RE: bahan sex kahani मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
ये सुबह की घटना के बाद से पहली बात थी मेरी मिली से लेकिन उसने लाइट बंद नही की मैने फिर से कहा तो वो रूखे स्वर मे बोली कि यदि इतनी ही परेशानी हो रही है तो मूह ढँक कर सो जाओ मैं जानता था कि वो ज़िद्दी है इसलिए मैने बहस ना करते हुए एक तौलिया उठा कर अपने मूह पर डाल लिया और सोने की कोशिश करने लगा अभी 5 मिनिट भी नही हुए थे मुझे सोनेंकी कोशिश करते हुए कि मिली ने मेरे चेहरे से तौलिया खींच लिया और बोली "सुबह तो बहुत मस्ती कर रहे थे और अभी जब मुझे नींद नही आ रही है तो खुद सोने लगे"
"तुम भी सो जाओ मिली रात बहुत हो गई है" मैं बोला
अब एक बात तो क्लियर हो गई थी कि मिली मुझसे नाराज़ नही है मेरी बात सुनकर मिली बोली "नही अभी मुझे नींद नही आ रही है और मैं तुम्हे भी सोने नही दूँगी" और वो मुझे गुदगुदी करने लगी लेकिन मैने अपनी आँखे बंद ही रखी जिसे देख वो और भड़क गई और उठो उठो कहते हुए मेरे बाल खिचने लगी अब बात मेरे भी बर्दाश्त से बाहर होने लगी तो मैं बोला "देख मिली मान जा और मुझे सोने दे वरनाा..."
"वरना क्या कर लोगे तुम और तुम कुछ कर भी नही सकते अभी सुबह ही तो मैने तुम्हे हराया था बड़े आए वरना वाले" कह कर मिली मुझे फिर से झझोडने लगी
"तू ऐसे नही मानेगी" कह कर मैं उठा और उसे बेड पर लेटा दिया और उस पर ढेर हो गया अब उसके होंठ मेरे होंठो मे दबे थे और मेरा एक हाथ उसके सॉफ्ट बूब्स को मसल रहा था जबकि मेरा खड़ा लंड उसकी चूत के पास दस्तक दे रहा था जबकि मिली की आँखे बंद थी और वो अपने हाथो से मुझे पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी.....
मिली मुझे पीछे धकेलने की कोशिश तो कर रही थी लेकिन उसके विरोध मे दम नही था मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो भी यही चाहती है मैं और भी ज़्यादा जोश मे आ गया था अब और जोरो से उसके बूब्स मसल रहा था और लगातार अपने लंड का प्रहार उसकी चूत के उपर कर रहा था अब शायद मिली भी अपने रंग मे आने लगी थी उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने चेहरे पर दबा दिया और अपनी कमर उपर की ओर उठाने लगी उसके ऐसा करने से मेरा लंड लगातार फूलता ही जरहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मेरा बॉक्सर छोटा हो गया है लगभग 10 मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही मज़े करते रहे तभी मिली का बदन टेढ़ा होने लगा और उसकी सारी हरकते रुक गई ये देख कर मैं भी रुक गया और उठ कर बैठ गया मिली ने अपने दोनो हाथो से बेड शीट भिच ली थी तभी मेरी नज़र मिली की चूत के पर गई उसकी पैंटी चूत वाले हिस्से पर एकदम से गीली हो गई थी मैं समझ गया कि मिली का काम हो गया है
लगभा 5 मिनिट तक मिली ऐसे ही आँखे बंद किए पड़ी रही फिर वो उठी बगैर कुछ बोले अपने बेड पर गई और लाइट बंद कर के सो गई लेकिन मेरा काम अभी नही हुआ था इन सब से मैं इतना गरम हो गया था कि बगैर मूठ मारे मुझे नींद नही आने वाली थी मेरा मन किया कि यहाँ बेड पर ही मूठ मार लूँ लेकिन अभी मिली मुझसे इतनी ओपन नही हुई थी इसलिए मैं बाथ रूम जाकर मूठ मार आया सोते वक्त मैने मिली की तरफ देखा लेकिन उसकी आँखे बंद थी इसलिए मैं भी बगैर कुछ बोले सो गया
सुबह मेरी नींद खुली तो मिली रूम मे नही थी मैं भी उठा और फ्रेश हो कर हॉल मे आ गया वहाँ सभी लोग बैठे थे और बाते कर रहे थे मैं भी जाकर उनके पास बैठ गया था तभी पापा बोले "बेटा आज राज मिस्त्री से बात कर लेना उपर के कमरो का काम करवाना है"
मैने भी हां मे जवाब दे दिया लेकिन शायद मिली को अब ये मंजूर नही था इसलिए वो बोली "रहने दीजिए पापा मैं अड्जस्ट कर लूँगी राजू के ही रूम मे, क्यों राजू तुम्हे तो कोई परेशानी नही है"
"मुझे कोई परेशानी नही है परेशानी तो तुम्हे थी" मैं बोला
और उसके बाद पापा ने राहत की सांस ली और फिर मम्मी नाश्ता बनाने चली गई मिली और मुझमे नॉर्मल बाते शुरू हो गई थी रात मे जो हुआ शायद वो भूल गई थी या जान बुझ कर याद नही कर रही थी फिर मम्मी पापा अपने जॉब पर चले गये और हम दोनो भी अपने अपने काम से लग गये दिन भर साथ रहने के बाद भी हम दोनो मे रात की घटना के बारे मे कोई बात नही हुई और हम दोनो ने ही एकदम नॉर्मल बिहेव किया
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