RE: Bhabhi ki Chudai भाभी का बदला
मैं घबराता हुआ बोला, दीदी मुझे लगता है, कि अगर हम ने शादी से पहले ऐसा वैसा कुछ किया, आप को तो मालूम ही है कि मुझसे सब्र नही होता, और मैं कुछ ग़लती कर बैठा तो तान्या पता नही कुछ ग़लत ना समझ ले? और शादी के लिए मना ना कर दे.
दीदी ने मेरी तरफ देखा और फिर खड़े होकर मुझे एक झप्पी दी. मेरे गले में अपनी बाहें डाल के मेरी आँखों में आँखें डाल के देखते हुए बोला, हे राज, मैं हूँ ना, तुम्हारी बड़ी बेहन तुम्हारी हर प्राब्लम को सॉल्व करने के लिए.
राज: हां दीदी वो तो ठीक है, लेकिन वो सब तो हम, मेरा पॉर्न अडिक्षन दूर करने के लिए कर रहे थे (मैने समझाते हुए कहा), मुझे लगता है कि मुझे आप का किसी तरह से ग़लत इस्तेमाल नही करना चाहिए.
दीदी ने कंधे उँचकाते हुए कहा, जब भी मुझे ऐसा कुछ लगेगा, मैं तुम को बता दूँगी, दीदी मे अपने निचले होठ को दाँत से काटते हुए कहा, मुझे लगता है कि हम दोनो को ये बात मालूम है कि मुझे भी इस सब में मज़ा आ रहा है.
हम दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और कुछ देर वहीं खड़े रहे.
तुम बहुत अच्छी हो दीदी, सारी दुनिया एक तरफ और मेरी दीदी एक तरफ, इसीलिए आइ लव यू दीदी. दीदी ये सुनकर थोड़ा हँसी और मैने अपना माथा दीदी के माथे से लगा दिया.
दीदी: अरे भाई मेरे बारे में इतनी अच्छी अच्छी बाें मत करो, मैं बहुत लालची हूँ. मैं तुम्हारी उतनी ही हेल्प कर रही हूँ जितनी तुम मेरी कर रहे हो. आगे दीदी ने स्वीकार करते हुए कहा, मुझे बहुत अच्छा लगता है जब तुम मुझे स्पेशल फील करवाते हो. मुझे मालूम था कि मैं तुम्हारे लिए इंपॉर्टेंट हूँ लेकिन अब........ आगे बोलने से पहले दीदी थोड़ा रुकी, उनके गाल थोड़ा लाल हो गये थे.... लेकिन अब जब तुम मुझे इतना पसंद करते हो, मुझे तुम्हारी बड़ी बेहन होने पर गर्व है.
मैं मुस्कुराया, तो फिर ये मान लिया जाए कि हम दोनो एक दूसरे की हेल्प कर रहे हैं, और मुझे किसी मुसीबत से बचाने के लिए नही कर रहे
दीदी ने दूसरी तरफ देखा और मूँह बना के बोली, लगता है हम किसी मुसीबत से बचने की बजाय उसी मुसीबत में फँसते जा रहे हैं, हंस के आगे बोली, हां ये थोड़ा कॉंप्लिकेटेड तो है लेकिन एक बात पक्की है कि हम दोनो एक दूसरे की हेल्प कर रहे हैं. और ये सब अब केवल अकेले तुम्हारे लिए नही हो रहा.
हां दीदी, मुझे ये सुन कर अच्छा लगा, मैने दीदी की बात मानते हुए कहा. हम ने एक दूसरे को देखा और फिर एक छोटी सी झप्पी ले ली.
जब हम अपने अपने रूम में जाने को हुए तो दीदी ने पूछा, तो तुम तान्या के साथ अगली बार डेट पर कब जा रहे हो ?
अभी पक्का नही है लेकिन शायद फ्राइडे को, मैने कहा.
दीदी: ओके तो फिर जाकर आराम करो, और अगर किसी चीज़ की कभी भी ज़रूरत हो तो मुझे जगाने में संकोच मत करना, ऐसा कह कर स्माइल करते हुए दीदी अपने रूम में चली गयी.
मैने अपना सिर हिलाया और दीदी को पीछे से मूँह बनाकर चिढ़ाने लगा.
फ्राइडे को मैं और तान्या अपनी डेट पर गये, और मैं अपने आप को तान्या और दीदी के साथ हुई सारी घटनाओं के बाद काफ़ी स्वच्छन्द और हल्का फील कर रहा था. हम ने डेट पर काफ़ी मज़ा किया, उस दिन हम एक पास ही के एक हिस्टॉरिकल जगह पर गये, हम जिस होटेल के रेस्टोरेंट में लंच के लिए पहुँचे वहाँ पर फॉरिन टूरिस्ट्स का एक ग्रूप भी आया हुआ था, वो सब बियर पी कर डॅन्स पार्टी कर रहे थे, उन्होने जब अपनी तरफ हम को देखता हुआ पाया तो हम दोनो को भी इन्वाइट किया, हम ने उनके इन्विटेशन को ठुकराना सही नही समझा और उन फॉरिन टूरिस्ट्स को डॅन्स में जाय्न कर लिया. डॅन्स करते हुए तान्या के साथ इतना करीब आना और हँसना, तान्या का इतने लोगों के बीच मुझको पकड़ना एक अद्भुत घटना थी, जिस पर विश्वास करना मुश्किल था.
रात को जब हम तान्या के अपार्टमेंट पहुँचे तो मैने पहले ही सोच लिया था कि आज तान्या को डोर पर छोड़ते समय उसको एक झप्पी का ऑफर करूँगा, जब हम गुडनाइट विश करेंगे. मैं बहुत खुश हुआ तान्या ने मुझको गुड नाइट विश करते समय मुझे खुशी खुशी झप्पी दी. हालाँकि मेरा उसके लिए प्यार, इस से कुछ और ज़्यादा की उम्मीद कर रहा था.
तान्या घर के अंदर चली गयी, और मैं अपनी कार में बैठ के अपने घर आ गया. मैं दीदी के उस इन्विटेशन के बारे में सोच रहा था जो दीदी ने डेट से लौटने के बाद उनके पास आकर रिलॅक्स होने के लिए मुझे दिया था, मैं दीदी से मिलने को बेचैन था. मुझे मालूम था कि मेरे को जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए लेकिन मेरे दिमाग़ में दीदी का वो मुस्कुराता हुआ चेहरा घूम रहा था जब हम इस बारे में बातें कर रहे थे. मैं याद कर रहा था कैसे दीदी पिछली कुछ बार से कितना ज़्यादा गरम हो जाती है, जब हम वो सब करते हैं.
मैने मोबाइल को ऑन कर के देखा, रात का एक बज रहा था. मम्मी पापा तो हमेशा की तरह सो ही चुके थे, और लग रहा था कि डॉली दीदी भी सो चुकी है. मुझे थोड़ी निराशा हुई, मैं बाथरूम में नहाने चला गया, फिर अपने रूम में आके एक मॅगज़ीन पढ़ने लगा. थोड़ी देर बाद मॅगज़ीन पढ़ने में मन नही लगा. मुझे दीदी की कमी खलने लगी थी, मैं दीदी से मिलने के लिए मचलने लगा.
मैं दीदी के रूम में धीरे धीरे पहुँचा और थोड़ा सा डोर खोल के अंदर झाँक के देखा कि दीदी बेड पर है या नही. दीदी अपने बेड पर सो रही थी और एक चादर ओढ़ के उसके अंदर सिंकूडी हुई लेटी हुई थी. रूम के अंदर ब्लाइंड्स में से आ रही चाँदनी की रोशनी इतना उजाला कर रही थी कि मैं दीदी के बेड तक आसानी से पहुँच गया. मैं बेड के पास जाकर धीरे से बोला, डॉली दीदी और दीदी के कंधे के उपर अपना हाथ रख दिया, और फिर बोला डॉली दीदी. दीदी थोड़ा हिली और नींद में ही बोली ह्म...
दीदी मैं घर आ गया हूँ, मैने कहा. दीदी अब थोड़ा ज़्यादा हिली और शायद थोड़ा ज़्यादा जाग गयी. मैने फिर से दोहराया, इस बार उसने सुन लिया, लेकिन अभी वो पूरी तरह से जागी नही थी.
दीदी ने धीरे से कहा, ओके. दीदी ने अपनी आँखें मसली, वो जाग गयी थी लेकिन अभी भी पूरी तरह नही. कुछ देर बाद दीदी ठीक से जागी कर अपने होश में आई और मेरी तरफ देख के स्माइल किया. फिर बोली, तो तुम मुझसे मिलने आए हो, मैं भी तुमको मिस कर रही थी, यहाँ बैठो ना.
मैने दीदी का कहना मानते हुए उनके बेड के किनारे पर बैठ गया. दीदी ने आराम से हमारी डेट के बारे में पूछा और मेरी सारी बात को जाग कर देर तक सुनती रही.
मैने दीदी से पूछा कि उनका दिन कैसा बीता, तो दीदी ने दिन भर में हुई दो तीन बातें बताईं, बताते बताते अब वो पूरी तरह जाग चुकी थी.
दीदी ने धीरे से पूछा, तो फिर क्या रिलॅक्स होने में कुछ हेल्प चाहिए? मैने हां में सिर हिलाया. दीदी ने एक छोटी से जमहाई ली और बोली, मेरा बेड से उतरने का मन नही कर रहा, आओ तुम ही उपर आ जाओ, चादर के अंदर, ठीक है?
ठीक है दीदी, मैं बोला. मैं दीदी के चादर के अंदर घुस गया और बेड शीट में से आ रही किसी पर्फ्यूम की खुश्बू को सूंघने लगा. वो खुश्बू दीदी के शरीर की खुसबु से बेहद मिलती थी, ये सोच के ही मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. मैं ये जंग हार चुका था.
दीदी आप ठीक हो ना, ऐसे कोई दिक्कत तो नही है आपको? दीदी ने बस म्मह... ही आवाज़ निकाली और खिसक कर अपनी पीठ मेरे और पास कर ली. दीदी अपना मूँह बंद कर हल्के हल्के हंस रही थी, तभी उसने मेरा खड़ा लंड अपनी गान्ड के उपर महसूस किया.
दीदी ने पूछा, अगर हम इस दानव को शांत कर दें तो तुम रिलॅक्स हो जाओगे?
हां दीदी...
दीदी ने सुझाव देते हुए कहा, ऐसा करो तुम अपना शॉर्ट्स उतार दो. दीदी फुसफुसाकर बोली, मानो ऐसा करने से जो कुछ हम कर रहे थे वो और ज़्यादा गोपनीय हो जाएगा.
मैने बिना कुछ सोचे अपने शॉर्ट्स और टी-शर्ट को निकाल के फेंक दिया. और करवट लेकर दीदी की पीठ की तरफ मूँह कर के लेट गया. दीदी खिसक कर मेरे पास आई, और मुझे मेरी बाहें दीदी के गिर्द लपेटने का इशारा किया, मैने डरते हुए अपनी बाहों में दीदी को ले लिया. मैने अपनी बाहें दीदी की पतली कमर के गिर्द लपेट ली, जहाँ मेरा हाथ दीदी के पेट को छू रहा था, वहाँ दीदी ने अपना हाथ मेरे हाथ के उपर रख दिया. चादर के अंदर नंगे लेटे हुए दीदी को इस तरह पकड़े हुए, मेरे शरीर में 440 वॉल्ट का करेंट दौड़ने लगा.
कुछ आगे करो राज, दीदी फुसफुसाई
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