RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
अगले दिन सुबह मैं थोड़ा लेट जगा क्योंकि कॉलेज की दो दिन की छुट्टी थी मम्मी और पापा अपने जॉब पर चले गये थे
मैं हॉल मे आया तो मुझे मिली दिखाई नही दी तभी किचेन से कुछ खटर पटर की आवाज़ आई शायद मिली किचेन मे है ये सोचते हुए मैं वहाँ पहुचा तो सामने का नज़ारा देख कर मेरा लंड टाइट होने लगा मिली की पीठ मेरी तरफ थी और वो एक शॉर्ट टॉप और टाइट हाफ पॅंट मे खड़ी कुछ काम कर रही थी
वो पॅंट बड़ी मुश्किल से उसके कुल्हो को ही ढँक पा रहा था उसके भारी कूल्हे उस पॅंट मे समाने से इनकार करते हुए पूरा दम लगा कर बाहर आने को हो रहे थे उसकी गोरी मांसल जांघे मेरे मन मे खलबली मचाए दे रही थी वैसे भी रात मे देखी बीएफ के कारण मैने तय कर लिया था कि मुझे मिली की चूत जब मिलेगी तब मिलेगी लेकिन उसकी गदराई गान्ड का भोग तो मुझे जल्द से जल्द लगाना है
मेरा लंड अपने पूरे शबाब पर आचुका था और मिली की गान्ड देख देख कर मेरे बॉक्सर के अंदर ठुमके लगा रहा था मैं धीरे धीरे बगैर आहट किए आगे बढ़ा और मिली को पीछे से दबोच लिया इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती मेरे होंठ ढक्कन बन कर उसके होंठो से चिपक गये और मेरे हाथ उसके बूब्स की सॉफ्टनेस का अंदाज़ा लगाने लगे इधर मेरा खड़ा लंड कपड़ो के उपर से ही उसकी गान्ड मे घुसने को संघर्ष करने लगा
मिली मेरी हरकतों का विरोध कर रही थी लेकिन मैने उसे कोई मौका नही देते हुए अपना कार्यकरम जारी रखा मेरा लंड लगातार उसके कुल्हो और गान्ड की दरार पर रगड़ खा रहा था और मेरे हाथ बेरहमी से उसकी चुचियाँ मसल रहे थे
थोड़ी ही देर मे मिली का विरोध ख़तम हो चुका था शायद वो भी गरम हो चुकी थी अब वो भी मेरे होठ चूस्ते हुए मेरा साथ दे रही थी
कुछ देर हम वैसे ही खड़े खड़े ये सब करते रहे लेकिन मेरा मन इतने से नही भरने वाला था मैने मिली को अपनी बाहों मे उठाया और रूम मे लाकर बेड पर लेटा दिया और उस पर टूट पड़ा मिली मेरा कोई विरोध नही कर रही थी बल्कि मुझे उकसा रही थी कि मैं और बेरहमी से पेश आउ शायद उसकी भी यही मर्ज़ी रही होगी तभी उसने ऐसे सेक्सी कपड़े पहने हुए थे जिसमे उसका सारा भूगोल नज़र आए
कुछ देर ऐसे कपड़ो के उपर से खेलने के बाद मेरे सबर ने जवाब दे दिया और मैं मिली के कपड़े उतारने लगा लेकिन अब मिली को शरारत सूझ रही थी वो मुझे अपने कपड़े नही उतारने दे रही थी जितना वो विरोध कर रही थी मैं उतना ही ज़ोर लगा रहा था उसके कपड़े उतारने के लिए
उसकी हँसी की आवाज़ मेरे कानो मे कोहराम मचाए हुई थी और जैसे आग मे घी का काम कर रही थी लगभग 10 मिनट की कोशिश के बाद जब मिली थक गई तो मैं उसे नंगी करने मे कामयाब हो गया अब वो बेड पर नंगी पड़ी थी और मैं अपने कपड़े उतार रहा था
मिली मेरे सामने नंगी पड़ी हुई थी और मैं भी नंगा हो चुका था वो बेड पर लेटे हुए बड़ी मादक नज़रो से मेरी तरफ देख रही थी मेरा लंड अपनी औकात पर आकर पूरी तरह अकड़ गया था और आज किसी भी तरह मिली की गान्ड मे घुसने की ज़िद्द कर रहा था और इसी उम्मीद मे थोड़ा थोड़ा पानी भी छोड़ रहा था
मैने आज फ़ैसला कर ही लिया था कि चाहे जो भी हो आज मिली की गान्ड की ओपनिंग करनी ही है मैने एक बार फिर मिली के बदन का मुआयना किया सच मे भगवान ने उसे बहुत ही मस्त बनाया था उसकी चुचिया कड़क हो कर छत को घूर रही थी और उसके मांसल कूल्हे गद्दे पर दबे हुए थे उसकी चूत के होंठ खुल बंद हो रहे थे और चेहरे पर एक मादक मुस्कान खेल रही थी जैसा व्यवहार आज वो कर रही थी उससे मुझे बहुत उम्मीद बढ़ गई थी कि आज कुछ नया तो ज़रूर ही होगा
"ऐसे खड़े खड़े क्या सोच रहा है राजू" वो बोली
उसकी आवाज़ सुनकर मैं अपनी सोचो से बाहर आया और बेड पर उसके बगल मे लेटता हुए मैने अपने एक हाथ से उसकी चूत को मुट्ठी मे भर कर भींच लिया और उसके गालो को चूमने लगा मिली ने भी साथ देते हुए मेरे लंड की कसरत शुरू कर दी
"मिली अब ये सब कर कर के मैं बोर हो गया हूँ अब ओरल करने मे मज़ा नही आता कुछ नया करते है ना" मैं बोला
"देख राजू मैं तुझे पहले ही कह चुकी हूँ कि मैं तेरे साथ चुदाई नही कर सकती क्योंकि मैं इसके लिए अपने आप को तैयार नही कर पा रही हूँ हम जितना भी कर रहे है वो भी हमारे रिश्ते मे ग़लत है इसलिए ऐसे ही मज़े ले और खुश रह" मिली बोली
"लेकिन ये सब करने से चुदाई वाला मज़ा तो नही मिलता है ना, मैं चाहता हूँ कि हम कुछ ऐसा करे जिससे चुदाई वाला मज़ा मिले" मैं बोला
"अब मेरा मूह तो तू चोद ही चुका है ना कई बार सिर्फ़ चुदाई ही बाकी है उसके अलावा तुझे चुदाई वाला मज़ा कैसे दूं मैं" वो परेशान होती बोली
"कल हम ने ब्लूफिल्म मे जो देखा वो तो हम कर ही सकते है ना" मैं धीरे से बोला
"क्याअ...तू मेरी गान्ड मारना चाहता है" मिली चौक कर बैठ गई "तूने ये सोचा भी कैसे कि मैं इस गंदे काम के लिए तैयार हो जाउन्गी"
"इसमे ग़लत क्या है मिली सभी लोग करते है और भले ही तू अपने रिश्ते का ख़याल कर के मुझसे नही चुदवाया लेकिन गान्ड मरवाने मे तो कोई रिश्ता बीच मे नही आता ना" मैं भी बैठते हुए बोला
"नही राजू मैं ये नही कर सकती" मिली सपाट स्वर मे बोली
"प्ल्ज़ यार मिली मान जा ना कभी ना कभी तेरा पति भी तो तेरी गान्ड मारेगा ही ना इसलिए तू मुझे चूत नही देना चाहती तो ना दे लेकिन अपनी गान्ड तो देदे" मैं उसे मस्का लगाता हुआ बोला
मेरी बात सुनकर उसने कुछ सोचा और फिर गर्दन हिलाते हुए बोली "नही राजू मैं ये नही कर सकती"
"मतलब मुझे फिर रीना के पास जाना पड़ेगा" मैं बोला
"क्या मतलब" वो गौर से मुझे देखते हुए बोली
"मतलब ये कि ओरल करने से मुझे शांति नही मिलती इतना मज़ा तो मैं अपने हाथ से ही ले सकता हूँ मुझे सिर्फ़ चुदाई मे ही मज़ा आएगा इसलिए अब मुझे दोबारा रीना के पास जाना पड़ेगा क्योंकि तू तो मान ही नही रही है" मैं उसे डराता हुआ बोला
"लेकिन तूने वादा किया था कि अब तू कभी रीना जैसी लड़की से संबंध नही रखेगा" वो कुछ परेशान होती बोली
"तुझे शायद याद नही मैने कहा था कि जब तक तू मुझे संतुष्ट करती रहेगी मैं रीना के पास नही जाउन्गा लेकिन अब तू मुझे संतुष्ट नही कर पा रही है तो मेरे पास और कोई रास्ता नही है" मैं बोला
"लेकिन राजू गान्ड मारना गंदा काम है कितनी गंदी जगह होती है वो कैसे तू वहाँ अपना लंड घुसाएगा" मिली बोली
"वो तू मुझ पर छोड़ दे मैं सब कर लूँगा और अगर वो तुझे गंदा काम लगता है तो फिर मुझे अपनी चूत चोदने दे क्योंकि तेरे दोनो मे से किसी भी छेद मे लंड घुसाए बगैर मैं संतुष्ट नही हो सकता अब फ़ैसला तेरे हाथ मे है कि तू मुझे कॉन सा छेद इस्तेमाल करने देती है वरना आख़िर मे रीना तो है ही" मैने उससे स्पष्ट कहा
अब वो सोच मे पड़ गई थी शायद फ़ैसला नही कर पा रही थी कि क्या करे उसके चेहरे पर उलझन वाले भाव थे और मैं उसे ही देखे जा रहा था और सोच रहा था कि मेरी बिगडेल ज़िद्दी बहन क्या फ़ैसला करेगी गान्ड देने का या चूत देने का या फिर मुझे रीना के पास भेजने का...
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