RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
क्रीम की जलन से मिली बार बार कराह रही थी लेकिन ये सब तो उसे एक बार झेलना ही था मैने देखा उसकी गान्ड का छेद अब बहुत खुल गया था पहले से
थोड़ी देर बाद मैं अपने काम से फारिग हो चुका था टाइम भी 3 से उपर ही हो गया था
"मैं चाइ बना कर लाता हूँ" मैं बोला
"मैं भी सू-सू कर लेती हूँ" मिली बोली और उठ कर खड़ी हो गई और बाथ रूम की तरफ जाने लगी लेकिन उसकी चाल मे लंगड़ाहट थी मेरी नज़र उससे मिली तो वो मुस्कुरा दी
"सॉरी" मैं बोला
"कोई बात नही राजू कभी ना कभी तो ये होना ही था" वो बोली और बाथ रूम मे घुस गई और मैं भी चाइ बनाने चला गया
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उस दिन के बाद हम दोनो ही हमेशा एक दूसरे को खुश रखने लगे थे और भाई बहन वाले प्यार के अलावा भी एक अलग सा प्यार हम दोनो मे एक दूसरे के लिए पनप चुका था जिसमे एक अलग ही तड़प थी अब कॉलेज मे भी खाली समय मे हम साथ ही रहते और ज़रूरी ना हो तो एक ही गाड़ी मे कही भी जाते मैने अब किसी और लड़की की तरफ देखना भी बंद कर दिया था जिससे मिली बहुत खुश थी
हम दोनो अब लगभग रोज ही ओरल किया करते और मैं हर हफ्ते 4-6 बार तो मिली की गान्ड भी अपने माल से गीली कर ही दिया करता था अब मैं उसकी चूत भी चूसने लगा था और अपनी उंगलियों और जीभ से उसे चोदा भी करता था लेकिन इस एक महीने मे कभी भी मैने उससे चूत चोदने की बात नही की थी क्योंकि वो अपने मूह और गान्ड से मुझे अच्छे से शांत कर देती थी
जिंदगी मज़े से कट रही थी हम दोनो ही एक दूसरे से पूरी तरह खुश थे लेकिन शायद मेरी किस्मत मे पूरी तरह से बहन्चोद बनना ही लिखा हुआ था इसके बाद मुझे मेरी बहन की चूत भी चोदने को मिली लेकिन ये मिली ने अपनी मर्ज़ी से किया इसके लिए मैने उसे फोर्स नही किया
मिली ने मुझे अपनी चूत कैसे मारने दी थोड़ी देर बाद बताता हूँ....
प्ल्ज़ वेट.........
तो दोस्तो हुआ यूँ कि मिली के साथ पीछे से सेक्स करते हुए कोई एक महीना हो चुका था कि मिली को मालूम पड़ा कि हमारे कॉलेज से एक ट्रिप फेमस हिल स्टेशन पर जा रही थी जो कि मिली को बहुत पसंद था लेकिन वो आज तक वहाँ जा नही पाई थी उसकी कुछ सहेलियाँ भी उस ट्रिप पर जा रही थी लेकिन उनके साथ उनके बाय्फ्रेंड भी जा रहे थे जिस वजह से जाहिर था कि मिली वहाँ अकेली पड़ जाने वाली थी जबकि वो वहाँ खूब एंजाय करना चाहती थी इसलिए उसने मुझसे साथ चलने को कहा लेकिन मुझे घूमना फिरना ज़्यादा अच्छा नही लगता था
"नही यार मिली मैं नही चल सकता मुझे इन सब का शौक नही है" मैने उसे मना कर दिया
"प्लीज़ राजू मेरी खातिर सिर्फ़ एक बार मान जा ना वहाँ पर मेरी सारी सहेलिया तो अपने बाय्फ्रेंड के साथ मस्त रहेगी और मैं अकेली पड़ जाउन्गी" मिली ने मुझे मनाया
"लेकिन मैं वहाँ बोर हो जाउन्गा मिली" मैने जवाब दिया
"तू एक बार चल तो सही मैं वादा करती हूँ कि मैं तुझे बोर नही होने दूँगी और वैसे भी इन तीन दिन मे तू मेरे बगैर वैसे ही बोर हो जाएगा क्योंकि तुझे मेरे 'पीछे' लगने की आदत जो पड़ गई है" वो मुस्कुराते हुए बोली
ये बात तो वो सही कह रही थी उसके बिना तो अब मुझे घंटा भर भी चैन नही मिलता था और यहाँ तो बात तीन दिन की थी और फिर रात मे उसके साथ मस्ती भी तो नही कर पाउन्गा मुझे उसके साथ ट्रिप पर जाने मे ही अपनी भलाई लगी और मैने हां कर दी मिली बहुत खुश हुई
ट्रिप ने दो दिन बाद रवाना होना था हम ने घर आकर पापा मम्मी से पेर्मिशन भी ले ली थी अब मिली अपनी तैयारियो मे बिज़ी हो गई थी दो बार तो मार्केट भी ले जाना पड़ा शॉपिंग के लिए
आख़िर वो दिन आ ही गया जब हमे रवाना होना था कॉलेज से दो बस मे टीचर्स सहित लगभग 100 लोग दो बस मे रवाना हुए लड़के और लड़किया अलग अलग बस मे थे
कोई 6 घंटे के सफ़र के बाद हम उस हिल स्टेशन पहुचे लेकिन ये जंगल मे बसा हुआ स्थान था ज़्यादा सुविधाए यहाँ अभी नही थी एक रेस्ट हाउस मे हम सभी के रुकने की व्यवस्था की गई थी लेकिन वो भी बड़ा नही था तो उसके कॉंपाउंड मे ही छोटे छोटे टेंट लगा दिए गये जिनमे लड़को के सोने का प्रबंध किया गया और लड़कियो और टीचर्स को रेस्ट हाउस मे ही रहना था वैसे भी मार्च का महीना था तो ठंड और बारिश की चिंता ही नही थी
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