RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
मेरे हाथ मिली के भारी नितंबो को सहला रहे थे और मेरा लंड लगातार उसकी कुआरी चिकनी चूत पर रगड़ खा रहा था मिली भी पूरी मस्ती मे मेरे होठ चूस रही थी और उसकी गोल गोल सॉफ्ट लेकिन थोड़ी सी सख़्त चुचिया मेरी छाती मे गढ़े जा रही थी मेरे लंड की चुभन शायद उसे भी अपनी चूत पर महसूस हो रही थी इसलिए वो भी अपनी कमर मटका मटका कर अपनी चूत को मेरे लंड पर ठेले जा रही थी
मैं सचमुच स्वर्ग का सा आनंद ले रहा था ऐसा मज़ा आज तक मुझे नही मिला था मैं भी अपनी मस्ती मे सराबोर हो चुका था अब मेरा एक हाथ मिली के कूल्हे पर था और दूसरा उसकी एक चुचि को मसल रहा था मैं दीवानो की तरह मिली के होंठो को सहयोग करते हुए लिप किस का पूरा मज़ा ले रहा था कि तभी मेरा हाथ जो मिली के भारी कुल्हो से खेल रहा था वो उसकी गान्ड की दरार पर चला गया मिली का शरीर हल्का सा कांपा लेकिन फिर नॉर्मल हो गया अब मैं अपने उस हाथ की उंगलिया मिली की गान्ड की दरार मे उपर से नीचे तक घुमाने लगा अब मिली और भी जोश मे आ गई थी और मेरे सिर के बालो को ज़ोर ज़ोर से खिचते हुए मेरे मूह मे अपनी जीभ चला रही थी
अचानक ही मेरी एक उंगली मिली की गान्ड के छेद से टकराई और मिली का सारा बदन कांप उठा 'उम्म्मह' की एक मादक सिसकारी उसके मूह से निकली लेकिन मेरे मूह के ढक्कन की वजह से वहीं घुट कर रह गई अब मैने उसके बूब्स दबाना छोड़ कर अपना एक हाथ उसकी कमर पर कस दिया और अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद पर सहलाने लगा मेरी इस हरकत से मिली सिहर उठी और अपने बदन को हिलाने लगी जिससे अब मेरा लंड उसकी चूत पर और भी ज़्यादा चुभने लगा उसकी चूत की गर्मी और गीला पन मैं अपने लंड पर सॉफ महसूस कर रहा था अभी ऐसा करते हुए दो मिनट भी नही हुए होंगे कि मिली का शरीर अकड़ने लगा उसने मेरे होठ चूसना बंद कर दिया और अपने शरीर का सारा बोझ मुझ पर डालते हुए पीछे की तरफ धनुष की तरह टेढ़ी हो गई जिससे उसकी चूत बिल्कुल मेरे लंड से सट गई अब मैं अपने लंड पर उसकी चूत से झरता हुआ पानी अच्छे से महसूस कर रहा था शायद मिली झड गई थी
मिली की चूत इतने पास पा कर मेरे सबर ने भी जवाब दे दिया और मैने वापस उसे अपने सीने पर झुकाते हुए उसके दोनो कुल्हो को नीचे से पकड़ा और थोड़े से घुटने मोडते हुए एक धक्का लगा दिया
'ऊहह... माआअ.....उउफफफ्फ़...मर गैिईई' एक दर्दीली चीख मिली के मूह से निकली लेकिन रूम का दरवाजा बंद होने के कारण बाहर तक नही जा पाई
मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे लंड के सुपाडे का कुछ हिस्सा किसी भट्टी जैसी जगह मे घुस गया हो
मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे लंड का कुछ हिस्सा मिली की चूत मे घुस गया था मिली तो उस झटके से हिल ही गई थी वो मुझसे अलग होने के लिए छटपटाने लगी थी मैं भी उसकी चीख से कुछ घबरा गया था इसलिए मैने भी उसे छोड़ देने मे ही अपनी भलाई समझी और अपने शरीर को पीछे खिचते हुए मिली से अलग हो गया
मेरे अलग होते ही मिली बेड पर गिर कर गहरी गहरी साँसे लेने लगी तभी मेरी नज़र उसकी चूत पर पड़ी लेकिन मुझे उसकी चूत पहले जैसी ही लगी शायद मेरा लंड उसकी सील नही तोड़ पाया था इसलिए वहाँ खून भी नही दिख रहा था मैं भी मिली के पास जाकर बैठ गया और उसके सिर को सहलाने लगा कुछ देर बाद मिली ने आँखे खोली और मुझे देख कर कहा "मैने तुझसे कहा था ना कि हम सेक्स नही करेंगे फिर भी तूने मुझे चोदने की कोशिश की"
"सॉरी यार पता नही कैसे ये सब हो गया जबकि मुझे तो पता भी नही है कि चूत का मूह कहाँ होता है जहाँ से चुदाई की जाती है" मैने मायूस स्वर मे जवाब दिया
अब हम दोनो ही खुले शब्दो मे बाते कर रहे थे
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