RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
इसी तरह दो दिन गुजर गये लेकिन हमारे बीच मे वैसी कोई घटना दोबारा नही हुई हां एक अंतर ज़रूर आया मिली अब रात मे बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन कर सोने लगी जिन्हे देख कर हमेशा ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था लेकिन मैं अपनी ओर से कोई हरकत नही करना चाहता था लेकिन दो दिन बाद एक ऐसी घटना हो गई जिससे मुझे फिर से मिली के पास जाने का मौका मिल गया............
आज सुबह पापा मम्मी अपने जॉब पर चले गये थे और मिली भी कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी उसने आज एक रेड कलर की टाइट टीशर्ट और ब्लू जींस पहना हुआ था
इन कपड़ो मे उसके शरीर का एक एक उभार खुल कर दिखाई दे रहा था मुझे कॉलेज नही जाना था इस लिए मैं अभी भी बॉक्सर ही पहने था और हॉल मे ही बैठा टीवी देख रहा था मिली को अपनी तैयारी के लिए बार बार मेरे सामने से गुज़रना पड़ रहा था उसके मादक बदन और मस्त चाल को देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं अपनी बहन की मस्त जवानी का नयन सुख ले रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे बॉक्सर मे बड़ा सा टेंट बन गया था तभी मिली मेरे पास आई और बोली कि वो कॉलेज जा रही है शाम को वापस आएगी मैने भी ओके बोल दिया लेकिन मिली वहाँ से नही हटी और एक टक मेरे बॉक्सर मे बने टेंट को देखने लगी मुझे समझ नही आया कि वो ऐसे क्या देख रही है जब मैने उसकी नज़रो का पीछा किया और अपने टेंट को देखा तो झट से अपने हाथ से अपने लंड को दबा दिया और मिली से बोला कि वो जाए यहाँ से मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुरा दी और मुझे आँख मारते हुए बाहर निकल गई....
मैं अब घर मे अकेला ही था और मिली के मस्त बूब्स और बड़ी गान्ड ने मेरा हाल बुरा कर दिया था मैने घर का मेन गेट बंद किया और हाल मे ही अपना लंड निकाल कर मिली को याद करता हुआ मूठ मारने लगा ये पहली बार था जब मैने अपनी बहन के नाम से मूठ मारी थी और शायद आज मेरे लंड से माल भी बहुत अधिक निकला था और मज़े की तो बात ही छोड़ो ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही आया था मूठ मारने मे
थोड़ी देर बाद मैने खाना खाया और सो गया वैसे भी अब शाम तक कोई भी नही आने वाला था
सुबह के नज़ारे से मैं इतना मस्त हो गया था कि सपनो मे भी मुझे मिली ही नज़र आ रही थी सपनो मे ही कभी मैं उसके बूब्स मसल रहा था या कभी उसके गदराए हुए नितंब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा हूँ लेकिन तभी डोर बेल की आवाज़ ने मुझे सातवे आसमान से ज़मीन पर पटक दिया मैं झुंझलाते हुए उठा और गेट की तरफ बढ़ गया टाइम देखा तो अभी 3 बज रहे थे कौन आया होगा अभी ये सोच कर मैने गेट खोला तो सामने मिली खड़ी थी उसने गेट खुलते ही मुझे धक्का देकर बाजू हटाया और भाग कर रूम मे चली गई मुझे बस एक झलक ही उसका चेहरा दिखा जिससे मैं समझ गया कि उसके साथ ज़रूर कुछ ग़लत हुआ है मैं भी गेट बंद कर के रूम मे आ गया जहाँ मिली अपने बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और सिसक रही थी उसकी मस्त गदराई गान्ड अभी मेरे बिल्कुल सामने थी जिसे मैं सपने मे मसल रहा था
मेरी इच्छा हुई कि अब मैं सच मे उस पर टूट पडू लेकिन ये इतना आसान नही था और अभी वक्त भी नही था ये सब करने का पहले मिली से उसका हाल पूछ लिया जाए बाकी बाद मे ये सोच कर मैं बेड पर मिली के पास बैठ गया और उसके सिल्की बालो मे हाथ घुमाते हुए बोला "क्या हुआ मिली तू इस तरह क्यो रो रही है कॉलेज मे किसी ने तुझसे कुछ कहा है क्या"
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