RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
हम लोग शाम को लगभग 5 बजे वहाँ पहुच चुके थे लेकिन सफ़र की थकावट सभी को थी इसलिए अगले दिन से ही घूमने फिरने का प्रोग्राम था रात को सभी लोग खाना खाने के बाद कुछ देर साथ बैठे और फिर सोने चले गये मेरे कुछ दोस्त भी इस ट्रिप पर आए थे तो हम सभी दोस्त एक ही टेंट मे सो गये
अगले दिन सुबह का नाश्ता कर सभी लोग ग्रूप बना बना कर घूमने जाने लगे मिली और उसकी चार सहेलियों के बाय्फ्रेंड ने एक ग्रूप बनाया जिसमे मिली ने मुझे भी शामिल कर लिया
हम सभी लोग अपने अपने जोड़े के साथ आगे बढ़ने लगे और जंगल की सुंदरता को निहारने लगे सिर्फ़ मेरा और मिली का ही जोड़ा ऐसा था जो सिर्फ़ हाथ पकड़े चल रहा था बाकी चारो जोड़े गले मे बाहें डाले एक दूसरे को चिपके हुए आगे बढ़ रहे थे और वो सभी हमसे आगे थे
मिली का सिर्फ़ हाथ ही मेरे हाथ मे था जबकि उसकी बाकी सभी इंद्रिया जंगल का ही निरीक्षण कर रही थी और मैं सिर्फ़ चलता जा रहा था जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे थे धीरे धीरे एक एक जोड़ा हम लोगो से अलग जंगल मे गुम होता जा रहा था लेकिन मिली को इस बारे मे कोई खबर नही थी वो तो बस जंगल को ही निहार रही थी और शायद पता भी नही चलता लेकिन एक ठोकर जो उसके पैरो पर लगी थी उसने उसका ध्यान जंगल की सुंदरता से वापस इस दुनिया मे ला दिया था और उसी टाइम आख़िरी बचा जोड़ा भी जंगल के अंदर घुस रहा था
"आउछ्ह...." मिली की कराह निकली
"क्या हुआ" मैं बोला
"ठोकर लग गई यार" मिली सामने देखते हुए बोली "लेकिन बाकी के लोग कहाँ गये"
मैने उस आख़िरी जोड़े जो कि जंगल की गहराई मे गुम होने जा रहा था की तरफ इशारा किया और बोला "जैसे ये जा रहे है वैसे ही बाकी के भी चले गये"
मिली मुस्कुरा के रह गई और बोली "तुम बोर तो नही हो रहे"
"नही मुझे तो बहुत मज़ा आरहा है" मैं बोला
"अब ज़्यादा बनो मत मैं कुछ देर के लिए खो सी गई थी लेकिन अब ऐसा नही होगा अब आगे चलो" कहते हुए मिली मुझे खींचते हुए आगे बढ़ गई
कुछ ही दूर आगे एक झरना मिला जिसकी तारीफ के लिए हम दोनो के ही पास शब्द नही थे हम दोनो वही बैठ गये और बाते शुरू कर दी थोड़ी देर बाद मैने जानबूझ कर मिली से पूछा "मिली वो लोग जंगल मे अकेले क्या कर रहे होंगे"
"क्या कर रहे होंगे मतलब, अरे पागल वो प्यार की बाते कर रहे होंगे और क्या"
"तू सच मे बहुत भोली है वो कोई बाते नही कर रहे होंगे बल्कि धुआधार चुदाई मे लगे होंगे" मैं बोला
"मैं नही मानती ऐसे पथरीले जंगल मे चुदाई कैसे होगी, ऐसे मे चुदाई करने पर तो नीचे वाला छिल जाएगा" वो बोली
"तुझे मेरी बात पर यकीन नही आरहा है ना तो चल चल कर देखते है मुझे पूरी उम्मीद है वो वही सब कर रहे होंगे" मैं बोला
"ठीक है चल चल कर देखते है किसकी बात सही है" कहते हुए मिली खड़ी हो गई
अब हम वापस जाने लगे मुझे अच्छे से याद था कि आख़िरी जोड़ा किधर से जंगल मे घुसा था मैं मिली का हाथ पकड़े वहीं से जंगल के अंदर घुसने लगा कुछ दूर जाने के बाद भी वो हमे नज़र नही आए
"कहाँ गये वो लोग तुझे अच्छे से पता तो है ना कि वो यहीं से अंदर आए थे?" मिली बोली
"तू चुप रह मुझे अच्छे से याद है, मुझे कुछ सोचने दे" मैं इतना कह कर सोचने लगा कि वो लोग कहाँ हो सकते है कुछ देर सोचने के बाद मुझे लगा कि छुप कर चुदाई करने के लिए झाड़ियों से अच्छी जगह कोई नही हो सकती इसलिए मैं मिली को वही रुकने का बोल कर बड़ी बड़ी झाड़ियो को चेक करने लगा 5-6 झाड़ियों को देखने के बाद आख़िर मुझे कामयाबी मिल ही गई अभी मैं उस झड़ी से 10 कदम दूर ही था कि मुझे उस झड़ी से कुछ मादक सिसकारियों की आवाज़े आई मेरे होंठो पर विजयी मुस्कान आ गई मैने मिली को चुप रहने का इशारा करते हुए पास आने का इशारा किया मिली भी मेरा इशारा समझते हुए शांति के साथ बिना आवाज़ किए पास आ गई .
अब मैं मिली का हाथ पकड़े धीरे धीरे उस झाड़ी के पास पहुच गया इस दौरान हम दोनो ने किसी भी प्रकार की आवाज़ नही होने दी जैसे ही हम दोनो की नज़र उस झाड़ी के अंदर पड़ी हम दोनो ही रोमांचित हो गये झाड़ियों के अंदर मिली की एक सहेली मादक आवाज़े निकालते हुए अपने बाय्फ्रेंड के साथ चुदाई मे मग्न थी उन लोगो को इतनी मस्ती छाइ हुई थी कि उन्हे हमारे पास आने की भनक भी नही लगी थी
अपनी आँखो के सामने लाइव चुदाई देख कर मिली की साँसे भी भारी हो चुकी थी और उसकी नज़रे वहाँ से हट ही नही रही थी इधर मेरे लंड का हाल भी बुरा था लेकिन ये मौका कुछ करने का नही था इसलिए मैं मन मसोस कर रह गया
थोड़ी देर बाद ही वो दोनो ज़ोर ज़ोर की आवाज़े निकालने लगे मैं समझ गया कि अब इनकी चुदाई ख़तम होने वाली है इसलिए मैने मिली का हाथ पकड़ा और उसे भी खड़ा कर लिया और बिना कुछ बोले ही हम वहाँ से वापस चल दिए
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