, मैने अपने घर जाने का डिसाइड किया, जिस से तान्या को भी थोड़ा स्पेस मिल सके. हम दोनो ने एक दूसरे की झप्पी ली, और मैं बाहर निकल आया, अपनी कार स्टार्ट की और मोबाइल को साइलेंट मोड से हटा के अपने घर की तरफ चल दिया.
जब मैं घर पहुँचा तो चारों तरफ शांति थी, मैं चुप चाप बाथरूम में घुस गया. मैने डॉली दीदी के रूम की तरफ एक नज़र मारी, तो मुझे याद आया कि वो तो अपनी क्लासमेट्स के साथ 3 दिन के स्टडी टूर पर गयी हुई होगी, आज तो पहला ही दिन है. मैं नहा धो कर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम की तरफ चल दिया.
जब मैं अपने रूम की तरफ जा रहा था, तभी मम्मी पापा की नज़र मुझ पर पड़ी, वो दोनो मुझे देख कर एक दम शॉक हो गये. पापा ने कड़क आवाज़ में पूछा, कहाँ थे रात भर, सुबह से कितनी बार तुम्हारे मोबाइल पर मैने और तुम्हारी मम्मी ने कॉल किया, तुमने एक बार भी नही उठाया. मैं तो बस पोलीस में रिपोर्ट लिखाने ही जा रहा था.
मैने झूठ बोल के समझाने की कोशिश की, मैने झूठ बोला कि मैं और मेरे दोस्त रोहित सारी रात सुबह 5 बजे तक पढ़ते रहे, और मैने सोने से पहले कोई डिस्टर्ब ना करे इसलिए मोबाइल साइलेंट पर कर लिया था.
जब वो दोनो थोड़ा शांत हुए तो मैं अपने रूम में गया, और जाते ही तान्या को फोन मिलाया, ये पूछने के लिए कि वो कैसी है. तान्या ने एक घंटी पर ही मेरा कॉल उठा लिया, वो मेरा कॉल रिसीव कर के बहुत खुश थी.
तान्या: कैसा फील हो रहा है, राज?
राज: बहुत अच्छा, थोड़ा सा दर्द हो रहा है लेकिन ठीक है
तान्या (हंसते हुए): मुझे भी हो रहा है, तुम्हारे मम्मी पापा ने तुमको लेट आने के लिए डांटा तो नही?
राज: हां, थोड़ा सा, लेकिन ज़्यादा नही, मुझे लगा कहीं तान्या मेरे मम्मी पापा को बूढ़ा खूंसट ना समझने लगे.
हमने कुछ देर और बातें की, उसके बाद तान्या ने बताया कि उसको ब्यूटी पार्लर जाना है, उसने अपायंटमेंट ले रखा है.
मैं अपने रूम में कुछ देर बैठा रहा, और पिछली रात जो मैने तान्या के साथ बिताई थी उसकी यादें संजोने लगा. फिर मेरे ख़यालों में डॉली दीदी आ गयी, हम दोनो ने उस रात सेक्स करने के बाद ज़्यादा टाइम एक दूसरे के साथ नही बिताया था, उसके बाद वो ट्रिप पर चली गयी थी. उस रात के बाद मेरे और दीदी के बाद ज़्यादा बातें नही हो पाई थी, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, कैसे मैं दीदी के रूम से उस रात सुबह होने से पहले निकल आया था, जिस से मम्मी पापा को पता ना चले. कुछ दिनों के लिए एक दूसरे से दूर रहना अच्छा होता है, लेकिन सच कहूँ तो, उस रात भी मैं जब तान्या को चोद रहा था, तब भी मैं दीदी को मिस कर रहा था.
* * *
आख़िर में 3 दिन के बाद वेडनेसडे आया, और मैं कॉलेज से आते ही डॉली दीदी के रूम में गया. दीदी अपने रूम में बेड के पास खड़ी थी, और अपना सूटकेस खोल रही थी. मैने अंदर घुसते हुए खांस कर अपना गला सॉफ किया. दीदी ने खुश होकर घूम के मेरी तरफ देखा, और फिर मुस्कुराइ, और फिर मेरे पास भागते हुए आई, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया.
"हे! वेलकम बॅक!"मैने दीदी को अपनी बाहों में लेते हुए कहा.
दीदी ने मुझ से दूर या मेरी बाहों में से निकलने की कोई कोशिश नही की, और फिर शरारत के साथ मेरी आँखों में आँखें डाल के बोली, "हाई राज! कैसे हो, डिड यू मिस मी?"
एक बार मैने अपने कंधे को देखा, और फिर घूमा और फिर दीदी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए. दीदी ने मेरे सिर को पीछे से पकड़ के अपनी तरफ खींचते हुए मेरे किस का अपनी किस से करारा जवाब दिया. कुछ देर बाद जब हम किस करके अलग हुए तो एक दूसरे को देख शरम से मुस्कुराने लगे. मैं स्टडी टेबल के पास रखी कुर्सी पर बैठ गया और दीदी अपना सूटकेस खाली करने लगी.
दीदी फिर अपनी ट्रिप के बारे में बताने लगी, उस जगह के बारे में जहाँ वो अपने फ्रेंड्स के साथ गयी थी, और वो सब जो उन सब ने किया. दीदी ने बहुत मस्ती की थी, जिस खुशी के साथ उत्साहित हो कर तसल्ली से वो बता रही थी, उस से ये सॉफ जाहिर था.
फिर मैने दीदी को उस रात के बारे में बताया कैसे मैं मम्मी पापा को झूठ बोलकर तान्या के घर रात में सोने गया था, और फिर सोने जाने से पहले हम दोनो ने क्या बातें की. दीदी अपने बेड पर बैठ गयी और गौर से मेरी बातें सुनने लगी. तभी मम्मी ने हम दोनो को डिन्नर के लिए बुला लिया. हम दोनो ने नीचे जा कर डिन्नर किया. उसके बाद मैं पापा के साथ टीवी पर चल रही एक मूवी देखने लगा, दीदी और मम्मी किचन में ट्रिप के बारे में बातें करने लगी. एक डेढ़ घंटे के बाद, मम्मी पापा अपने रूम में सोने के लिए चले गये, और फिर बस मैं और डॉली दीदी ड्रॉयिंग रूम में टीवी देख रहे थे. थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद, दीदी ने पूछा, और तान्या के साथ कैसा चल रहा है?
फिर मैं दीदी को वो ठक, ठक ठक की आवाज़ वाली स्टोरी सुनाने लगा, कैसे मैं तान्या के रूम में घुसा और उसे डिल्डो को अपनी चूत में घुसाते देखा
"एक मिनिट रूको, क्या वाकई में उसने वो अपने अंदर घुसा रखा था?" दीदी ने पूछा.
"हां, उम, हां...आंड वो..." मैं थोड़ा हकला गया.
"ओह माइ गॉड! फिर आगे क्या हुआ?" डॉली दीदी ने उत्सुकता से पूछा.
जब मुझे विश्वास हो गया कि दीदी को बिल्कुल भी जलन नही हो रही है, तो मैने जो कुछ हुआ था वो जैसे का तैसा बता दिया. दीदी मन्त्र मुग्ध होकर मेरी बातें सुनती रही, और बीच बीच में कुछ और डीटेल पूछ लेती. जब मैने सब कुछ बता दिया, तो दीदी मुझे देख के शरारत के साथ मुस्कुराइ, और अपना हाथ हाइ-फाइव की ताली के लिए उठा के बोली, "तुमने तो मैदान मार लिया, राज !"
"हां दीदी, लेकिन मुझे डाउट था, ना जाने ये जानकार आपको कैसा लगेगा." मैं कुछ देर बाद बोला.दीदी दुलार के साथ मुस्कुराइ और फिर मुझे छेड़ते हुए बोली, "हां, मुझे जलन तो बहुत हो रही है, लेकिन मैं तुम्हारे बारे में सोच के बहुत खुश हूँ, समझ में आया कुछ?और वैसे भी मुझे ट्रिप पर एक लड़का मिल गया था, अपनी झेंप मिटा कर हंसते हुए दीदी ने कहा.
"सच्ची में? बताओ ना दीदी!"मैने कहा, हालाँकि मुझे अंदर ही अंदर थोड़ी जलन सी हुई.
दीदी ने उसके बारे में बताना शुरू किया, उसका नाम केशव था, और वो भी क्लास के दूसरे सेक्षन में पढ़ता था. पिछले 3 दिनों में वो दोनो कयि बार एक साथ वॉक पर गये थे. ट्रिप ख़तम होने से पहले दोनो ने अपने मोबाइल नंबर्स भी एक्सचेंज कर लिए थे. दीदी ये बताते हुए थोड़ा शरमा गयी, कि कैसे ट्रिप पूरी होने के बाद, बस से उतरने के बाद, बाइ बाइ करने से पहले, झिझकते हुए, केशव ने दीदी को किस किया था,
"मेरे को ये सब अच्छा नही लगता, किसी और के साथ, जब कि हम दोनो इतना क्लोज़ हैं." दीदी ने कहा.
"हां, वो तो है." मैं सोच में डूब गया.
दीदी बोली, "पता नही, लेकिन जो कुछ हुआ वो कुछ अजीब नही था, मेरा मतलब 3 दिनों तक हम अकेले बोर हो जाते, केशव के साथ ने मुझे बोर नही होने दिया, और ऐसा नही है कि मैं इतना जल्दी उसको भूल पाऊँगी."
दीदी ने अपना निचला होंठ काटते हुए कहा, "हां, वो है ही इतना हॅंडसम”, और फिर दीदी हँसने लगी, और आगे बोली. “लेकिन वो जैसा भी है, मुझे तो तुम्हारे करीब आकर ही अच्छा लगता है."
"मुझे भी, दीदी" मैने मुस्कुराते हुए कहा.
कुछ पल के बाद, डॉली दीदी ने पूछा, "तो फिर तान्या के बूब्स कैसे लगे, मेरे मुक़ाबले?"
मुझे असहज होता देख दीदी मुझे चिढ़ाते हुए हँसी लेकिन मैं फिर भी बोला. "हां, अच्छे हैं, आपसे थोड़े बड़े हैं, लेकिन वो बहुत सेन्सिटिव हैं, वैसे सेन्सिटिव तो आपके भी हैं, लेकिन उसके मुझे लगा कुछ ज़्यादा ही हैं. और उसके, उम्म, निपल्स भी आपसे थोड़े बड़े हैं."
मैने दीदी की तरफ देखा, दीदी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.
"दीदी मैं एक बात कहूँ, अगर आपको बुरा ना लगे तो?" मैने पूछा. दीदी ने हां में गर्दन हिला दी. "अगर आप चाहो तो क्या हम ऐसे प्रिटेंड करें, जैसे मानो हम दोनो एक दूसरे के क्रश हों?"
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