Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
03-29-2019, 11:31 AM,
#46
RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का
“हाँ… बस ऐसे ही करता जा… बहुत तड़पी हूँ इसके लिए…” आंटी ने प्यार से मेरी तरफ देखते हुए कहा।

“जितनी तड़प आपने कल रात से मेरे अन्दर भरी है उतनी तड़प तो मैंने कभी आज तक महसूस ही नहीं की थी… अब तो बस आप देखती जाओ मैं क्या क्या करता हूँ।” मैंने अपने धक्कों का आवेग बढ़ाते हुए कहा। 

“तो कर ले ना, रोका किसने है… लेकिन अभी तो जल्दी जल्दी कर ले… आह्ह्हह्ह… कोई आ न जाये… उफफ्फ… कर… और कर…” आंटी मुझे जोश भी दिला रही थीं और जल्दी भी करने को कह रही थीं ताकि कोई देख न ले और गड़बड़ न हो जाए।

एक बात थी कि उनके मुँह से कोई अभद्र शब्द नहीं निकल रहे थे… या तो वो बोलती नहीं थीं या फिर मेरे साथ पहली बार चुदाई करने की वजह से खुल नहीं पा रही थीं।

खैर मैंने अब अपनी स्पीड को और भी बढ़ा दिया और ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा। पलंग के पाए चरमराने लगे थे और लंड और चूत के मिलन की मधुर ध्वनि पूरे कमरे में गूंजने लगी थी। मैं अपनी मस्त गति से उन्हें चोदे जा रहा था और अब आंटी ने भी अपनी कमर को ऊपर उठाकर लंड को पूरी तरह से निगलना शुरू कर दिया था।

घप्प्प… घप्प्प्प… घप्प्प… घप्प्प… बस यही आवाजें निकल रही थीं हमारे हिलने से….

करीब 10 मिनट तक ऐसे ही लंड पेलते पेलते मैंने उनकी टाँगे छोड़ दी और हाथों को आगे बढाकर उनकी चूचियों को थाम लिया। चूचियाँ मसलकर मसलकर चुदाई करने का मज़ा ही कुछ और है और औरतों को भी इसमें चुदाई का दुगना मज़ा आता है।

लंड और चूत दोनों हो कल रात से तड़प रहे थे इसलिए अब चरम पे पहुँचने का वक़्त हो चला था। लगभग 20 मिनट के बाद मैंने एक बार फिर से उनके टांगों को अपने कंधे पे रख कर ताबड़तोड़ धक्कम पेल शुरू कर दी और उनके चूत की नसों को ढीला कर दिया।

“हाँ… हाँ… ऐसे ही कर… और जल्दी… और जल्दी… कर मेरे सोनू… और तेज़… आऐईईई…” आंटी मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगीं और मुझे और तेज़ चुदाई के लिए उकसाने लगीं।

“उफफ्फ… मैं आई… मैं आईई… ओह्ह्ह… ओह्ह्हह… आआऐ ईईइ।” आंटी के पैर अकड़ गए और वो एकदम से ढीली पड़ गईं।

अचानक हुई तेज़ चुदाई से आंटी अपने चरम पे पहुँच गईं और अकड़ कर अपने चूत से कामरस की बरसात करने लगी जो सीधा मेरे लंड के सुपारे को भिगो रही थी। चूत के अन्दर लंड पे हो रही गरम गरम रस की बरसात ने मेरे सब्र का बाँध भी तोड़ दिया और मैंने भी एक जोर के झटके के साथ अपने लंड की पिचकारी उनके चूत के अन्दर छोड़ दी…

“अआह्ह… आह्ह्ह्ह… अआह्ह… उम्म्मम्म।” मेरे मुँह से बस ये तीन चार शब्द निकले और मैंने ढेर सारी पिचकारियों से उनकी चूत को सराबोर कर दिया।

हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे और एक दूसरे से चिपक कर लम्बी लम्बी साँसें ले रहे थे।

एक घमासान चुदाई के बाद हम शिथिल पड़ गए और करीब 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर आंटी ने मेरे सर पे हाथ फेरा और मेरे कानों में धीरे से कहा, “अब उठ भी जा….बहुत देर हो गई है।”

मुझे भी होश आया, मैं उनके ऊपर से उठा और अपने लंड को उनकी चूत से बाहर खींचा।

‘पक्क !’ की आवाज़ के साथ मेरा लंड उनकी चूत से बाहर आ गया और उनकी चूत से हम दोनों का मिश्रित रस टपक कर नीचे फर्श पर बिखर गया। आंटी ने अपने साड़ी के नीचे के साए से अपनी चूत को पौंछा और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी।

आंटी ने जैसे ही अपनी चूत पोछ कर साफ़ की मैंने झुक कर एक पप्पी ले ली और उनका हाथ पकड़ कर उन्हें उठा दिया। आंटी उठ कर अपनी साड़ी ब्लाउज और ब्रा को ठीक करने लगी और सब ठीक करके मेरे सीने से लग कर मेरे चेहरे पे कई सारे चुम्बन दे कर मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर झुक कर फिर अन्त में उस पर भी एक चुम्बन ले लिया। 

“आज से तुम मेरे हुए… मेरे शेर…” आंटी ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा और फिर मुस्कुरा कर मुझे देखकर दरवाज़े की तरफ बढ़ गईं।


मैंने अपना लोअर ऊपर किया और उन्हें जाते हुए देखता रहा। उनके जाते ही मैं बाथरूम में गया और अपने लंड को साफ़ कर लिया क्यूंकि प्रिया कभी भी आकर मेरे लंड को अपने हाथों में ले सकती थी और अगर लंड को इस हालत में देखती तो सवालों की झड़ी लग जाती और शायद मैं उसे कुछ भी समझा नहीं पाता।

मै बाथरूम से निकल कर कमरे में आकर बिस्तर पे गिर पड़ा। चुदाई की थकान जरूर थी। लेकिन नींद नहीं आ रही थी। समझ नहीं पा रहा था कि जो कुछ हो रहा था उसे अपनी जीत समझू या हार? । जो कुछ घट रहा था वह मेरे लिये अभिमान का विषय था या फिर आने वाले कल के लिये गले का फन्दा? प्रिया से मैं बेहद प्यार करता था, रिंकी स्वर्ग का सुख देनें वाली अप्सरा थी और आंटी मेरे दिल की रानी। मैं प्रिया के लिये जरूरत पड़नें पर कुछ भी और सब कुछ छोड़ सकता था लेकिन बाकी दोनों को भी मैं छोड़ना नहीं चाहता था। लेकिन यह सारा खेल ऐसे ही ढ़के छुपे कितने दिनों तक चल सकता था इसका मेरे पास आज कोई जवाब नहीं था। 

इन सब मे न मेरी कोई पहल नहीं थी और न ही मेरी कोई गलती। पेड़ से आम टपकता है इस तरह अचानक से तीन दिन के भीतर ही तीनों एक के बाद एक खुद ब खुद मेरी झोली में आ गिरी थीं। तीनों ही पतिंगे की तरह दीपक की लौ में झुलस जाने को बेताब थीं। लेकिन कल को सारा भेद खुल जानें पर जिम्मेदार सिर्फ मैं ही ठहराया जाऊगा। यह सब सोच कर मुझे पसीना आने लगा था।



end
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani करिश्मा किस्मत का - by sexstories - 03-29-2019, 11:31 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,546,759 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,577 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,251,826 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 946,364 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,680,694 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,103,085 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,989,267 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,182,053 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,078,744 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,324 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)