RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
हालाँकि आज तान्या एक दम सेक्सी मस्त माल लग रही थी, लेकिन उसने हम दोनो के बीच फिज़िकल ना होने की जो दीवार बना रखी थी – एक ऐसी दीवार जो मेरे और दीदी के बीच नही थी. मुझे ये दीवार बिल्कुल पसंद नही थी. मैं तान्या के साथ वो सब करना चाहता था जो मैं दीदी के साथ कर रहा था. ये नाराज़गी अब गुस्से और निराशा में तब्दील होती जा रही थी.
मैं जानता था, मैं ये सब होते हुए देख रहा था. मुझे मालूम था कि मैं ये सब नही चाहता था, जो कुछ भी हो रहा है. मैं उसको अपने आप से दूर कर रहा था.
फाइनली गेम ख़तम हुआ, हम ने शूस वापस किए और मैने पेमेंट कर दिया. तान्या मेरा इंतेजार किए बिना गेट से बाहर चली गयी. जैसे ही हम बाहर निकले, इस से पहले कि मैं कुछ बोलता और तान्या से माफी मागता, तान्या का मोबाइल बज उठा. तान्या एंट्रेन्स गेट के साइड में चली गयी और मैं उस के पास खड़ा हो गया, तान्या ने अपने छोटे से पर्स में से मोबाइल निकाला और बातें करने लगी.
तान्या ने उसको नमस्ते किया, जिस किसी ने भी कॉल किया था, तान्या के चेहरे का रंग एक दम उड़ गया, क्या? तान्या ने पूछा. एक पल को शांत होकर वो सुनती रही. कैसे.... मेरा मतलब है कब? तान्या की आँखों में आँसू आ गये. फोन को कान पर लगाए हुए ही, अपने दूसरे हाथ से अपने गालों पर लुढ़क रहे आँसू को पोन्छा. ओके.... ठीक है...मैं.... फिर मैं आपको कल कॉल करूँ? उसकी आवाज़ भर्रा गयी थी. बाइ.... नमस्ते.... तान्या ने कॉल काट दिया, और नज़रें उपर कर के सितारों और पार्किंग में जल रही पीली हलोजन लाइट्स को देखने लगी.
क्या हुआ तान्या? इस से पहले कि मैं ये बोल भी पाता, तान्या बीच में बोल पड़ी, मुझे जाना होगा, थॅंक्स फॉर टेकिंग मी आउट, तान्या ने बस इतना कहा और अपनी कार की तरफ चल दी. मैं वहाँ पर मूक बन के खड़ा रहा, और देखता रहा, तान्या ने कार स्टार्ट की, लाइट जलाई और ड्राइव कर के चली गयी.
जैसे ही मैने अपनी जेब में हाथ डाला, मुझे याद आया कि आज तो तान्या मुझे अपनी कार में लेकर आई थी.... मेरे पास तो कार थी ही नही.
मैने पूरे घटना क्रम को अपने दिमाग़ में दोहराया, फिर अपना मोबाइल निकाल कर दीदी को डाइयल किया. दीदी ने तीसरी घंटी पर फोन उठाया, उसको बड़ा हास्यास्पद लगा कि मैं बोलिंग अल्ले पर अकेला खड़ा हूँ. दीदी ने मेरी आवाज़ सुन के समझ गयी कि कुछ तो गड़बड़ है, और बोली तुम चिंता मत करो बस मैं कुछ देर में वहाँ पहुँचती हूँ.
मैं पार्किंग की छोटी सी बाउंड्री पर बैठ गया और जो कुछ उस शाम हुआ था उसके बारे में सोचने लगा. तान्या के प्रति अपनी फीलिंग्स के बारे में सोचने लगा – अच्छी भी और खराब भी. मैं समझ तो रहा था कि उस कॉल में क्या बात हुई होगी, लेकिन श्योर नही था. तान्या ने मुझे कुछ भी उस बारे में नही बताया था, इस का मतलब उसकी भावनाओं को मैने बहुत ठेस पहुँचाई थी.
मैं जब इस आत्म चिंतन में डूबा हुआ था, तभी पार्किंग की बाउंड्री के पास जहाँ मैं बैठा था तेज स्पीड में, एक कार आकर रुकी, मैं एकदम ठिठक गया. दीदी मुझे घबराया हुआ देख के कार की विंडो में से ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी.
अच्छा सॉरी राज, अब अंदर आ जाओ, मेरे लिए दीदी ने कार का गेट खोला और मैं कार के अंदर बैठ गया. क्या हुआ भाई? वो तुमको यहाँ अकेला क्यों छोड़ गयी?
दीदी ने कार बॅक की, फिर पार्किंग से बाहर निकाल के सड़क पर ले आई.
राज: उसके मोबाइल पर किसी जान पहचान वाले का कॉल आया था, उनकी बातों से ऐसा लगा कि शायद किसी का आक्सिडेंट हो गया है या ऐसा ही कुछ. मुझे लगता है कि शायद वो भूल गयी कि हम दोनो आज एक ही कार में आए थे.
कुछ देर की शांति के बाद दीदी ने मेरी तरफ नज़र फिराई और पूछा, उः..हा... और क्या हुआ? मैने दीदी की तरफ देखा. दीदी आगे बोली, मुझे लगता है कुछ और भी हुआ है.
मैने अपने लिप्स को एक दूसरे के दातों के नीचे दबाते हुए कहा, शायद मैं उसको इग्नोर कर रहा था.
दीदी एक पल खामोश रहने के बाद बोली, तुमको पता है तुमने ऐसा क्यों किया? मुझे लगता था कि तुम उसको वाकई में बहुत प्यार करते हो.
मैं अब भी करता हूँ दीदी ! पर पता नही क्यों. मुझे लगता है वो अब भी मुझसे दूरी बना के रखना चाहती है. मैं उस से करीब आकर प्यार करने की उम्मीद नही रखता. लेकिन मेरे को ये बात समझ नही आती कि वो मुझको अपने करीब समझती है या नही, उस तरह से जैसा हम एक दूसरे के साथ करते हैं.
थोड़ी देर के लिए फिर से खामोशी छा गयी.
राज.... मैं ये पूछना तो नही चाहती, लेकिन क्या तुम दिन में भी ये ही सपने देख रहे थे कि हम आज रात क्या करने वाले हैं? कहीं इस वजह से तो तुम उसको इग्नोर नही कर रहे थे?
मैने झिझकते हुए कहा, हां दीदी...
दीदी ने तुरंत कार को सड़क के साइड में रोक लिया, मैं एक पल को चौंक गया- बहुत सारी गाड़ियाँ हम को पास कर के जा रही थी, दीदी ने पार्किंग लाइट्स ऑन कर दी.
दीदी: राज, सच सच बताओ, तुम उसको प्यार करते हो या नही?
यह कोई बहुत कठिन सवाल नही था, मैं तुरंत बोला, हां दीदी, करता हूँ....
कुछ बोलने से पहले डॉली दीदी ने मेरी तरफ देखा, तो फिर तुमको होश में रहना चाहिए, आई समझ में, ओके? तुमने पहले मुझे बताया था कि वो जल्दी से किसी पर विश्वास नही कर पाती. वो उस हादसे से अभी पूरी तरह उबर नही पाई है, और तुमने आज उसके दिल पर गहरी चोट पहुँचाई है.
दीदी जिस तरह से ज़ोर ज़ोर से मुझसे बोल रही थी, वो मेरे लिए चौंकाने वाला था. जिस ईमानदारी से दीदी ने ये सब कहा था, वो मुझे बुरा लगना चाहिए था, लेकिन मैं दीदी के तान्या के प्रति दया भाव को समझ पा रहा था.
तो मुझे क्या करना चाहिए? मेरा मतलब, उसने फोन पर बात की और बस बाइ बाइ कर के चली गयी... कितनी बेवकूफी की बात है...
तान्या रहती कहाँ है? दीदी ने पूछा. इस से पहले कि मैं कुछ बताता दीदी ने कार सड़क पर चलानी शुरू कर दी थी.
दीदी: मैं नही चाहती की जो कुछ हम दोनो कर रहे हैं उस की वजह से तुम्हारे और तान्या के बीच कोई गड़बड़ हो. ओके? आया समझ में? मैं सीरियस्ली कह रही हूँ. मैं तुम्हारी बेहन हूँ राज, और हम दोनो प्यार नही कर सकते, ओके? तान्या तुमको उतना नही समझती जितना मैं तुमको समझती हूँ. वो तुम्हारे साथ इतना जल्दी नही खुलेगी, जितना जल्दी तुम चाहते हो.
कुछ दूर जहाँ तान्या के अपार्टमेंट की बिल्डिंग थी, उस मेन सड़क पर दीदी ने कार को मोड़ दिया.
राज: तो मुझे क्या करना चाहिए? अगर इन केस आज हमारी बातचीत होती है, तो उसको बीच में रोक कर, अपनी रिलेशन्षिप के बारे में बात करने को, मैं तो उस से नही कह पाउन्गा.
दीदी ने एक गहरी साँस ली, और बोली, नही तुम अपनी रिलेशन्षिप के बारे में कोई बात मत करना. लड़कियाँ चाहती हैं कि तुम उनका पीछा करो, उनको बाकी लोगों के गंदी नज़रों से बचाओ. हम लड़कियाँ उम्मीद करती हैं कि जब ज़रूरत हो तब तुम हम को प्रोटेक्ट करोगे. आज रात तुम उसको ज़रूरत से ज़्यादा भाव दो, जिस से उसको लगे कि तुम उसके लिए किसी से भी लड़ने को तय्यार हो.
मैं दीदी को सवाल भरी नज़र से देखने लगा.
दीदी ने मुझे ऐसे देख के पहचान लिया, दीदी के होंठों पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी. दीदी बोली, ओके, जब तुमने कॉल किया था, तब मैं एक रोमॅंटिक नॉवेल पढ़ रही थी. रूको, सच्ची मैं सही कह रही हूँ. आज तान्या के साथ ऐसी बेवकूफी भरी कोई हरकत मत करना, नही तो मैं तुमसे कभी बात नही करूँगी, ऐसा कहकर दीदी मुस्कुरा दी.
हम तान्या के अपार्टमेंट्स पर पहुँच चुके थे, दीदी ने पार्किंग में कार को पार्क कर दिया. एक लंबी साँस लेते हुए मैने कार का दरवाजा खोला, और कार से बाहर निकल आया. एक लास्ट बार दीदी की तरफ एक नज़र घुमाई, दीदी मेरे को एनकरेज करने के लिए मुस्कुरा दी, मैने अपना मोबाइल जेब से निकाला और तान्या का नंबर डाइयल करने लगा.
दो बार कॉल करने के बाद तान्या ने मेरा कॉल रिसीव किया. उसकी आवाज़ से पता चल रहा था कि वो बहुत थकि हुई है, लेकिन उसकी आवाज़ में थोड़ा सा माफी माँगने वाला अंदाज था, उसने छूटते ही कहा, आइ’म सॉरी, मैं भूल गयी थी कि आज हम दोनो एक ही कार से गये थे.
मेरे दिल की धड़कन बढ़ चुकी थी. मैने कहा, हे, इट’स ओके, तान्या. मुझे मालूम है आज मैने बहुत बेवकूफी भरी हरकतें की, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.
दूसरी तरफ से कोई जवाब नही आया. दीदी कार में बैठी हुई सब देख रही थी.
तान्या (कुछ पल के बाद) : हां, तुम आज ना जाने कैसी हरकतें कर रहे थे, पर चलो ठीक है कम से कम तुमको रीयलाइज़ तो हुआ.
राज: हां सीरियस्ली, आइ’म वेरी सॉरी. मैं... बाहर... मतलब तुम्हारे अपार्टमेंट के बाहर ही खड़ा हूँ. किसी से लिफ्ट माँग के यहाँ तक आया हूँ. मुझे मालूम है वो जो कॉल आया था वो इंपॉर्टेंट था और उस से तुम परेशान हो. मैं इसी वजह से यहाँ आया हूँ. मुझे मालूम है कि तुम मुझसे अभी नाराज़ हो, और ये सही भी है, मैं सब कुछ मानने को तय्यार हूँ, मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूँ.
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